2 दिसम्बर 1971,
लंदन, बिग बेन (विशालकाय घड़ी वाली ईमारत)
शाम का समय, सूरज डूब रहा है, लोग सड़कों पर मफलर डाले घूम रहे है। ठंडी ठंडी हवाएं चल रही है। पेड़ो पर पतछड़ चालू हो गया है। क्रिसमस का महीना है। चारो तरफ उतसाहित लोग घूम रहे है। बाजार सजे हुए है चारो तरफ भीड़ भाड़ और सड़कों पर बर्फ की चादर बिछी हुई है। एक नवयुवक जो ठंड के कपड़े पहने हुए, सिर पर बरसाती टोपी, गले मे मफलर डाले हुए, हाँथ में एक मोटी लकड़ी जो शायद बर्फ को हटाने में प्रयोग होती होगी। तेज़ी से वह नवयुवक एक कॉफ़ी शॉप में घुस जाता है और चारो तरफ नजर घुमाता है। तभी उसे एक व्यक्ति खिड़की के पास वाली कुर्सी पर बैठा हुआ गर्म कॉफी पी रहा था। बाहर वाले पेड़ पर बैठी गिलहरियों को ठिठोली देखने मे मसगुल था तभी वह व्यक्ति उसी व्यक्ति के सामने कुर्सी पर बैठ जाता है।
गुड मॉर्निंग! उस व्यक्ति ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा।
हिंदुस्तानी होकर अंग्रेजी में बात कर रहे हो! उस व्यक्ति ने कॉफी पीते हुए ही जबाब दिया।
मेरा नाम आदित्या रस्तोगी है और मै ब्रिटेन के लेबर पार्टी का सचिव हुँ।
एक हिंदुस्तानी ब्रिटिश शासन में काम कर रहा है? उस व्यक्ति ने कॉफी के कप को नीचे रखते हुए कहा।
देखो तुम्हे हमसे कोई मतलब नही है।
मेरा नाम शिव है।
अच्छा तो तुम शिव हो! जो ब्लादिमीर के साथ काम करता है! आदित्या ने एक बैग बाहर निकाल कर सामने टेबल पर रख देता है।
जितना ब्लादिमीर ने मांगा था इस बैग में उतनी ही रकम है और ब्रिटेन से बाहर जाने के लिए नकली जॉन नाम से उसका पासपोर्ट बस लिबरल पार्टी के नेता केन्डी को कल ही मारना होगा।
ठीक है काम हो जाएगा! शिव ने बैग को उठा लिया।
वैसे ब्लादिमीर कौन है? आदित्या ने शिव को टोकते हुए पूछा।
एक शैतान! इतना कहकर शिव उस शॉप से बाहर चला जाता है बैग लेकर।
कुछ समय बाद,
शिव एक होटल के कमरे में जाता है। जिसका नंबर 108 था। कमरे के अंदर एक लड़की बैठी हुई थी जो कि कॉफ़ी पी रही थी और शिव को कमरे में देखकर बस मुस्करा देती है।
पता है एक लोककथा रूस में काफी प्रचलित है कि एक रहस्यमयी लड़के ने एक समय पूरे रूसी माफिया पर अधिकार जमा लिया था जिसके कारण वंहा की सरकार ने उसे ब्लादिमीर की उपाधि दी थी। लेकिन काफी कम लोग ही जानते है कि वह लड़का एक हिंदुस्तानी था।
क्यो सही कहा ना ब्लादिमीर! उस लड़की ने मुस्कराते हुए कहा।
ब्लादिमीर ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और दीवार पर सटा लिया। धीरे धीरे ब्लादिमीर ने उसका गला दवाना चालू किया। अब उस लड़की को दर्द महसूस हो रहा था और उसे छोड़ने का आग्रह करने लगी।
मुझे माफ़ करदो! उस लड़की ने कराहते हुए कहा।
पता है माया मै तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ इसलिए तुम्हे मारने के बाद मुझे दुख तो बहुत होगा लेकिन याद रखना मेरा नाम ब्लादिमीर है तुम्हें मारूंगा जरूर! ब्लादिमीर ने गले को छोड़ते हुए कहा।
अब आगे की क्या योजना है? माया ने अपने गले को पकड़ते हुए कहा।
योजना बहुत ही सरल है लिबरल पार्टी के नेता केन्डी का कल आखिरी दिन होगा! ब्लादिमीर ने कहा।
लेकिन कैसे? माया ने चोंकते हुए पूछा।
कल केन्डी एक संग्रहालय का आयोजन में आ रहे है! बस मौका पाकर मै उन्हें वंही खत्म कर दूंगा। तुम जाकर संग्रहालय के पीछे एक कार खड़ी रखना! ब्लादिमीर ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा।
ठीक है! इतना कहकर माया रूम से बाहर चली जाती है।
अगले दिन...
