Farmayish in Hindi Comedy stories by S Kumar books and stories PDF | फरमाईश

The Author
Featured Books
  • स्वयंवधू - 31

    विनाशकारी जन्मदिन भाग 4दाहिने हाथ ज़ंजीर ने वो काली तरल महाश...

  • प्रेम और युद्ध - 5

    अध्याय 5: आर्या और अर्जुन की यात्रा में एक नए मोड़ की शुरुआत...

  • Krick और Nakchadi - 2

    " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क...

  • Devil I Hate You - 21

    जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन...

  • शोहरत का घमंड - 102

    अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो...

Categories
Share

फरमाईश

कहते हैं जहाँ प्यार होता है

अक्सर वहीं तकरार भी होता है

शादीशुदा जीवन में अगर प्यार होता है तो पति पत्नी में तकरार , नौंक झोंक हलके फुल्के झगड़े होना भी आम बात है .. और आस पडोस का समाज भी पति पत्नी के आपस के प्यार पर तो कोई खास तवज्जो दे या ना दे लेकिन तकरार के पलों को जरुर बड़े खुश होकर देखता भी है ,और आजकल तो मोबाइल में कैद करने का मोका भी नहीं छोड़ता ..कभी कभी तो उस मोबाइल विडिओ को वायरल कर बड़े चटखारे लेता है

आखिर जब बात फैलती है और तमाशा बन जाता है . तब जा के बात समझ आती है कि खामखाँ फ़िज़ूल में झगडे , फिर कुछ वक्त अच्छे प्यार में बीतता है और फिर जब समय उन घावों को भर देता है तब फिर व्ही नोंक झौंक .... खैर क्योंकि ये सब भी जिंदगी का हिस्सा है जो जीवन में घटता रहता है

लेकिन हर बार पति पत्नी का ही तमाशा बने और जमाना चटखारे ले ऐसा सम्भव नहीं ..कभी कभी जमाने का भी तमाशा बन जाता है

ऐसी ही एक घटना का ज़िक्र मुझे मेरे दोस्त ने किया

इंदौर का मशहूर बाजार है राजवाड़ा

शाम के 5 बजे बाजार भीड़ से भरा हुआ था। इसी भीड़ में पति-पत्नी एक दूसरे से लड़ने में व्यस्त थे और लगभग 200 लोग उनके इस तमाशे का मज़ा ले रहे थे , कुछ इसका वीडियो बनाने में लगे थे।
.
बात कुछ यूँ थी कि पत्नी जिद कर रही थी अपने पति से कि आज आप कार खरीद ही लीजीये मैं थक गई हूं . मेरी कमर में दर्द होने लगा है आपकी मोटर साइकिल पर बैठ बैठ कर।
.
पति ने कहा....... ओए पागल औरत ,घर चल के बात क्र लेंगे , तमाशा ना बना मेरा दुनिया के सामने , मोटर साइकिल की चाभी मुझे दे।

पत्नी- नहीं, तुम्हारी अच्छी खासी सरकारी नौकरी है , तुम्हारे पास इतना पैसा है ,सब क्या छाती पर लेकर जाओगे । आज कार लोगे तो ही घर जाऊंगी।

पति-"अच्छा तो ले लुँगा अब चाभी दो"

पत्नी - नहीं दूंगी , बिलकुल भी नही दूंगी

पति- "अच्छा ना दो मैं ताला ही तोड़ देता हूँ"

पत्नी ने कहा.... तोड़ दो लेकिन ना चाभी मिलेगी ना में साथ जाऊँगी ।

पति - "अच्छा तो ये ले मैं ताला तोड़ने लगा हूँ जाओ तुम्हारी मर्ज़ी मेरे घर ना आना"

पत्नी - जाओ जाओ नहीं आती तुम जैसे कंजूस के घर।

पति ने लोगों की मदद से मोटरसाइकिल का ताला खोल लिया, अपनी बाइक पर बैठ गया और बोला, "तुम आती हो या मैं जाऊँ"

वहाँ खड़े लोगों ने पत्नी को समझाया - चली जाओ इतनी सी बात पर अपना घर न खराब करो।

फिर पत्नी ने पति से वादा लिया कि वह बाइक बेचकर जल्द ही कार लेगा। दोनों की सुलह हो गयी और दोनों चले गए।

अच्छी कहानी है न

लेकिन अभी ख़त्म नहीं हुई है

तो जनाब.........

ठीक आधे घंटे बाद उसी जगह पर फिर से भीड़ लगी थी।

एक बंदा शोर कर रहा था........
कोई मेरी मोटरसाइकिल दिन दहाडे चुरा कर ले गया।

उसके बाद पूरे मार्केट में सन्नाटा था