Aatma ka raaz in Hindi Mythological Stories by Ravi kumar bhatt books and stories PDF | आत्मा का राज़

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आत्मा का राज़

 बहुत समय पहले एक राजा था  
उसे एक ऋषि का वरदान था की वह मृत व्यक्ति की आत्मा को शरीर से निकलते हुए देख सकता है 
परंतु ऋषि ने चेतावनी भी दी थी की यदि ये राज़ वो किसी पे खोलेगा तो उसकी उसी समय मृत्यु हो जायेगी 
इस डर से राजा ने ये बात अपने तक ही रखी और अपनी रानी को भी नही बतायी 
परंतु एक दिन नगर में रानी से साथ टहलते समय एक घर में भीड़ लगी देखि तो जिज्ञासा के कारण दोनों वहाँ जा पहुँचे 
राजा ने देखा की ये एक मोची का घर है और मोची की मृत्यु हो गयी तो सब लोग वह भीड़ लगा के खड़े थे 
तभी राजा के वरदान के कारण राजा ने मोची की आत्मा को शरीर से बाहर निकलते देखा 
राजा ने देखा के मोची की आत्मा शरीर से निकली और बहोत रोती हुयी विलाप करती हुयी कह रही की है मोची तू कितना अच्छा आदमी था आज तेरे अच्छे कर्मों के कारण में स्वर्ग जा रही हूँ तेरा धन्यवाद 
इतना कह कर आत्मा मोची के शरीर से लिपट कर रो रही थी 
ये देख राजा की आँखों में भी आंसू आ गये.
राजा को रोता देख रानी ने उसे सांत्वना दी और अपने मन में सोचा शायद अपनी प्रजा का दुख राजा नही देख सकता इसलिए आंसू आ गये
 परंतु कुछ दिन बाद 
राजा के ससुराल से खबर आयी के रानी के पिताजी का देहान्त हो गया है ये सुन कर राजा और रानी तुरंत वहाँ  पहुँचे 
तभी राजा के वरदान के कारण राजा ने रानी के पिताजी की आत्मा को शरीर से निकलते हुए देखा 
तो आत्मा गाली बकती हुई शरीर से निकली और दरवाज़े पे पड़े जुते से मृत शरीर से सर पर जोर जोर से जूते मारने लगी और बोल रही की तेरे गंदे कर्मों के कारण मुझे आज नरक में जाना पड़ रहा है और ये कहती हुयी चली गयी 
राजा ये देख कर जोर जोर से हँसने लगा 
राजा को अपने पिता की मृत्यु पर हँसते देख रानी क्रोधित हो गयी 
रानी ने राजा से कहा उस दीन मोची की मृत्यु पर तो आप रो रहे थे परंतु मेरे पिताजी की मृत्यु पर आप हंस रहे हो क्यों? सच जाने बगैर में खाना नही खाऊँगी 

कई दिनों तक रानी ने खाना नही खाया राजा ने कई बार मनाने की बहोत कोशिश की मगर सब विफल 
राजा ने रानी को बताया यदि ये राज़ वो किसी पे खोलेगा तो उसकी उसी समय मृत्यु हो जायेगी परंतु रानी ने सोचा राजा बहाने बना रहा है 
और वो अपनी बात पे अड़ी रही 
थक हार के राजा ने रानी को वो राज़ बताने को तैयार हो गया 
राजा जानता था की राज़ खुलने के बाद वो जीवित नही बचेगा इसलिये वो रानी को अपने साथ गंगा किनारे ले गया और एक चिता त्यार करवायी और रानी से कहा की मेरी मृत्यु के पश्चात यही मेरा अंतिम संस्कार कर देना 
रानी को तब भी ये बहाना ही लगा 
तभी नदी किनारे राजा ने एक दृश्य देखा एक बकरा बकरी नदी किनारे पानी पी रहे है बकरी ने नदी में बहते हुए एक फूल को देखा और बकरे को यूज़ लाने को कहा बकरे ने कहा दिखता नही कितना गहरा पानी है मैं डूब जाऊँगा परंतु बकरी ज़िद पे अड़ी थी बकरे को गुस्सा आया और उसने बकरी को एक सींग में उछाल कर नदी में धक्का दे दिया और बोला जा तू ही ले आ फूल मुझे इस राजा की तरह बेवकूफ़ समझा है जो ये जानते हुए की उसकी  मृत्यु  तय है फ़िर भी रानी को अपने राज़ बता रहा है 
बकरे की ये बात सुन कर राजा दिमाग भी ठनका और उसने रानो को कहा चिता पर बैठने को और ज़ेसी ही रानी चिता पर बैठी राजा ने चिता को आग लगा दी रानी वही समाप्त हो गयी