Vo kon thi - 5 in Hindi Horror Stories by SABIRKHAN books and stories PDF | वो कौन थी.. - 5

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वो कौन थी.. - 5


( पिछले पार्ट में हमने देखा कि अमन ढाबे पर खाना खा कर वापस आता है तब उसे हैरतअंगेज अनुभव होते हैं! उसी सड़क पर एक पुलिसिया अमन को लिफ्ट देता है !
अमन को वह जानता था पर कैसे अब आगे)

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"सर आप खाणा खा लो ..! दाल रोटी जीमियाने घणो टेम नी होयो मन्ने ..! मन्ने ठंड घणी लागे हैं मैं चाय पी लेता हूं!
अमन ने गर्म स्वेटर पहन रखा था फिर भी वह बुरी तरह ठंड से कांप रहा था!
ठीक है तन्ने ढाबे वाली बात बता दी मैणे..?!
मन्ने हैरानी इस बात री है वटउ(वहांसे) तु कांई जीम ने आयो..!
पुलिसये ने बेखौफ और बेफिक्र होकर अपने कंधे उचकाए..!
अमन चाय जरूर पी रहा था मगर उसका दिमाग घर पर था वह इस जंजाल से मुक्त होना चाहता था इस पुलिसिया को भी आज ही मिलना था!
मेरा नाम लेकर बुला रहा था उसका सीधा अर्थ तो यही था कि वह अच्छी तरह मुझे जानता है पर कैसे अमन यह सोच कर हैरान था!
जैसे अमन के मन की बात ताड़ गया हो ऐसे उसने तिरछी आंख से अमन को देखा!
मेरी बातों पर भरोसो नई है तन्ने?
पुलिसिये के तीखे तेवर देखकर अमन बुरी तरह घबरा गया था!
मारी बात पर भरोसो करणो पडी!
चाय की चुस्की भरते वक्त अमन के होंठ कांप रहे थे!
एक बात उसको खटक रही थी ठंड से वह कुल्फी बना हुवा था जबकि उस पुलिसिये को माइनस डिग्री से भी नीचे गए तापमान का कोई असर नहीं था!
वारिस खान जबान का पक्का है झूठ बोलना उसको आता नहीं और झूठ बोलने वाले को बख्शता नहीं है!
कह कर उसने अमन की आंखों में झांका!
अमन समझ नहीं पाया वह क्या कहना चाहता है!
तुम सब समझ जाओगे बरखुरदार!
तुम्हारे मोबाइल मे व्हाट्सएप पर भेजी गई अरबी लिखावट का मतलब यही है
एक निर्दोष की जान गई है!
और उसका राज कहीं पर दफन है!
वारिस खान बटर वाले पित़्ज़ा फटाफट खत्म करके अमन से मुखातिब हुआ!
"उस रोज क्या हुआ था जानना नहीं चाहोगे?"
वारिस खान जैसे अमन का चेहरा पढ़ रहा था! और अमन भी जानना चाहता था कि आखिर क्या वजह थी जो उसे ऐसे खौफनाक मंजरों ने अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया था? सो तुरंत बोला!
तो फिर बताओ साब्जी अभी भी मन्ने कांई बात जाणणी बाकी है! मन्ने ठा(समज) तो आवे!
"उस दिन फर्नांडीज ने सगर्भा बेहोश महिला पर अमानवीय अत्याचार गुजारा था जिससे उसकी मौत हो गई थी!
उसने मरने से पहले जिस बच्चे को जन्म दिया था वह बच्चा गायब था ! फर्नांडिस काफी डर गया था! उसके दिमाग में यह बात आई थी की वह मरी हुई औरत पुलिस के हाथ्ये लग जाती है तो जरूर वह पकड़ा जाएगा ! इसलिए फर्नांडीज नें किसी की हेल्प ले कर उस औरत की डेड बॉडी को ठिकाने लगाने का प्लान बना दिया!
भागता हुआ वह ढाबे पर पहुंचा!
ढाबे वाला लड़का फर्नांडिस को अच्छी तरह जानता था!
फर्नांडीज ने जब इशारा करके उससे बाहर बुलाया तो वह बेझिझक उसके पास चला आया!
"तन्ने कुछ मारो सपोर्ट करणो है..? "
"ऐळी कई बात है ? कुछ परेशाणी वाली बात है?"
"यो काम करण वास्ते कलेजो छत्तीस रो चावे! "काम थारे मुफ्त में नीं करणो है! थन्ने मिठाई खिलाउला!"
ठीक है फिर यह भी बता दो मारे कांई करणु है..?
तब फर्नांडीज उस पर भरोसा करते हुए उसके कान में फुसफुसाया!
"मै ने अपनी गड्डी कार से भीडा दी है!
जिसमे छोरी री मौत हो गई है!
छोरी रे बदन पर जितऩे बी गेहने है तु रख लेणा!
उस डेड बोडी को हम जमिन मे गाड देंगे..! उसका पति बेहोश है..! होश मे आयेगा तबभी नही जाण पायेगा की उसकी बीवी की डेथ हो गई है!
ना रेवेगा बांस ना बजेगी बांसुरी!
गहनो की बात सूनकर छोरे की आंखो मे चमक आ गई!
चलो फटाफट फिर उसका मरद होश मे आवेला तो मुसिबक रेजई!"

