film review avengers endgame in Hindi Film Reviews by Mayur Patel books and stories PDF | ‘ऐवेंजर्स एंडगेम’ फिल्म रिव्यूः धमाकेदार पेशकश…

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‘ऐवेंजर्स एंडगेम’ फिल्म रिव्यूः धमाकेदार पेशकश…

11 साल, 21 फिल्में और कई सारे सुपर हीरोज… मार्वेल युनिवर्सने एक के बाद एक ब्लोकबस्टर फिल्में देकर पूरी दुनिया के सिनेप्रेमीओं को खुश कर दिया था. और इस पूरी मार्वेल विरासत को समेट कर अब आई है इस युनिवर्स की २२वीं और आखरी फिल्म ‘ऐवेंजर्स एंडगेम’. मानना पडेगा की पीछली ऐवेंजर्स फिल्मों की तरह ही ये ऐवेंजर्स एडवेन्चर भी लाजवाब है.

कहानी वहीं से शुरु होती है जहां से ‘ऐवेंजर्स इन्फिनिटी वॉर’ खतम हुई थी. सारे इन्फिनिटी स्टोन हासिल करने के बाद थेनोस ने एक चुटकी बजाकर आधी दुनिया को खत्म कर दिया था, जिसमें आम लोगों के साथसाथ कई सुपर हीरोज भी मारे जा चुके थे. अब बचा है धरती पर बरबादी का मंजर और बेहाल सुपर हीरोज. अपने दोस्त और रिश्तेदारों को खोकर ऐवेंजर्स हताश हो चुके है. थानोस का कोई अता-पता नहीं है. एसे गमगीन माहोल में आशा की किरन बनके आता है ऐंट मेन (पॉल रड) जो ऐवेंजर्स को बताता है की अगर टाइम मशीन के जरिए अतीत में जाकर वो लोग थेनोस से पहले इन्फिनिटी स्टोन को हासिल कर ले तो इन्फिनिटी वॉर की स्थिति से बचा जा सकता है. और उस जंग में जो भी लोग मारे गए थे उन सबको फिरसे जिंदा किया जा सकता है. दुःखी ऐवेंजर्स को आशा की किरन नजर आती है और वो टाइम मशीन के जरिए भूतकाल में जाकर इन्फिनिटी स्टोन की खोज करते है, और फिर…

फिर जो होता है वो बहोत ही मजेदार है और वो जानने के लिए आपको ‘ऐवेंजर्स एंडगेम’ देखनी होगी. बडे बडे सितारों से लदी ये फिल्म पूरे तीन घंटे और एक मिनट लंबी है, लेकिन मजाल है की दर्शक बोर हो. स्क्रिप्ट और डिरेक्शन इतनी अच्छी है की फिल्म इतनी लंबी होने के बावजूद दर्शक थकते नहीं. रूसो ब्रदर्स की तारीफ करनी पडेगी क्योंकी ये फिल्म पीछली फिल्म से भी बहेतर बनी है. फिल्म की शुरुआत उदासी से भरे दृश्यों से होती है, जो की कहानी के मुताबिक बिलकुल सही है, लेकिन ऐंट मेन की एन्ट्री से जैसे फिल्म में जान आ जाती है, हसीं के ठहाके लगने लगते है. खास तो टाइम ट्रावेल का जो हिस्सा है वो बहोत ही मजेदार है, क्योंकी उसमें वो सारे कलाकार भी फिर एक बार देखने को मिलते है जो मार्वेल यूनिवर्स की पीछली फिल्मों में या तो मारे गए थे या फिर खो गए थे.

एडिटिंग, बेकग्राउन्ड स्कोर, डायलोग्स जैसे फिल्म के अन्य पासें भी बहोत ही अच्छे है. डायलोग्स काफी फनी है. ऐंट मेन और रोकॅट के हिस्से में कोमेडी आई है जो उन्होंने बडे ही मजे से निभाई है. हिन्दी में कुछ डायलोग कानों को खटके इतने ज्यादा बोलिवुडिस कर दिए गए है. बाकी सब ठीक है.

कलाकारों की बात करे तो सबसे ज्यादा महत्व मिला है टोनी स्टार्क/आइरन मेन को. और मिलेगा भी क्यों नहीं. आखिर उनके पात्र से ही तो ऐवेंजर्स सिरिज का सिलसिला शुरु हुआ था. इस पात्र में रॉबर्ट डाउनी जुनियरने बढिया एक्टिंग की है. ‘ऐवेंजर्स इन्फिनिट वॉर’ में केप्टन अमेरिका (क्रिस इवान्स) और ब्लैक विडो (स्कारलेट जोहानसन) को साइडलाइन कर दिया गया था, लेकिन इस बार उन्हें भरपूर स्क्रीन स्पेस मिली है और दोनों ने अपने इमोशन्स दिखाकर अच्छा काम किया है. थॉर (क्रिस हैम्सवर्थ) जैसे सुपर हीरो का हुलिया देखकर दर्शक चोंक जाते है. उन्हें शराबी और थुलथुले शरीर के साथ दिखाया गया है, जो काफी मजेदार लगा. हल्क (मार्क रफेलो) को भी एक अलग अंदाज में देखना अच्छा लगा. हॉक आई (जेरेमी रेनर) को अपनी संवेदनाओ को दिखाने का अच्छा मौका मिला है. थेनोस (जोश ब्रोलिन) ने भी पीछली फिल्म की तरह ही दमदार अभिनय किया है. ‘इन्फिनिट वॉर’ में थेनोस का अपनी बेटी गमोरा (जो साल्डाना) के साथ जो रिश्ता दिखाया गया था वो बहोत ही दिलचश्प था. यहां गमोरा के बजाय थेनोस की दूसरी बेटी नेब्यूला (करेन गिलियन) को ज्यादा महत्व मिला है, लेकिन बाप-बेटी के रिश्ते में वो लय नहीं दिखा जो पीछली फिल्म में था. कैप्टन मार्वल (ब्री लार्सन) को काफी कम सीन्स मिले है और वो ज्यादातर मारधाड करती हुई दिखीं. बाकी के तकरीबन सारे कलाकार क्लाइमेक्स के वक्त ही एन्ट्री मारते है. डोक्टर स्ट्रेंज (बेनेडिक्ट कम्बरबेच), पीटर क्विल (क्रिस प्राट), लोकी (टोम हिडल्स्टन), ब्लेक पेन्थर (चेडविक बोसमेन) और स्पाइडर मेन (टोम होलेन्ड) को थोडा ज्यादा फूटेज मिलता तो और मजा आता.

फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स जबरदस्त है और आखिर के 20 मिनट कमाल के है. फिल्म को 3D में देखना तो बनता है. थेनोस की शेतानी सेना और सुपर हीरोज की फौज के बीच छीडी जंग पूरी तरह से पैसावसूल है.

इमोशन और ऐक्शन के ईस मजेदार कॉम्बिनेशन को मैं दूंगा 5 में से पूरे 4 स्टार्स.