(पिछले पार्ट में हमने देखा कि अपने दांपत्य जीवन में सुखी जिया के सामने एक रहस्यमई घटना घटती है अचानक एक कौवा उसके पास आकर बैठ जाता है उसकी आवाज कर्कश और विचित्र है
दूसरी तरफ एक छोटे से जिन्नात के बच्चे को डर देखकर डरी हुई निगाह के साथ क्या होता है पढीए इस भाग में..)
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वह रात अमन की जिंदगी में सबसे खौफनाक रात साबित हुई!
तकरीबन तीसरा प्रहर था!
अगर वारिसखान की रूह उसे अपने घर ना ले आती तो गुलशन की आत्मा उसी का भी वही हश्र करती जो उसने कसूरवार लोगो का किया था!
जब गुलशन की आत्मा ने उसके मन को भ्रमित कर दिया तो अमन एक पाकीजा औरत पर हवस भरी निगाहों से देखता हुआ झपटने ही वाला था कि ऐन वक्त पर अंजुमन के शरीर में जिन्नात ने आकर मतिभ्रमित हुए अमन से उसकी रक्षा की ,और अमन पर हावी हूई गुलशन की रूह को भागने पर मजबूर कर दिया !
अंजुमन के शरीर में रहे जिन्नातो ने बहुत सी बातें बताई!
फर्नांडीस के बाद बारी-बारी सबको गुलशन ने कैसी बेरहमी से मारा था वह सब बताया!
जब वह खुदा हाफिज करके चले गए तब अंजुमन पूरी तरह थक चुकी थी! उसके कंधो पर से काफी बोझ हल्का हो गया था!
अमन ने देखा कि फिर से वही पर्दे पर दुबली पतली सी परछाई दिखने लगी!
"आप ठीक है अमन जी..?"
"हां मैं बिल्कुल ठीक हूं! "
अमन ने कहा था!
क्योंकि अब उसे उस बात पर जरा भी डाउट नहीं था कि वह मौत के मुह से बाल बाल बचा है और अभी भी कुछ कहा नहीं जा सकता था कुछ भी हो सकता है! गुलशन की आत्मा को रोकना इतना आसान नहीं था!
"आप घबराइए नहीं..!"
अंजुमन जैसे अमन का मन पढ़ते हुए बोली!
इसका कोई ना कोई रास्ता जरूर मिल जाएगा मुझे यकीन है सुबह फज्र तक मैं तुम्हें महफूज कर दूंगी!
"आप मुझे ये बताईए आपके पति की हत्या के बाद तावडे ने कोई तहकीकात नहीं की..?"
" एसा नही है, एक साथ इतनी हत्याएं होने पर यहां की पुलिस कुत्तों की तरह खूनी को तलाश रही है !
इनकी मौत के पश्चात तावडे मेरे पास भी आया था!
तावड़े का कहना था कि उनकी मौत से जस्ट चंद पल पहले उन्होंने तावडे को कॉल की थी!
वह काफी घबराए हुए थे !
तावड़े ने उनके फोन की कॉल डिटेल चेक की .. नंबर गुलशन के नाम का बता रहा था
सिम गुलशन के नाम पर थी!
उस नंबर की लोकेशन पता करके फोन को एक्सीडेंट हुई कार में से बरामद किया गया!
तावडे ये सोचकर हैरान था कि इस हादसे में जख्मी हुए खलील को हॉस्पिटल में भेज दिया गया था!
उसकी वाइफ का कोई अता पता नहीं था फिर कॉल किसने की..?
तावड़े का दिमाग घुमा हुआ है!
अभी तक कोई भी सुराग नहीं मिला है!
उसी ने मुझे बताया कि धरम सिंग उर्फ गबरुसिंग.. उसके ढाबे पर अपने बेटे के साथ मरा हुआ पाया गया है!
वैसे भी पुलिस को कुछ भी हाथ लगने वाला नहीं है!
अखबारों और टीवी चैनलों ने इस घटना की जमकर आलोचना की है! लोग खूनी को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग कर रहे हैं पुलिस स्टाफ पर दबाव बना हुआ है!
मैं जानती हूं इनकी सारी कोशिशे धरी की धरी रह जानी है !
क्योंकि हत्यारा कोई इंसान नहीं है! बल्कि एक आत्मा है जो अपने साथ हुई हैवानियत और जुल्म का बदला लेने आई है!