फर्नांडिज उसे अपनी चाल में फंसाने में कामयाब हो गया था!
गहनों की लालच ने उस छोरे के मन को ललचाया दिया!
तनिक भी देरी किए बगैर फर्नांडिज छोरे को अपने पीछे आने का इशारा करके ढाबे से बाहर निकल गया !
छोरे ने लोन साफ करने के लिए रखा फावड़ा उठा लिया और वो फर्नांडिस के पीछे चल पडा!
निकलते वक्त उसने अपने बापू से बोल दिया की 'भाई जी को कुछ काम है उनके साथ जा रहा हूं , जल्दी वापस आ जाऊंगा!'
उसका बापू कुछ भी बोला नहीं वो अपने छोरे को घूर रहा था!
छोरे को आता हुआ देख फर्नांडिज के कदमों में जान आ गई थी!
एक से भले दो! फटाफट उस लाश को ठिकाने लगा देंगे!
ठंड ने इस कदर कोहराम मचाया था! जैसे हल्की हल्की बारिश हो रही थी! फर्नांडीज के हाथ पैर गाल नाक सब कुछ ठंड से सिकुड़ गया था!
फर्नांडीज कार के नजदीक पहुंचकर रुक गया!
ड्राइविंग सीट पर अभी भी वह युवक बेहोश पड़ा था!
"कठे है छोरी भाई जी ? थे तो मन्ने केवता था की कोई छोरी रो राम नाम सत्य होयो है!"
फर्नांडीस में होठ पर उंगली रखकर उसे चुप रहे थे का इशारा किया!
फर्नांडीस को डर था कि कहीं उस लड़की का पति होश में ना आ जाए!
छोरे का हाथ पकड़ कर फर्नांडीज उसे खींचता हुआ कार के पीछे ले गया!
पीछे जो नजारा देखा छोरे की रूह कांप उठी!
एक लडकी लाश बनकर अपने दोनो पैर पसारे पडी थी!
नाईट ड्रेस में उसके आधे नंगे पैर खून से सने हुए थे ! नाइटी का मुलायम वस्त्र भी आगे से काफी हद तक खून से खराब हुआ था!
जैसे किसी बच्चे को जन्म दे रही हो उस पोजीशन में बुरी तरह जख्मी होकर वह पड़ी थी! किसी भेड़िए ने उसे नोच नोच कर खाया हो ऐसा लग रहा था!
फिर छोरे की नजर उसकी गोरी कलाइयां पर पड़ी ! दोनों हाथों में सोने के कंगन थे गले में डायमंड का नेकलेस और कानों में गोल्ड के ऐरिंग्स थे!
गहनों को देखते ही उसका डर गायब हो गया ! वह डेड बॉडी पर झपटा!
कान के एयरिंग्स उसने खिंच लिए! कंगन भी निकाल लिए नेकलेस और वॉच भी निकाल कर जेब में ठुस दी!
" अब खड़े खड़े देख क्या रहे हो पकड़ो इसे दूर जंगल में ले जाकर इसे गार्ड देते हैं!"
छोरा काम को अंजाम देकर निकल जाना चाहता था! तभी इतना उतावला हो रहा था! फर्नांडीज भी तो यही चाहता था!
फर्नांडीज ने उस औरत ने बच्चे को जन्म दीया और वो बच्चा गायब हो गया था ईस बात को छोरे से छुपाया!
छोरे ने डेड बॉडी के दो हाथ पकड़े फर्नांडीज ने उसके दोनो टांगे पकड़ कर उठा लिया!
इस तरह दोनों डेड बॉडी को पेड़ पौधे और झाड़ियों से भरे विस्तार की विरान जगह पर काफी दूर ले आए!
पीपल के वृक्ष तले छोरे ने फावड़े से गड्ढा बनाया!
डेड बॉडी को जैसे लाए थे वैसे ही उठाकर दोनों ने गड्ढे में उसे पटक दिया!
उस लड़की की आंखें खुली हुई थी!
उन आंखों में एक अजीब सी चमक छोरे ने देखी!
चीख चीख कर उसका दिल कह रहा था कुछ बुरा होने वाला है ! एक तूफान उठा है! वह तूफान न जाने कितने लोगों की जान लेगा!
एक पल की भी देरी किए बगैर छोरे ने गड्ढे में पड़ी डेड बॉडी पर मिट्टी उड़ेल दी! फर्नांडीज भी उस पर मिट्टी डाल रहा था!
जब मिट्टी से गड्ढा पूरी तरह भर गया तब उस पर कुछ सूखे कचरे को डाल दीया! घास फूस और सूखे पर्ण डालकर जगह को यथावत कर दिया!
"होगियो आपरो काम भाई जी? छोरे ने बिना डरे सुकून की सांस ली!
"हां , होगिया मगर अब भागो यहां से! थु किसी ने कुछ नहीं बतावेगा..! "
क्यों बताऊंगा मैं साबजी मन्नेभी तो मलाई मिली है!"
फर्नांडीज को तसल्ली देते हुए छोरा अपने ढाबे की ओर भागा!
उस रात भी तकरीबन 12:00 बज रहे थे ! हवाओं में भाप जम गई थी!
बर्तनों में भरा हुआ पानी बर्फ में तब्दील हो रहा था!
फर्नांडीज ट्रक की और भाग रहा था! तब उसे मालूम नहीं था एक और मुसिबत अपनी लोरी में उस का वेईट कर रही थी, जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी!
*** **** **
"आज रात तुम्हें मेरे घर पर रुकना है!"
वारिस खान ने गाड़ी को आबू शहर की गलियों में मोड़ लिया!
अमन के मुंह से कोई बोल ना फूटा!
वह सुन होकर अपनी जगह पर बैठा था! समझ नहीं पा रहा था कि उसके साथ आज यह क्या हो रहा है?
ना जाने क्यों वह आज इस पुलिसिये को चुपचाप बर्दाश्त कर रहा है?
उसने अपनी राजदार नजरों से अमन की आंखों में देखा!
वह आंखें थी जो अमन के मन में हो रही उथल पथल को तेजी से ताड गई थी!
कभी तुमने सोचा कि आज तुम इस रास्ते पर क्यों आए?
"क्योंकि मेईन हाईवे पर ट्रैफिक बहुत जाम था सर जी?"

