Salaah in Hindi Moral Stories by Harsh Bhatt books and stories PDF | सलाह

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हर्निल_हरि की पहली स्टोरी
 
     कॉलेज से वापसी के वक्त हर दिन की तरह आज भी पूरा ग्रुप साथ था,हरि इस ग्रुप का एंटरटेनर ओर ज्ञानी बाबा बन गया था
ज्ञानी इसी लिए क्योंकि हरि इस ग्रुप का सबसे ज्यादा उम्र वाला अनुभवी था...
उम्र ज्यादा होने के साथ साथ उसको बिना सोचे बिना किसी के पूछे उसे सबको सलाह देना अच्छा लगता था...
वो ऐसा सोचता था की दिमाग मे आयी हुई किसी के बारे में कोई बात अगर आप उसके साथ शेयर नही करते तो आप उस इंसान के साथ ठीक नही कर रहे, इसी लिए वो किसी को भी कुछ भी कहने से पहले सोचता नही था जैसी भी किसी भी के लिए सोची हुई बात वो उस व्यक्ति को बेझिझक बोल देता था। पर उसको उसकी ये बात भविष्य में उसको कितनी भारी पड़ने वाली है उसका उसको अंदाज़ा भी न था...
हरि को  तो अपनी फिलॉसफी में जीने में ओर और दूसरों  को अपनी फिलॉसफी से इम्प्रेस करने में से बाज़ नही आता था, वो अंजानो में भी अपनी फिलोसोफी के जरिये फेमस बनता चला गया था वो अपने विचारों को सब से जुदा है ऐसा ही सोचता था और सबकी जिस विषय मे अच्छी राय हो तो वो उन सब मे से खुद को अलग दिखाने के लिए कभी कभी अच्छी बातों में भी बुराई ढूंढ लेता था...
ऐसे ही सब दिनों के जैसे उस दिन भी सब आपस मझाक करते कॉलेज से घर लौट रहे थे....
पर आज हर्निल का मूड ठीक नही था, तो हरि ने हर्निल से ऐसे ही पूछ लिया क्या हुआ उसने कोई जवाब देना ठीक नही समझा और कुछ नही ऐसा बोल दिया....
बाद में धीरे से बोली  अगर कोई लड़की किसी लड़के से प्यार करती हो पर उस लड़की के परिवार को उस लड़की का उस लड़के से शादी करवाना मंज़ूर नही हो तो वो लड़की अपने परिवार की मर्ज़ी के खिलाफ शादी करना चाहती हो तो उस लड़की को उस लड़की के साथ शादी  करनी चाहिए...?
हरि ने उस समय तपाक कर के बोल दिया कि अगर वो लड़की अपने माँ बाप की नही हुई तो  उस लड़के की क्या खाक होगी...
आगे जा के उसके मा-बाप की तरह वो उससे भी अलग हो जाएगी...
हरि को मालूम नही था कि हर्निल उसके विचार को ध्यान से सुनती है ओर मन मे रखती है...
समय बीतता चला गया हर्निल हरि को कब पसंद आने लगी इस बात का हरि को पता ही नही चला। हरि को हर्निल में अपना प्यार दिखने लगा उसको लगने लगा कि सालो से उसको जिस लड़की की खोज थी वो हर्निल ही है तो हरि  ने हर बार के जैसे जरा सा भी बिना सोचें समझे हर्निल से एक दिन इज़हार कर ही दिया...
हरि ने कभी सोचा न हो वैसा जवाब सुनने को मिला 
हर्निल ने हरि से पूछा अगर में कहूं कि मेरे या तुम्हारे घर वाले नही मानेंगे तो तुम्हारा जवाब क्या होगा...
हरि ने हर वक्त की तरह बिना सोचे ये बोल दिया कि हम भाग के शादी कर देंगे ....
तभी हर्निल ने हरि को बोल दिया कि अगर कोई लड़का उसके मा-बाप का नही हुआ तो वो मेरा क्या खाक होगा....
#हर्निल_हरि