Manchaha - 24 in Hindi Fiction Stories by V Dhruva books and stories PDF | मनचाहा - 24

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मनचाहा - 24


मैं दरवाजा लोक करके मुडी तो साकेत मेरे सामने खड़ा था।
मैं- साकेत तुम यहां?
साकेत- हां वो तुमसे कुछ बात करनी थी। बुरा न मानो तो तुम्हारे रूम में चले।
मैं- अर्जेंट है?
साकेत- हां।
मैंने रूम का लोक खोला और हम अंदर चले गए।
मैंने साकेत से पूछा,- अब बताओ क्या बात है?
साकेत- मैं कुछ दिनों से तुम्हें एक बात कहना चाहता था। पर पता नहीं कैसे कहूं?
मैं- ज्यादा मत सोचो,बोलो अभी।
साकेत- वो मैं तुमसे कहना चाहता था कि मैं तुमसे प्यार करता हूं।
मैं - क्या?? (यह भी)ये कब हुआ?
साकेत- पता नहीं कब हुआ, पर हुआ।
मुझे हसी आ गई, यह मेरे साथ हो क्या रहा है? मैंने साकेत से कहा- देख साकेत मै तेरी भावनाओं को समझ सकती हुं पर मैं तुम्हें हा नहीं कह सकती। तुम हमेशा मेरे अच्छे दोस्त हो और रहोगे। और इससे आगे कभी कुछ नहीं हो सकता। मैं तुम्हें दोस्त के रूप में खोना नहीं चाहती। उम्मीद कर रही हुं के तुम समझ रहे हो।
साकेत- sorry पाखि, मुझे लगा तुम भी मुझे पसंद करती हो। अगर तुम्हें बुरा लगा तो...।
मैं- तुम मेरे दोस्त हो और दोस्तों की बात का बुरा नहीं मानते। और एक बात, हम किसी से इसका जिक्र नहीं करेंगे। और इस बात को यहीं खत्म करते हैं ठीक है।
साकेत- (अरमानों को दबाकर) अच्छा तो नहीं लग रहा पर ठीक है चल तेरे लिए कुछ भी।

हम दोनों एक-दूसरे को गले लगाते हैं तभी फिर से अवि दरवाजा खोलकर अंदर आ गए। और उन्होंने हमें एक-दूसरे को गले मिलते देख लिया। हमें देख वह रूम से बाहर चले गए। उसके चहरे पर गुस्सा मैंने देख लिया था।
साकेत- मैं बताता हुं उन्हें, वो समझ रहे हैं एसा कुछ नहीं है।
मैं- साकेत मैंने तुझे अभी बताया न कि इस बात का जिक्र किसी से नहीं करेंगे। कोई सफाई देने की जरूरत नहीं है। वो क्या हमारा सगा है जो ‌उसे clarify करना पड़े? कोई जरूरत नहीं है बताने की और वो तुमसे कुछ पूछेंगे भी नहीं।
साकेत- तुम इतना गुस्सा क्यों हो रही है? नहीं बताउंगा कुछ उनको, ठंड रख। चल चलते हैं अब।
हम दोनों नीचे सबके पास आ गए।
निशु- इतनी देर क्यों लगा दी?
मैं- वो हमें कुछ काम था।
काव्या- कैसा?
मैं- (यह जासूस पिछा नहीं छोड़ेगी ?) इसे तेरे साथ डांस करने में रोमांस थोड़ा कम फील हो रहा था, तो उसे सिखा रही थी तेरे साथ रोमांस से कैसे डांस किया जाए।?
काव्या- मुझे नहीं कह सकता था? मैं सिखा देती रोमांस वाला डांस।
अवि- जिससे रोमांस होगा उसी के साथ डांस करेगा न।
काव्या- इसलिए तो हम साथ डांस कर रहे हैं न। नहीं तो रोकी या मौनी बोलते ही अच्छी तरह डांस करने को।?

