इंसान जब मायूस होता है या खुश होता है तो उसके मन में कई सारी बातें चल रही होती है । उन सारी बातों में कुछ बातें कहानियों का रूप ले लेती हैं , कुछ लेख का रूप लेती है और कुछ कविताओं का रूप ले लेती है । एक ऐसी ही कविता "बस चल रहा हूं मैं...." है। समाज में हतोत्साहित लोगों के लिए यह कविता एक प्रेरणास्रोत हो सकता है । इस कविता केेे माध्यम से उन लोगों के लिए एक प्रेरणा का माध्यम बन सकता है जिन्होंने अपने जीवन में कई कष्ट देखे हैं और उन कष्टों को देखते हुए अपने जीवन से हार चुकेे हैं। इंसान के साथ ऐसी कई घटनाएं घटती हैं जब व्यक्ति को लगता है कि अब जीवन में कोई भी चीज शेष नहीं बचा, या यूं कहें की वह व्यक्ति अपने हर क्रियाकलाप में अपनी हार तलाशना शुरू कर देता है और उसकी मन की हार उसकी असली हार का वजह बन जाती है । मगर जब वही व्यक्ति अपने मन से अपनी हार को हरा देता है और उसके बाद उसके जीवन में एक नई ऊर्जा का संचाार होने लगता है। ऊर्जा का स्रोत हर व्यक्ति के अंदर ही होता है बस उसे जगानेे भर की देर होती है और उसे जगानेेे के लिए भी कोई माध्यम ही होता है। माध्यम कोई भी हो सकताा है उदाहरण स्वरुप या तो कोई व्यक्ति या फिर किसी प्रकार का लेख या किसी भी प्रकार की कविता जो उसे प्रेरणा दे सके और इस कविता के माध्यम से मैंने उसी ऊर्जा को पहचानने के लिए लिखा है।
और कोई ख्वाहिश भी नही है ,
निकल पड़ा हूँ उस राह् पे जहां मेरी मंज़िल है,
कोइ कहता है कि इस राह पे मंज़िल है ,
कोई कहता है उस राह पे मंज़िल है
मगर मुझे तो अपनी राह ख़ुद बनानी है ,
एक ना एक दिन वो राह भी बन जानी है,
जो मुझे मंज़िल तक ले जायेगी,
मुझे मेरे सपने को दिखायेगी
मुश्किलें बहोत हैं , राह भी कठिन है ,
भटक भी सकता हूँ, गिर भी सकता हूँ ,
तैयार हूँ मै हर बात के लिए ,
जीत के लिए भी और हार के लिए भी ,
है जुनून उस मंज़िल को पाने की,
जरूरत है उस ताकत को लगने कि
और कोई चाहत भी नहि है ,
कोई और तरीका भी नही है ,
कोई साथी भी नही है ,
और किसी कि जरूरत भी नही है.
कोई साथ देने कि बात करता है
कोई साथ छोड़ने कि बात करता है
कोई साथ क्यों दे मेरा ,
कोई हाथ क्यों पकड़े मेरा,
तकलीफ तो होगी मुझे उसे पाने में
दर्द भी होगा उसे अपनाने में
मगर वो दर्द भी कबूल है
और वो तकलीफ भी कबूल है
नहीं चाहता हू ऐसे ही मर जाना
बीना कुछ दिए इस दुनिया से चल जाना
मेरा जीवन भी इस दुनिया के काम आए
लोगो के बीच मेरा भी एक नाम आए
बस चल रहा हू मै , मेरी मंज़िल है कहीं