Begunaah gunehgaar - 9 in Hindi Short Stories by Monika Verma books and stories PDF | बेगुनाह गुनेहगार 9

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बेगुनाह गुनेहगार 9

सुहानी की मम्मी कल्पेश भैया के पास गई है। पता चला कि ककल्पेश भैया ने 9 साल पहले कोर्ट में एक  लड़की से शादी कर ली थी।जिसका नाम है कश्मीरा। जिसका पहले पति से एक बेटा है- अयान। जो करीबन सुहानी की उम्र का है। 

कल्पेेेश भैया के पास ज्यादा वख्त नही है।  हालत बहोत बुरी है। 


मम्मी कुछ वख्त वहां रुकी। कश्मीरा और अयान दोनो ही कल्पेश भैया का अच्छी तरह ख्याल रख रहे थे। सुहानी भैया को देखना चाहती है। मम्मी ने कहा में अयान से कहती हूं वो तुम्हे फ़ोटो भेजे। सुहानी ने मन करना चाहा। किसीको भी मेरा नंबर मत दो। मम्मी ने कहा अयान अच्छा लड़का है। वो नंबर का मिस यूज़ नही करेगा।

अयान ने अपने पापा की फ़ोटो सुहानी को सेंड करी। सुहानी भैया का ऐसा बुरा हाल देख भी नही पाई। आंखे सूजी हुई, बंद आंखे, मुह छोटा सा, कुछ भी सही नही है। डॉ।. ने तो कब का जवाब दे दिया था। बस कुछ ख्वाइश है जो वो कह नही पा रहे है। शायद अपने मम्मी पापा से मिलना चाहते है। 

वो शायद कभी उन्हें नही बुलाएंगे। घर के हालात ही कुछ ऐसे है। कल्पेश भैया के बड़े भाई धरम एक नो. का शराबी। किसी लड़की को भगाकर उससे शादी की बच्चा भी हुआ। सुहानी वैसे भी तंग आ चुकी थी ऐसे परिवार से। 

सुहानी भैया से बात करना चाहती है लेकिन कैसे करे। छोड़ो सारी चिंता। जिनको आपकी फिक्र नही आप उनके लिए क्यो रो रहे हो? क्यो इतना दर्द सह रही हो? धरम भैया तो वैसे भी कल्पेश भैया को मार डालना चाहते है। ना पैसे का ठिकाना, न नौकरी न धंधा न घर का ठिकाना।

सुहानी की अयान से बातचीत होती रहती। मम्मी वापस आ गई घर । और सुहानी जॉब पर चली गई। कुछ दिन बाद खबर मिली कि भैया नही रहे। सुहानी फिर भी वहाँ नही जा पाई। भैया को दर्द से छुट्टी मिली इस विचार को सोच के दिल को सुकून देती रहती। 

इस और सुहानी और इमरान का छुप छुप कर मिलना जारी था । महीने में एक दो बार मिल लेते। लेकिन सुहानी ने अपनी हद पार नही की थी। अभी तक दोनों एक नही हुए थे। सुहानी के मम्मी पापा शादी के लिए फ़ोर्स करने लगे। सुहानी ने इस बार इमरान से कह दिया। में मम्मी पापा को हमारे बारे में बता दू। इमरान ने कहा अभी नही, मुझे पहले अपने पैरों पर खड़े होने दो। अभी कोई परमानैंट जॉब नही मिली। यह कामचलाऊ जॉब से घर का खर्चा तो निकल जाता है। लेकिन जॉब अच्छी मिल जाने दो। 

अयान और सुहानी इन दिनों अच्छे दोस्त बन चुके है। एक दिन अयान ने पूछ ही लिया बॉय फ्रेंड है क्या आपका?

सुहानी: क्यो?

अयान: अरे बताओ न, मैं थोड़ी न किसी को बताने वाला हु?

सुहानी ने सोचा एक दोस्त तो मिल चुका है। चलो अच्छा ही है। क्या फर्क पड़ता है। सुहानी ने कहा हाँ है।

अयान: घर मे पता है?

सुहानी: नही। तुम बताओ। तुम्हारी गर्ल फ्रेंड है क्या?

अयान: हाँ, लेकिन हम मिलते बहोत कम है।

सुहानी: हम कहाँ रोज रोज मिलते है? मिल लेते है कभी कभी?

अयान और सुहानी एक दूसरे से सारी बात करते। हफ्ते में एक दो बार बात कर ही लेते। 


अयान ने ये भी बताया कि उसकी मम्मा यानी कश्मीरा भाभी भी यह बात जानती है। लेकिन लड़की के पेरेंट्स पुलिस की धमकियां देते रहते है। उसकी मम्मा भी उसके घर डांट लगा के आई है। 

सुहानी को ये जानकर अच्छा लगा कि उसकी मम्मा इसके साथ है। 

इमरान ने सुहानी को एक बार मिलने बुलाया।  सुहानी इमरान से मिलने गई। वो अपने दोस्त को साथ लेकर आया। सुहानी ने कहा ये कौन है।? 

इमरान : मेरा दोस्त है। उसे किस करना है तुम्हे। करने दो।

सुहानी: क्या? आपको पता है आप क्या कह रहे हो? होश में तो हो?

इमरान: देखो मुझे अपना पति मानती हो न। में कह रहा हु। करने दो। 

सुहानी : बिल्कुल नही। 

इमरान सुहानी को अपने दोस्त के पास छोड़कर बाहर जा रहा था। सुहानी ने इमरान का हाथ पकड़ लिया। उसे गले लगाया। उसे बहलाया। लेकिन सुहानी एक कि दो न हुई। उसने इमरान के दोस्त को छूने तक न दिया।

सुहानी वहाँ से चली गई। 

दो दिन तक सुहानी ने इमरान से बात नही की। इमरान ने कई फ़ोन किए मेसेज किए। सॉरी कहा। माफी मांगी। 

क्या हुआ सुहानी ले साथ? फिर से शिकार बनी क्या? देखते है अगले अंक में।