रविभाई- चलो सब हमारा टर्न आ रहा है।
हम सब स्टेज पर गए। पूरे रिहर्सल में अवि मुझे गुस्से से देख रहे थे।
मौनी- अब सिर्फ सोंग की लास्ट लाइन," मैं वारी जावा..." मैं हमें एक दुपट्टा लेना है, जो पहले ही नीचे रखा जाएगा। उसके दोनों छोर सभी पार्टनर्स एक एक-एक तरफ से पकड़ेंगे और दोनों को नजदीक आकर अपने आप पर डालेंगे। आप सब को एक बार मैं और रोकी दिखा देंगे, बाद में आपको उसी तरह करना है।
रोकी और मौनी ने हमें स्टेप्स सिखाएं उसके बाद हम भी उनको कोपि करने लगे। यह स्टेप बार बार करना पड़ रहा है क्योंकि दुपट्टा उछालने से सीधे हम पर आना चाहिए जो नहीं आ रहा था। हमे दो लोगों की नोंकझोंक सुनाई दे रही थी...
राजा- क्या कर रही है तु दिशा, क्या कर रही है?? दुपट्टा हवा में उड़ाना है और हमें बीच में आना है।
दिशा- हां, तो वही तो कर रही हुं।
राजा- क्या वही कर रही हुं? दुपट्टे को उछालने के बजाय तु उसको खींच रही। जिससे मैं बार बार तुमसे टकरा जाता हुं। चल फिर से करते हैं।
हम सब उन दोनों को देखने लगे। दिशा दुपट्टे के दोनों छोर को हवा में छोड़ने के बजाय उसे बिना छोड़े अपनी तरफ खींच रही थी तो राजा दुपट्टे के साथ उसकी तरफ आ जाता है। यह देखकर हमारे साथ साथ रोकी और मौनी भी हंसने लगे।?
रवि- देखा, अब क्या किया। भाई रोकी हमसे नहीं होगा यह।
रोकी- रवि अभी तो देर है प्रोग्राम शुरू होने में, तबतक आप प्रेक्टिस करे। चलिए सबका डांस परफेक्ट हो गया है तो सबको best of luck ?। और रवि-दिशा सब परफेक्ट है बस लास्ट स्टेप का रिहर्सल करते रहे। आपका डांस हमने सेकंड लास्ट रखा है तो घबराएं नहीं। आप सब अब अपनी तरफ से प्रेक्टिस करना चाहे तो कर सकते हैं बाकी जरुरत नहीं है। हम अब दूसरों के डांस का फाइनल देख लेते हैं।

