Aisa pyar kaha - Last part in Hindi Love Stories by Uma Vaishnav books and stories PDF | ऎसा प्यार कहाँ️️ - अंतिम भाग ️️️️

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ऎसा प्यार कहाँ️️ - अंतिम भाग ️️️️

ऎसा प्यार कहाँ   (अंतिम भाग)❤️❤️

प्रिय पाठकों,
      आपने अब तक पढ़ा, प्रज्ञा और नील में गहरी दोस्ती हो जाती है, वो एक - दूसरे से अपनी हर बातें शेयर करते, एक - दूसरे से बात किये बिना उनका दिन नहीं गुजरता,...... और एक दिन अचानक प्रज्ञा की पूरे दिन नील से बात ना हो जाने से प्रज्ञा बहुत परेशान हो जाती है... अब आगे ❤️

........ पूरे दिन नील से बात ना हो पाने से प्रज्ञा बहुत उदास हो जाती है,उसकी आँखों से जैसे नींद कहीं खो सी गई हो। वो बार-बार नील के बारे में ही सोचती...... और रह रह के आँखों से आँसू बह आते हैं, इस तरह पूरी रात गुजर जाती है, पर नील का कोई msg नहीं आता है।
रात को बराबर ना सो पाने से प्रज्ञा अपने आप को थोड़ा कमजोर - सा महसूस करती हैं, तभी उसकी नजर घड़ी पर जाती है, और वह जल्दी से उठती है......... और रोज के कामों में जुट जाती है, लेकिन फिर भी वो काम करते करते भी नील के बारे में ही सोचती है....... और अचानक उसका हाथ जल जाता है,.... तभी उसका पति रंजन कहता है......... आज कल तुम्हारा ध्यान कहाँ रहता है, जला दिया ना हाथ.... अब बाकी का काम कौन करेगा..... कोई ढंग की कामवाली भी तो नहीं मिलती यहां........ प्रज्ञा अपने हाथों पर मलहम लगाते हुए कहती हैं......... कुछ नहीं हुआ.... हम ठीक है...... हम संभाल लेगे.... आप फिक्र ना करें..... और उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं............ रंजन धीरे से प्रज्ञा की ओर बढ़ता है, और उसके गालों को अपनी दोनों हाथों के बीच ले कर.....अपने अँगूठे से प्रज्ञा के गालों पर आए आँसूओ को पूछता है............. और कहता है मुझे गलत मत समझना मैं बस ये चाहता हूं कि तुम अपना ख्याल खुद रखा करो क्यू कि मेरे पास इतना वक़्त नहीं है कि मैं घर रहकर तुम्हारी देख भाल करू। प्रज्ञा बिना कुछ कहे अपने कामों में लग जाती हैं.........और रंजन भी ऑफिस के लिए निकल जाता है। 
प्रज्ञा अपना काम निपटा कर,... एक बार फिर नील का msg इन बॉक्स में चैक करती हैं.... पर अभी भी नील का कोई msg नहीं आया होता है, प्रज्ञा उदास हो कर मन ही मन सोचती है कि आखिर क्या वजह होगी कि उसने एक दम से बात करना बंद कर दिया...... कोई msg भी नहीं किया.... क्यू आखिर??... ये सब सोचते - सोचते फ़िर से प्रज्ञा की आँखों में आँसू आ जाते हैं, और उसका हाथ (जो जला हुआ था) पास पड़ी पिन को छू जाता है..... अचानक दर्द से प्रज्ञा का ध्यान भग हो जाता है... तभी उसे अपने पति की कही बात याद आ जाती है......... और वो मन ही मन बड़बड़ाती है...... ठीक ही तो कहते हैं रंजन.... मेरा ध्यान पता नहीं कहा रहता है.... आखिर क्यू मैं इतना सोच रही हूँ नील के बारे में....... जिससे मैं बस कुछ महीनों पहले ही मिली.... और सिर्फ msg के जरिये ही बात हुई है....... पता नहीं वो सच भी बोलता...... या सिर्फ टाइम पास कर रहा था....... उसे तो मेरी फिक्र ही नहीं...तो मैं क्यू उसके बारे में सोचूँ........ वो मेरा लगता ही क्या है 
