my fast love.. - 2 in Hindi Love Stories by Rahul Sagar Advocate books and stories PDF | मेरा पहला प्यार.. - 2

Featured Books
Categories
Share

मेरा पहला प्यार.. - 2

तो आगे की कहानियां जैसे कि मैं पहले बता चुका हूं कि मेरा नाम सागर है और मैं शिवानी (निधि) नाम की लड़की से बहुत प्यार करने लगा था इसके बाद की कहानी यह है***
हम दोनों अक्सर सुबह केेेे टाइम 5:00 बजे मिलने लगे थे हम रोज यही मिला करते एक दिन उसनेे मुझसे बोला कि मेरे स्कूल के टाइम पर तुम वहां पर आ जाना उस दिन मुझे कॉलेज भीी जाना था तो मैं कॉलेज का गोल कर दिया और मैं उसके स्कूल पर पहुंच गया हम दोनों वहांं से धीरे-धीरेेे बातें करते हुए घर को आने लगे उसनेे मुझ अपने घर सुबह 4:00 बजेेेे आने के लिए बोला उस समय मैंने हां बोल दिया और मैं अगले दिन सुबह 4:00 बजे अपने घर से चोरी से निकल कर उसके यहां पहुंच गया वह गेेेेेेेेेेट पर ही खड़ी हुई मेरा इंतजार कर रही थी मैं वहांं पहुंचा तो उसने मेरे गाल पर अपना एक हाथ रखा उसने मुझे पहली बार छुआ था मगर मैंने अभी भीी उसको छुआ नहीं था ।। वह पढ़ने के बहाने सुबह जल्दी उठी थी उसने मुझे फिर अगलेेेेे दिन आने केे लिए बोला उस समय सर्दियां भी बहुत थी तो मैं सुबह 3:30 बजे अपनेेेे घर से निकल कर उसके यहां पहुंच गया और उसको कॉल की वह गेट पर आई और अपना गेेट धीरे से खोला और मुझे अपने साथ छत पर लेेे जाने लगी मैंंं भी उसके साथ उसका हाथ पकड़े चला गया मैंने उसको आज पहली बार हाथ लगाया था वह जब मुझे छत पर ले गई तोो उसने अपने गलेेेे से लगा लिया था और मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था इससे पहले हम कुछ और आगे बढ़ते उसकी मम्मी उठ गई तो उसने बोला मैं भी नीचे सेे आती उसकी मम्मी को उस पर शक हुआ और उससे पूछा छत पर रात में क्या कर क्या मेंं क्या के रही थी मैं यह सारी बातें सुन रहाा था उसकी मम्मी ने थोड़ा जोर सेे बोलने उसके दो बड़े भाई थे वह भी उठ गए और वह जीने की छत तरफ आने लगे मैं यह देख बराबर वाले की छत पर कूद गया धीरे से और मैं उसके जीने से नीचे आने लगा बड़ी मुश्किल से मैं वहां से बाहर निकला और अपने घर आया सुबह मैंने उसके गले की तरफ अपने एक दोस्तत को भेजा तो पता चला की गलीी में यह चर्चा थी की रात को चोर आए थे उसने मुझे फिर अगले दिन बुलाया वह सुबह 6:00 बजे ट्यूशन पढ़ने जााती थी मैंंं अगले दिन सुबह पहुंच गया मगर उस दिन उसकी मम्मी उसके पीछे-पीछे आई और उसने मुझे देख लिया और मुझसे कहने लगी कि यह सब काम छोड़ दो मैंने कहा ठीक है एंटी जी अब नहीं मिलूंगा फिर हम चोरी चोरी यूं ही मिलने लगे उसने 10th पास कर लिया था अब वह जिस स्कूल में पढ़ती थी उसे स्कूल को छोड़कर दूसरे स्कूल मेंं चली गई अब वह स्कूल मेरे घर सेेे बहुत दूर था तो वह मुझे अपने स्कूल पर बुलाने लगी मैंंंं कभी कभी चला जाया करता था ।। वह अक्सर मुझे वहांंंं से phone kiya karti thi uski Ek Friend Thi Jiska Naam साजिया था वह भी मुझे कॉल करने लगी थी हम दोनों कभी कबार बात कर लिया करते थे अब मैं उसके कॉलेज आनाा जाना कम हो गया क्योंकि मेरा हाथ पैर में चोट लग गया था जिस कारण ना उसके कॉलेज जाने में असमर्थ रहा वह सोचती थी कि मैं झूठ बोल रहा हूं मगर मैं यह सच कहता था