Jang-A-Jindagi bhag - 6 in Hindi Love Stories by radha books and stories PDF | जंग-ए-जिंदगी - 6

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जंग-ए-जिंदगी - 6



जंग-ए-जिंदगी-6





जिस महाराजा का पुत्र महाराजा  बनने वाला है वो राजकुमार।उसकी मासा को जननी कहा जाता है

जननी की सास को राजमाता कहा जाता है यानी महाराजा की मासा को राजमाता कहा जाता है


महाराजा की मासा जननी को राजमहल में बहुत सारे हक़ मिलते हैं और राजमाता को जननी से कम हक मिलते हैं

सभी रानियां चाहती है उसका बेटा महाराजा बने और राज महल में उसे बहुत सारे हक़ मिले लेकिन सबको यह बड़प्पन प्राप्त नहीं होता है जो भाग्यशाली नसीबदार और ईश्वर ने लिखा होता है वही जननी बनती है और राज महल में बहुत से हक प्राप्त करती है

महाराजा को एक से ज्यादा रानी होती है इसलिए कहा नहीं जाता है कि किसका बेटा महाराजा बनेगा लेकिन इतना तय होता है कि जिसका बेटा बड़ा होता है उसे ही महाराजा का पद प्राप्त होता है


राजकुमारी को १४ साल पूरे होने में 2 महीने कौन थे और राजकुमारी दिशा भाग गई अब राजकुमारी दिशा भाग गए उसे ६ महीने हो चुके हैं अब वह 15 साल में आ चुकी है और 15 साल के 4 महीने भी पूरे हो चुके हैं अब राजकुमारी दिशा को राजमहल छोड़ें 6 महीने हो चुके हैं अब वह घुड़सवारी निशानेबाजी तलवारबाजी सब कुछ सीख चुकी है


राजकुमारी दिशा राजा चंद्र प्रताप की बेटी है चंद्र को एक और बेटी है उसका नाम हेमलता है राजकुमारी दिशा चाहे बेटीराजा चंद्र प्रताप की हो लेकिन सबसे ज्यादा प्यार उसे महाराजा और महारानी ने किया है वह अपनी बेटी मनोरमा और करुणा से भी बहुत ज्यादा प्यार करते हैं राजकुमारी दिशा से



चंद्र को एक और बेटी है उसका नाम हेमलता है और एक दिशा जो भागकर डाकू रानी बन चुकी है। एक बार करुणा ने मनोरमा से कहा भी हमारे बापूसा राजकुमारी दिशा को बहुत प्यार करते है लेकिन दिशा भाग चुकी डाकू रानी बन गई जो उसकी बेटी थी ही नहीं उसे उसने खुद से ज्यादा प्यार किया और हमें हमें उसने राजकुमार दिशा से कम प्यार किया अच्छा हुआ बापू सा को उसके किए की सजा मिली गई




तब राजकुमारी मनोरमा बोली राजकुमारी करुणा ऐसा नहीं कहते वह हमारी छोटी है और हम दोनों से छोटी है और छोटे को कभी ऐसा नहीं कहा जाता है बहुत प्यारी है लेकिन तुमने कभी उस पर ध्यान ही नहीं दिया

तुमने हमेशा ऐसा ही सोचा कि बापूसा  तुम्हें प्यार करते नहीं है।हम चार बहने और चार बहनों में सबसे छोटी है और बापू सा इसलिए उसे ज्यादा प्यार करते हैं

मगर तुमनेकभी दिशा की मासूमियत  उसके चेहरे की मुस्कुराहट उसके प्यार उसकी खुशी तुमने कभी उस तरफ ध्यान ही नहीं दिया हर बार तो राजकुमारी दिशा से जलती है हर बार तो राजकुमारी दिशा को पराजित करने की कोशिश करती गई लेकिन ऐसा ऐसा नहीं हुआ देखो वह भाग गए उसने अपना एक अलग रास्ता चुन लिया

अब मैं राजकुमारी मनोरमा तुम्हें कहती हूं तू हर बार कहती थी ना कि राजकुमारी दिशा ने बापूसा के दिल और दिमाग को पकड़ कर रखा है अब वह नहीं है अब तो तुम बापू सा के दिल और दिमाग को पकड़ कर रखो मैं देखती हूं राजकुमारी करुणा ऐसा कर पाती है या नहीं


राजकुमारी दिशा को राजमहल छोड़े राजकुमारी करुणा 6 महीने बीत चुके हैं महाराजा और महारानी अभी तक न दिशा को भूल पाए हैं ना उसकी प्यार को और ना ही उसकी यादों को तुमने कभी कोशिश नहीं की तुम्हारे बापू सा और माशा ने खाना खाया कि नहीं उसने आराम किया कि नहीं वह क्या सोचते हैं वह क्या चाहते हैं वह कैसी परेशानी में है कभी सोचा ?उसको कभी पूछा नहीं तुम सिर्फ अपनी सगी हो और किसी की नहीं और आशा तो इतनी रखती हो जैसे तुम खुद महारानी


उसी समय राजकुमारी हेमलता आई और बोली राजकुमारी करुणा अगर राजकुमारी दिशा होती और महाराजा और महारानी बड़े बाबूसा और बड़ी मासा कोई भी तकलीफ में होती वह उससे उगलवा कर रहती उसे पूछ कर रहती और बड़े बाबू सा और बड़ी मासा की तकलीफ को मुश्किल को अवश्य दूर करती लेकिन तुमने ?तुमने क्या किया बताओ? सिर्फ अपनी सुख सुविधा में लगी हो



फिर राजकुमारी करुणा कुछ नहीं बोली और चली गई राजकुमारी हेमलता राजकुमारी मनोरमा को गले लग कर रोने लगी तब राजकुमारी मनोरमा बोली हेमलता तुम मेरी छोटी बहन और उसी नाते मैं तुम्हें कहती हूं चुप हो जा एक दिन और फिर से इस राज महल में रोशनी वापस आएगी प्रकाश वापस आएगा खुशी वापस आएगी और बापू सा और मासा भी बहुत खुश होगे