इतना कह प्रज्ञा अपना ध्यान हटाने के लिए TV ऑन करती हैं, टीवी पर न्यू चैनल ही लगा हुआ था.... तो वो वहीं देखने लगती हैं........ TV पर कानपुर की ही न्यू ही आ रही थी...... '' एक दिन पहले हुई कुछ हिंसक घटना के बाद पूरे कानपुर में कर्फ्यू लगा दिया गया था... और सभी नेवर्क सेवाएं बंद कर दी गई थी "..... ये न्यू सुनते ही प्रज्ञा सब समझ गई कि नील क्यू msg नहीं कर रहा है....... इस में उसकी कोई गलती नहीं..... वो भी मजबूर हैं। 
अब प्रज्ञा निश्चिंत हो गई थी  नील के बारे में........अगले ही दिन नील एक लंबा - चौड़ा msg आया... लिखा था। 
नील...... Sorry प्रज्ञा पता नहीं, आपको ये पता है या नहीं... हमारे यहां दो दिन से नेटवर्क बंद हैं.... इसलिए मैं आपको rly नहीं कर पाया।.... मुझे पता है कि आप मुझसे गुस्सा होगी..... जाने क्या क्या सोचा होगा मेरे बारे में पर मैं भी क्या करता.... मजबूर था..... Please हो सके तो मुझे माफ कर देना... पर आज मैं आपको अपने दिल की बात कहना चाहता हूँ इन दोनों दिनों में मैंने आपको बहुत मिस किया..... ऎसा लग रहा था... मानो सदिया बीत गई हो..... मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ..... मुझे पता है कि आपका अपना परिवार है,मुझे आपको इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए....... पर क्या करूँ मैं आपसे झूठ भी नहीं बोल सकता...... प्रज्ञा.... I love you ❤️❤️❤️❤️
मुझे नहीं पता आपका क्या जवाब होगा....... एक बात याद रखना... आप का जवाब चाहे जो भी हो...... उसका असर हमारी दोस्ती पर नहीं होना चाहिए। मैं आपके जवाब का इंतजार करूँगा। 

प्रज्ञा ने बड़े ध्यान से पूरा msg पढ़ा। उसके बाद कुछ समय सोचती रही। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह क्या जवाब दे। क्यूकि मन ही मन वो भी नील के लिए ऎसा ही महसूस कर रही थी। बहुत सोचने के बाद प्रज्ञा ने तय कर लिया कि वह नील को साफ साफ ना कह देगी, और उसके बाद कभी भी उससे बात नहीं करेगी। 
अगले दिन सुबह नेट ऑन करते ही नील का msg आगया। 
नील :-- gm.. प्रज्ञा 
प्रज्ञा :-- gm 
नील :-- और बताए कैसी है आप?? क्या कर रहे हो?? ब्रेकफास्ट हो गया?? 
प्रज्ञा :-- जी., .. हो गया ब्रेकफास्ट आपका हो गया। 
नील :-- जी.... हो गया.... और बताओ 
प्रज्ञा :-- क्या बताऊँ... 
नील :-- ये ही बता दो की मेरे बारे में क्या सोचती हो। 
प्रज्ञा  :-- कुछ नहीं.... आप एक अच्छे दोस्त हो.... इससे ज्यादा... और कुछ नहीं। 
नील :-- ठीक है.....पर प्रज्ञा मैं जानता हूँ कि... आप अपनी फीलिंग्स मुझसे छुपा रही हो........
प्रज्ञा :-- ऎसा कुछ नहीं है..... आप बस दोस्त हो बस और कुछ नहीं,.... और हाँ, सुनलो..... दुबारा इस बारे में कुछ भी बात नहीं करोगें..... और मुझे कोई msg भी नहीं करोगें।..... आज के बाद मैं भी आपको कोई msg नहीं करूँगी।....... समझ गयें ना आप...... Bye forever........ 
