-------क्रीष्ना संग राधा-मीरा --------
v/s,गोपीया.
(कहानी)
part 1,,,,
गुजरात के गिर मे एक छोटासा गाँव हे गोकुलगिर , वहापे क्रीष्ना ,राधा और मीरा का जन्म होता हे । बचपन से ही राधा और क्रीष्ना एक दूसरे को प्यार करते हे । और यहा मीरा भी मनोमन क्रीष्ना को चाहती हे ,पर उसका प्यार एक तरफा हे ।
मीरा के मा बाप अनपढ़ हे ,और मीरा को भी नही पढ़ाते हे। मीरा की शादी बचपन मे ही एक शहेरी राणाराज़ के नामके एक लड़के के साथ तय हो जाती हे ।
बचपन की क्रीष्ना की मीठी मीठी बाते और
पढाई करते करते वो बड़े हो जाते हे ।
फ़िर एक दिन राणाराज़ प्रताप जो शहेर से हे वो मीरा के साथ शादी करने के लिये गोकुलगिर गाँव आता हे । सबको राणा राज़ अछा इन्सान लगता हे ,लेकिन वो शराबी और बुरा इन्सान हे ।
एक ही दिन मे मीरा की शादी राणा के साथ ,और राधा की सगाई क्रीष्ना के साथ एक ही मंदिर मे होती हे । यहा राधा क्रीष्ना का प्यार पाके बहूत खुश होती हे ,और मीरा यहा बहोत रोती हे ।
लेकिन शादी के एक दीन पहेले एक घटना घटती हे । राणाराज़ जंगल मे शिकार के लिये जाता हे ,वहा पे राणाराज़ की असलियत का पता क्रीष्ना के एक मित्र जिसका नाम "गोवाल" हे उसे पता चल जाता हे ,उन दोनो मे लड़ाई होती हे और राणाराज़ गोवाल को बहोत पिटता हे और उसको मारके फेक देता हे ।
शादी करके राणाराज़ मीरा को लेकर शहेर चला जाता हे । दूसरे दीन क्रीष्ना राधा और पूरा गाँव गोवाल को ढूँढते हे । गोवाल सबको जिंदा तो मिलता हे मगर वो कोमामे चला जाता हे ।
शहेर मे राणाराज़ मीरा को बहूत तंग करता हे । मीरा उसे तंग आके घर से भाग जाति हे ,लेकिन अनपढ़ होनेसे वो शहेर मे घूमती रहेती हे । राणाराज़ उसे पकड़ लेता हे ।
गाँव मे गोवाल कोमासे बहार आता हे ,क्रीष्ना और सबको वो राणाराज़ की असलियत बताता हे ,यहा क्रीष्ना बहूत गुस्सा हे ,गाँव के सब क्रीष्ना को शांत करते हे ।
शहेर मे मीरा दूसरी बार भागती नही लेकिन गाँव मे एक ख़त भेजती हे की मे यहा बहूत दुखी हूँ ।
गाँव मे शरू बारिश मे पोस्ट मेन ख़त देने आता हे लेकिन मीरा के घर का एड्रेस ख़त भीगने के कारन निकल जाता हे ।
फ़िर क्रीष्ना राधा और गोवाल शहेर मीरा की तस्वीर लेकर उसकी मदद के लिये जाते हे।
गाँव के सब लोग और क्रीष्ना की मा ,क्रीष्ना को राणाराज़ को प्यार से समजाना ,मगर लड़ाई मत करना ऐसी सीख देते हे।
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part 2,,,,
शहेर मे क्रीष्ना राधा और गोवाल तीन दीन तक "दीन-रात" मीरा का घर ढूँढते हे ,और तीनो रात उसे शहेर का बुरा नजारा देखने को मिलता हे।
(पहेली रात)1
पूरे दीन ढूंढकर वो रात को एक घर के बाहर आराम करने के लिये बेठते हे। घर के अंदर सब घर के परिवार वाले रो रहे होते हे।
क्योंकि उसकी 18 साल की बेटी किसी आवारा लड़के के साथ शादी करने घरसे भाग गई हे।
(दूसरी रात)2
मीरा को दूसरे दीन भी ढूँढ- ढूँढ कर वो किसी दूसरे एलाके मे वो किसी दूसरे घर के बाहर आराम के लिये बेठते हे।
वहा उसे एक लड़की जिसकी उम्र सिर्फ 17 साल की हे वो शादी से पेहले प्रेग्नेट हो जाती हे ,और उसकी मा उसे डांटती दिखाय देती हे।और ये सब क्रीष्ना राधा और गोवाल देखते हे।
(तीसरी रात)3
तीसरे दीन भी वो तीनो मीरा की तलाश करते करते रात के समय जहापे देह व्यापार (बाजारु औरते हे)चल रहा होता हे वहापे चले जाते हे। और उसे ये शहेर का माहोल अच्छा नही लगता ।""खास करके लड़कियौ का जीवन अच्छा नही लगा ।
