में जिंदगी मे अपनी गलतीयों से ही सीखी हुं कभी कभी हम दुसरो पर खुद से भी ज्यादा भरोसा कर ते है, वहीं हमको जिंदगी जीना शिखा जाते है,मेरी गलती मुजे सही गलत को परख ना सिखा गई,
कभी कभी लोग हमको अपनेपन का दिलासा देके हमको सपनों की पोलीसी देकें लोग हमको पागल बनातें है, वो लोग ए नहीं सोचते की आज इसकी तो कल मैरी भी बजने वाली है, कीसी का खराब वख्त देखा नहीं और मजाक उडाने आ जाते है,लोगों ने तो राम, क्रिष्ना,मुहम्म्द साहेब नानक गुरु,जीसस वर्धमान, बुद्ध को भी न छोडा तो हम क्या है?और वही लोगों की कमी महेसुस होती है हमे जो दुनिया को जीना शिखा जाते है...
बाद मे वही लोगों की पुजा करते है.लोगो का काम ही है बातें बनाना, बाद मे वहीं लोगों की कमी महेसुस करके दु:खी होना, पर वह बिचारे को जीने तक न देते,
बाते तो लोग बहुत बडी बडी करते है, फिलोसोफी तो बडी बडी मारते है पर कोन बदलाव लाया जरा एक माइ का लाल तो दिखावो जीसने फिलोसोफी अपनी जींदगी मे उतारी हो.
बडे बडे माहापुरुषो की फोटो दिखा के बड़े बड़े भाषन ही देते हो थोडा खुद को तो बदलो फीर दुसरे को बदले.
गलती सबसे होती है गलती के बीने इन्सान कैसा.मुझे अपनी फेवरेट लेखिका मानते हो तो मेरा एक नम्र निवेदन है की इन्सान को अपने जीवन गलती जान बुच कर करनी चाहिए, कहीं एक गलती आपकी जिंदगी सुधार दे. आपको सफलता की अनुभुती कराए.वहीं गलती आपको कहा पहोचा दें पर शर्त इतनी है,की आपको वहीं दुबारा न दोहरानी है. वही अनुभव से आपको शीखना है,
"क्षमा एक विचित्र चीज है यह ह्रदय को सुकून देती है,
और डंक को ठंडा करती है।"
"कमजोर व्यक्ति कभी क्षमा नहीं कर सकता, क्षमा करना शक्तिशाली व्यक्ति का गुण है।"
क्षमा करना तो वीरता काम है कायरो का नहीं राम ने भी रावण को कहीं अवसर दिए थे, पर वो नहीं माना और लोगों के ह्रदय मे अमर हो गया.
कभी हम जीसे अपना मानते हे वही हमको वहीं हमको सब कुछ शीखा जाते है, वहीं इन्सान की परख करना शीखा जाते है.
आज कल सलाहकार फ्री मे मिल जाएगे. सलाह देना तो फेशन हो गई है, क्योंकी देने वाला भी समजता है की देते जावो देते जावो ए दुसरे ये लीए है हमारे लीए नहीं.मेरे जिंदगी की तीन गलती इसमे मेरे साथ भी एसा हुआ.मेने एसे लोगो पे भरोसा कीया की जो भरोसा शब्द को भी तार तार कीया.ए कोई लोग तो जिंदगी मैं आपको एसे भी मिलेंगे की सिर्फ अपना होने का ढोंग ही करेंगे.उनके अंदर आपको बरबाद करने की जंगी राजनीति चलती होगी.संभल जा दोस्त जरा तुं जुठ का शिकार तो होगा बरबाद तो हो जाएगा.मेने ए भी गलती की में ने खुद पे भरोसा न किया पर दुसरे पें तो आसानी से कर दिया.
मैं ने खुद के दिल की तो कभी न सुनी मुझे किसी ने पागल का भी अवोड देना सुरु कर दिया. मे कीसी काम की न कलंक एसा तो मुझे सारी जगह सुनने को मिला..५साल पहेले मेने भी अपने दिमाग पर गांठ बांध दी थी मैने भी ए मेरी भी एक गलती भी थी जिंदगी की मैं अपने आपको दुसरे से कहने पर कोसती गई.
