Mere dil ka haal - 3 in Hindi Moral Stories by Shaihla Ansari books and stories PDF | मेरे दिल का हाल - भाग 3

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मेरे दिल का हाल - भाग 3

"मै भला क्यों छुपूंगी...वो भी तुम्हारे भाई से" मायरा ने झूठ बोला!!

"आपी... अब आप मुझसे तो झूठ मत बोलो.. बहुत दिन से मैं नोट कर रहा हूं जब भाई घर में होते हैं तो आप अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती" 

"हां छूप रही हूं मैं तुम्हारे भाई से.... मैं तुम्हारे भाई के सामने नहीं आना चाहती क्योंकि उसने मेरे बारे में" मायरा बोलते बोलते रुक गई उसकी आंखों में आंसू आ गए थे "अगर ज़ईम को मुझसे शादी नहीं करनी थी तो वो सही तरह से मना कर सकता था... मुझ में वो बुराईयां क्यों निकाली जो मुझ में थी ही नहीं... मुझे जाहिल गवार कहां" अभी तक मायरा अपने आप से ही बात करके अपनी भड़ास निकालती थी लेकिन आज वो पहली बार किसी दूसरे के सामने इस तरह से बोल रही थी!! 

"मैं जानता हूं आपको भाई के अल्फाजों से बहुत तकलीफ हुई है... पोप्स ने आप सबसे जाहिल गवार वाली बात छुपा ली थी लेकिन सायमा फुुप्पो से फोन पर बात करते वक्त मेरे मुंह से ये बात निकल गई थी"   शायान ने आंसू  साफ करती मायरा से कहा!!

"मुझे इस बात से तकलीफ नहीं हुई ज़ईम ने मुझसे शादी करने से इंकार कर दिया बल्कि इस बात से तकलीफ हुई उसमें जो इंकार की वजह बताई वो गलत थी" 

"सच कहूं तो भाई बड़े बदकिस्मत है कि उन्होंने आपको देखे बिना ही रिजेक्ट कर दिया.. जिस दिन मैंने आपको पहली बार हॉस्टल में देखा था उस दिन ही मुझे भाई की सोच पर अफसोस हुआ था" 

"हर इंंसान को पसंद से शादी करने का हक है बस वो कुछ गलत बोल कर दूसरे इंसान का दिल ना दुखाए" 

"अच्छा अब आप मुस्कुरा दीजिए आप ऐसे रोते हुए अच्छी नहीं लगती"

और मायरा मुस्कुरा दी!!

"आपी भाई  ने आपके साथ अच्छा नहीं किया तो उन्हे सजा तो मिलनी चाहिए" शायान ने कुछ सोचते हुए कहा!! 

"मतलब" 

"मतलब ये कि जैसे भाई ने आपका दिल दुखा कर आपको परेशान किया ऐसे ही हम भी भाई को परेशान करेंगे" 

"और ऐसा करने से होगा क्या"

"आगे से भाई कम से कम किसी का दिल तो नहीं दुखाएंगे" 

"लेकिन तुम ये सब करोगे कैसे" माायरा को शायान की बातें बेमतलब सी लगी!! 

"अपने पास एक झक्कास प्लान है" शायान ने अपने कोलर ऊंंचे किये!! 

"कैसा प्लान"  इस बार मायरा का शायान की बातों में इंटरेस्ट बढा!!

फिर शायान मायरा को अपना प्लान बताने लगा!! 

"प्लान तो बढ़िया है पर ऐसी लड़की तुम लाओगे कहां से"

"आप है ना"   

"अच्छा मैं क्या मैं"  मायरा अपनी जंगह से उछली थी!!

"हां ...ये सब आप करेंगी" शायान ने कहा!! 

"नहीं मैं येे सब नहीं करूंगी मुझे माफ करो" मायरा ने अपने दोनों हाथ शायान के आगे जोड़ दिए!!

"आपको ये सब करना ही होगा.. प्लीज प्लीज आपी हां कर दीजिए" 

"लेकिन मैंने ये सब करूंगी कैसे" मायरा को डर लग   रहा था!! 

"अरे मैं हूं ना आपके साथ... मै आपको सब बता दूंगा कि क्या करना है बस आप डरो मत" 

"लेकिन यह सब कैसे होगा मेरा मतलब घर में अंकल होते हैं अम्मो भी होती है उनके सामने यह सब कैसे"

"उसके बारे में भी मैंने सोच लिया है.. पोप्स ज्यादातर घर से बाहर होते हैं या फिर अपने कमरे में और अम्मो वो अपना काम करके अपने क्वाटर में चली जाती है बस उसी वक्त हम अपने प्लान पर काम करेंगे" 

"तुम तो ऐसे कह रहें हो जैसे ये काम चुटकियों में हो जाएगा" मायरा ने चुटकी बजाते हुए कहा!! 

