I love pramotion in Hindi Motivational Stories by Ajitesh Arya Firenib books and stories PDF | आई लव प्रमोशन

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आई लव प्रमोशन

कपूर साहब एक नामचीन डिटर्जेंट कंपनी के सीईओ है और अगले ही माह रिटायर होने जा रहे है,

पूरे इंडिया के स्टाफ में एक ही चर्चा थी कि कंपनी का अगला सी ई ओ कौन होगा ?

टॉप मैनेजमेंट के कुछ अधिकारी इस लाइन में सबसे आगे खड़े नज़र आ रहे थे,

एकाएक कपूर साहब ने अगले सीईओ के लिए योग्यता पूरी करने वाले अधिकारियों की मीटिंग बुलाई, सभी लोग मीटिंग हॉल में पहुंचे ,

सभी उतावले हुए जा रहे थे कि शायद कुछ बड़ी और महत्वपूर्ण घोषणा होने वाली है,

तभी कपूर साहब सबसे मुखातिब हुए,
" हेल्लो माई हैंड्स एंड डियर फ्रेंड्स गुड इवनिंग।"
"गुड इवनिंग सर।"
सभी ने एक स्वर में विश किया,

कपूर साहब ने कहा कि " मै जाते जाते कुछ अच्छा करना चाहता हूं , नया रिकॉर्ड बनाना चाहता हूं और इस प्रोजेक्ट में जिसका सबसे ज्यादा योगदान होगा वही कंपनी का अगला सीईओ होगा।"
सबके कान खड़े हो गए सभी ने कमर कस ली , फोकस और बढ़ा लिया,
" देखो ध्यान से , हम एक नया डिटर्जेंट प्रोडक्ट लॉन्च कर रहे है, इसे मैंने रात दिन एक करके प्लान किया है, और ये मार्केट में धूम मचा देगा, सो ऑल यंगीज़,
जो इस एक महीने के अंदर इस प्रोडक्ट को बेच कर सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमा कर दिखाएगा जाहिर सी बात है उसका रिवॉर्ड तुम सभी अच्छे से जानते होंगे।"
कानाफूसी शुरू हो गई, कुछ लोग बड़े कॉन्फिडेंट थे तो कुछ के इस परीक्षा से पसीने छूट रहे थे,

लेकिन इनके बीच एक बहुत ही उम्दा रिकॉर्ड वाला व्यक्ति था किशनलाल , एक छोटे से गांव का लड़का बतौर सेल्स पर्सन कंपनी में आया था ,अब टॉप लेवल मैनेजमेंट में पहुंच गया था, उसने अभी तक के सारे टारगेट अचीव किए थे,

सभी को लग रहा था कि वही सबसे ज्यादा सेल करेगा क्योंकि उसके बहुत सारे कॉन्टैक्ट्स थे, और उसकी टीम लीडरशिप बहुत अच्छी थी, पर बात सी ई ओ के पद की थी सभी को अपना अपना बेस्ट तो देना ही था, कोई किसी से अपने आप को कम नहीं समझ रहा था, क्योंकि इतने बड़े स्तर के अधिकारियों में आत्मविश्वास का स्तर भी ऊंचा होता है,

तभी दूसरे दिन से सारे अधिकारियों ने स्ट्रेटजी बना , प्रोडक्ट बेचने शुरू किए ,

जब कुछ दिनों बाद सभी लोग आपस में मिले तो एक दूसरे से सेल के आंकड़ों की तुलना की,

तभी वर्मा जी को लगा वो तो पीछे रह गए है , उन्होंने अगले दिन से अपनी कोशिश और तेज़ कर दी,

वहीं शर्मा जी ने एक जुगत भिड़ाई की क्यूं ना मै अपने वालों के नाम से बहुत सारे प्रोडक्ट के पैकेट खरीद लूं एक बार की तो बात है सी ई ओ बनने के बाद फिर क्या सब कवर हो जाएगा,

इस बीच, इस बार सबसे बुरी स्थिति में किशनलाल था ,
बाकी सारे लोग अच्छी स्थिति में चल रहे थे और रही बात  शर्मा जी की तो वो चीटिंग करके टॉप पर चल रहे थे,

एक माह बीत गया , कपूर साहब की टेबल पर सभी अधिकारियों के सेल्स के डाटा रखे गए,

उसके बाद कपूर साहब ने मीटिंग बुलाई, इस मीटिंग में दो चीज़ें घोषित होनी थी

एक विजेता का नाम और दूसरा अगले सी ई ओ का नाम,

कपूर साहब ने कहा " मै टॉप थ्री लोगों के नाम लूंगा ",

तीसरे नम्बर पर है,
अमित कुमार,

दूसरे नम्बर पर है,
गजेन्द्र वर्मा

और विजेता है प्रथम स्थान पर
प्रीतम शर्मा

सब खड़े होकर तालियां बजाने लगे , शर्मा जी की आंखों में जीत की खुशी के गलगले अा गए थे,

