( जैसे कि हमने देखा कि जेरी का घर आता हैं और वो बस से नीचे उतरता हैं अब आगे...)
जेरी के दरवाजे पे ताला लगा हुआ था । रोबेर्ट कॉस्मेटिक की एक कंपनी में मैनेजर था । तो कई बार उसे आते हुए देर होजाती थी लेकिन घर की एक चाबी जेरी के पास हमेशा रहती थी । जेरी ने दरवाजा खोला । घर काफी साफ था और टेबल पर नास्ता भी पड़ा था । जेरी ने अपना यूनिफॉर्म निकालकर अपनी फ़ेवरिट टीशर्ट पहनी । और टोबी को जगाने के लिए अपने कमरे मे गया । टोबी अभीभी सो रहा था जेरी ने उसे जगया और दोनों नास्ता लेकर सोफे पर बैठ गए । थोड़ी देर मैं रोबर्ट भी आ गया । आज वो काफी अच्छे मुड में लग रहा था । वो भी हाथ मुह धोकर जेरी के पास बैठ गया । आज उसने जेरी को कुछ पैसे दिए और कहा कभीभी तुम्हे किसीभी चीज की जरूरत हो तो बेजीजक मांग लेना ।
जेरी : थैंक्स डेड । सब ठीक हो जाएगा डेड । ऐसा कहकर जेरी ने उसके डेड को हग किया ।
उतने में जेरी की नजर घड़ी पर पड़ी और उसे याद आया उसे लाइब्रेरी जाना हैं ।
जेरी : ओह्ह डेड 5 बज गए मुजे लाइब्रेरी जाना हैं रात को मिलते हैं ।।
रॉबर्ट : ठीक हैं । 8 बजेतक आ जाना आज तुम्हारे लिए मैं स्पेशियल दीनर बनाऊंगा ।
जेरी : ठीक हैं डेड , bye , bye टोबी ।
जेरी लाइब्रेरी जाने के लिए निकलता है । कोलमा कि पुरानी लाइब्रेरी जेरी के घर से थोड़ी ही दूर थी । जेरी लाइब्रेरी पहुँचा । स्टेसी और चक भी वहां आ पहुचे थे । वो अपनी साइकिल को पार्क कर रहे थे ।
कोलमा की पुरानी लाइब्रेरी थी तो पुरानी लेकिन सभी किताबे यहिसे मिल जाती थी । काफी पुरानी किताबो का भंडार भी था । के किताबे तो सदियों से संभालकर रखी गई थी । लेकिन आज उसमे से कुछ रद्दी मैं जाने वाली थी । सब लाइब्रेरी के अंदर पहुचे । लाइब्रेरी को रेनोवेट किया जा रहा था और बाहर बोर्ड भी लगाया था कि 7 दिनों तक लाइब्रेरी बंध रहेगी ।
एक और कुछ पुरानी किताबे वहाके लाइब्रेरियन mr जोर्डन रद्दी मैं दे रहे थे ।
जेरी : ये क्या mr जॉर्डन ।आप इन किताबो को रद्दो में क्यो दे रहे हैं
Mr जॉर्डन : आओ जेरी , मैं जानता था तुम आज यहा आओगे तो ये सवाल जरूर करोगे । मानाकि ये किताबे कीमती हैं लेकिन हमारी लाइब्रेरी मैं कुछ नइ किताबे आनेवाली हैं तो इन सब को निकालना होंगा ।तुम लोग चाहो तो कुछ इसमेंसे ले शकते हो ।
जेरी : ठीक हैं mr जॉर्डन वैसे भी नई किताबे आरही हैं ये तो हमारे लिए और भी अच्छा हैं ।
उतने मैं जेरी की नजर एक किताब पर पड़ी । वो किताब पुरानी तो नही थी लेकिन उसपर काफी धूल जमी हुई थी । और उसके फ्रंट कवर पर रहस्य लिखा था । जेरिने हाथ मे लेकर किताब खोली । ये किताब खोली किताब के कुछ पन्ने हाथोंसे लिखे थे तो कुछ किसी पुराने टाइप राइटर पर लिखे हुए हो ऐसा लग रहा था । और उसके लेखक का नाम बेंजामिन रॉय था । जिसका नाम किसीने नही सुना था । लेकिन पतानहीं क्यों ,लेकिन जेरी ने वो किताब उठा ली । स्टेसी और चक ने भी कुछ किताबें ली ।
किताबे लेकर सब अपने अपने घर पहुचे । जेरी भी घर पहुचा । उसने वो बेंजमीन रॉय की किताब अपने कमरे में डेस्क पर रख दी । आज रोबर्ट ने कॉर्न पास्ता बनाया था जो जेरी का पसंदीदा था । आज डाइनिंग टेबल पर जेरी और रॉबर्ट ने ढेर सारी बाते की ।अपनी पुरानी यादें ताज़ा की। । कैसे वो लोग वीकेंड को मूवी देखने जाते थे और वेकेशन में सेंघा बीच घूमने जाते थे ।अब सबकुछ सही हो रहा था । करीब 2 घंटे तक दोनों ने बाते की रोबर्ट भी अब अच्छा महसूस कर रहा था । उसने भी अपनी बीती बाटे भुलाकर नई सुरुआत करने का फैशला किया ।
