manchaha - 22 in Hindi Fiction Stories by V Dhruva books and stories PDF | मनचाहा - 22

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मनचाहा - 22

सूनसान माहौल में एक जोरदार आवाज गूंज उठी। हां सही सोचा आपने। और वह गूंज थी थप्पड़ की। थप्पड़ पड़ा था अवि के गाल पर और ofcourse मारा था पाखि ने। उसने अवि को धक्का देकर नीचे गिरा दिया।
अवि- आह...! पाखि... तु लगती तो पतली है पर तुझमें ताकत बाहुबली जीतनी है।
मैं- how dare you,? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे... छीइइइ..।
अवि ने उठकर पाखि के दोनों कंधों को पकड़ा और कह ही दिया I love u पाखि। ♥️
मैं- what?? आप मुझसे...?
अवि- हां, तुम्हीं से। आज से नहीं पिछले दो सालों से। वैसे तुम्हारे कोलेज के पहले साल से ही कह सकता हूं पर तब मुझे पता नहीं था वो प्यार है या कुछ और।
मैं- देखिए मुझे छोड़िए पहले। और मेरे मन में आपके लिए ऐसा कुछ नहीं है। मैं इस प्यार व्यार के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती समझें आप, छोड़िए मुझे।
अवि- पाखि plz, I love you यार। एकबार मेरी बात तो सुन।
मैं- छोड़िए नहीं तो मैं चिल्लाऊंगी।

अवि मुझे छोड़ नहीं रहे थे तो मैंने उनके हाथ पर जोर से काट लिया। मेरे काटते ही अवि ने मुझे छोड़ दिया, और मैं वहां से भाग कर अपने रुम में आ गईं। मेरी धड़कनें तेज हो गई। अवि और मुझसे...? इसका मतलब दिशा सही थी, और मैं बुद्धु? पर मुझे मालूम है इस दिलफेंक के बारे में। वह श्रुति दी के साथ है सब जानते हैं। उनके साथ आना जाना, बाईक पर वो चिपककर बैठना, साथ घुमना,सब पता है मुझे। यहां कोई मिला नहीं तो मेरे साथ टाईम पास कर रहे हैं। मैं उसके चंगुल में फंसने वाली नहीं। यह सब सोचते सोचते कब निंद आ गई पता ही नहीं चला।

अवि टेरेस से अपने रूम में आता है। वो इस वक्त बहुत खुश था। इतने सालों से मैं कहने की कोशिश कर रहा था और आज कह ही दिया। कितना आसान था, खामखां में डर रहा था। नाराज़ तो हुई है पर मना लूंगा, कब तक नाराज़ रहेगी।
अवि बाथरूम में जाकर अपना मुंह धो रहा था तब हाथ का पंजा नल से टकराया और उसे दर्द हुआ। देखा तो वहां पाखि के काटने से निशान पड़ गया था।
अवि- wow! इसे कहते हैं लव बाइट, पहला लव बाइट। क्या घड़ी की तरह निशान बना दिया है!
अवि‌ उस निशान को चूम लेता है और वो भी पाखि के ख्यालों में खोकर सो जाता है।

अगली सुबह
आज नैनीताल की बाकी जगह देखने जाना है। सब ब्रेकफास्ट टेबल पर आ गए है। पाखि जिस टेबल पर बैठी हुई है अवि अपनी प्लेट लेकर वही आ जाता है। पाखि के साथ टेबल पर निशा और साकेत बैठे हैं। जैसे ही अवि बैठता हैं पाखि उठकर पास ही के टेबल पर बेठे रवि के पास बैठ जाती है। पांच मिनट बाद अवि चाय लेने के बहाने उठता है और चाय का कप लेकर रवि के पास आ जाता है। पाखि वहां से अपनी प्लेट छोड़कर खड़ी हो गई।
रवि- पाखि, नाश्ता तो खत्म करले कहा जा रही है?
पाखि- यहा घुटन हो रही है, बाहर गार्डन में जा रही हुं।
रवि- कल की घटना शायद भूल नहीं पा रही है।
अवि ने रवि को कल रात के बारे में बताना चाहा पर कुछ सोचकर चुप हो गया।

