Love story - 3 in English Love Stories by Vaghela Niya books and stories PDF | Love story - 3

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Love story - 3

अब प्यार भी अजीब चीज होती है, चाहने वाला जब पास रहता है तो कदर नहीं होती और जब दूर चला जाता है, तो अजीब सी बैचेनी होती है। कुछ ऐसा ही हाल शुभम का था, वो स्वीटी से बेइंतहा प्यार करता था। स्वीटी अपने नाम की तरह ही बहुत स्वीट थी, हसमुख और दुसरो को भी हसाने वाली, दोनों की मुलाकात एक कंपनी में हुई थी, स्वीटी अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट की ही थी की उसके माँ-बाप उसकी शादी की बात घर में शुरू कर दिए और वो अभी शादी नहीं करना चाहती थी,इसलिए उसने अपने माँ-बाप को बोलै वो शहर जा कर जॉब करना चाहती है, लेकिन उसके माँ-बाप तैयार नहीं हो रहे थे,काफी मन्नते करने के बाद उसके माँ-बाप ने हामी तो भर दी लेकिन कंडीशन ये रख दिया की जॉब सरकारी होनी चाहिए या फिर बैंक की ।स्वीटी जॉब के लिए शहर आयी और सरकारी जॉब के लिए तैयारी करने लगी, 2 -3 बार उसने परीक्षा भी दिया लेकिन वो सफल नहीं हो पायी अब उसे टेंशन होने लगी की उसको घर जाना पड़ेगा और शादी करनी पड़ेगी,इसी टेंशन में उसकी एक दोस्त ने बताया की शुभम प्राइवेट बैंक में जॉब लगवाता है, वो इसी उम्मीद में शुभम से मिली की उसका जॉब वो प्राइवेट बैंक में लगवा देगा,शुभम से माइन के बाद शुभम ने बताया की वो प्राइवेट बैंक में जॉब लगवा तो देगा लेकिन पहले 1 महीना ट्रेनिंग लेनी होगी उसके बाद जॉब होगा, और जॉब बैक डोर से होगा,इसलिए 60 हजार रूपये भी लगेंगे,अब स्वीटी परेशान हो गयी की इतना पैसा कहाँ से लाऊंगी,इसलिए उसने अपने पापा से शुभम की बात करवाई,शुभम ने उसके पापा से बात की और इधर-उधर का खर्चा और ट्रेनिंग का खर्चा बता कर 60 हजार स्वीटी के पापा से माँगा, स्वीटी के पापा ने पैसा दे दिया और स्वीटी की ट्रेनिंग शुरू हो गयी, ट्रेनिंग के दौरान ही स्वीटी को पता चला की शुभम सिर्फ रात में खाना खाता है,वो भी खुद से बनाता है, अब स्वीटी दो टिफिन लाने लगी,एक टिफिन अपने लिए और दूसरा शुभम के लिए,दिन में अपने ही टिफिन में शुभम को खिलाती थी और दूसरा रात के लिए दे देती थी,शुभम बहुत खुश हुआ और स्वीटी के करीब जाने लगा,स्वीटी भी शुभम के करीब आ गयी और दोनों एक साथ रहने के सपने देखने लगे ।वक्त बीतता चला गया और और वो दिन भी आ गया जब स्वीटी को बैंक में इंटरव्यू देना था,इधर स्वीटी ने अपने पापा को बता दिया की उसका जॉब बैंक में हो गया है, उसके घर वाले बहुत खुश हुए और स्वीटी के पापा ने स्वीटी का उदाहरण अपने परिवार और आस-पास के लोगो को देना शुरू किया की शहर जा कर वो काफी मेहनत की और आज वो बैंक में जॉब कर रही है,स्वीटी के घर वाले भी स्वीटी को फोन के पूछते रहते थे की जॉब कैसा चल रहा है और स्वीटी झूठ बोलती थी की अच्छा चल रहा है,इसी उम्मीद में की आज नहीं तो कल उसका जॉब बैंक में हो ही जायेगा,लेकिन इंटरव्यू वाले दिन स्वीटी का इंटरव्यू नहीं हुआ क्योंकि शुभम.जिसके जरिये बैंक में जॉब करवाता था,उसने अचानक मना कर दिया अब तो शुभम परेशान हो गया क्योंकि स्वीटी का दिया हुआ पैसा भी खर्च कर दिया था और उसका जॉब भी नहीं करवा पा रहा था। काफी मश्कत के बाद भी शुभम स्वीटी का किसी भी बैंक में जॉब नहीं लगवा पा रहा था,अब वो क्या करे उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, इधर स्वीटी झूठ बोल बोल कर परेशान हो गयी थी,उसकी परेशानी तब बढ़ गयी जब उसके पापा ने उसके लिए एक बढ़िया रिश्ता भी तय कर दिया था क्योंकि स्वीटी बैंक में जॉब कर रही थी।अब क्या करे स्वीटी को समझ नहीं आ रहा था,इसकी वजह से जहाँ स्वीटी और शुभम के रिश्ते प्यार से भरे हुए थे वहीँ बहुत ज्यादा कड़वाहट आ गयी थी उनके रिश्तो के बीच, ना चाहते हुए भी स्वीटी ने शुभम से रिश्ता तोड़ लिया और वो अब शुभम से पैसा मांग लिया जहाँ दोनों एक साथ जिंदगी बिताना चाहती थी वहीँ दोनों एक दूसरे से जुदा हो गए । आज शुभम से जब स्वीटी के बारे में पूछता हूँ तो वो बोलता है वो कौन थी?