Him Sparsh - 80 in Hindi Fiction Stories by Vrajesh Shashikant Dave books and stories PDF | हिम स्पर्श - 80

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हिम स्पर्श - 80

80

विश्व की सभी TV चेनलों पर एक साथ अनेक कहानियाँ चलने लगी।

एक, जीत और वफ़ाई की कहानी, जिस में जीत और वफ़ाई कहाँ मिले, कैसे मिले और दोनों में किस स्थिति में कुछ ही दिवसों में प्रेम हो गया।

दो, जीत तथा वफ़ाई ने बनाए अनेक चित्र और इन चित्रों की प्रदर्शनी, प्रदर्शनी का स्थल। यह सब बातें कला रसिकों में उत्कंठा जगा रही थी। अनेक जाने माने चित्रकार एवं चित्रों के सौदागर इस अनूठी प्रदर्शनी के लिए उत्सुक थे।

तीन, हिम के पहाड़ों के बीच अकेली रहती एक स्त्री। उस स्त्री के आसपास लोगों द्वारा रचे गए रहस्य के ताने बाने। दर्शकों की सबसे अधिक रुचि उस स्त्री की कहानी में ही थी। चेनलों पर बार बार मांग हो रही थी उस स्त्री की कहानी को पुन: प्रसारित करने के लिए। और चेनल्स भी उस मांग को ध्यान मे रखते हुए उसे अनेकों बार प्रसारित करने लगे। सारे संसार पर उस रहस्यमय स्त्री का जादू छा गया। सारा संसार परमाणु बम, यूध्ध्द, पेट्रोल कीमतें, राजनीति, हिंसा, आतंकवाद जैसी दैनिक रसप्रद बातों को भूल चुका था और केवल यह स्त्री के विषय में ही व्यस्त था। प्रत्येक गाँव, नगर और देश में बस एक ही चर्चा थी- हिम के पहाड़ों पर रहती अनेक रहस्यों से भरी एक स्त्री। लोगों ने उसे नाम दिया – जोगन।

चेनल्स पर जोगन कहती है,”मेरा नाम? जोगन का कोई नाम नहीं होता। मैं कौन हूँ? यहाँ क्या कर रही हूँ? इन ठंडे पहाड़ों के बीच में मैं कैसे जी रही हूँ? पहाड़ों के बीच भी गुफाओं की शीला उष्ण कैसे रहती है? इन का रहस्य जानना चाहता है यह संसार। मैं सब कुछ बताऊँगी।

मैं कोई रहस्य से भरी स्त्री नहीं हूँ। हाँ, लोग मुझे जोगन कहते है। आप भी मुझे जोगन कह सकते हो।

मेरे विषय में जीतने लोग उतनी बातें। कोई मुझे उड़ती जोगन, तो कोई देवी, तो कोई कामुक स्त्री कहता है। तो कोई कहता है उसने मुझे नग्न देखा है। कोई चमत्कार की बात करता है। मेरे विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित है। अधिकतर सब दंतकथाएं है, किंवदंतिया है। कोई कहता है मैं कई सालों से यहां तप करती हूँ। कोई कहता है मैं यहाँ ही जन्मी हूँ। कोई कहता है मैं हिम से जन्मी हूँ। कोई कहता है कि प्रकृतिने स्वयं ही मुझे जन्म दिया है। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि मैं यहाँ सदियों से हूँ। कुछ लोग मेरा अस्तित्व हजारों वर्ष पुराना बताते हैं। कोई कहता है कि मैं इस ठंड में भी हिम से स्नान करती हूँ, नग्न। कोई कहता है कि मैं पहाड़ों में नग्न घूमती रहती हूँ। कभी कभी तो टोली बनाकर मुझे पकड़ने तथा मारने के लिए लोग यहाँ तक आने का प्रयास करते हैं। किन्तु वही लोग कहते हैं कि वह सब भटक जाते हैं। और मैं ही उसे पुन: मार्ग दिखती हूँ।“

“तो अंतत: तुम कौन हो, जोगन?” विक्टर पूछता है।

“इससे ना तो तुम्हारी ना तो मेरी स्थिति में कोई अंतर पड़ने वाला है। तो क्यूँ जानना चाहते हो?”

“लोगों को सत्य बताने के लिए।“ याना उत्तर देती है।

“लोग और सत्य? याना, लोगों को कभी सत्य जानने की उत्कंठा नहीं होती, वह केवल रसप्रद कथाओं में ही व्यस्त रहते है। उन बातों से ही आनंद प्राप्त कर लेते हैं। उससे ही वह संतुष्ट होते हैं।“

“किन्तु हमारे जैसे लोग तो सत्य की खोज में यहाँ तक आ जाते है। हमें तो...।”

“यह खोज तुम्हारे सत्य की नहीं है विक्टर।“

“क्या तात्पर्य है इन शब्दों का?”