सब ब्रेकफास्ट करके मनोज के साथ घुमने निकलते हैं।
मनोज- आज हम सब Tiffin top चलेंगे उसके बाद snow view देखने जाएंगे।
हम मोल रोड होते हुए tallital पहुंचे। वहां पर कुछ फोटोज खिंचवाए और फिर Tiffin top की ओर चल पड़े। वहां पहुंचकर हमें दो ओप्शन लेने थे, ट्रेकिंग या फिर घोड़े पर जाना।
मीना- मैं तो नहीं ट्रेकिंग करने वाली।
दिशा- मैं भी नहीं।
काव्या- मैं तो बिल्कुल भी नहीं चलने वाली।
रवि- बाकी कौन कौन नहीं चलने वाला?
इन तीनों के सिवा किसीको भी दिक्कत नहीं थी। तो तीन घोड़े लेने का तय हुआ बाकी सब ट्रेकिंग करेंगे।
मनोज- जल्दी करें, भीड़ ज्यादा हो रही है। फिर घोड़े नहीं मिलेंगे।
दिशा और काव्या घोड़ेवाले से भावताल करने में टाईम बिगाड रही थी उतने में दूसरे टूरिस्ट आकर घोड़े की सवारी करके निकलने लगें।
अवि- अरे जल्दी करो सब घोड़े ले जा रहे है।
अब सिर्फ दुबले-पतले घोड़े रह गए है। मीना और काव्या तो अपने घोड़े पर बैठ गई।
दिशा(घोड़े वाले से)- ये घोड़ा तो पतला है, यह मेरा वज़न नहीं उठा पाएगा।
घोड़ेवाला- अरे मेडम जी, मेरा शेरु तो बहुत ताकतवर है। आप बैठीए तो सही।

दिशा उस घोड़े पर बैठ जाती है। राजा उसके साथ साथ चलता है। कुछ दस मिनट बाद मीना और काव्या के घोड़े आगे चले गए। दिशा का घोड़ा दिशा का वजन सहन नहीं कर सकता और बैठ जाता है और दिशा गिर जाती है। फिर जो सब हंसे है my God?। साकेत तो हंसते हंसते जमीन पर लेट गया। इन सब में दिशा का ज्वालामुखी जो फटा है।?
दिशा- मैंने पहले ही कहा था यह घोडा मेरा वज़न नहीं सह पाएगा। नालायको हस क्या रहे हो सब, अब उठाओ भी मुझे। राजा... क्या हस रहे हो, अपने दांत दिखाना बंद करो नहीं तो मैं तेरा मुंह तोड दूंगी।
बेचारा राजा मुसीबत से अपनी हंसी रोक पा रहा था।
हंस-हंसकर सबके गाल तक दुखने लगे। राजा और रवि ने दिशा को हाथ पकड़कर उठाया।
दिशा (घोड़ेवाले से)- अबे ओ.., तेरा शेरु तो ताकतवर था न तो कहा गई इसकी ताकत, उल्लू बनाता है मुझे। दो पैसों के लिए बेचारे मुक जानवर से ऐसे काम कराता है तु? शर्म आनी चाहिए तुम्हें झूठे कहीं के। पेटा वालो से शिकायत कर दूं तेरी?
घोडेवाला- वो क्या होता है मेडम जी??
यह सुनकर सब फिर से हंसने लगे?।

