Aadhura prem in Hindi Love Stories by Suresh Maurya books and stories PDF | आधूरा प्रेम

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आधूरा प्रेम

मेरे प्रिय पाठकों मैं सुरेश कुमार मौर्य आप सभी का इस कहानी में  स्वागत करता हूं ‍। यह आधूरा प्रेम नामक किस्सा एक मनघडन कहानी है इसे मैने अपने मन हे सोच के और अपने हाथों से लिखा है ।अगर इसमें कोई गलती होगी तो अनजाने से हो गई होगी व इसलिए मुझे  माफ कर देना
           ??? धन्यवाद               ✍️✍️✍️
                                                   Suresh Maurya
                             आरंभ 
?.     आ रही है कैसी ये कहानी।
दुःखों से बीजे जिन्दगानी    
आ रही है कैसी ये कहानी।
दो आशिक इक दूजे पे मरते हैं
तड्प तड्प कर आहें मरते हैं।
धरती आसमां का प्यार भरा 
जन्मों जन्म का नाता जुडा ।
इक राजा है इक है रानी  ,
ऐसी है प्रेम कहानी ।
आधूरी चाहते है आधूरी मोहब्बत है।
आधूरी रातें है ,आधूरी बातें है ।
आधूरी सांसे है ,आधूरी आहें है ।
आधूरी  जिंदगानी ,आधूरी है बानी ।
गजब कि है ए प्रेम कहानी।
आ रही है........................।।।
एक व्याक्ति जंगल से लकडी काट कर अपना गुजारा करता था । उसके पास कुछ भी न था ,न धन दौलत, न भाई बहन ,न सगी संबंधी उसे ये भी ना मालूम था कि उसे किसने जन्म दिया है। नाम न है पता ,वो अपने जिंदगी से रहता है आंबा। वह रोज भगवान से दुआ करता है कि मुझे ये जिंदगी क्यों दी अगर दी तो  ऐसी हालत मेरी क्यों किंवा।वो इतना गरीब था कि एक दिन उसकी लकडी ना बिकती तो उसे खाने को न मिलता ।। एक समय ऐसा आया कि दोन तीन दिन से खूब बारिश हो रही थी गाने को कुछ न था वो प्रता: काल होते ही लकडी के लिये जंगल में निकल पडा हल्कि हल्कि बारिश की बूँदें गिर रही थी ,धीरे धीरे हवा चल रही थी , जंगल चारों तरफ से भीगा हुआ था उसे कहीं भी सूखी लकडी न मिला ।व चलते चलते काफी दूर निकल गया लेकिन कोई फायदा न था, अंत में वो थक कर  निराश होकर बैठ के सोचने लगा तभी याद आया कि क्यों न किसी पेंड पर चढकर देखूं शायद लकडी मिल जाए। वह पेंड पर चढकर दूर दूर देखने लगा बहुत काफी दूर देखने के बाद उसे बहुत सारे सूखे पेंड दिखाई दिए ।वो जल्दि जल्दि पेंड से उतरा और तेजी कदम उस दिशा कि तरफ चल दीए जिधर सूखे पेंड थे ।काफि दूर जाने के बाद उसे किसी लडकी के गाने कि आवाज सुनाई दी ,
आजा तुझको पुकारे तेरी प्यारी
यार मेरा तु है मैं हूं तेरी यारी ।
आजा...........‌..........
शेर - तुमसे दूरी का एहसास जब सताता है ,
तेरे साथ गुजरा हर लम्हा याद आता है ।
- न भूली तुझको मैं न भूलूगीं
हर पल बस तुझको ही पुकारूगीं।
आ मेरे साजन मैं हूं तेरी चाहत कि मारी
आजा तुझको पुकारे तेरी प्यारी,
यार मेरा तु है मैं हूं तेरी यारी।।
शेर - तेरे मोहब्बत का नाम मेरे होंठो पे गुनगनाता है ,
तुम मेरे हो मैं तेरी हूं बस यही आवाज आता है ।
- दीदार तेरा करने को मेरी अखियां तरसती हे ,
मिलने को तुमसे ये फूल कलियां तडफती है ।
आ जाओ पिया दे दो प्यार कि निशानी ,
पूरी हो जाये चाहत पूरी हो जाये कहानी।
आजा तुझको पुकारे तेरी प्यारी ,
यार मेरा तु है मैं हूं तेरी यारी ।
आजा तुझको.................. । । ।
नमस्कार दोस्तों फिर मिलेंगें भाग (२) में तब तक आप लोग पढ कर (comment ) में बताईये कि मेरी मैं छोटी सी कहानी आपको कैसा लगा । ताकि मैं जल्दि से इसके आगे की कहानी भी लिख कर पोस्ट करूं  ।
Thank you friends 
✍️✍️✍️
मैं मनमौजी हूं कदमों में खुशियां बेसुमार है ।
u.p.से नाशिक का रहने वाला हूं नाम सुरेश कुमार है ।।
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