*आधुनिक युग की देन है यह मोबाइल:*
आधुनिक युग की देन है यह मोबाइल
इस युग में सबके पास है यह मोबाइल ।
सबकी ज़िन्दगी शामिल है यह मोबाइल।
देखने में छोटा है यह मोबाइल।
लेकिन काम बड़े-बड़े करता है यह मोबाइल।
अजनबी से जान पहचान कराता है यह मोबाइल अपनों को करीब लाता है यह मोबाइल।
टूटे हुए रिश्तो को जुड़वाता है यह मोबाइल ।
लोगों को बहुत लुभाता है यह मोबाइल ।
अकेलेपन में भी साथ निभाता है यह मोबाइल ।
हर सुख दुख में साथ निभाता है यह मोबाइल ।
लोगों को तरह तरह की सुविधा उपलब्ध करवाता है यह मोबाइल ।
जीवन को सुखमय बनाता है यह मोबाइल ।
जीवन में मनोरंजन करवाता है यह मोबाइल ।
जीवन का आधार बन गया है यह मोबाइल।
आधुनिक युग देन है यह मोबाइल।
2---
*आज के युवा पीढ़ी:*
मोबाइल अब की पीढ़ी की आन बान शान मोबाइल खासकर उनकी जान।
खाली बैठना अब नही है काम इनका।
क्योंकि खाली समय में मोबाइल चलाती है आज की युवा पीढ़ी मोबाइल की नोटिफिकेशन बार बार चेक करना बीमारी है आज के युवा पीढ़ी की ।
फोटो पर लाइक कमेंट कम होने से उदास हो जाते हैं आज के युवा पीढ़ी ।
स्टेटस बनाने का नहीं है शौक। व्हाट्सएप्प स्टेटस लगाने का है शौक आज के युवा पीढ़ी को
जेब में पैसा ना हो लेकिन मोबाइल में इंटरनेट पैक होना जरूरी है आज के युवा पीढ़ी के लिए ।
मैदानों में नहीं खेलते है यह ।
खो खो कबड्डी क्रिकेट की खेल के कैंडी क्रश, पब जी, पोके मोन गो खेलते हैं अपने मोबाइल में ये गेम आज के युवा पीढ़ी।
अपनों से रिश्ता तोड़कर।
सोशल नेटवर्किंग साइट में बेगानों से रिश्ता जोड़ते हैं आज के युवा पीढ़ी।
अच्छे बुरे काम करते है मोबाइल में आज के युवा पीढ़ी।
मोबाइल आन बान शान होती है एक युवा पीढ़ी की।
3---*बड़ा शहर:*
बड़ी अजीब होते हैं यह बड़े शहर बड़े शहरों के जिंदगी में बस होती है दौड़ा धूपी।
बड़े शहर का बाजार होता है दिन-रात खुला।
क्योंकि रात को भी दिन जैसा होता है यह बड़ा शहर।
सोता नहीं है यह बड़ा शहर
घंटो लग जाते हैं ट्राफिक सिग्नल लाल से हारे होने के लिए।
इतना ट्रैफिक होता ह यहाँ पर । बड़े शहरों की जिंदगी में खुशियां कम परेशानियां ज्यादा होती है। बड़े शहरों में ना कोई अपना ना कोई पराया होता है क्योंकि यहां क्योंकि यह कोई किसी का नहीं होता है ।
देखने में बहुत सुंदर लगते हैं यह बड़े शहर
लेकिन यहाँ शांति नहीं होती है बस यहां होता है एक गाड़ियों का शोर गुल और चका चौन्ध चांदनी की रौशनी होती हौ।
सब कुछ मिलता है यहां ।
इन बड़े शहरों में बस नहीं मिलती फुर्सत लोगों को अपने काम करने से ।
बड़ा शहर होता बड़ा ही है ।लेकिन बड़े दिलवाले नहीं होते हैं बड़े शहर के लोग बड़े अजीब ही समझ में आया मुझे।
4--सफलता की चाहत में ।
जिम्मेदारियों को भूल जाने का।
अफसोस है।
दुनियाबी की भीड़ में,
इंसान की इंसानियत के
खो जाने का अफ़सोस है।
कई चेहरो के बीच
अपनी ही शख़्सियत के
मिट जाने का अफ़सोस है।
हज़ारो की भीड़ में ।
कही खोने का अफसोस है।
खुद को कही खो देने का अफसोस है।