Sahi samay par sahi kaam karna in Hindi Classic Stories by H M Writter0 books and stories PDF | सही समय पर सही काम करना - सही समय

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सही समय पर सही काम करना - सही समय

राहुल  एक 13साल का लड़का है  जिसकी इंग्लिश बहुत कमज़ोर होती है । उसकी गर्मियां छुट्टियां लगती हैं तब उसकी मम्मी राहुल से कहती है ।राहुल इन गर्मी छुट्टियां तुम इंग्लिश कोचिंग जाओगे और मैं नानी के यहां जा रही हूं ।तुम अपना ध्यान रखना और टाइम से इंग्लिश कोचिंग जाना तुम्हारा यह सही टाइम है इंग्लिश सीखने का ।
यह सुनकर राहुल कहता है -मम्मी मैं भी नानी के यहां जाऊंगा मैं इंग्लिश कोचिंग अगली गर्मी छुट्टी में चला जाऊंगा मम्मी प्लीज मैं भी चलूंगा। आपके साथ राहुल को जिद करता देख उसके पापा कहते हैं -कि राहुल को भी अपने साथ ले जाओ इंग्लिश कोचिंग अगले साल चला जाएगा राहुल अपनी मम्मी के साथ नानी के घर चला जाता है समय गुजरते देर नहीं लगती ।
अगली गर्मी छुट्टियां आ जाती है राहुल की राहुल की मम्मी फिर कहती है राहुल इस गर्मी छुट्टी तुम्हारा कोई बहाना नहीं चलेगा। तुम इस गर्मी छुट्टियां इंग्लिश कोचिंग जाओगे ।
राहुल इंग्लिश कोचिंग में एडमिशन ले लेता है और उसके साथ साथ क्रिकेट खेलने जाने लगता है  एक दिन उसकी मम्मी को राहुल की इंग्लिश टीचर से शिकायत आती है कि राहुल क्लासेज नहीं आ रहा है तब उसकी मम्मी 
राहुल को कहती है -कि तुम क्लासेस क्यों नहीं जा रहे जा रहे हो तब 
राहुल कहता है- मम्मी मैं क्रिकेट से इतना थक जाता हूं कि मेरी इंग्लिश कोचिंग जाने की हिम्मत नहीं होती मैं इंग्लिश कोचिंग फिर कभी कर लूंगा।
 यह कहकर राहुल इंग्लिश कोचिंग बंद कर देता है कई  साल  बीत जाते हैं लेकिन राहुल इंग्लिश नहीं सीख पाता ।
अब राहुल 18 साल का हो गया है उसने एक बड़े कॉलेज में एडमिशन लिया लेकिन उसे कम ही इंग्लिश समझ में आती थी क्योंकि उसकी इंग्लिश कमजोर थी उसने सोचा कि कि अब मैं इंग्लिश क्लास जॉइन करूंगा। उसने अपनी मर्जी से इंग्लिश क्लासेस जॉइन की लेकिन अपने कॉलेज की क्लासेस प्रोजेक्ट के कारण वे चाहकर भी इंग्लिश क्लासेस नहीं जा पाता था इंग्लिश क्लासेस जाने के बाद वे इंग्लिश का होमवर्क भी नहीं करता कर पाता था ।
अब उसे लगता था कि जब मम्मी बोलती थी कि मैं इंग्लिश कोचिंग चला जाऊं तब चला जाता तो आज यह दिन ना देखना पड़ता ।
देखते देखते राहुल का कॉलेज भी जैसे-तैसे पूरा हो गया ।कॉलेज के 2 साल बाद राहुल का किसी कंपनी में इंटरव्यू था और इंटरव्यू इंग्लिश टू इंग्लिश होने वाला था ।
राहुल बहुत डरा हुआ था कि उसकी इंग्लिश तो बहुत कमजोर है इंग्लिश कमजोर होने के कारण उसे यह जॉब नहीं मिली जिसके कारण वह  निराश हो गया ।
और अब उसने फैसला कर लिया क्या वह इंग्लिश सीख कर ही रहेगा उसने खूब मेहनत की और फिर वह इंग्लिश सीख लिया अब 2 साल बाद उससे  अच्छी इंग्लिश आने लगी थी।
        दोस्तों अगर हम किसी भी चीज को उसके सही टाइम पर करते हैं तो हमें उसके बुरे वक्त का सामना नहीं करना पड़ता है अगर राहुल ने अपने बचपन में इंग्लिश सीख ली होती तो आज राहुल के पास वह जॉब होती। लेकिन राहुल ने उस जॉब के ना मिलने पर इंग्लिश सीखा ।
इसका यह भी मतलब है कि असफलता हमें हमेशा सफल होने की सीख देती है।
 इंसान को अपने अपने काम को सही टाइम पर ही करना चाहिए अन्यथा गलत टाइम पर करने पर काम हो तो जाता है लेकिन परेशानी बहुत होती है