Jin ki Mohbbat - 2 in Hindi Horror Stories by Sayra Ishak Khan books and stories PDF | जिन की मोहब्बत भाग...- 2

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जिन की मोहब्बत भाग...- 2

बा ओर ज़ीनत घर आई ज़ीनत अपने काम में और अपनी इबादत में लग गई उसकी शादी के लिए रिश्ते आना शुरू हो..! गए कुछ दिन में ज़ीनत की मामू की बेटी उसके लिए एक अच्छा रिश्ता लाने वाली थी ज़ीनत की फोटो देख कर लड़के ने कहा अम्मी ज़ीनत के घर जल्दी रिश्ता लेे जाओ..!
अब आगे...!

पार्ट 2
"मुझे बहुत पसंद हैं ज़ीनत खूबसूरत ही इतनी थी कि कोई भी उसका दीवाना हो जाएं..!
"उसकी सादगी लोगो के दिल में उतर जाती हैं ज़ीनत के बचपन से बहुत रिश्ते थे सारे रिश्तेदार और जान पेहचान वाले उसे अपने घर की बहू बनाना चाहते थे..!
"ज़ीनत की मामू की बेटी दो दिन बाद आने वाली थी ये पहला रिश्ता है..!
"ज़ीनत का तो उसके अब्बू को भी थोड़ा अजीब मेहसूस हो रहा था ओर ज़ीनत भी बहुत नर्वस थी..!
"नजिया ज़ीनत की मामू की बेटी आज आने वाली है रिश्ता लेे कर उसकी मुंह बोली खाला के बेटे का..!
"लड़का बहुत अच्छी फैमिली से है। उसे ज़ीनत बहुत पसंद आई जब वो लोग रिश्ता लेे कर ज़ीनत के घर पहुंचे..!
"सभी को ज़ीनत पसंद आई लड़के की अम्मी ने कहा l
हमें जल्दी शादी कि तारीख पक्की करना चाहिए..!
"ज़ीनत के अब्बू ने कहा l
इतनी जल्दी क्या है अभी ज़ीनत 18 की हुई है..! ओर फिर हमे भी थोड़ा वक़्त चाहिए लड़की की शादी है इंतजाम बहुत होते है..!
"तभी नज़िया बोली l
हा खाला थोड़ा टाइम लेना चाहिए हम शादी पक्की कर सकते है l तारीख शादी की कुछ टाइम बाद निकलते है शान की अम्मी ने कहा l
"ठीक है..!"
"ऐसा ही ठीक रहेगा हम 15 दिन के बाद सगाई की रस्म करेगे..!
"रिश्ता अच्छा होने के कारण ज़ीनत के अब्बू नहीं चाहते थे कि ऐसा रिश्ता हाथ से जाएं..!
"ये सब इतना जल्दी होता देख कर ज़ीनत नर्वस थी उसने अपनी दोस्त सबा को ये सब बाते बोली..!
"ओर कहा l
देखना सबा अब्बू को में इतनी बोझ लगती हूं क्या इतनी जल्दी मेरी शादी कर रहे है ?
"सबा बोलीl
देख एक दिन तो तुझे जाना ही है।आज नहीं तो कल तेरी शादी होना ही है..!
"सबा ज़ीनत को अपने साथ उसी बरगद के पेड़ के नीचे ले गई वहां दोनो झूला झूलती हुई बात कर रही थी..!
"ज़ीनत सोच में पड़ गई की सबा ने देखा ज़ीनत क्या हुआ क्या सोच रही है ?
"ज़ीनत ने कहा कुछ नहीं बस अब्बू की फिक्र है मुझे वो अकेले रह जायगे मेरे बिना..!
"इतना कहे कर चुप बैठ गई तभी उसे ऐसा एहेसास हुआ जैसे उसके पास कोई आकर खड़ा हुआ है एक साया सा ?
"ज़ीनत डर से घबराई सबा का हाथ पकड़ा और वहा से निकल गई..!
"सबा ने कहा ज़ीनत हुआ ?
क्या इतनी घबराई क्यू हो क्या हुआ ?
बोलना ? ज़ीनत ने कुछ नहीं बोला, बस सबा को घर ले आई..!
"सबा हैरान थी ज़ीनत को आज हुआ क्या है ?
वो तो वहा से खुद कभी आने का नाम नहीं लेतीl
आज इतनी घबराई क्यू है ?
"सबा घर जाने के बाद भी ज़ीनत की फिक्र में थी उसे ऐसा क्या हुआ ?
"यहा ज़ीनत को इतना चुप देख कर उसके अब्बू ने पूछा बेटा क्या हुआ ?
आज इतने चुप क्यू हो ?
"तबियत तो ठीक है ?
"कोई बात है तो बोलो ज़ीनत ने मुस्कुराते हुए कहा अब्बू हम ठीक है आप फिक्र ना करे !
उसे मुस्कुराता देख अब्बू को राहत मिली !
"लेकिन ज़ीनत अभी घबराई हुई थी lउसके दिल में डर बैठ गया!
"वो रात भर कंपती रही उसकी तबीयत बिगड़ गई सुबह जब ज़ीनत को बिस्तर पे देख !
"अब्बू ने सोचा आज ज़ीनत अब तक सो कर नहीं उठी ऐसा तो कभी होता नहीं आज क्या हुआ है ?
इतने देर तक क्यू सोई हुई है ?
"अब्बू ने देखा तो ज़ीनत बुखार से तप रही थी ज़ीनत के अब्बू ने अपनी बहन को बुलाया वो पास में ही रहती हैं !
"कहा नुरी तुम ज़ीनत का ख्याल रखना में डॉक्टर को लेे कर अाता हूं नूरी ने कहा जी भाईजान आप फिक्र ना करे में ज़ीनत के पास ही बैठी हू आप जल्दी जाए...!