अपने दिल की बात ही तो सुनती हूँ,
तभी तो इस जगह खड़ी हूँ,
बड़ो की सुनी होती,
तो शायद अभी कही 'ऊँचाई' पर होती|
उस जगह, जहाँ सब मुझे 'सिर उठा के' देखते |
मुझे कोई ये नहीं कह पाता कि तुम किसी काम की नहीं हो,
अगर बराबर का दर्जा चाहिए तो ताने भी तो बराबर के ही मिलेंगे,
इस बात से तसल्ली करती हूँ |
शायद मुझे किसी बात का मलाल भी ना होता,
कि काश में ये ना करती तो अच्छा होता |
वो भी क्या दिन थे|
जब रोज कॉलोनी में खेला करते थे|
एक साथी कम हो जाये तो रोड पर से ही आवाज लगाया करते थे|
हम आउट हो जाये तो रूठ जाया करते थे|
बस एक और चांस दे दो, ज़िद्द पर अड़ जाया करते थे|
भईया की उंगली पकड़ कर रोज स्कूल जाया करते थे|
भईया से झगड़ा अगर हो गया तो रोड पर है लोट जाया करते थे|
दीदी अगर अपनी दोस्तों के सामने मुझे इग्नोर करे तो जल जाया करते थे|
पापा अगर गुस्सा करें तो पलंग के नीचे छुप जाया करते थे|
वो भी क्या दिन थे|
शुक्रवार और शनिवार को चुपके चुपके सारी फिल्म देख लिया करते थे|
रविवार को चित्रहार और शाम के 4 बजे की फिल्म का इंतज़ार किया करते थे |
शनिवार को शक्तिमान के लिए स्कूल से भाग कर आया करते थे
वो भी क्या दिन थे|
शक्तिमान बनने की एक्टिंग किया करते थे |
आलू का पराठा सबसे पहले मुझे दो की रट लगाया करते थे|
वो भी क्या दिन थे|
ज़िन्दगी तू कहाँ खो गई,
बचपन में ही अच्छी थी,
अब तू बड़ी हो गई,
तू भटक रही,
राह पकड़ सही,
चल समय के साथ,
थाम ले हाथ,
बढ़ आगे,
गिर,
उठ,
ना रुक,
ना थक |
दो मिनट की खुशी के लिए,
हम दूसरों को दुखी कर देते है,
हम कितने स्वार्थी हो गए है |
क्यों करते है हम ऐसा,
मत करो ऐसा,
बस सोच लो थोड़ा सा |
क्या पता तुम्हारी एक हाँ,
किसी की ज़िन्दगी आबाद कर दे,
तुम्हारी एक ना किसी की ज़िन्दगी बर्बाद कर दे |
जिंदगी की आशाएं कभी ख़तम नहीं होती,
मै शायद हमेशा से ही ऐसी हूँ,
या अब हो गयी हूँ
मै शायद खो गयी हूँ|
खुद की तलाश जारी है,
आखिर जीवन क्यों मिला मुझे, उसकी खोज जारी है|
किसी की एक बात इतनी खास,
किसी की हजार बातें भी होती बेअसर |
किसी के लिए दे ताना सारा जमाना,
किसी के लिए हमनें भी था दिया ताना |
किसी ने कह दी मन की बात,
किसी ने एक शब्द भी कहा ना |
किसी ने ख़र्राटे लिए पूरी रात,
किसी ने पूरी रात सोया ना |
किसी ने देख लिए इतने दुःख, तब भी रोया ना |
किसी ने देख लिए इतने सुःख, तब भी मुस्कराये ना |
ये कैसी पहेली है "ज़िन्दगी" , मुझे तो समझ आये ना|
जिनको समझ में आये, वो भी सुलझा पाए ना |
अगर ग़म है तो गुज़र जाएगा,आने वाला कल खुशियाँ लाएगा|
मुझे लिख लेने दो, हर पल,
क्योंकि किसने देखा है कल |
यूँ तो मुस्कराना आता है,
पर एक कोने में मुझे भी दर्द होता है|
जो किसी को नहीं पता चलता,
क्योंकि मुझे बताना नहीं आता |
मुझे भी नहीं एहसास उस दर्द का कितना गहरा है,
कैसे बताऊूँ, सामने यह मुस्कुराता हुआ चेहरा है|
जब आईने में देखती हूँ खुदको, तभी मुझे समझ आ पाता है |
I love myself.