सन 1985सिहोर में राठौर परिवार में मेरा जन्म हुआ और इसी के साथ जगदीश जी भी बाप बन गए जो मेरे ही पिता है पूरे परिवार में एक खुशी की लहर सी दौड़ गई सब बहुत खुस थे
जी मेरा नाम है ऋषभ विश्वकर्मा और मे आप सभी को सुुुनाने जा रहा हूँ एक दिल छू जाने वाली कहानी ।।
तारीख 5-7-2008 जब सोनू की शादी हुई नेहा से उसकी प्रेमिका
अभी शादी को 6 महीने भी न हुए थे कि सोनू के परिवार में कुछ अनबन होने लगी खास कर सोनू की माँ और उसकी पत्नी के बीच ये सिलसिला करीब 2 -3 महीने ओर चलता रहा फिर एक दिन सोनू के पिताजी ने एक चोकाने वाला फैसला लिया जो सोनू सुन के दंग रह गया उसको उसके पिताजी ने अपनी प्रॉपर्टी से बे दखल कर दिया था पूरी जायदाद उसके छोटे भाई को देदी गई ओर पिताजी नेअब सोनू को घर छोड़ने का कह दिया था एक थाली एक गिलास एक जोड़ बिस्तर ओर एक पलंग ये रोड पे उसका ईतजार कर रहे थे सोनू ओर उसकी बीवी नेहा ने अपने हिस्से में जो समान मिला था वो उठाया और धीरे धीरे चलने लगे बस स्टैंड की ओर सोनू अंदर से टूट सा गया था उसे कुछ समझ नही आ रहा था की अब क्या किया जाए साथ मे बीबी भी थी अब कहाँ जाय ये समझ नही आ रहा था रास्ते मे सोनू का स्कूल फ्रेंड राजू की नज़र सोनू पर पड़ी और वो दौड़ के सोनू के पास आया ओर सोनू से बोला कि ये समान ले कर तुम कहा जा रहे हो सोनू ने पूरी आपबीती राजू को सुनाई राजू ने कहा तुम्हारे घर वालो को ऐसा नही करना चहिये था लेकिन अब क्या कर सकते है हो सकता हो भगवान की भी यही मर्जी रही होगी ।।ये कह कर राजू ने सोनू से पूछा अब तुम कहा जा रहे हो सोनू ने कहा में ये शहर छोड़ के कहि ओर जाना चाहता हु अब मेरा यह दम घुट रहा है तो राजू ने कहा तुम मेरे घर चलो वह रहना और जहा में काम करने जाता हूं वही तुम्हे भी लगवा दूंगा वेसे भी वहा कर्मचारी की जरूरत है सोनू ने कुछ देर सोंच विचार कर अपने दोस्त के घर जाने का फैसला किया राजू एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करता था वही सोनू को भी मुनिम बना दिया गया सोनू बड़ी ईमानदारी से अपना काम करता ओर अपने परिवार का पालन करने लगा कुछ दिनों बाद सोनू बाप बन गया उसके घर एक लड़की ने जन्म लिया और उसका नाम रखा गया सोना सोनू की सोना बहुत प्यारी थी सोना के आते ही सोनू ने बैंक से एक लोन करवाया और अपना ट्रांसपोर्ट का आफिस डाल लिया और एक ट्रक खरीद लिया और अपने काम मे खूब लगन और महनत से काम किया और आज 2019 में सोनू के पास 40 लाख का बंगला 20 ट्रक एक कार सब कुछ है दोस्तो अगर राजू उस दिन सोनू की मदद नही करता तो आज सोनू के पास ये कुछ नही होता दोस्तो ऊपर वाला हमेशा आपकी मदद करने को तैयार बैठा है बस उसका भेजा हुआ वो फरिस्ता आप के हाथ लग जाय
दोस्तो आपको ये कहानी अगर पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर बातये में आपके लिए ऐसी ही ओर मजेदार कहानी लाऊंगा आपका दोस्त
ऋषभ