संग्रहालय के उद्घाटन के लिए केन्डी का सभी लोग स्वागत में खड़े है। अतिथि गण एक पंक्ति में है। तभी एक कार आकर रुकती है जिसमे से दो ब्रिटिश पुलिस वाले उतरते है। एक पुलिस वाला दरवाजा खोलता है। जिसमे से एक गोरा आदमी जिसके पीले बाल थे, लम्बा चौड़ा कद का आदमी उतरता है। सभी लोग केन्डी से हाँथ मिलाते है और केन्डी रिबन काटने के लिए एक कैंची उठता है और रिबन काट कर लोगो के समूह के साथ संग्रहालय में प्रवेश कर जाता है। सभी लोग संग्राहलय में लगी भारत और अफ्रीका से लाई गई मूर्तिया देखने मे व्यस्त थे। यह संग्रहालय काफी आधुनिक तकनीक से बनाया गया था जिसमे लिफ्ट भी बनाई गई थी लेकिन यह खास लोगो के लिए ही थी। केन्डी मूर्तिया देखने मे व्यस्त थे।
ये मूर्ति भारत की हड़प्पा संस्कृति से जुड़ी है! एक व्यक्ति ने केन्डी का ध्यान अपनी और खींचते हुए कहा।
केन्डी ने पीछे देखा तो एक नवयुवक जो काफी तंदुरुस्त दिखाई प्रतीत होता है।
जी मैने आपको पहचाना नही है! केन्डी ने चोंकते हुए कहा।
जी मेरा नाम जॉन स्मिथ है।
लेकिन आप ब्रिटिश नही लगते! केन्डी ने मुस्कराते हुए कहा।
हाँ मै ऑस्ट्रेलिया से हूँ! जॉन ने भी मुस्कराते हुए कहा।
आपसे मिलकर खुशी हुई! केन्डी ने अपना हाँथ आगे बढ़ाया।
जी मुझे भी! जॉन ने केन्डी से हाँथ मिलाते हुए कहा।
तभी पीछे से एक आवाज आती है। केन्डी उस तरफ चला जाता है और जॉन बस मुस्कराता रहता है।
ये देखिए सर् ये लिफ्ट है जो एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर तक ले जाने का कार्य करेगी। चारो तरफ के दीवार इसकी मजबूत लोहे से बनी है। और उसको ऊपर खींचने के लिए चार मजबूत रस्सियों का प्रयोग हुआ है। ये लिफ्ट एक बार किसी को ऊपर पहुचाने के बाद वापस नीचे आ जाती है। अभी ऐसी तकनीक कम ही है। कृपया करके आप इसमें सबसे पहले सफर करे।
अद्भुत! केन्डी ने उतसाहित होकर कहा।
धन्यवाद! संग्राहलय के सचिव ने मुस्कराते हुए कहा।
मै इसमें जरूर सफर करूँगा! केन्डी ने लिफ्ट में प्रवेश करते हुए कहा।
सभी लोग केन्डी के नाम का जयकारा लगाते है। केन्डी लिफ्ट में प्रवेश करते है तभी लिफ्ट का दरवाजा बंद हो जाता है और कुछ लोग तुंरन्त सीढ़ियों दुवारा दीसरे फ्लोर पर जाते है जिससे केन्डी का ऊपर स्वागत कर सके।