हा... औरइस बात से पुलिस अंजान है.. पूरा पुलिस स्टाफ मिलकर भी चाहे कितनी भी उछल कूद कर ले इस हत्याकांड का मूल रीजन क्या है वह किसी भी पुलिसिये के दिमाग के पूर्जो में घुसने वाला नहीं है !
"काफी रात हो गई है अमनजी अब आप आराम से वहीं सोफे पर सो जाईए!"
"मुझे नींद नहीं आएगी.. मुझे अपने परिवार की बहुत फिक्र हो रही है!"
"डोंट वरी कुछ नहीं होगा ...!
फिलहाल आपका जिंदा रहना बहुत जरूरी है!
अमन ना चाहते हुए भी सोफे पर लेटा..!
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निगाह अपने कमरे में आ गई थी काफी हद तक डरी हुई थी!
सासु जी ने अपना गला दबाने की हरकत की थी और उन्हें गले की पकड़ छुड़ाने में निगाह को पसीने छूट गए!
घर में एक रेहान जैसा बच्चा घुस आया था तब से खौफनाक वारदाते शुरू हुई थी!
उसकी आंखे भारी हो रही थी अपने रेहान को सीने से लगाकर वह सोई थी!
एक मां का दिल हमेशां अपने बच्चों के लिए फिक्र मंद होता है!
अगर सवाल बच्चे की जिंदगी का है तो वो किसी हद तक जा सकती है! अपनी जिंदगी की उसे परवाह नहीं होती!
अपने हाथों से घेरा डालकर रेहान को छुपाकर वह सोई थी कि अचानक उसे लगा कमरे डोर खोलकर किसी ने कदम रखा !
धीरे से उसने आंखें खोली तो...!!!
वह हैरान रह गई! उसे यकीन नहीं हो रहा था उसके सामने इस वक्त अमन खड़ा था!
"आप कब आए ? मैंने कितना मिस किया आपको.? आज अगर आप ना आते तो हमारी जान ही निकल जाती..?"
वह दौड़ कर अमन के सीने से लग गई और फफक कर रोने लगी!
अमन उसकी पीठ सहलाने लगा!
उसकी आंखों में गजब की चमक थी!
"आप इतने जल्दी कैसे आ गए??
जबकि आप तो कह रहे थे कि रास्ते में कहीं फंस गए हो और गाड़ी का टायर पंकचर है..?
जिन्न की तरह प्रकट हुए अमन को देखकर उसे बहुत ही हैरानी के साथ सुकून मिला..!
किसी भी औरत के लिए उसका पति छत की तरह होता है..!
पति जब तक साथ होता है वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं!
उसकी गैर मौजुदगी मे आज पहली बार डर के साम्राज्य ने घर पर कब्जा कर लिया !
एक एक लम्हा, एक एक पल कितना भारी लगा उसके मन को..
उसको लफ्जो में बयां नहीं कर सकती थी!
उसने अमन के शर्ट के कॉलर पकड़कर फरियाद करते हुए कहा!
"मुझे छोड़ कर तुम क्यो दूर चले जाते हो अमन. ? अगर मुझे और तुम्हारे बच्चे को कुछ हो गया तो..? तुम नहीं जानते कितना डर गई थी मैं..!
अमन ने गोरे मखमली चेहरे के साथ अठखेलियां कर रही जुल्फों की चंचल लटों को सवारते हुए कहा!
"इतना डरो मत पगली.. तुम्हें कुछ नहीं होगा!"
"पता है किसी शैतानी बच्चे ने घर में प्रवेश किया है!
मम्मीजी को भी उसने काफी परेशान किया..!"
अमन ने अपने होठों पर उंगली रखकर उसे चुप रहने का इशारा किया!
"बे फिक्र हो जाओ तूम्हे कुछ नहीं होने दूंगा !"
उसकी आवाज में ठंडक थी ! ऐसे नशे का लुफ्त था की फिर निगाह नजरें उठाकर देख ना सकी..!
काफी सारी बातें थी जो वह जानना चाहती थी ! मगर अमन के आ जाने से कुछ हद तक घबराहट कम हो गई ! सारे सवाल फ्रीज हो गए!
अमन ने अम्मी जान के कमरे में जाकर देखने की जरा भी तस्दी नहीं ली!
वो बात निगाह को खटकी जरूर थी पर उसकी आंखों में नशा छाने लगा था! अमन ने जैसे ही उसे आगोश में भर लिया वह सब कुछ भुला चुकी थी! अपने आप को खो चुकी थी ! दिल पर कोई कंट्रोल नहीं था!
