Shapit Khajana - 2 in Hindi Fiction Stories by Deepak Pawar books and stories PDF | शापित खज़ाना 2

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शापित खज़ाना 2

::- जगदीश अब भी सिगार का धुआं निकालते हुए खिड़की के शीशो पर टकटकी लगाए मुम्बई शहर को देखे जा रहा था ,उसके पीछे प्रोफेसर प्राण भी जगदीश के कुछ कहने का    ईन्तजार करने लगा तभी जगदीश तेजी से घूमते हुए कमरे के बाहर निकते समय प्रोफेसर को हाथ से इशारा करते हुए जगदीश अपने हाथ से सिगार को टेबल पर रखे पॉट में बुझाते हुए कहता है ।
जगदीश ::- प्रोफेसर आप जानते है जो मुझे अच्छा मुनाफा दे वही काम मे करता नही करवाकर ही रहता हूं.... ,।
.. बस आप सब तैयारी करो ...और मुझे 15 दिनों का वक्त में लाता हु .......वह लोग जो इस रहस्य को सुलझाने का काम करेंगे … ऐसे दो लोग मेरी नजर में है ।
इतना कहते कहते जगदीश मुख्य दरवाजे पर जा कर रुकता है और दरवाजे को खोलते हुए तेज कदमो से बाहर निकल जाता है ।
::-::
अब कमरे में प्रोफेसर भी बक्सों को बंद करते हुए इतिहास के महत्वपूर्ण दस्तावेजो को संभालकर उसी आफिस के एक दीवार की तिजोरी में रखता है और तिजोरी को बंद कर देता है ।
।::-::(यह तिजोरी आफिस के भीतर अन्य एक कमरे के अंदर दीवाल में छुपाई गई है जिसे हाईटेक बायो लॉक सिस्टम और कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया है जिसे प्रोफेसर के अलावा सिर्फ जगदीश ही था जो खोल सकता था वरना इसे खोलने का प्रयास किये जाने पर गलत कोड नम्बर या बायो लोक होने पर यह उस कमरे में जानलेवा गैस को छोड़ने लगती ।

::-::
मुम्बई का धारावी इलाका जो सुबह सुबह जाग रहा है ।
एक बुजुर्ग व्यक्ति इन झोपड़ियों के गलियों की भूल भुलैया में मुह में दातुन चबाते हुए आगे चलता है ।
चलता और दातुन को थूकता हुआ वह एक खोली के सामने रुकता है और खोली के दरवाजे को खटखटाता है ।
::- टक टक ,,,टक टक ...का भाई कोई है अंदरवा या मर गए हो हम रामप्यारे तुम्हार कमरा मालिक हमका आज भाड़ा दे देना या कमरा खाली कर देना भैया 6 महीना होई गवा है एको रुपया दिए नही ।।

::: उसी कमरे के पीछे एक दरवाजे से चुपके से निकलते हुए 2 लोग आपस में यह बात कर रहे थे
 :::-कि चल चल भाई निकल चलते हैं वरना यह मकान मालिक तो आज जान खा कर ही रहेगा
 जैसे ही दोनों घर के बाहर निकलते तो उसमें से एक तो सिर्फ बनियान पर ही था उसने अभी अपना कपड़ा शर्ट थोड़ा और ऊपर पहनते हुए दोनों सीधे नीचे शहर की तरफ  निकल पड़ते है ।

 सकरी गलियों को पार करते हुए दोनों दोस्त अपने चाय पीने और चाय वाले का पैसा देने की बात को कहते हुए आपस में बात करते हुए जा रहे हैं और दोनों में एक ही समानता दिखाई दे रही है कि दोनों इस वक्त एक एक रुपए के लिए मोहताज है

---
 इधर जगदीश अपने ऑफिस में बैठकर टेंशन में सिगार पर सिगार फूंकता जा रहा था तभी उसके सामने टेबल पर रखे हुए टेलीफोन पर घंटी बजती है ।
जगदीश अपने सिगार को  टेबल पर बुझाते हुए फोन का रिसीवर को उठाकर सुर्ख  लहजे में हैलो  कहता है।
:: इस समय जगदीश जिस से बात करता है वह जगदीश का ही एक आदमी होता है जो उसे यह कहता है कि उसे 2 लोग मिल गए हैं जो उसके काम के हैं अगर जगदीश चाहे तो उन दोनों को वहां पर लेकर आ जाएगा.।
 एक के बाद एक ऐसे कितने ही लोगो से जगदीश मिलता है पर उसे वह लोग नही मिलपाते जिसकी वह तलाश कर रहा है ।