लेकिन उनमें से एक व्यक्ति था जो जानता था कि शर्मा जी ने चीटिंग की थी, अपने ही वालों को फेक तरीके से प्रोडक्ट सेल किए थे,

वो बड़ा ही मायूस था और कपूर साहब की मूर्खता पर नाराज़ हो रहा था,  साथ ही आत्मग्लानि भी महसूस कर रहा था कि मै एक ऐसी कंपनी का हिस्सा हूं जहां के सी ई ओ इतने तुगलकी है और आने वाला सीईओ एक चीटर इंसान है,

कपूर साहब ने हर साल जो ईयर एंड में होती थी वो सेरेमनी अभी ऑर्गेनाइज करवाते हुए ,शील्ड  टेबल पर सज़वा दी सब इसे देख कर हैरान थे की ये अब क्या इवेंट हो रहा है?

नाम घोषित कर एक एक करके विजेताओं को स्टेज पर बुलाया गया

अमित कुमार, उन्हे छोटी शील्ड दी गई,
गजेन्द्र  वर्मा  ,उन्हे उससे बड़ी शील्ड दी गई,
प्रीतम शर्मा , उन्हे सबसे बड़ी शील्ड दी गई।

किशनलाल अपना मुंह छुपाते फिर रहे थे, कभी टारगेट नहीं चुकने वाला व्यक्ति चुका भी तो ऐसी घड़ी में जब उसे सबसे अच्छा परफॉर्म करके दिखाना चाहिए था, उसने एक महीने में मात्र चार पैकेट ही  बेचे थे, जो कि सबसे कम थे।

तभी कपूर साहब बड़ी फूलों की माला ले कर आए और
माइक से घोषणा हुई कि

कंपनी के अगले सीईओ मिस्टर किशनलाल पटेल है, सब भौंचक्के रह गए, ये क्या हुआ था किसी को समझ नहीं आ रहा था,

तभी कपूर साहब ने पूरी कहानी बताई ,

" तुम सभी लोगों ने इस डिटर्जेंट को खोल कर खुद इस्तेमाल करके देखा क्या ? नहीं , देखते तो पता चलता की कितना बेकार प्रोडक्ट था ,ये एक फ्लॉप प्रोडक्ट था शायद मिस्टर प्रीतम शर्मा ने ही सबसे पहले इसे रिजेक्ट किया था , इसके कम्पाउन्ड से वो सहमत नहीं थे एक मीटिंग में और आज सबसे ज्यादा उन्होंने ही उसे सेल कर दिया कमाल की बात है, आप सभी ने अपने प्रॉफिट के चक्कर में हमारे सालों से बने ग्राहकों के प्रॉफिट को नजरअंदाज किया है , आगे की बात हमारे नए सीईओ साहब किशनलाल पटेल बताएंगे?"

कपूर साहब ने किशनलाल को माइक पर बुलाया
"कम ऑन जेंटल मेन...."

"सर मैंने इसके चार पैकेट लिए और खुद के परिवार में बाटें
खुद भी कपड़े धो कर देखे,
ना दाग गए ना डिटर्जेंट की खुशबु  में वो मज़ा था ,
मै एक सीईओ के पद के खातिर अपने सालों के जमे हुए कस्टमर्स के विश्वास से खिलवाड़ नहीं करना चाहता था, उन पर विश्वास जमाने में वर्षों लगे हैं बहुत मेहनत लगी है,
किसी ने अब तक चाहे कुछ भी आश्वासन दिए हो पर मैंने प्रोडक्ट जब तक नहीं बेचे जब तक मैंने उसे खुद उपयोग करके नहीं देखा,
और रही बात टारगेट की तो शर्मा जी हमेशा अच्छे प्रोडक्ट बनवाते रहे है क्वालिटी कंट्रोलर की भूमिका में उनका सरहानीय योगदान रहा है, इसके पहले  कंपनी के सभी प्रोडक्ट वाकई बहुत अच्छे थे जिन्हें बेच कर टारगेट पूरा किया जा सकता था, धन्यवाद सर , सभी साथियों को भी धन्यवाद।"

आज गांव से निकले  और जमीन से जुड़े किशनलाल इतनी बड़ी कंपनी के हेड हो चुके हैं।

और इधर प्रीतम शर्मा को मिली बड़ी शील्ड उनकी नाकामयाबी का प्रतीक बनकर रह गई।