"तब तो दूसरी गाड़ी भी तुमने इस सड़क पर गुजरते हुए देखी होगी?"
" नहीं देखी सर जी!"
"देखोगे भी कैसे क्योंकि पिछले 1 हफ्ते से यह रास्ता बंद है!
तुम शायद इस रास्ते से काफी हद तक जुड़े हो इसलिए तुम है यहां बुलाया गया है!"
"माय गॉड!" अमन को पुलिसिये की बातें और भी उलझन में डाल रही थी!
अपने छोटे से दो मंजिला मकान के आगे उसने गाड़ी पार्क कर दी!
ठीक 12:15 मिनट पर उसने अपने घर की डोर बेल बजाई!
एकाद पल में ही दरवाजा खुला!
सामने बारा-तेरा साल की ऐक मासूम बच्ची खड़ी थी!
अमन को देखते ही बोली !
"आईये अंकल जी हम तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे!"
एक हवा की ठंडी लहर अमन को छूकर निकल गई!
अमन ने घबराहट में इधर उधर देखा!
दरवाजे के आगे खुद को अकेला पाकर उसको जोर का झटका लगा!
दीवार पर लगी संगेमरमर की ब्लेक तकती पर 'पी. ऐस. आई वारिस खान' लिखा था!
पुलिस जीप को अपनी जगह पर देखकर अमन की सुधबुध गुम हो गई थी!
गभराओ मत अंकल जी... आज रविवार है.. और पूष्प नक्षत्र भी... आज अगर आपकी जान हम नही बचा पाये तो पापा की सारी महेनत बेकार जायेगी!
अमन को बच्ची की बाते समझ मे नही आई.. मगर.. रविवार और पूष्प नक्षत्र
का संकेत उसे ढाबे पर हुवा था..! उस बात ने अमन के मन मे खलबली मचा दी.! कोई तो ऐसी बात थी जो सतत उसकी ऐसे हालात के लिये कही न कही जिम्मेदार थी!
अमन घर के भीतर प्रवेश कर गया..!
एक पल के लिये उसे लगी जैसे उसे बाहर से पकडकर कोई उठा ले जायेगा..!
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आखिर क्या राज था जो अमन के ऐसे हालात की वजह बना हुआ था!
फर्नांडीस कौन सी मुसिबत गाड़ी में छोड़कर अपने पाप को दफनाने में लगा था? जानने के लिये पढते रहे अगले सन्डे को वो कौन थी का नया पार्ट
(क्रमश:)