---- आज वह  मुम्बई के धारावी इलाके से अपनी मर्सिडीज की कार में बाहर निकल गया था जगदीश कार में बैठे बैठे प्रोफेसर के जानकरीं के बारे में ही सोच रहा था कि तभी उसके ड्रायवर ने अचानक जोरदार ब्रेक मारा जिससे जगदीश होश में आया और ड्रायवर को बोल पड़ा ::- क्या हुआ ड्रायवर कोई सोना चांदी या खजाना दिख गया क्या ?..
ड्रायवर ने कारण बताया ::- साहब सायक़ील वाला बीच रास्ते मे आ कर रास्ता क्रॉस कर गया था । 
जगदीश उसे कुछ बोलता नही पर पुनः चलाने का इशारा करता है और अपने कोट की जेब से एक सिगार निकालकर सुलगाता है जैसे ही वह एक कश लेता हुआ कार की खिड़की से बाहर देखता है वैसे ही उसे सामने गली में 2 व्यक्ति भागते हुए दिखाई देते है ।जगदीश उन्हें इस लिए भी देखने पर मजबूर हुआ था कि उन दोनों के पीछे 20 से ज्यादा हट्टे कट्टे मुस्टंडे जो अपने हाथों में हॉकी डंडा, सलिया जैसे हथियार लिए उनको पकड़ने की जी जान से कोषिष कर रहे थे ।
तभी जगदीश ने ड्रायवर के पीठ पर हाथ रखकर उसको रुकने का इशारा दिया ।
ओर अपनी कार में बैठे हुए उसने दोनों व्यक्ति ओर उन 20 हथियारों के साथ के गुंडडो को भागते हुए और थक कर एक एक कार गिरते देखा ।
अब जगदीश के आखो में चमक आ गई उसने बिना समय गवाए ही कार से आवाज लगाई जो 2 व्यक्तिओ के लिए थी।
::- ओ भाई आप दोनों आ जाओ कार में आप को में बचा सकता हु ....
जगदीश की आवाज देखकर पहले दोन ने ही बड़े शंका भारी नज़र से कार को देखा जिसके बाद दोनों एक दूसरे के पास आ कर बाते करने लगे ।
पहला ::- यार रवि एक तो यह अन्ना के लोग आज तो प्रेक्टिस करके आये है हमको पकड़ने और व्याज के साथ पैसा निकलवाने ओर अभी ये हाई फाई गाड़ी वाला कुछ समझ मे नही आया ...
दूसरा ::- ह..यार करण कही साला ये भी शेट्टी का आदमी तो नही कार में बैठकर हमारी ना मार दे ।
कारण ::-  मुझे नही लगता कि अन्ना चिन्दी चोर के पास ऐसे हाई फाई लोग भी काम करते है ।
रवि ::- तो चल उससे ही पुछपाच करते है ।

आपस मे बात करने के बाद दोनों कार के पास जाते है और जगदीश को पूछते है कि तुम कौन हो हालांकि जगदीश उन दोनों को कहता है कि अगर जान बचानी है तो कार में बैठो । 

--- महाराष्ट्र के सुदूर पहाड़ो के बीच एक जगह पर जंगल के बीच रास्ते खत्म हो चुके है वही एक झील के पास कई आलीशान जंगल सफारी गाड़िया जिनमे टोयोटा तथा जिप्सी खड़ी है एक ट्रक जो वहां से वापस रास्ते की दिशा में जाता दिखाई देता है ।
पास ही झील किनारे कई टेंट लगे है जिनमे प्रोफेसर अपने कम्यूटर्स और डिजिटल स्क्रीन के साथ बैठ कर सेटेलाइट को अपने कम्यूटर से जोड़ते हुए कुछ तस्वीरें लेने की कोशिश कर रहा है । दूसरे टेंट में जगदीश भी अपने सोफे पर बैठ कर सिगार पीते हुए सामने लगी टी वी स्क्रीन पर नज़र लगाए बैठा है ।
स्क्रीन में दृश्य उभरता है ।
दो व्यक्ति एक जंगल मे चलते हुए झील पर बने 100 साल के पुराने लकड़ी के पुल पर पहुचते है ।।