Begunaah gunehgaar - 6 in Hindi Short Stories by Monika Verma books and stories PDF | बेगुनाह गुनेहगार 6

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बेगुनाह गुनेहगार 6

सुहानी रोहित के प्यार को अपना सहारा मान चुकी है। मम्मी पापा बार बार सुहानी की शादी की बात करने में लगे है। लेकिन सुहानी का रोम रोम प्रकृति और देश की सेवा से भरा हुआ है। बस एक गलती हो गई। शादी शुदा इंसान से प्यार। 

6 महीने हो गए। सुहानी और रोहित के अनजान रिश्ते को। सुहानी हर पल कुछ नया सीखने की चाह रखती है। अब रोहित सुहानी को मिलना चाहता है। वो उसे बुलाने की कोशिश करता है। उतने में एक और खिश खबरी मिली। रीमा भाभी गर्भवती हुई। क्रेश का साथी आने वाला है। रीमा भाभी छुट्टियों में अपने मायके गई। सुहानी मासी के वहाँ छुट्टियां मनाने गई। किसी तरह रोहित ने भी सुहानी को अपने यहाँ बुला लिया। रीमा भाभी के बहाने। सुहानी रोहित 8 महीने बाद मीले। वैसे तो सुहानी पहली बार ही रोहित को देख रही है।लेकिन रोहित पहले भी सुहानी से मिल चुका था। जिस के बारे में सुहानी को याद न था। 

सुहानी और रोहित ने एक दूसरे को देखा। रोहित ने कहा अकेले में वख्त गुजारते है। लेकिन रोहित की बीवी प्रकृति वही है। दो प्रेमी वहां थे। सुहानी को प्रकृति में कोई बुराई नही दिखाई दी। पता नही रोहित क्यो इस कह रहा था। 

लेकिन प्यार के आकर्षण के आगे सुहानी कुछ देख न पाई। सुहानी अपने भैया भाभी के साथ ऊपर के कमरे मे सोती है। एक दिन सुबह 4 बजे रोहित ने सुहानी को मैसेज किया बाहर आओ। सुहानी ने देखा भैया भाभी सो रहे है । वो धीरे धीरे बाहर गई। देखा तो रोहित वहां खड़ा है। सुहानी रोहित के पास गई। दोनो गले मिले। रोहित सुहानी का अंग अंग छू रहा है। सुहानी बेझुबा होकर उसका अनुभव कर रही है। दो ही मिनट हुआ कि नीचे से आवाज आई। रोहित बोला अंदर जाकर सोजा। फिर मिलते है। 

कहते है न जब खुदा किसीके साथ हो न तो उसका कोई बाल भी नही मोड़ सकता। 

सुहानी फिर वापस अपने घर आ गई। वह मिलन कि अधूरी घड़ी अधूरी ही राह गई। 

वख्त गुजरता गया। सुहानी अच्छे नम्बरो से पास हो गई। और उसे जॉब भी मिल गई। रोहित भी सुहानी की कामयाबी से खुश हुआ। 

सुहानी को सरकारी नोकरी मिल गई। रीसर्च में। पर घर से दूर थी। मम्मी पापा सुहानी की शादी के पीछे पड़े हुए है। एक दिन सुहानी नई रोहित को इस बारे में बताया।

टैब रोहित ने रिप्लाई दिया आज नही तो कल तुम्हे शादी तो करनी ही पड़ेगी न। तब सुहानी का दिल जैसे किसीने किले चुभाई हो ऐसे दुखा। 

सुहानी जैसे टूट सी गई। 2 साल के रिश्ते को इतनी आसानी से पराया कर दिया? तो फिर मुझे छुआ किस हक़ से? क्या टाइम पास था वो? 

इस दर्द से सुहानी टूटी जरूर। लेकिन अपनी ईमादारी की जॉब ने सहारा दे रखा है। एक ताकत जो जीने की आशा जगाई रखे हुए है। अपने देश के लिए कुछ कर दिखाने की चाह। सुहानी ने रोहित से बात करना बंद कर दिया। 



सुहानी रोहित से प्यार करती है। लेकिन कई दोस्तो से बाते जारी है। जिसकी वजह से वो अपने दोस्तों के करीब है। इन्ही बातो में कॉलेज के एक दोस्त इमरान से भी दोस्ती हो गई। इमरान ने सुहानी को प्रोपोज़ किया। 

सुहानी ने कहा यह नही हो सकता। सुहानी ने मना कर दिया। 

इमरान ने कहा कोई है क्या तुम्हारे जीवन मे। 

सुहानी ने कहा है भी और नही भी। 

इमरान: मतलब? 

सुहानी ने अपने पास्ट के बारे में बताया। 

इमरान ने कहा जो हुआ सो हो गया। अभी तो वो तुम्हारे जीवन मे नही है ना? 

सुहानी ने कहा नही। 


सुहानी आगे क्या करेगी पता नही था। क्या करेगी सुहानी? मम्मी पापा की मर्जी से शादी? या कुछ और। देखते है अगले अंक में।