Begunaah gunehgaar - 4 in Hindi Short Stories by Monika Verma books and stories PDF | बेगुनाह गुनेहगार 4

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बेगुनाह गुनेहगार 4

अब तक हमने देखा कि सुहानी नाम की एक लड़की एक बड़े परिवार की बेटी है। जहाँ प्रॉपर्टी के पारिवारिक झगड़े की वजह से कोई किसी से बात नही करता। सब का एक दूसरे के घर मे आना जाना बंद है। सुहानी अपने मम्मी पापा और छोटे भाई हैरी के साथ रहती है। बाद में सुहानी को पता चलता है उसकी बड़ी बहन है इराही। जो किसी के प्यार में थी। सुहानी के पाप इसके खिलाफ थे। इराही ने भाग के शादी कर ली। सुहानी  के सुहानी अपना ध्यान पढ़ाई पर लगा रही है। सुहानी पढ़ाई के लिए मासी के वहाँ रहती है। भाभी और मासी के झगड़े के बीच सुहानी सह नही पाती। अपनी पढ़ाई खत्म कर के सुहानी वापस आ जाती है। वापस आकर सुहानी आगे की पढ़ाई अपने घर आ कर करती है। इराही के साथ अनबन खत्म हो जाती है। इसी दौरान रोहित से दोस्ती हो जाती है। अब आगे। 

सुहानी अब रोहित के अकेलेपन में उसके साथ रहा करती है। मैसेज से बाते करती रहती है। रोहित की बीवी प्रकृति इस बात से अनजान है। रीमा भाभी यह तो जानती है कि रोहित और सुहानी के बीच मैसेज से बाते होती है। 

सुहानी और रोहित अब अच्छे दोस्त बन चुूूके है। सुहानी कॉलेज में। अच्छाी तरह से पढाई करती है। घर आकर रोज सुहैानी रोहीत के साथ   मेंंसेज से बाते कर्त है। 

अब सुुहैानी की केोलेज की एग्जाम शुुुरु हो रहे है। सुहानी।  मन लगाकर पढ़ाई कर रही है। रोहीत भी   सुहानी केी एग्जाम के बारेे में जानता है। 

धीरे  धीरे  एग्जाम करीब आ गई। रोज सुहानी अपने दोस्तों केे   साथ एग्जाम देंने जाती हैै। कॉलेज मेंं एक  और दोस्त बन चुुकेी है - तारीका। जो  शादीशुदा है। और  अपने परिवार में बहुत खुश है। 


वैसे तो केोलेेज के सारेे लोगो से सुहानी केी दोस्तेी अच्छी हैैै। लेकिन तारीका से मिलना झुलना ज्यादा हैै। दोनो केा एकदूसरे के  घर आना जाना ज्यादा है। 
सुहानी की मम्मी इराही के वहाँ इराही की डिलीवरी के लिए गई है । पापा आफिस में और हैरी स्कूल। दूसरी ओर तरीका का पति मयूर दुकान के काम मे बिजी रहता है। तरीका अपनी सास को काम मे हाथ बटा देती है। दोपहर तक दोनों काम लिपटा कर दोनों में से किसी एक के घर चले जाते। कभी सुहानी के पापा उसे तारिका के घर छोड़ आते, तो कभी मयूर तरीका को सुहानी के घर छोड़ देता।शाम तक दोनों साथ मे पढ़ते। फिर अपने अपने घर जाकर काम कर लेते। फिर पढ़ने लगते। दूसरे दिन एग्जाम देने जाते। बीच बीच मे सुहानी रोहित से बात कर लेती मेसेज से।अब एग्जाम भी ख़त्म हुई। अब छुट्टियां शुरू हुई। दो हफ्ते की। सुहानी हैरी और पापा के साथ रह रही थी। घर का काम और फिर रोहित के साथ मैसेज से बाते।घर मे किसी को इस बात की खबर नही है। सुहानी इस दोस्ती से खुश है। कैसे है, क्या खाया पिया, क्या कर रहे है, कहाँ है ऐसी बाते मेसेज से करते रहते है।इसी दौरान दो हफ्ते निकल गए। सुहानी कुछ न कुछ करने की सोचती रहती। जैसे कि उसका सपना की एक बड़ी लाइब्रेरी खोलना चाहती है। क्योंकि सुहानी पायलट बनना चाहती थी। आसमान को छूना चाहती थी। शादी वगेरह तो सोच से ही परे थे। बस रोहित से कही और ले जा रही है।अब छुट्टियां खत्म हो चुकी है। सुहानी तारीका के साथ कॉलेज जाने लगी। रोज मैसेज से रोहित से बात कर लेती। कॉलेज से लौटते वख्त जैसे सुहानी बस से उतरी, एक unknown नंबर से।

किसका है यह नंबर? किसका कॉल था? देखते है अगले अंक में।