adhuri havas - 2 in Hindi Horror Stories by Baalak lakhani books and stories PDF | अधूरी हवस - 2

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अधूरी हवस - 2

(2)पार्ट

सबसे पहेले मे आप सब पढ़ने वालो का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हू, आप ने मेरी लिखी कहानी को इनता प्रतिसाद दिया.

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   आगे आपने पढ़ा की राज ओर मिताली की मुलाकात के बारे मे केसे दोनों मिले, ओर हम कहानी को आगे बढ़ाएंगे

      राज अपनी फेक्टोरी पे कुछ कम निपटाता है पूरे दिन नहीं आने की वजह से काम का लोड बढ़ गया था, देर रात होने के वजह से थक भी गया था, राज ने ऑफिस मे ही रेस्ट रूम बनाया हुवा था तो वोह तो बेड पे फेल गया मोबाइल चार्ज पे लगा के जेसे ही उसकी आँखे भारी होने लगी के डिस्प्ले पे एसएमएस सीन हुवा लेकिन राज ने देखना जरूरी नहीं समझा, सुबह देखूँगा करके आँख बँध करके सोने लगा ठीक दस मिनिट के बाद मोबाईल की रिंग बजी ओर कट हो गई, राज ने सोचा अभी इतनी रात को कोन फोन कर रहा है, शायद मा का होंगा करके मोबाईल हाथो मे लिया तो नमबर जाना पहचाना लगा सोच ही रहा था कि कॉल करलू कोन हे करके तभी एसएमएस फिरसे मोबाइल की डिस्प्ले पे फ़लेस हुवा, एसएमएस बॉक्स मे जाके चेक किया तो थैंक्स लिखा था, राज फिर सोच मे पड़ गया इतनी रात को दो बजे मुजे कोन थैंक्स कहे रहा हे जान ना पड़ेगा कोन हे,
 
  राज ने रीप्ले किया कोन हो आप जो इतनी रात को आप हमे एसएमएस भेज रहे हो,
सामने से जवाब आया बस कुछ घंटे ही तो गुजरे हे अलग हुवे ओर आपने हमे अंजानो  मे भी गिन लिया, बड़े मतलबी लगते हो,

अब राज की नीद खुल गई ओर जवाब मे कहा हम आपको जानते नहीं फिरभी आप हमे मतलबी केसे कहते हो एक तो हमे दुनिया भर की नींद आ रही है ओर आप हमारा दिमाग खाए जा रहे है

   अरे आप तो बड़े अकड़ू हो लड़की से ऎसे पेश आते हैं, अगर नमबर एड नहीं करना तो लिया ही क्यू?

  ओह तुम हो मिताली सोई नहीं हो अभी भी जाग रही हो?

हमे नींद ही आ रही थी पर के जवाब ने नींद उड़ा दी, हम आप को सिर्फ शुक्रिया अदा करना चाहते थे ओर आप हो कि पहचान ही नहीं रहे हमे.

आके सॉरी सॉरी नमबर सेव नहीं किया था
मुजे लगा कोई फिरकी ले रहा है हमारी .

इतनी रात को कोई अनजाना तो आपसे एसएमएस नहीं करेगा कोई जान पहचान वाला ही होंगा ना इतना भी नहीं समजते.

ठीक हे बाबा नमबर सेव कर लेता हू, ओर मुजे बहोत नींद आ रही है, प्लीज़ सो जाते हैं.

ओके ठीक हे गुड नाइट

गुड नाइट कहेके राज ने फिर मोबाइल को चार्ज पे लगा दिया, ओर आँखे बँध करके मिताली के बारे सोच के सोने लगा, वोह पल को याद कर रहा था जब मिताली ओर राज की पहेली मुलाकात हुई थी जो शादी मे, वोह पल याद करते ही राज के चहेरे पे एक प्यारी सी मुस्कान चली आई, तभी फिर से एसएमएस आया

सो गए क्या?

हा सोने ही जा रहा हू क्यू?

कुछ नहीं एक सवाल पूछना था?

हा पूछो

आप पूरे दिन मुजे क्यू देखे जा रहे थे?

वोह तुम पूरे दिन मोबाइल पे ही लगी रही थी इस लिए के किस से इतनी बाते कर रही है.

अछा तो पूछ लेते ना.

तो अभी बता दो

मेरे मंगेतर से

ओ तुम्हारी मंगनी हो गई? बधाई हो

जी शुक्रिया, ओर एक बात पूछनी थी पूछू क्या?
प्लीज़ कल पूछना बहोत नींद आ रही है, सॉरी.

ओक ठीक है गुड नाइट.
गुड नाइट. कहे के राज सो गया

सुबह ११ बजे नवाब उठे ओर हाथो मे सीधा मोबाइल तो डिस्प्ले मे एसएमएस फ़लेस हुवे थे देखा तो मिताली के थे गुड मॉर्निंग वाले ओर कुछ अछे विचारो वाले सेंटएँस.