निगाह के वाईट ड्रेस से उसके नाजुक मरोड़दार अंग नुमाइश के लिए जैसे आपस में स्पर्धक बने थे!
अमन नें छोटी बच्ची की तरह उसे गोद में उठा लिया!
अमन का अंदाज कातिलाना था! उसकी नजरे उसके कंम्पते अधरों पर चिपक सी गई थी!
निगाह ने अपने शरीर को पूरी तरह परवश कर दिया!
अमन में उसकी आंखों से शराब के घूंट भरते हुए निगाह को बेड पर लेटाया!
अमन जैसे ही उसके होठों पर झुका..!
निगाह ने उसके मुख पर अपना हाथ रखते हुए आंखें तरेरी..!
"रूकिए... मै चेंज कर के आती हूं..!"
निगाह ने तेजी से एक अन्य कमरे में जाकर चेंज कर लिया..!
बारीक जालीदार कपड़े की स्लीवलैस नाइटी उसने पहनली थी! जिससे उसका पूरा बदन नमूदार हो रहा था!
जब वह बेडरूम में वापस लौटी तो लाइट ऑफ देखकर घबरा गई..!
"अमन कहां हो तुम...? यह लाइट कैसे ऑफ हो गई..?
तभी जीरो वॉल्ट का बल्ब जल उठा!
अमन वही बेड पर बैठा था!
पूरा कमरा फूलों की खुशबू से महक उठा था!
बेड पर गुलाब की पंखुड़ियों की चद्दर बिछाई गई थी!
अमन ने यह कमाल कैसे कर दिया ? वह सोच कर हैरान थी!
"अमन ये सब कैसे किया...?
अमन की और दबे पांव आगे बढते हूए उसके कदम कांप रहे थे!
Come on baby..! अमन ने अपनी दोनो बाहे पसारी..
वो अमन के पास बेड पर बैठ गई..!
निगाह ने पहने हूए नाईट वस्त्र का वाईट कलर लाईट मे चकाचौंध रोशनी बिखेर रहा था!
बहुत से इंसानों में एक तासीर होती है!
अपनी जिंदगी में घटने वाली हर एक घटना का उन्हें पहले से अंदेशा हो जाता है!
कुछ बात थी जो निगाह को खटक रही थी!
उसने अमन को आज से पहले कभी इतना बेसब्र नहीं देखा !
बहुत ही उतावला हो रहा था वह!
उसने निगाह की पलकों को चूमा..!
निगाह को आज हया से ज्यादा घबराहट महसूस हो रही थी कोई अजीब सी फीलिंग थी जिसके तहत उसके बदन का रोया रोया खड़ा हो गया जैसे छठी इंद्रिय संकेत दे रही थी!
अमन का बर्ताव उसकी समझ में नहीं आया!
वह लगातार निगाह के मखमली चेहरे को चूम रहा था!
निगाह में एक बात नोटिस की ..!
अमन के चेहरे पर अद्भुत चमक थी! उसकी आंखें बहुत ही रहस्यमय लग रही थी! निगाह को अपने सम्मोहन में कैद कर देने वाली वह तिलिस्मी निगाहो की पलकें एक भी बार झपकी नहीं थी!
जब निगाह की समझ में यह बात आई तब काफी देर हो चुकी थी!
उसकी मा अक्सर कहा करती थी!
"बेटा इस तरह वक्त बेवक्त सिंगार करके तेरा बाहर निकलना ठीक नहीं है..! अपने बदन पर मेहंदी और खुशबू बुरी शक्तियों को आमंत्रित करने का कार्य करती हैं! इंसानों के रूप में वह हमारे पास आती है उनको पहचानने का मात्र एक ही जरिया है की उनकी आंखें कभी भी पलक झपकती नहीं है!
मेरी बातें हमेशा अपने जेहन में रखना..!
वह बात याद आते ही निगाह ने उठना चाहा मगर जैसे उसके पूरे बॉडी को किसी ने जकड़ लिया था उसके पैर विरुद्ध दिशा में झकड़ गए ऐसा लग रहा था किसी ने कसकर उन्हें पकड़ रखा था पूरी तरह उसके चेहरे पर खौफ मंडराने लगा
अमन ने निगाह को बेड पर लेटा दिया..!
इस वक्त कुछ भी सोचने समझने के मूड में नहीं थी वह!
(क्रमशः)