हमने अपना ग्रांड रिहर्सल कंपलीट किया। हम सबने उन दोनों को thank u कहा और गार्डन में रखे चाय-नाश्ता करने चले गए। डांस प्रेक्टिस के दौरान अवि ने एकबार भी मुझसे कुछ नहीं कहा और नाही कोई हरकत की। मैंने भी इस बात को कोई तवज्जो नहीं दी। मैंने भैया से कहा कि सबको कल के बारे में एकबार पूछ ले।
रवि भाई- कल मैं, पाखि और अवि snow view देखने जाने वाले है किसीको आना है साथ में?
दिशा- राजा तो नहीं आएगा, क्योंकि मेरे हाथों में मेहंदी लगेगी तो मुझे खिलाएगा कौन?
रवि भाई- तुझे तो मैंने पहले ही केंसल कर दिया था पोपटलाल की तरह।
दिशा- हम मेंसे किसका नाम पोपटलाल है??
रवि भाई- है भगवान, "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" में जो पोपटलाल आते हैं वे। जो हमेशा केंसल केंसल करते रहते है।
मैं- आपने SAB TV पर नया शो देखा है, "भाखरवडी"? क्या मस्त शो है वाह! सबके सब किरदार क्या एक्टींग करते हैं। उसमें उर्मिला ठक्कर का किरदार करने वाली एक्ट्रेस मेरी फेवरेट है। और वो प्रभाकर के भाई कौन है? नाम याद नहीं आ रहा, जो हमेशा अन्ना के सामने सबको फंसाते रहते हैं। वो भी मजेदार है।
काव्या- तुमने कब देखी यह सिरीयल?
मैं- अपने मोबाइल पर और कहा? आठ बजे डेईली एपिसोड है पर उस वक्त या तो रिहर्सल करते हैं या रिद्धि के घर डिनर के पर गए होते हैं। तु भी देखना मजा आएगा। वैसे देखने का मजा सब के साथ आता है।
हम बातें कर रहे थे तभी मनोज आया और बताया कि आज डिनर यही करना है। सब यही आने वाले हैं डिनर के लिए।
मीना- अच्छा हुआ, रोज़ रोज़ यहां वहां करके थक जाते हैं।
साकेत- अब हमें रिहर्सल की जरूरत नहीं है तो डिनर करके मोल रोड घूमने चले?
मैं- हां यह बढ़िया है। क्यों रवि भाई?
सब सहमत हो गए। मैंने रिद्धि के आते ही उसे बताया कि,- डिनर के बाद हम मोल रोड जाने वाले है। अगर तुम्हें हमारी जरूरत है तो रुक जाते हैं।
रिद्धि- कुछ काम नहीं है, तुम सब घूम आओ। और अब शादी तक हम सब यही रहने वाले है। कल और परसों पूरा दिन यही पर रहना है तो पापा ने सबको यही रहने का सुझाव दिया।
मैं- wow! तब तो मजा आ जायेगा। रात को मिलते हैं फिर। और बता देना कौनसा रूम है तेरा, ऐसा न हो कि किसी और के रूम में चले जाएं।?
सबने साथ में डिनर करके अंकल-आंटी और संजना दीदी से मिलकर मोल रोड घूमने चले गए।
मोल रोड पर कार नहीं ले जा सकते तो थोड़े दूर पार्किंग में कार पार्क करके पैदल ही चलने लगै। यहां पर बहुत सारी दूकान है शोपिंग के लिए। मजा आने वाला है आज तो।
निशु जो अवि के साथ चल रही थी- wow! भैया यहां पर बहुत सारी केंडल्स की दूकाने है। हम घर के लिए जरूर खरीदेंगे। और wooden show peace भी बहुत अच्छे है यह तो मैं लूंगी ही।
अवि- तुझे जो लेना है वह लेना, और हां जो भी लेना है वह दो लेना।
निशु- क्यो?
अवि- श्रुति के लिए, उसने मंगवाया है।
रवि- हंममम... श्रुति के लिए...।
अवि- चलना ‌तु सीधे सीधे, मार खाएगा वरना।
रवि- देख रहा हुं जनाब का मुड बिगड़ा हुआ है। क्या हुआ? पाखि ने कुछ कहा?
अवि- तेरी बहन तुझे उल्लू बना रही है। ज्यादा विश्वास मत करना उस पर।
रवि- एसा क्यों बोल रहा है तु? मुझे मुझसे ज्यादा विश्वास है उस पर।
अवि- तेरी बहन का साकेत के साथ चक्कर चल रहा है, पूछ लेना उसे।
रवि- अपनी जीभ को लगाम दो अवि। ?
अवि- सच ही कह रहा हु। दोनों पाखि के रूम में एक-दूसरे से गले मिल रहे थे। साकेत के बच्चे को मैं छोड़ूंगा नहीं, देख लेना आज रात।
रवि- पहले तु मुझे पाखि से बात करने दे। वो मुझसे कुछ नहीं छुपाती।
अवि- तेरी बहन‌ तुझसे छुपाने लगी है। मैरी बात क्या अब तक बताई तुझे?
दोनों बहस करते चल रहे है। इधर सब शोपिंग करने में मस्त थे।
काव्या- ठंड मस्त लग रही है यार। चलो ना कुछ गरमागरम खाते हैं।
मैं- मोमोज?
काव्या- लोकल वेंडर्स से ही लेते हैं कहीं होटल में नहीं जाएंगे।
हम सबने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और एक जगह मोमोज का लुफ्त उठाने लगे।

क्रमशः