करीब साढ़े ग्यारह बजे थे । जेरी अपने कमरे मे सोने जा रहा था ।टोबी तो कबका सो चुका था । उतने में जेरी का ध्यान डेस्क पर पड़ी किताब पर पड़ा ।जेरी ने डेस्क पर से उस किताब को उठाया और अपने बेड पर बैठकर पढ़ना सुरु किया ।
इन्सान क्या है । अगर आप कहेंगे कि इंसान पृथ्वी पर रहनेवाला एक सजीव हैं तो आप गलत हैं । ये सब नाम " पृथ्वि , इंसान ,सजीव , भाषाएं इत्यादि हम सब ने इज़हार किया हैं बाकी असल कहानी कुछ और है । माना कि मुजे भी ये सब लिखने के लिए इन भाषाओं और शब्दो का इस्तेमाल करना पड़ेगा पर में आज कुछ ऐसी बाते बताउगा जो शायद आप को समज ना भी आये लेकिन मेरी बातों पर यकीन बनाये रखे ।
कई बार हम तय करते हैं हमें इतने बजे सुबह उठना हैं और हमारी आँख उसी वक़्त खुल जाती हैं ।कई बार हम किसीके बारे में सोचते है और वो व्यक्ति अचानक हमारे सामने आ जाता है फिर हम उसे कहते हैं कि अभी में तुम्हारे बारे मे ही सोच रहा था । कई बार ऐसा भी होता हैं कि हम किसी चीज को पाना चाहते है और उसीके बारे में हर वक़्त सोचते रहते है और वो चीज मिलना कहिसे भी मुंकिम हो जाता हैं । कई बार ऐसा भी होता हैं कि आप कुछ गलती करते हो फिरभी सब सही हो जाता है । तो कई बार ऐसा भी होता हैं कि आपको सबकुछ सही करने के बावजूद उसका योग्य परिणाम नही मिलता । कई बार तो हम जो कुछ भी चाहते हैं वो ही होते जाता है । और कई बार सबकुछ हमारी धारणा के विपरीत होता जाता हैं । ऐसी अनगिनत घटनाए हमारे साथ होती हैं लेकिन हम इसे सिर्फ इत्तफाक का नाम देते है । क्या ये वाकई मैं इत्तफाक होता हैं?
जी नही ये सिर्फ इत्तफाक नही हो शकता । आजसे हजारो साल पहले इंसान जंगल में रहता था बाकी सारे सजीवों के साथ । लेकिन इंसानी दिमाग एक ऐसी ऊर्जा उत्पन्न करता था जो श्रुष्टि की ऊर्जा में मिलकर अपनी इच्छा और आकांक्षा को पूरी करने में इंसान को मदद करती थी । यही बात इंसान को दूसरे जीवो से अलग करती थी । इसी ऊर्जा के जरिये इंसान ने अनगिनत खोजे की । लेकिन एक वक्त ऐसा आया कि ये ऊर्जा कम होने लगी ।ऐसा क्या हुआ था कि ये ऊर्जा कम होने लगी ये तो कोई नही जानता । लेकिन उसके बाद सबकुछ बदल गया । इंसान की सोच एक हद तक सीमित हो गई । इंसान ने अपना परिवार बनाया अब इंसान सिर्फ अपनी और अपने परिवार की जरूरते पूरी करने लगा था । और उसी मैं अपनी पूरी जिंदगी बिताने लगा औऱ आज भी ऐसा ही कर रहा हैं ।जैसे कि बचपन से 20 साल तक पढ़ाई फिर जवानी में पैसे कमाने के लिए नोकरी या कुछ बिज़नेस ।फिर सादी फिर बच्चे फिर उसकी पढ़ाई फिर उसकी शादी फिर बुढापा । इसी चक्रव्यू में इंसान अपनी जिंदगी बिताने लगा । इस चक्रव्यू को हमने समाज का नाम दिया जिसमें सब कैद हो गये और यही जीवन हैं ये हम सब ने मान लिया । उसी समाज मे रहते हुए इंसान में भावनाये , गुस्सा , प्रेम , नफरत , दोस्ती , जाती , भेद ये सब चीज़े आयी i इन सब चीजों में इंसानी दिमाग काफी उलझ गया । इसके बावजूद उस ऊर्जा का कुछ अंश इंसानी दिमाग मे अभी भी मौजूद हैं । इसी के कारण वैसी घटनाएं घटती हैं जिसे हम इत्तेफाक कहते हैं ।
आज इंसान के दिमाग की वो ऊर्जा का जितना अंश मौजूद हैं वो भी कई नामुनकिन खोजे कर शकता हैं । सोचो अगर अभी भी वो सारी ऊर्जा अस्तित्व में होती तो आज क्या होता । हजारों साल पहले ऐसा क्या हुआ जिसने इंसान के दिमाग को सीमित कर दिया । क्या उस खोई हुई ऊर्जा को वापस पाया जा शकता हैं ?......
जेरी ने पूरी रात वो किताब पढ़ी । अब उसे नींद नही आ रही थी । उस किताब की बातों ने उसे चौका दिया था । वो सोच में पड़ गया था कि इस किताब की बातों पर वो यकीन करें या न करे ।
To be continue....