तभी अचानक एक चीखने की आवाज आती है और सभी लोग ऊपर की तरफ दौड़ लगा जाते है। कुछ लोग नीचे ही रुकते है तभी लिफ्ट नीचे आ जाती है। जिसमे केन्डी की लाश डली हुई होती है। चाकू से केन्डी के सीने पर तीन वार किए गए थे जिससे सिर्फ एल चीख के बाद ही तुंरन्त मौत हो गई। पुलिस वाले तुंरन्त ही ऊपर जाते है लेकिन ऊपर सिर्फ ऊपर गए लोग ही होते है।
फ्लोर बिल्कुल साफ था अगर खून दूसरे फ्लोर पर हुआ होता तो फ्लोर पर खून की बूंद जरूर होती! पुलिस वाले ने सोचते हुए कहा।
अगर लिफ्ट को ऊपर पहुँचने में 1 मिनिट लगता है और लोगो को ऊपर पहुँचने में 1 मिनट 30 सेकंड ही लगे तो वो क़ातिल 30 सेकंड में कैसे गायब हो गया! दूसरे पुलिस वाले ने सोचते हुए कहा।
लेकिन सेकंड फ्लोर तो बिल्कुल बन्द है वंहा से बाहर निकलना असम्भव है अगर कोई खिड़की तोड़ना भी चहएगा तो एक अलार्म बज जाता लेकिन ऊपर कोई खिड़की या दरवाजा तोड़ने के निशान भी नही है! संग्रहालय के सचिव ने पुलिस वाले को जानकारी देते हुए कहा।
इसका मतलब तो यही है कि खून लिफ्ट के अंदर ही हुआ है वो भी फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर के बीच मे! पुलिस वाले ने चोंकते हुए जबाब दिया।
लेकिन अगर कोई लिफ्ट में होता तो वापस भी लिफ्ट के साथ आता ना! सचिव ने चोंकते हुए कहा।
सही कहा! मतलब खूनी चलती हुई लिफ्ट में अंदर आया और चलती हुई लिफ्ट से खून करके गायब भी हो गया! पुलिस वाले ने घबराते हुए कहा।
कुछ समय बाद....
संग्राहलय में पुलिस का जमाबड़ा लग चुका था पुलिस ने सब तरफ से देख लिया था लेकिन सेकंड फ्लोर पर खून होने के कोई प्रमाण नही मिले थे पुलिस अफसर चारो तरफ देखता है और गहराई से लिफ्ट और सेकंड फ्लोर का निरीक्षण करता है लेकिन कोई प्रमाण नही है कि सेकंड फ्लोर से कोई भाग सकता है। अर्थात खून फर्स्ट फ्लोर के और सेकंड फ्लोर के बीच मे हुआ वो भी लिफ्ट में लेकिन सवाल यह है कि खूनी लिफ्ट में पहुंचा कैसे? और अगर पहुंचा तो वह खून करके लिफ्ट से भागा कैसे? इन्ही सवालों में एक सवाल ओर था जो कि खूनी ने अगर लिफ्ट को तोड़ा नही जा सकता और लिफ्ट भी चारो तरफ से बंद है यानी कि ऊपर से भी बंद है तो लिफ्ट में घुसा कैसे? क्योकि लिफ्ट को कंही से भी तोड़ने या काटने का कोई निशान नही है।
तभी फोरेंसिक टीम जांच के लिए लिफ्ट के अंदर से लाश को बाहर निकालती है तभी सभी लोग एक दम से चोंक जाते है। क्योंकि लाश के पीछे कुछ आकृति बनाई हुई थी जिसके ऊपर खून से ब्लादिमीर लिखा हुआ था।
ब्लादिमीर! पुलिस अफसर ने घबराते हुए कहा।
पुलिस कर्मी ने इस घबराहट का कारण पूछा। सर आप ये नाम सुनकर इतना घबरा क्यो गए?
