The Author Anuradha Jain Follow Current Read ज्ञान(सम्पन्नता,सफलता एंव समृद्धता) By Anuradha Jain Hindi Letter Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books જીવન એ કોઈ પરીકથા નથી - 5 "જીવન એ કોઈ પરીકથા નથી"( ભાગ-૫)સમીરના ફોન પર અજાણ્યો કોલ આવે... શ્યામ રંગ....લગ્ન ભંગ....5 ભાગ-5કોલેજ ના દિવસો એટલે કોલેજીયન માટે તો ગોલ્ડન ડેઈઝ.અનંત ત... ક્ષમા વીરસ્ય ભુશણમ क्षमा बलमशक्तानाम् शक्तानाम् भूषणम् क्षमा। क्षमा वशीकृते... ભીતરમન - 56 હું કોઈ બહુ જ મોટા પ્રસંગની મજા લેતો હોઉ એવો મારો આજનો જન્મદ... તારી પીડાનો હું અનુભવી - ભાગ 20 આટલું બોલતા જ મિરાજ ભાંગી પડ્યો. એના ગળે ડૂમો ભરાઈ ગયો હતો.... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share ज्ञान(सम्पन्नता,सफलता एंव समृद्धता) (3) 1.8k 7.9k 3 ज्ञान हर इंसान के लिए बहुत ही महत्व पूणॆ होता है। हर एक के लिए यह अत्यन्त ही आवश्यक ही है। इस के बिना इस संसार में रहना एसे है जैसे कोई कुए में मेंढक रहता है। इस संसार में वो लोग ही सम्पन्न नहीं माने जा सकते जो कि धनी है। बल्कि वे भी हैं जो ज्ञान वान या जो शिक्षित हैं। शिक्षा और ज्ञान हर इंसान को न केवल जागरुक और समझदार बनाता है बल्कि इस के सहारे वह बेहतर, समपन्न एवं खुशहाल बन सकता है। आज हमारा देश उन्नति के शिखर पर आसीन है। हर तरह से सम्पन्न भी है पर सम्न्नता भी तो इसी विश्वास पर टिकी है कि शिक्षा का हमारे देश में अधिक से अधिक प्रचार एवं प्रसार हो। आज भी हमारे देश में साक्षरता का प्रतिशत अन्य देशों के मुकाबले में काफी कम है। हमारे देश में नगरों के मुकाबले गांवों में साक्षरता बहुत ही कम प्रतिशत में है। नगरों सब तरह की सुविधा एवं जनसंख्या बाहुल्य होने के कारण न केवल विद्यालय ही प्रचुर मात्रा में है बल्कि शिक्षा स्तर भी गाॅवों कीअ पेक्षा में अधिक उच्च है। इस के अलावा वहाँ पर अधिक जनसंख्या के कारन विकास का स्तर भी उच्च है। हमारा समाज रुढिवादी होने के कारन इसका असर शिक्षा और ज्ञान पर भी है। इस कारन भी हमारे देश में शिक्षा का स्तर पिछड़ा हुआ है। अगर हमें अपने देश के अन्दर से गरीबी एवं अज्ञानता रूपी अंधकार को जड़ से मिटाना है तो सबसे पहले ज्ञान के प्रकाश को हर जगह फैलाना होगा। तभी मारा देश उन्नति के शिखर पर आसीन हो पाएगा । जीवन में ज्ञान का महत्व पूणॆ भूमिका है। इसके द्वारा हम उन्नति के हर मुकाम पर पहुँच सकते है। ज्ञान हर तरह से हमारे जीवन को प्रखर व सुशोभित एवं प्रखर बनाता है।इस लिए इस को अधिक उल्लेखनिय एवं प्रखर बना कर जन जन तक हक को पहुँचाने की आवश्कता है । हाँ यह सत्य है कि हमारे देश ने ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में ,तकनीकि के क्षेत्र में ,इस के अलावा आगामी न्यूनतम प्रणाली के आयामों में भी उन्नति के नवीनतम अवसर हाँसिल किये हुए हैं। पर इन सबके होते हुए भी कुछ गतिविधियों पिछडा पन अभी भी है ।जिस में सुधार की आवश्यकता आज भी है। हमारा देश कुछ रुढिवादी होने के कारन एवं पुरानी प्रथाओं एवं परम्पराओं पर विश्वास करने वाला होने के कारन एवं यहाँ का समाज पुरूष प्रधान होने के कारन यहाँ औरत हर जगह पिछडी हुई है । चाहे वह स्वास्थय का क्षेत्र हो अथवा लिंग अनुपात हो अथवा साक्षरता का प्रतिशत हो ।आज भी हमारे देश में कई हिस्से एसे है जहाँ लडकियों को लडकों से कम समझा जाता है । उनको पराया धन समझा जाता है आज का समय बहुत आगे निकल चुका तब की बात और थी जब बाल विवाह होते थे और लड़कियों को हर मामले में लड़को से पीछे रखा जाता था ।पर आज एसा नहीं है ।आज हम लडकियों के प्रति एसा रवैया रखेंगे तो उनका जीवन न केवल असहनिय होगा बल्कि उनकी मानसिक भावनाओं पर भी कुठाराघात होगा अतः अब हमें उनको न बदल कर खुद को बदलना होगा। इस देश को अपनी व्यवस्थाओं को बदलना होगा।आगे का लेखअगली पोस्ट में Download Our App