Kuch Khati Kuch Midhi in Hindi Short Stories by Pushp Saini books and stories PDF | कुछ खट्टी कुछ मीठी

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कुछ खट्टी कुछ मीठी

लघुकथा ( कुछ खट्टी कुछ मीठी✍?)
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"मम्मी जी !मम्मी जी जल्दी चलिये "। कृति ने अपनी सास से कहा

" क्या हुआ, क्या आफ़त आ गई "। सरोज ने कहा

" मम्मी जी बिल्ली ने मुँह में लौटा फंसा लिया है और पूरे आंगन में अंधों की तरह लौटा बजाते फिर रही है ।उससे तो लौटा नही निकल रहा । बेचारी ! बहुत परेशान हो रही है।" कृति ने अधीर होते हुए कहा

" अच्छा चलो देखते हैं ।तुम्हारें ससुर जी भी तो आज घर पर ही है, उन्हें बुलाती हूँ ।" सरोज ने कहा

" सुनिए जी ! आंगन में बिल्ली ने मुँह में लौटा फंसा लिया, चलकर निकलवाईये तो ।" सरोज ने कहा ।

" अच्छा, लेकिन आज मैंने अवकाश बस भारत - पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखने के लिए लिया है , मैं तो टस से मस नही होने वाला ।तुम दोनों सास बहू ही निपटाओं ।" उदयसिंह ने कहा ।

" आग लगे इस मैच को, समझ नही आता एक बाॅल के पीछे सारे इतने बावरे क्यों हो जाते है ।पहले उस बिल्ली को निपटाती हूँ , फिर आती हूँ आपको निपटाने "। कहते हुए सरोज चली गई जवाब में उदयसिंह बस मुस्करा भर दिये ।

आंगन में जाकर देखा तो बिल्ली लौटा बजाते हुए बौराई हुई सी फिर रही थी ।

"मम्मी जी! यह बेचारी तो साँस भी नहीं ले पा रही है ।अब कैसे निकाले इसे ।"

"अरे-अरे परेशान क्यों हो रही हो इतना, इसे निकालने के लिए ही आए है यहाँ ।तुम भी न ज़रा-ज़रा बात पर घबरा जाती हो ।"

" एक काम करो बहू तुम बिल्ली के पीछे का धड़ पकड़ो मैं लौटा पकड़कर खिंचती हूँ ।"

ठीक है मम्मी जी कहते हुए कृति ने बिल्ली को पकड़ा लेकिन दूसरे ही पल चिल्लाते हुए छोड़ दिया ।

" मम्मी जी ! आप पीछे का हिस्सा पकड़ो, मैं लौटा निकालती हूँ ।मुझे तो डर लग रहा है इससे " ।

" ओहो , तुम आजकल की छोरियों को किस चिज से डर नही लगता ।काॅकरोच से लेकर चूहे तक सब ही तो शेर है तुम्हारें लिए ।हँसी आती है तुम्हें देखकर ।" सरोज ने हँसते हुए कहा ।

और आपको देखकर रोना आता है , कृति ने मन ही मन में कहा ।

" चलो लौटा पकड़ो आगे आकर "।

" ठीक है मम्मी जी ।" कहते हुए कृति फिर लौटा पकड़कर खिंचने लगी ।

ये सब उपक्रम देखकर उदयसिंह दूर खड़े हँस रहे थे ।

उन्होनें नजदीक आकर कहा -" तुम हटो बेटा मैं निकालता हूँ लौटे को ।" उदयसिंह ने कृति से कहा

" आप कैसे टस से मस हो गए ।" सरोज ने ताना मारा

" यहाँ ज्यादा बढ़िया मैच चल रहा है ।" उदयसिंह ने कहा

थोड़ी मसक़्क़ के बाद लौटा निकल गया ।सरोज ने बिल्ली को पकड़ा हुआ था और बिल्ली पहले से ही बहुत घबराई हुई थी, वह लौटा निकलते ही सरोज पर कूद पड़ी ।अब चिल्लाते हुए उछलने - कूदने की बारी सरोज की थी ।

कृति और उदयसिंह यह देखकर बुरी तरह हँस पड़े।सरोज ने दोनों को घूरते हुए देखा और अगले ही पल खुद भी ठहाके लगाने लगी ।

पुष्प सैनी 'पुष्प'