राज अब सोच मे पड़ा कि अखिर मिताली चाहती क्या है, आधी रात को मुजसे बात करती है ओर अभी सुबह सुबह फिर से एसएमएस ए देख के कही वोह सेटिंग कर रही है क्या, उसकी मंगनी हो चुकी है फ्रीर भी मुज मे इंटरेस्ट ले रही है आखिर क्या मनजरा हे मे तो उसको एक बहोत सीधी ओर मासूम लड़की समझ रहा हूँ ओर मिताली के लक्षण तो मुजे ठीक नहीं लग रहे
क्या ए भी ओर लड़कीयो तरह ही हैं, खेर जो भी हो अगर ऎसा हे तो मन ही मन मुस्काने लगा सोच के, अब पुराना वाला राज अंगडाईया ले रहा था जो शादी के बाद सो गया था, जिसे लोग एक नंबर का थरकी
, प्यार नाम से कोसो दूर रहेने वाला जिसे
बस एक ही रिश्ता समज आता था जिस्मानी,

राज ने मिताली को एसएमएस का रिप्ले दिया ओर कहा के अभी घर जा रहा हूँ, बाद में कॉल करूंगा बाई. कहेके अपने घर चला गया, अपना डेयली रूटीन खतम कर के
रेडी होकर घर से निकाल गया,ओर मिताली को फोन लगाया.
हैलो..
हाय..
क्या करती हो
कुछ नहीं
अछा बतावो तुम रात को कुछ पूछ रही थी क्या पूछना चाहती थी अब सही समय है पूछ सकती हो,

आप बुरा मत मानना ओर अगर आपका दिल करे सच जवाब देने को तोही दीजिये कोई जबर्दस्ती नहीं, आप की मर्जी

आब तुम मुजे दुविधा मे डाल रही हो, ओके ठीक हे पूछो जो पूछ ना चाहती है, सवाल के बढ़ तय करूंगा के मुजे तुम्हें जवाब देना हे या नहीं,

सुना है कि आपके कई अफेर रहे हैं, आप प्यार के नाम से लड़की को अपनी जाल मे फसाते हो ओर छोड़ देते हो, आज तक कितनी लडकियों के अरमानों का आपने गला घोंटा है, आप मे इंसानियत नाम की कोई चीज है या मर गई है,मासूम दिलो के साथ खेल के आप को क्या मिलता है,आपके चहेरे के पीछे भी आपका एक चहेरा लिए फिरते हो, इस बात ने मुजे पूरी रात सोने नहीं दिया, कब मेरी बातो का जवाब मुजे मिले, ओर क्या हासिल होता है ए सब करके आप सबसे नज़रे केसे मिलाते हो अपने आपसे कभी घिन नहीं होती आपको

राज कुछ बोले बिना सुने जा रहा हे मानो किसी थिएटर मे कोई मूवी चल रही है आखों के सामने अतीत के पन्ने खुल रहे हो

मिताली  धड़ाधड़ सवालो की बोछर किए जा रही है, मानो ये सब उसके साथ घटा हो ओर हिसाब मांग रही हो,

राज का दिमाग अब फट रहा था ओर सोच रहा है कि कोन हे ए मुजे पूछने वाली कोन लगती है मेरी जो मे इसकी बाते कब से सुने जा रहा हू जरूरत क्या हे मुजे इसके सवालो के जवाब देने का ओर उसे ये सवाल करने का भी कोई हक नहीं फिर, मेरे अतीत मे टाँग क्यो घुसएड रही है, ये सोचते ही रहा पर मिताली को बोल नहीं पाया ओर मन मे ही रह गई बात.

हेलो हेलो सुन रहे हो या साइड पर रख दिया फ़ोन, बोलती बँध हो गई अपनी सच्चाई सुनके मे कब से बोले जा रही हू ओर आप हे कि ह्म्म ह्म्म किए जा रहे हो.

तुम्हारे सवालआत खतम होने का इंतज़ार कर रहा हूं,

ओके खतम हुवे अब बतावो, नहीं बताना तो मत बताना ओर साथ मे मेरा नमबार भी डिलीट कर देना, आप को रखने की जरूरत नहीं. बहोत चालाकी से आपने मेरा नमबर ले लिया क्या समझ के ये हरकत की,

राज से रहा नहीं गया बीच मे ही मिताली की बात काट के बोला कि तुम क्यू ये बात जानना चाहती हो ओर आखिर तुम हो भी कोन ये सवालो को पूछने वाली ओर मुजे क्यू तुम्हारे सवालो के जवाब भी देने चाहिए.

बस उमीद थी जवाब की सच कड़वा होता है
हजम नहीं होता है हर किसीसे

सही कहा सच कड़वा ही होता है ओर अधूरा ही होता है, ओर सब सच की तह तक कोई जाना ही नहीं चहता बस आधे सच पे फेसला तय किए जाता है, ओर गुनाहों की तकती माथे पे चिपकाती जाति है, खेर पर ये बतावो तुम क्यू ये सवाल उठाए जा रही हो.

मुजे उन लड़कीयो के दर्द महसूस हुवे जिन को आपने अपनी हवस का शिकार बनाया क्या बीती होंगी उन पर कभी सोचा है, तुम क्या महसूस करोगे उन पे क्या बीती होगी, वोह तो एक लड़की ही समझ सकती हे, तुम्हारे जेसे पत्थर दिल इंसान नहीं समझ सकता,

अच्छा तो तुम उनका मोर्चा संभाले हुवे हो
ओर तुम्हें सच ही सुनना हे, ठीक हे तो चाहे कितना भी गंदगी भरा क्यू ना हो तुम पूरा सुनओगी ओर बाद मे तुम्हें जो बोल ना हो वोह बोल देना मेरे बारे मे आई डोंट केर, मुजे कहा तुमसे कोई रिश्ता जोड़ना हे,

तुमसे ओर रिश्ता? रिश्ता  तो दूर की बात हे
जान पहचान भी नहीं रहेगी,

ठीक हे तो बात पूरी सुननी पड़ेगी अगर वक्त नहीं तो बाद मे बात करेंगे,
नहीं मे फ्री हू वक्त ही वक्त हे तुम बतावो आखिर क्या ओर सच छुपा है तुम्हारे पास

       कहानी जारी हे आखिर राज क्या सच मिताली के सामने रखने वाला हे ओर मिताली उस सच को सही थाहीरएगी क्या
अगर हां तो क्या होगा जानने के लिए आगे के पार्ट का इंतज़ार करे

❤️?बालक
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