फ़िर चौथे दीन भी मीरा का घर नही मिलता और वो लोग वापस गाँव जाने के लिये वापस बस स्टेशन आते हे ,उसी समय राणाराज़ अपनी गाड़ी लेके वहा निकलता हे ,और गोवाल उसे देखलेता हे । फ़िर ओ तीनो उसका पीछा करते करते घर तक पहोंचे ।
घर मे जाते ही राणाराज़ और क्रीष्ना के बिच बहेस होती हे,फ़िर राणाराज़ क्रीष्ना पे वार करता हे ,लेकिन गाँव के सब लोग और क्रीष्ना की मा के मना करने से क्रीष्ना राणाराज़ पे वार नही करता,फ़िर भी राणाराज़ अपना वार शरू रखता हे । क्रीष्ना उसके वार से बचता रहेता हे,और अंतमे राणाराज़ वार करते करते गिर जाता हे ,उसके सरपे चोट आने से वोभि कोमामे चला जाता हे ।
एक हप्ते तक हॉस्पिटल मे रहता हे फ़िर भी वो कोमासे बाहर नही आता । डॉक्टर का भी यही कहेना हे की वो अब कोमासे बाहर नही आयेगा ।
यहा मीरा अपना पतिव्रता धर्म निभाती हे ,और उसकी सेवा करने को कहेती हे ,फ़िर मीरा उसके साथ हॉस्पिटल मे रहेती हे।
क्रीष्ना राधा और गोवाल वापस गाँव जाने के लिये हॉस्पिटल से निकलते हे।
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part 3,,,, (यहा कहानी टर्न लेती हे)
हॉस्पिटल से तीनो निकलते हे ,की रास्ते मे एक लड़का एक लड़की को छेड़ रहा होता हे। और एक गीरीबापु नामका एक आदमी बेठे-बेठे हँस रहा होता हे। ये सब नजारा क्रीष्ना देखता हे।
फ़िर क्रीष्ना लड़की को छेड़ने वाले लड़के को मारके भगा देता हे ,लड़की को घर जाने को बोलता हे ।
अब क्रीष्ना उस गीरीबापु पे गुस्सा होता हे।
गीरीबापु बहोत रुपिये वाला ,और गुस्से वाला भी हे ,और नेक भी। लेकिन वो क्रीष्ना पे गुस्सा नही होता क्योंकि उसे क्रीष्ना नेक और अच्छा दिखता हे।
पहेले तो गिरीबापू क्रीष्ना को शांत करता हे ,फ़िर महेमान बनाकर क्रीष्ना राधा और गोवाल को अपने घर ले जाता हे ,फ़िर उसे बात करता हे।
क्रीष्ना तूने जेसे ये लड़की को बचाया ना ,उसी तरह से मेने भी कितनी लड़कीयौ को बचाया हे ,लेकिन वही लड़की थोड़े दीनौ के बाद उसी लड़के के पीछे बेठि दिखाय देती हे।
फ़िर क्रीष्ना गीरीबापु को कहेता हे की इस लड़कियों को केसे सुधारा जाये।
क्रीष्ना और गीरीबापु मिलके एक प्लान बनाते हे ,की ये लड़किया सीधी तरह से नही सुधरेगी ,हमेभी थोड़ा उल्टा होना पड़ेगा ।
क्रीष्ना शहेर मे 100से ज्यादा अलग अलग तरीके से गोपीया(लड़किया) पटाता हे (अपने जाल मे लेता हे )और गोवाल और गीरीबापु उसका साथ देते हे ।
फ़िर गीरीबापु हर साल की तरह नवरात्रि मे गरबा स्पर्धा का आयोजन करता हे । उसी स्पर्धा मे फिल्म एक्टर को बुलाता हे ,
t.v. पर live दिखता हे ,बड़िया एनाम के साथ आयोजन करता हे। सब लोग t.v. के जरिये ये सब देखे यही उसका आयोजन प्लान हे ।
क्रीष्ना सभी गोपियों को उसके प्लान के अनुसार गरबा स्पर्धा मे बुलाता हे।और उसे सही सीख ,ज्ञान ,उसकी अहमियत बताता हे ।
की लड़कियों तुम अपना कुंवारापन एसेही शादी से पेहले मत गवाओ,तुमारा शरीर ही तुमारा सचा गहेना हे ,सिर्फ मन अच्छा होने से कूछ नही होता आपका ""तन""भी अच्छा होना चाहिये । मेरे जासेमे तुम सब गोपीया आ गई वेसे किसी और के जाल मे मत आना ,वरना तुम्हारा गलत उपीयोग भी हो सकता हे।
सभी लड़किया क्रीष्ना से अच्छी सीख लेके घर जाती हे ,लेकिन कूछ गोपीया(लड़किया) क्रीष्ना को सच मे प्यार करने लगती हे ।
दूसरे दीन गीरीबापु के घर के बहार थोडीसी लड़किया क्रीष्ना से बदला लेने अलग अलग हथियार लेके आती ,और गिरीबापू कहता हे की क्रीष्ना भागजा अपने गोकुल गिर वरना ये गोपीया तूजे छोडेंगि नही ।
क्रीष्ना अपनी गाड़ी लेके राधा और गोवाल को लेके गोकुल भाग जाता हे।
।।समाप्त ।।
हॉस्पिटल मे राणाराज़ की उँगलियाँ हिलती हे !!!!!