'हो जाएगा सब चुटकियों में हो जाएगा बस मुझे इसके लिए कुछ सामान की जरूरत पड़ेगी और वो सामान आपके पास मिल जाएगा" शायान ने प्लान के बारे में सोचा !!
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अगले 2 दिन बड़े मसरूफ गुजरे। मायरा पूरे दिन लाइब्रेरी में रही।

 "इतना पढ़ कर क्या करेंगी आप" शायान ने ड्राइव करते हुए कहा!! 

"तुम कॉलेज बंक करके कहां निकल जाते हो" मायरा ने उल्टा उसी से सवाल किया!! 

"मैं तो ऐसा ही हूं.  बहुत कम पढ़ाई करता हूं लेकिन फिर भी पास आ जाता हूं" 

"जरा कार की स्पीड तेज करो मुझे बहुत भूख लगी है घर जाकर अम्मो के हाथ का खाना खाऊंगी" 
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"आप यहां हैं और मैंने पूरा घर छान मारा" शायान ने मायरा के कमरे में आते हुए कहा!! 

"क्यों क्या बात है" मायरा ने बुक पढते हुए कहा!! 

"हमें अपने प्लान पर काम करना है क्या आप भूल गई" 

"मुझे तो याद ही नहीं रहा उस बारे में" 

"चलो अभी तैयारी करते हैं और जल्दी से यह यह सामान ले आइए" शायान ने सामान का नाम देते हुए कहा!! 

"ये रहा सारा समान" मायरा ने सारा सामान शायान के सामने लाकर रख दिया!! 

"ऑयल कहां है वह भी लाइए" शायान नेे सारा सामान देखते हुए कहा!!

मायरा जल्दी से ऑएल की बोतल भी ले आई!! 

"आपी आप जल्दी जाइए और यह कपड़े पहन कर आइए" शायान ने मायरा को कपड़े दिए!! 

"पर यह तो अलग अलग....

"ऐसे ही तो पहनने है यह कपड़े .. जाइए आप जल्दी जाइए" शायान ने  मायरा की बात काटी!!

मायरा कपड़े बदलने के लिए स्टोर में चली गई "हां अब बताओ आगे क्या करना है" मायय स्टोर से बाहर निकल आई!! 

"यह लगाइए"  शायान ने कहा!!

"लो लगा लिया" 

 "इतना सा नहीं और लगाओ बहुत सारा" शायान ने मायरा को समझाया!!

मायरा के हाथ तेज चल रहे थे। शायान उसे बताता जा रहा था कि यह करो और यह नहीं एक ऊंची और एक निजी बांधों!! 

"अब यह लगाओ"

"मैं आईना लेकर आती हूं उसमें देख कर लगाऊंगी" मायरा ने खड़े होते हुए कहा!! 

"नहीं ऐसे ही लगानी है बिना देखे" शायान ने मायरा को रोका!! 

"बिना देखे ठीक नहीं लगेगी.. फैल जाएगी" मायरा ने कहा!! 

"हमें ऐसे ही तो लगानी है बिना देखे" फिर शायान ने जैसा कहा मायरा वैसे ही करती रही!! 

"अब यह लगाओ... लाओ मैं लगाता हूं तुमसे नहीं लगेगा" शायान ने कहा!! 

"अब आप पूरी तरह से तैयार है.. देखू एक नजर... बिल्कुल अब आप मेरे प्ले की हीरोइन लग रही है। जैसा मैंने सोचा था आप बिलकुल वैसी ही लग रही है" शायान ने मायरा को सिर से पैर तक देख कर कहा "भाई आप को देखेंगे तो वह देखते ही रह जाएंगे बस आप की नजर और उतार दूं" शायान ने अपने दोनों हाथों से मायरा की नजर उतारी!! 

"अब मैं भी देखूं अपने आपको आईने में" मायरा ने शायान से पूछा!! 

"हां आपी बिल्कुल देखें" 

आईने में अपने आप को देखकर मायरा की चीख निकल गई थी। सिर में बहुत सारा तेल लगाया गया था जो बह कर माथे पर आ रहा था। दो कसकर चोटी बांधी गई थी एक ऊंची और एक नीची। होंंठो पर रेड डार्क कलर की लिपस्टिक लगाई गई थी जो होठों के ऊपर और नीचे फैली हुई थी। आंखों में काजल लगाया गया था मोटा मोटा जो आंखों में कम आंखों के नीचे ज्यादा लगाया गया था। तीन कलर के कपड़े पहने थे कमीज अलग कलर की तो दुपट्टा सलवार अलग-अलग कलर का। मायरा अपने दोनों हाथ अपने गालों पर रखे अपने आपको आईने में देख रही थी!! 

"यह तुमने मुझे क्या बना दिया मैं पक्की जाहिल गवार लग रही हूं" 

"यही तो चाहिए हमें.... आप इस गेेटअप में भाई के सामने जाना और जाहिल गवार की एक्टिंग करना" 

"नहीं मै इस हाल में तुम्हारे भाई के सामने नहीं जाऊंगी बिल्कुल भी नहीं जाऊंगी" मायरा परेशान हो गई!! 

