पिंकी
पिंकी टीवी पर कार्टून देख रही थी। टाॅमन एन्ड जेरी उसका फेबरेट प्रोगाम था। तभी उसकी मम्मी आई बोली,‘‘ पिंकी बेटा होमवर्क कर लो’’ मम्मी की बात सुनकर पिंकी होमवर्क करने लगी पर पिंकी को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो मम्मी ने उसे समझाया और उसका होमवर्क करवाया। फिर उसकी मम्मी उसके साथ आँख मिचोली खेलने लगी। अचानक पिंकी टेबल से टकराकर गिर पड़ी और उसे चोट लग गई अब वह जोर-जोर से रोने लगी।मम्मी बोली बेटा अभी सब ठीक हो जाएगा इतना कहकर डिटोल से पिंकी का पैर साफ किया उस पर दवाई लगाकर उसे सुला दिया। दूसरे दिन पिंकी को पिकनिक जाना था पर उसे तेज बुखार चढ़ गया था इसलिए वह नहीं गई वह जिद करने लगी मम्मी मैं जाऊँगी सब बच्चे जा रहे हैं। मम्मी ने उसे समझाया और नहीं जाने दिया। पिंकी इस बात पर मम्मी से नाराज होकर बोली मम्मी मैं आपसे कुटा हूँ। उस दिन पिंकी पूरे दिन टीवी से चिपकी रही खाना भी नहीं खाया। मम्मी ने पिंकी को मनाया उसे थोड़ा खाना खिलाया उसके सर पर गीली पट्टियाँ रखीं। रातभर मम्मी बिलकुल भी नहीं सोई यह सिलसिला दो-तीन दिन तक चलता रहा। उसकी मम्मी ने उसकी रात दिन सेवा की और उसे पढ़ाया क्योंकि कुछ दिनों बाद पिंकी के यूनिट टेस्ट होने वाले थे इसलिए मम्मी को चिंता भी हो रही थी।
अब पिंकी ठीक हो गई थी उसके सभी टेस्ट बहुत अच्छे हुए। यूनिट में अपने माक्र्स देखकर खुशी से फूली न समाई घर आकर मम्मी-मम्मी चिल्लाने लगी और किचन में गई तो देखा मम्मी खाना बना रही थी बहुत बीमार लग रही थी। पिंकी ने जब हाथ लगाया तो बोली अरे! मम्मी आपको तो तेज बुखर है चलो आराम करो और ख्ंिाचकर उन्हें कमरे में ले गई बैड मैं लिटा दिया। उस दिन पिंकी ने अपने आप कपड़े बदले और खाना खाया फिर मम्मी पानी से पट्टी की और विक्स भी लगाया। डाॅक्टर अंकल को फांन करके बुलाया। डाॅक्टर ने पिंकी की मम्मी देखा और दवाई दे दी बोले, ‘पिंकी बेटा तुम मत रोओ,तुम तो मम्मी को बहादुर बेटी हो कल तक तुम्हारी मम्मी का बुखार भी उतर जाएगा’।
अगले दिन मम्मी का बुखार उतर गया। जब पिंकी सुबह उठी तो अपने आप स्कूल की यूनिफार्म पहनने लगी पर उसे टाई बाँधनी नहीं आ रही थी वह बार-बार बाँधने की कोशिश करती पर टाई खुल जाती तभी पीछे से मम्मी और टाई बाँधने लगी पिंकी ने देखा मम्मी अब ठीक हो गई हैं। वह मम्मी के गले लग गई और बोली, सारी मम्मी मैं अब आपसे कभी कुटा नहीं होऊँगी। मम्मी अब्बा मम्मी अब्बा कहते हुए रोते हुए वह अपनी मम्मी की गोद में बैठ गई। आज पिंकी को अपनी गलती का एहसास हो गया था। पिंकी की बात सुनकर उसकी मम्मी ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और कहने लगी मेरी गुड़िया अब समझदार हो गई है। अब वह कभी मम्मी से नाराज नहीं होगी। हमेशा मम्मी का कहना मानेगी। हम सब लोग संडे को पिकनिक जाएँगे। अपनी मम्मी की बात सुनकर पिंकी खुश हो गई और ताली बजाकर कहने लगी मम्मी हम सब पिकनिक जाएँगे।
आशा रौतेला मेहरा
कविता काॅलोनी