      प्रज्ञा के मुंह से अचानक ऐसी बात सुन कर नील बेचैन हो जाता है...... उसे समझ नहीं आता है कि आखिर प्रज्ञा ऐसा क्यू कह रही है, क्या प्रज्ञा को उससे प्यार नहीं.. या वो जताना नहीं चाहती... 
नील :-- प्रज्ञा,... हम जानते हैं कि आप हमसे कुछ छुपा रही है....... लेकिन हम नही पूछेगे आप से की क्या बात है जबतक आप नही बताएगी।........ और.. हाँ... अगर आप नहीं चाहती कि हम से बात करे तो नहीं करेगें...... पर एक रिक्वेस्ट है.... हम सिर्फ एक बार आपकी आवाज सुना चाहते हैं.... Pls ? मना मत करना।.... Pls... Pls.. 
    प्रज्ञा की आखों में आंसू आ जाते हैं, वो नील को मना नही कर पाती है और कहती है 
प्रज्ञा :-- ठीक है 
नील अपने नंबर प्रज्ञा को भेजता है, प्रज्ञा बिना देर किए तुरंत नील को फोन करती हैं, क्युकी वो भी नील को सुनने के लिए बेताब थी,.... पर नील के सामने जताना नहीं चाहती थी। एक रिंग जाते ही नील कॉल उठा लेता हैं, 
नील.... हैलो,.. प्रज्ञा मै नील.... 
प्रज्ञा कुछ बोल नहीं पाती है, सिर्फ़ नील को सुनती है, और उसकी साँसे तेज हो जाती हैं.... जिसकी आवाज नील को साफ सुनाई देती है, नील प्रज्ञा से कहता है 
नील.... प्रज्ञा.... Pls कुछ बोलो.... हम आपको सुनना चाहते हैं हमे पता है, आप रो रही हो.... हम आपके साँसों की आवाज को महसूस कर रहे हैं........ क्यू प्रज्ञा... क्यू?? 
क्यू आप अपने आपको दुखी करती हो....... किस वजह से दूर जाना चाहती हो....... इसलिए की हम आपसे प्यार करते हैं..... या इसलिए की कही आपको भी हमसे प्यार ना हो जाए। 
प्रज्ञा ख़ामोशी से सब सुनती है..... और आँखों से आँसू बहते जाते हैं,..... कुछ देर बाद किसी तरह प्रज्ञा अपने आप को संभालती हैं,और नील से कहती हैं 
प्रज्ञा :- ओके नील... Bye..... आप सिर्फ एक बार हमें सुना चाहते थे ना..... अब सुनलिया ना...... अब फोन रखो और फिर कभी कॉल मत करना..... और ना ही msg करना। 
नील :- ठीक है प्रज्ञा..... पर एक वादा करो आप... अपने आपको कोई तकलीफ़ नहीं दो गी। 
प्रज्ञा :- ठीक है,... 
इतना कह कर प्रज्ञा कॉल कट कर देती है, और फिर जोर जोर से रोने लगती है, उधर नील की आँखे भी भर आती है, वो रोने लगता है, और प्रज्ञा मन ही मन कहती हैं...... Sorry, नील,.. पर हम नही चाहते.. की आप अपनी जिंदगी हमारे लिए बर्बाद कर दो...... क्युकी हम आपको कुछ नहीं दे पाएगे..... ये सच है कि हम आपको चाहते हैं, किंतु अपने परिवार को नहीं छोड़ सकते क्युकी वो भी हमे बहुत चाहते है, और हम ये भी नहीं चाहते कि आप अपनी जिंदगी हमारे लिए खराब करे। 
उधर नील जैसे प्रज्ञा की सारी बातें सुन और समझ गया हो। 
उसने तुरंत msg किया। 
नील  :-- thnkx प्रज्ञा,... हमसे बात करने के लिए...... आपसे बात करने के बाद इतना तो पता चल ही गया है हमें कि आप भी हमसे प्यार करती है,लेकिन हमें बताना नहीं चाहती हो ....... और क्यू बातना नहीं चाहती...... ये भी हमे पता है.......हमे पता है प्रज्ञा की आप जैसे हमे चाहती हो... वैसे ही अपने परिवार को भी चाहती हो..... और वो भी आपको बहुत प्यार करते हैं....... आप उनको कभी छोड़कर नहीं आ पाएगी हमारे पास...... इसलिए ही आप हमसे दूर होना चाहती हो ना......... 