"आपको ये सब करना है...  भाई को सबक जो सिखाना है" 

"शायान मुझे डर लग रहा है.... मैं बोलूंगी क्या तुम्हारे भाई के सामने" 

आप डर क्यों रही है मैं हूं ना आपके.साथ... बस आपको भाई के साथ तू... अरे... जा रे... ऐसे वर्ड से बात करनी है आप गांव की फिल्में नहीं देखती क्या" 

"देखती हूं" मायरा नेे कुछ सोचते हुए कहा!! 

"जैसे गांव के लोग बोलते हैं आपको ऐसे ही बोलना है" 

बाहर से कार रुकने की आवाज आई। "यह तो भाई की कार की आवाज है... भाई भी क्या सही वक्त पर आए हैं" शायान ने खिड़की का पर्दा हटाते हुए बाहर की तरफ झाका " आपी तैयार हो जाओ... आपको अभी से ये प्ले करना है" शायान ने कहां!!

"अभी से" मायरा नेे थूक निगला!! 

"मैं बाहर जा रहा हूं देखता हूं भाई क्या कर रहे हैं आप बाहर आ जाना और जैसा मैंने कहा है बिल्कुल वैसा ही करना" 

शायान अपनी बात कह कर जा चुका था जबकि मायरा उसे रोकती रह गई!!

ज़ईम बहुत थक चुका था। वो सोफे पर आंखें मूंदे आधा लेटा हुआ था!! 

"क्या बात है भाई आपकी तबीयत तो ठीक है ना" शायान ज़ईम के पास आकर बैठ गया!! 

"ठीक हूं बस जरा थकान है" ज़ईम ने शायान को देखकर दुबारा आंखें बंद कर ली!! 

"आपके लिए चाय कॉफी कुछ लेकर आऊ भाई" शायान ने ज़ईम को देखकर मायरा को आने का इशारा करते हुए कहा। मायरा पिलर के पीछे खड़ी  उन दोनों को  देख रही थी!! 

"चाय बनवा दो अम्मो  से कह कर" ज़ईम अब भी आंखें बंद किए लेता हुआ था!! 

"ओके भाई मैं अम्मो से कह कर आता हूं" 

"इतनी देर से बुला रहा हूं आपको आप आती क्यों नहीं" शायान ने मायरा के पास आते हुए कहा!! 

"मेरी हिम्मत नहीं हो रही है" मायरा नेे डरते हुए कहा!! 

"फिर वही बात..... अब आप जाइए" शायान नेे मायरा को धक्का दिया!! 

मायरा ने जाते-जाते शायान की तरफ मुड़ते हुए देखा!! 

"जाओ "  शायान ने इशारा किया!! 

"पागल हो गई थी मैं जो इस सब के लिए हामी भरी" मायरा में सोचा" चल मायरा हो जा तैयार... चढ जा सूली पर" मायरा ने लंबा सांस लेते हुए ज़ईम की तरफ कदम बढ़ा दिए!! 

"कैसा है रे तू ज़ईम" मायराा ने ज़ईम के सिर पर खड़े होते हुए कहा!! 

जईम ने एकदम आंखें खोली थी!! 

"कहां रहता है तू ..... कहीं दिखाई नहीं देता" जईम के सामने मायरा की जान निकली जा रही थी इस तरह से बोलने से!! 

ज़ईम हक्का-बक्का मायरा को देखे जा रहा था!! 

"ऐसे क्या देख रहा है तू" 

"आप कौन"  ज़ईम हैरान था सामने वाली के मेकअप को देख कर!!

"मैं मायरा हूं.... तूने मेरे को पहचाना नहीं" मायरा ने अपने दुपट्टे का कोना मुंह में लेते हुए हिलते हुए कहा!!

ज़ईम बस आँँखे फाड़े उसे देखे जा रहा था!! 

शायान पिलर के पीछे खड़ा सब देख रहा था। उसे जईम की हालत देखकर हंसी आ रही थी!! 

"तू तो मेरे से मिलने नहीं आया इसलिए मैं तेरे से मिलने आ गई" मायरा हाथ हिला हिला कर गवारो की तरह बोल रही थी!! 

 ज़ईम  ने सर से पैर तक मायरा को देखा!! 

"तू भी कुछ बोलना... कब से मै ही बोले जा रही हूं" मायरा करीब आ गई!! 

"क्या बदतमीजी है " जईम सोफे पर गिरते-गिरते बचा था!!

"मैंने क्या किया" मायरा ने बहुत मासूम बनते हुए कहा!! 

"दूर रहकर बात करो और हिलना बंद करो" ज़ईम ने गुस्से में कहा !!

"क्या हुआ भाई " शायाान चला आया "और यह आपका मुंह क्यों लाल हो रहा है" 

जईम कुछ कहना चाहता था लेकिन वह मायरा को देख कर चुप हो गया फिर वौ उन दोनों को गुस्से में देखता अपने कमरे की तरफ बढ़ गया!!


  बाकी अगले भाग मे