“तुम और याना किसी चेनल के लिए काम करते हो न? तुमने उससे एक अनुबंध किया है और इसी कारण तुम मुझे ढूंढ रहे थे। पिछले दो वर्षों में आप लोगों का यह चौथा अभियान है।“

“हाँ बिलकुल सत्य है। आप अंतर्यामी हो जोगन।”

“यदि कोई कार्य किसी और के लिए है, किसी अनुबंध के लिए है तो वह तुम्हारा नहीं है। तुम किसी और का कार्य कर रहे हो। सत्य की खोज तो स्वयं ही करनी पड़ती है। तुम्हारे लिए सत्य की खोज कोई अन्य नहीं कर सकता और ना ही तुम दूसरों के लिए।“

“तो तुम्हारा सत्य क्या है? मेरा और विक्टर का सत्य क्या है? क्या हम इस सत्य को कभी जान भी पाएंगे? अथवा अनेक रहस्य जो आज तक केवल रहस्य बनकर रह गए हैं वैसे तुम्हारा रहस्य भी...?”

“मेरा रहस्य जानना हो तो आप को मेरे पास आना होगा, मेरे साथ रहना होगा।“

“हम तो आपके पास आ चुके हैं, आपके साथ रहेंगे भी। तो क्या हम जान सकते हैं आपका रहस्य?”

“अवश्य। किन्तु यह रहस्य यदि बाकी दर्शकों को जानना हो तो उन लोगों को यहाँ आना पड़ेगा। चित्र प्रदर्शनी में सम्मिलित होना पड़ेगा।“

“तो आप भी यदि इस जोगन का रहस्य जानना चाहते हो तो इन हिम पहाड़ियों पर, 17000 फीट की ऊंचाई पर होने वाली चित्र प्रदर्शनी का हिस्सा बनिए। प्रत्येक रहस्य को जानिए, सत्य को जानिए। एक ऐसे सत्य को जो आपका अपना सत्य होगा।“

याना और विक्टर के इन शब्दों के साथ ही TV के पर्दे पर जोगन दिखाई पड़ती है, जो हिम से भरी पहाडीयों पर खड़ी है। पहाड़ों के विकट मार्ग पर चलती है, तेज चलने लगती है, उडने लगती है। अधिक तेज उड़ती है। और, किसी गुफा के अंदर चली जाती है। गुफा का मुख हिम से बंध हो जाता है। गुफा बंध हो जाती है। गुफा के उस पार जोगन अद्रश्य हो जाती है, अपने साथ जुड़े रहस्यों के साथ।

प्रत्येक दर्शक कई क्षणों तक टीवी के पर्दे को देखते रहता है, जहां अभी अभी जोगन दिखाई दे रही थी।

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“हमारी सभी कहानियाँ tv चेनल्स पर छा गई है। सारा विश्व सब कुछ भूल कर बस यही देख रहा है।“विक्टर उत्साह से भरा था।

“किन्तु अभी हमारा कार्य अपूर्ण है।“याना ने कहा।

“तो अब आगे क्या करना होगा?” वफ़ाई ने जोगन की तरफ देखा।

“विक्टर, चित्र प्रदर्शनी का विशेष आमंत्रण डॉक्टर गिब्सन को भेज दो।”जोगन ने कहा।

विक्टर तथा याना ने जोगन की बात का अनुसरण किया।

“डॉक्टर गिब्सन को आमंत्रण मिल गया। हमें उसके प्रतिभाव की प्रतीक्षा करनी होगी।“याना ने बताया।

“इसके आगे?” वफ़ाई अधीर थी।

“हमें यह निश्चित करना होगा कि डॉक्टर गिब्सन प्रदर्शनी में सम्मिलित हो रहे हैं। इस बात के लिए हमें उसे शीघ्र ही मनाना होगा।“ जोगन योजना बताने लगी। “प्रदर्शनी के लिए वह अपनी सम्मति प्रदान करें तत पश्चात ही जीत के रोग वाली कहानी चेनल पर चलानी होगी।“

“इस से क्या होगा?” याना ने पूछा।

“एक बार डॉक्टर यहाँ आने की पुष्टि कर दे तो उसकी यात्रा का पूरा प्रबंध कर लो। जीत की कहानी चेनल पर प्रसारित करते समय हम विश्व के तमाम डॉक्टरों को जीत की शस्त्रक्रिया करने की विनंती करेंगे। चेनल के माध्यम से डॉक्टरों तक और डॉक्टरों के माध्यम से डॉक्टर गिब्सन तक यह बात पहुंचाई जाएगी।“

“यदि डॉक्टर गिब्सन ने मना कर दिया तो?” विक्टर ने पूछा।

“तो सभी डॉक्टर्स उसे मना लेंगे कि वैसे भी तुम वहाँ जा ही रहे हो तो साथ साथ जीत का उपचार भी कर लो। कुछ नहीं तो उसका निदान ही कर लो।“

“डॉक्टर गिब्सन सबसे पहले डॉक्टर है, चित्रकला के प्रसंशक बाद में। वह अपना कर्तव्य भली भांति समझते हैं। यदि एक बार उसने जीत को इस स्थिति में देख लिया तो वह जीत का उपचार करने में विलंब नहीं करेंगे।“

“उत्तम योजना है। किन्तु डॉक्टर के साथी तथा शस्त्र क्रिया कक्ष यहाँ कैसे आएगा?“

“वह भी आ जाएगा। डॉक्टर गिब्सन के साथ ही हम उसके सारे साथियों को भी चित्र प्रदर्शनी के लिए आमंत्रित करेंगे। उनके के साथ ही सारा सामान भी आ जाएगा। मेरा विश्वास है कि डॉक्टर गिब्सन जीत का उचित और समय पर उपचार करेंगे ही।“ जोगन के मुख पर अनूठी आभा थी।