प्रज्ञा :-- नील.... कैसे जान पाए... आप हमारे दिल की बात...... कैसे... बताओ 
नील :-- अब इतने वक़्त से..... इतना तो जान ही गए हैं, आपको और आपके दिल को..... और कैसे नही जाने आपके दिल की बात को... अखिरकार हम रहते तो वही है..... आपके दिल में ❤️........ पर प्रज्ञा आप हमें नहीं समझ पाए....... आप ने ऎसा सोचा भी कैसे की हम आपको सब कुछ छोड़ कर आने का कहेगे। 
प्रज्ञा :-- नहीं... नील, आप गलत समझ रहे हैं हमे........ हम जानते थे आप ऎसा कुछ नहीं कहेगे..... पर हम नहीं चाहते थे कि आप अपनी सारी जिंदगी हमारे नाम कर दे ...... 
नील :--.... वो तो कब की कर दी.... अब नील की लाइफ में प्रज्ञा की जगह कोई नहीं ले सकती..... चाहे... आप साथ रहो.. हमारे या न रहो..... ये नील सिर्फ आपसे ही प्यार करता है। 
प्रज्ञा :--.... नही नील.... हम नहीं चाहते कि आप अपनी जिंदगी हमारे लिए बर्बाद करदो। ये गलत है....
नील :-.... ये किसने कहा दिया कि..... प्यार में साथ रहना और शादी करना ही जरूरी..... प्यार दिल से होता है, एक दूसरे की तकलीफ को समझना.... मुस्किल की घड़ी में एक दूसरे का साथ देना.......... ये प्यार होता है, प्रज्ञा हम दूर रह कर भी बहुत करीब है..... इसलिए तो एक - दूसरे के दिल की बात को समझ जाते हैं...... हमे पता है प्रज्ञा.. आप हमसे दूर रहकर कभी भी खुस नहीं रहेगी..... पल पल हमे याद करेगी और रोएगी....... क्यू आप अपने आज को तकलीफ पहुंचा चाहतीं हो...... आपको तकलीफ होगी तो हमें भी तकलीफ होगी........ क्या आप ये चाहती है कि हमे तकलीफ हो?? 
प्रज्ञा :--.. नहीं.. नहीं.. नील,.... कभी नहीं... हम ऎसा नहीं चाहते..... 
नीम :-- तो... दूर जाने की बात मत करो ना.. Pls ? ? प्रॉमिस..... ये नील कभी भी आपको कोई तकलीफ nhi देगा....... 
प्रज्ञा :--... Ok... नील.... I am sorry ? ?.. हम कभी दुबारा आपको छोड़कर जाने का नहीं कहेगे।.... Love neel❤️❤️
नील :--.. Love u so much.... For ever..... 
और उस दिन के बाद प्रज्ञा और नील का प्यार और भी गहरा हो गया ..... दोनों एक - दूसरे का हर परिस्थिति में साथ देते, दोनों चाहे साथ न रहते पर हर दुख - दर्द,,,, हर खुशी एक - दूसरे के साथ बांटे। सब से अनोखा.... सब से अलग.. नील और प्रज्ञा का प्यार .. ऎसा प्यार कहां?? 
        

...... तो दोस्तो ये थी प्रज्ञा और नील की कहानी,...अत्‍यधिक व्यस्त होने की वजह से अंतिम भाग को पब्लिक करने में देरी हो गई, इसके लिए सभी पाठकों से क्षमा ? चाहूँगी। आप को ये कहानी कैसी लगी समीक्षा द्वारा अवश्य बताए। 
धन्यवाद ? ?