OUT OF CONTROL - 4 in Hindi Moral Stories by Raaj books and stories PDF | OUT OF CONTROL - 4

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OUT OF CONTROL - 4

(जेरी , स्टेसी और चक तीनो अपनी आंखें बंद करते हैं और उस पोधेको छूते हैं  । उस पौधे को छूतेही बेन्जेमिन के घर का दरवाजा खुल जाता हैं । तीनो घर के अंदर प्रवेश करते हैं । अब आगे )
           बेन्जेमिन का घर काफी पुराना था ।वो किसी museam से कम नही था । काफी पुरानी और ऐतिहासिक चीजो को शोपीस में अच्छे से रखा गया था । लेकिन काफी सालो से इस जगह को साफ नही किया गया था ,इस लिए आसपास धूल मिट्टी लग गई थी। 
 
चक : हेलो , कोई हैं , कोई हमे सुन शकता हैं ।
स्टेसी : लगता है कोई नही हैं , हमे यहा ज्यादा देर नही रहना चाहिये ।
चक : क्यो तुम्हे डर लग रहा है , हाहाहा
स्टेसी : दर की बात तो तुम ना ही करो तो बेहतर हैं , याद हैं न पिछले हप्ते क्या हुआ था ।
जेरी : अब बस भी करो तुम दोनों  , हमे घर की तलाशी लेनी चाहिए सायद हमे कुछ ऐसा मिल जाये जो उस किताब से तालूक रखता हो ।
चक : ठीक है जेरी लेकिन स्टेसी सचमुच डर रही हैं ।
स्टेसी : तुजे तो मैं बाद में देखती हूँ ।
  तीनो आसपास की चीजें ,किताबे ,शोपीस इत्यादि की तलाशी लेने लगते हैं ।  सोफे के नीचे , डेस्क पर , किचन मैं , बेड के नीचे  सब जगह पे देखने लगते हैं ।उतने मे जेरी की नजर स्टोर रूम मैं पड़े एक बैग  पर पड़ती है बैग किसी खास तरह के चमड़े से बना हुआ था 
और उसके ऊपर ऐतिहासिक चित्र हाथोंसे प्रिंट किया हो ऐसा लगता था। 
जेरी : चक , स्टेसी , ये देखो मुजे क्या मिला ।
    स्टेसी , और चक जेरी के पास आते हैं । 
चक : क्या ये loked हैं ।
जेरी : लगता तो नही । ये खुल गया ।
      बक्से के अंदर एक पुराना ऑडियो प्लेयर था । और उसमें कुछ टेप भी रखी हुई थी । करीब तीन टेप थी ।  तीनो पर नंबर लिखा था । जेरिने टेप 1 को ऑडियो प्लेयर में डालकर बटन न किया ।

सससस...... धीरे धीरे आवाज क्लियर होने लगी 
      हेलो मेरा नाम बेन्जेमिन रॉय हैं । कोई इस रिकॉर्डिंग को सुन रहा हैं तो इसका मतलब है  उसने जेर्वी के पौधे को पानी दे दिया हैं । वैसे उस पौधे को बनाने में काफी मेहनत लगी थी ।  अब मैं सीधे मुद्दे पर आता हूँ । में हर एक टेप में हमारी दुनिया के राज़ बताऊंगा । ये राज़ सिर्फ धारणा पर आधारित हैं लेकिन वो काफी अहम हैं । एक बात बतादूँ की इसे जानने में मेरी पूरी जीन्दगी बीत गई । ईसका कोई पुख्ता 
सबूत नही मिल पाया कि में इसकी सच्चाई साबित हो शके । लेकिन आशा करता हु भविष्य में कोई इसकी सच्चाई ढूंढ पाए । तो फिलहाल अपने कान और दिमाग खुल्ला रखकर ध्यान से सुने ।
          अब ये सोचो कि हमारी दुनिया आजसे बिस साल पहले केसी थी । उस वक़्त के लोग , उनकी सोच ,  उस वक़्त की चीज़ें , रास्ते ,घर , वाहन , फोन , टेलीविजन ,टेलीविजन प्रोग्राम ,कंप्यूटर ,कंप्यूटर की गेम्स  ,सिस्टम्स , इत्यादि । 
         अब ये सोचो यही चीजे आज की तारीख़ में कैसी हैं ?
          अब ये सोचो कि आज से बीस साल बाद कैसी हो शकती हैं ?  चालीस साल बाद केसी होगी ? सो साल बाद केसी होगी ।एक हजार साल केसी होंगी ? क्या इस पूरे ब्रह्मांड में और कोई ऐसी दुनिया नही होगी जो हमसे कई हजार साल आगे  हो ? क्या उसने हमतक पहोचने की कोशिश नही की होगी  ?
           हमारी जिंदगी हमारे हाथमे नही हैं। अगर हमारे हाथ मे होती तो हम जो चाहे वो कर सकते थे । हर कोई athelets , genius , एक्टर , संगीतकार , सबकुछ होता । हमारी काबिलियत को सीमित किया गया हैं। सब को अलग अलग ताकत , समझदारी ,सोच, काबिलियत हैं ये थोड़ा अजीब नही लगता । हमें आज अपने दिमाग का तो इस्तेमाल कर शकते हैं लेकिन उसका एक दायरा हैं जो किसीने तय किया है । जो एक सीमा तक सीमित हैं ।हमारे साथ क्या होनेवाला ये तय करनेवाला कोई हैं । ये किसी गेम की तरह हैं ।अगर पृथ्वी को एक game माना जाए तो हम सब उस गेम के खिलाड़ी हैं । और हर ख़िलाडी को कोई कंट्रोल करता हैं ।  इसका मतलब की हमे कितने बजे उठना है, कोनसा काम करना हैं , किसी काम के लिए क्या निर्णय लेना हैं ,यहा तक कि हमे किस तरह के विचार आते हैं ये भी तय हैं । ये किसी नेटवर्क की तरह जुड़ा हैं । अगर हम किसी तरह उस नेटवर्क तक पहुच जाए तो हम असाधारण चीज़े कर शकते हैं ।  मेने उस नेटवर्क को ढूंढने की बहुत कोशिश की ।  मुजे कई जगह से कुछ सिग्नल भी मिले लेकिन हर बार वो अलग अलग जगह से आ रहे थे लेकिन ये तय हैं कि किसी यंत्र से हमारी पृथ्वी के हर एक जीव को कंट्रोल किया जा रहा हैं और वो यंत्र पृथ्वी पर ही हैं । अगर कोई इस यंत्र के कंट्रोल के बहर हो जाता हैं तो उसकी काबिलियत की सीमा अनंत हो जाएगी ।सससस....... टेप प्लेयर से बाहर निकल गई ।

चक : ये थोडा ज्यादा नही होगया । मुजे नही लग रहा हमे इन बातों पर यकीन करना चाहिए तुम बताओ स्टेसी?
स्टेसी : मुजे भी ऐसा ही लग रहा हैं । ऐसा थोड़ी हो शकता हैं। तुम्हें कोई कंट्रोल कर रहा हैं ,ये सुनने में ही अजीब लग रहा हैं ।तुम भी इन सब बातों से दूर रहना जेरी । अब तो हमे पक्का घर चलना चाहिए ।
जेरी : थोडी देर सोच में पड़ जाता हैं हम्म , सायद तुम ठीक कह रही हो । चलो हम घर चलते हैं । 
 तीनो जैसे आये थे वैसे ही बस पकड़कर बसस्टोप पहुचते हैं । वहासे अपनी अपनी साइकिल लेकर घर पहुचते हैं ।

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