जिंदगी मैं सबको चडाव उतार का सामना करना पडता है, सबको दुख से गुजर ना पडता है. सबको हवा मैं ऊंची उडान चाहिए पर रास्ता जमीन से ही शुरु होता है. पर सब हवा मैं ही उडना है.इस लीए सब तनाव मैं डुब जाते है.
समय सबका बदलता है सबके अच्छे दीन आते है, पर सबका पानी पैर से निकल जाता है.
और सबकी रीयालीटी दीख जाती है.
जींदगी के मोड भी हमको कहा से कहा की सफर कराते है, जींदगी को साईकील की तरह चलाना आ जाये तो सब सुहाना लगता है. पर सब को हमको निराशा के ही बादल दिखाते है.
हमको कोइ अलग सुज़ाव देने आये, आप सुनेगे तो आपको सायद यकिन न हो कीसी ने तो मेरे मा बाप को मुजे खतम करने या मुजे जहर का इंजेक्शन दे देने का सुजाव भी दिया. काम सुजाव भी दिया.आप लोगो को बहुत उत्सुकता होगी की कोन होगा ए बुद्धिमान पर ए बुद्धि मान का नाम मे जाहेर मेरी लास्ट मे बोलुंगी.
जिंदगी में दु:ख है तो सु:ख का तो महत्व समज मैं आता है. पर सबको ए दिन से गुजरना पडता है़.
सफलता भी वही लोग को चुनती है जीसका दुनिया मजाक बनाये. पर वही सबको राह वही दिखाते है.
कुदरत कीसी को फटाक से मंजिल तक न पहोंचाती.राह मैं कीतनी तो अडचन आती है. कीतने तो राह में कांटे आते है, बाद मे हमको मंजील तक पहोंचाती है.पर हमको कोई एक ही सलाह देता है की लगे रहो जो सब ने किया वही तुम करो पर में कहती हुं आप पहले बहुत ट्राय करो.और बाद में न होतो रास्ता दुसरा पकड लो.हमने मेहनत की हमसे न हुआ तो दुसरा काम करो.पर मुजे तो किसी ने ए न शिखाया.मुझे तो सब ने बोला की ए कुछ न कर शक्ति. पर मैं वे सब लोगों को मुँह तोड जवाब देके ही रहुंगी.में इतनी आसानी से न छोडुंगी कीसीको.पर सबके दिन आते है. कभी कभी तो हमारे अपने भी अपने न रहेते.
कभी कभी हज़ार माफियाँ
भी कम पड़ जाती है
सिर्फ एक गलती के लिये..!!
मुझे तो सबसे जीतना ही शिखाया.और बाद में हारी तो मैं कीसी काम की नहीं. मैंने भी दिमाग मैं ए बात ठसा दी थी पर अब ज्यादा हो गया था अब और नहीं. में ने मेहनत करना शुरु कर दिया.५साल से कर रही हुं.मुफ्त मैं जो मिलता है,उसे सफलता न भीख कहते है.वो तो हम लाचार को देते है.मेहनत से मिली हुई मंजिल का भी आनंद अदभुत होता है.
पर सब अपना होने का दावा तब करते है जब आप आगे हो सफल हो सबमें परफेक्ट हो तब वरना कोई आपका अपना न होता.
मेरे साथ भी यही हो रहा है. आज मेरे साथ कोई न है. जब में आगे आउंगी तब मेरे से रुठे अपने भी मुझे अपना समजेगें. सबको अच्छी ही चीज या व्यक्ति चाहीए.बडी बडी फिलोसोफी बताने वाला यही समजे की यह फिलोसोफी पहले मुज पे ही लागु पडती है.
"दोस्त हम ने बहुत बडी बडी बाते की चलो जरा खुद पहेले शिखे..
बहुत हम ने दुसरे को खुला किया चलो एक बार हम भी अपनी कमीयों से खुले हो.....
बाते तो हम बडे लोगो की करते है कभी अपने जीवन को बदले.....
हमने बहुत दुसरे की ग़लती देखी जरा अपने अंदर भी कमीयां झांखे .....
हम खुद कांच कें धर मैं रह कर बहुत पथ्थर मारे.जरा खुद को भी तो देखे......
शैमी ओझा..