मीना और काव्या के सिवा सब पैदल चलने लगे। अवि ध्यान रख रहा था कि मनोज पाखि के आसपास न फटके। ढलान के कारण सब आगे-पीछे चलने लगे। दिशा लगती है थोड़ी हेल्दी पर चलती स्फूर्ति से है। दोनों लव बर्डस और साकेत आगे चल रहे है। उनके पिछे निशा, पाखि और मनोज चल रहे हैं। अवि के ध्यान रखने के बावजूद भी मनोज पाखि के साथ चल रहा था। शायद पाखि अवि को इग्नोर करने के लिए मनोज से बात कर रही हो।
अवि- रवि, देख ये मजनु की औलाद पाखि से कैसे बात कर रहा है, चिपकू कही का।
रवि- देख रहा हुं। देख अब मैं इसे कैसे हटाता हुं।
रवि मनोज के साथ आ जाता है और बातें करते करते उसको साथ लेकर पाखि से आगे निकल जाता है। रवि को आगे जाता देख निशा भी उनके साथ हो गई। पाखि को अकेला चलते देख अवि उसके पास आ जाता है। और पाखि से बात करने की कोशिश करने लगता है।
अवि- पाखि में..
पाखि (बिच में बात काटते)- मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है। मेरे पास मत आइए।
अवि- plz एकबार मेरी बात तो सुन।
पाखि- मुझे कुछ सुनना भी नहीं है।
अवि चलते चलते पाखि का हाथ पकड़ लेता है।
पाखि (धीमी आवाज में और हाथ छुड़ाने की कोशिश करते)- ये क्या कर रहे है, छोड़िए मुझे। कोई देख लेगा। आपमें तो शर्म नहीं है पर मुझमें अभी तक है।
अवि- जबतक मुझसे बात नहीं करती तबतक नहीं छोडूंगा।
पाखि- मुझे नहीं करनी बात।
अवि- तो मुझे भी नहीं छोड़ना हाथ।
पाखि- अजीब गले पडु आदमी है आप। मुझे पता ही नहीं था आपका यह बेशर्म वाला रूप।
अवि- मैं पहले से एसा ही हुं। तु बात नहीं करती मुझसे तो तुझे कैसे पता।

रवि ने बातें करते करते एकबार पिछे मुडकर देखा तो अवि ने पाखि का हाथ पकड़ा हुआ है और दोनों में बहस हो रही है। और वह सोचता है शायद अवि ने प्रपोज कर दिया है तो पाखि नाराज़ हुई है। वह फिर यह सोचकर आगे देखता है कि एक तरफ मेरा बेस्टफ्रेंड है और एक तरफ मेरी बहन, दोनों अपना मामला खुद सुलझा लेंगे।
अवि पाखि से कहता है,- तु मुझे इग्नोर मत कर, मैं तुझसे प्यार करता हूं पाखि।
पाखि- तो मैं क्या करूं? मैं तो नहीं करती आपसे प्यार।
अवि- पर क्यूं? मुझमें क्या कमी है? स्मार्ट हुं, हेंडसम हुं, कोलेज में भी रेंकर हुं। मेरी कोई बुरी आदत भी नहीं है। और देख तु शादी करके मेरे घर आएगी तो भी फायदे में रहेगी। एक लड़की को इससे ज्यादा क्या चाहिए?
पाखि- मैं कैसे फायदे में रहुंगी?
अव- तुम्हें जानी पहचानी ननंद मिल जाएगी जो तेरी अच्छी सहेली भी है। और साथ में मेरे मम्मी-पापा को भी तु जानती है।
पाखि- में आपको भी जानती हु और श्रुति दी को भी।
अवि- श्रुति कहां से बीच में आ गई?
पाखि- मुझे सब पता है। आपका और श्रुति दी का अफेयर चल रहा है। अंधी नहीं हुं मैं।
अवि- मैं श्रुति से प्यार नहीं करता। यह अफवाह किसने फैला रखी है? वो सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त है और कुछ नहीं। हा, उसने मुझे दो-तीन बार प्रपोज किया था पर मैंने उसे कभी हां नहीं कहा। तुम चाहो तो रवि से पूछ सकती हो, वो मेरे बारे में सब जानता है, उसे मेरी हर बात पता रहती है।
पाखि- अपने कल की बात भी रविभाई को बता दी??
अवि- नहीं बताई। बता दूं?
पाखि- shut-up, और मेरा हाथ छोड़िए अब।
उन दोनो के पिछे कोई नहीं था क्योंकि सब टूरिस्ट और घोड़े वाले आगे चले गए थे और उनके सब फ्रेंड्स भी आगे ही चल रहे थे। तो मौके का फायदा उठाकर अवि पाखि के गालों को चूम लेता है और हाथ छोडकर आगे चला जाता है।

क्रमशः