ब्लादिमीर एक रहस्यमय खूनी है जिसे आज तक कोई नही पकड़ पाया इसे तो पूरा विश्व ढूंढ रहा है। तुंरन्त पूरे लंदन में चौकसी बढ़ा दो। वो यंहा से निकल ना पाए।
इतना सुनते ही सभी पुलिस वाले तुंरन्त ही भाग कर अन्य पुलिस स्टेशन में सूचित कर देते है और सड़कों, एयरपोर्ट पर, पानी वाले जहाजो, सब तरफ पुलिस तैनात हो जाती है।
5 दिसम्बर 1971
विशालकाय जहाज (पानी वाला)
सुबह का समय, माया की नींद अचानक ही खुलती है। वह बिल्कुल नग्न अवस्था मे थी और बगल में ब्लादिमीर को ना पाकर थोड़ा घबरा जाती है। इसलिए जाकर कपड़े पहनकर बाहर ब्लादिमीर को ढूंढने निकल जाती है।
तभी उसे ब्लादिमीर जहाज के कोने पर खड़े होकर समुंदर की लहरों को देखने मे व्यस्त था।
तुम यंहा क्या कर रहे हो? माया ने पीछे से गले लगाते हुए कहा।
अब तक पूरे लंदन में कोहराम मच गया होगा। बस मेरे सम्राज्य की शुरुआत हो चुकी है! ब्लादिमीर ने सामने देखत्ते हुए कहा।
कैसा साम्रज्य?
ऐसा सम्राज्य जो रहस्यमयी हो जिसे कोई नही देख पाए लेकिन वह इस दुनिया को चलाये जिसका राजा मै बनूँगा। एक डर का साम्राज्य। ब्लादिमीर ने रहस्यमयी मुस्कान के साथ कहा।
वैसे तुमने केन्डी का खून किया कैसे? माया ने कुछ सोचते हुए पूछा।
ब्लादिमीर ने पीछे मुड़कर माया को अपनी बांहो में घेर लिया। तुम जानना चाहती हो।
हाँ! मतलब ये किसी चमत्कार से कम नही था! माया ने हसंते हुए कहा।
तो सुनो जब केन्डी ने लिफ्ट में कदम रखा तब में दूसरी मंजिल पर खड़ा था वो भी लिफ्ट के दरवाजे के सामने। जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा सेकंड फ्लोर पर खुला मैने केन्डी के चाकू घोप दिया जिससे वह पीछे की तरफ गिर गया। और सेकंड फ्लोर पर किसी तरह के खून के निशान नही बिखरे। फिर मेने लगातार दो चाकू और घोप दिए। जिसे वह तुंरन्त मर गया मेरे पैर के लिफ्ट के दरवाजे के बीच मे फंसे होने की वजह से लिफ्ट नीचे नही गई और मैने अपना निशान लाश के पीछे बना दिया फिर दरवाजे से पीछे हट गया जिससे लिफ्ट नीचे जाने लगी। जैसे ही मेने देखा कि लोग ऊपर आ रहे है। मै लिफ्ट के ऊपर कूद गया और उसकी चार रस्सियों को पकड़ कर ऊपर चढ़ गया। ऊपर वाली चिमनी से मै अपना सामान लेकर निकल गया और फिर चिमनी को बंद कर दिया वैसे भी किसी ने भी नही सोचा होगा कि कोई एक इतनी छोटी चिमनी तक पहुंच सकता है वो भी बिना सीढ़ी के। खून करने के समय इतने कम समय मे हुआ कि पुलिस वालों को लगा कि खून लिफ्ट के अंदर ही हुआ।
इतना सुनते ही माया की आंखे बड़ी हो जाती है! मानो वह एक दम से चोंक गई हो!
तभी ब्लादिमीर माया के गाल को चुम लेता है।
वैसे अभी हम कंहा जा रहे है? माया ने चोंकते हुए पूछा।
हम श्रीलंका जा रहे है! ब्लादिमीर ने अपना सिर वापस समुंदर की तरफ करते हुए कहा।
लेकिन श्रीलंका क्यो? माया ने चोंकते हुए पूछा।
सुना श्रीलंका सरकार अपना एक छोटा सा दीप बेच रहा है बस वही खरीदने के लिए जा रहे है। मेरे सम्राज्य का किला वंही होगा। रावण की तरह तीन तरफ से सुरक्षित।
लेकिन? माया इतना कहकर चुप हो जाती है।
मै दानव हुँ, भगवान नही
मै रावण हु, राम नही!
इतना कहकर ब्लादिमीर एक राक्षस वाली हँसी हंसता है।
नोट - मिलये इस सदी के सबसे बड़े खलनायक से जिसका न है ब्लादीमीर
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