no smoking in Hindi Human Science by Surya Pratap Ball Ji books and stories PDF | नशा करना एक गलत आदत है - नो स्मोकिंग

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नशा करना एक गलत आदत है - नो स्मोकिंग

एक बड़े से शहर के पास एक गांव था उस गांव के चार परिवार एक गली मे रहते थे चारों परिवार के मुखिया जागेश्वर भोलानाथ शंभू नाथ और कन्हैया लाल चारों मुखिया बच्चे भी थे दो दो बच्चे थे जागेश्वर के बच्चों का नाम शिवा और जीतू था भोलानाथ के बच्चों का नाम रिंकू और टिंकू था शंभू नाथ के बच्चों का नाम उपेंद्र और पुष्पेंद्र था और कन्हैया लाल के बच्चों का नाम प्रयाग राजीव था इन चारों के बच्चे हमेशा साथ ही पढ़ने जाते थे और एक दूसरे के काफी करने मित्र साथ साथ खेलने कूदने भी जाते इन सभी बच्चों को मां बाप काफी मेहनती हो और वह मेहनत और लगन पैसा पैदा करके अपने बच्चों को पढ़ाते थे लेकिन अपने बचे ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं धीरे धीरे सभी बच्चे पढ़ कर आते थे रास्ते में कुछ नशा करने लगे कुछ दिन बाद उनकी ज्यादा आदत खराब हो गई थी जिसकी वजह से वह शराब भी पीने लगे और इस आदत को किसी ने स्कूल में सूचना देदी और फिर मास्टर जी ने दूसरे दिन सभी को प्रार्थना में एक तरफ निकाल लिया था और लाइन में खड़ा किया प्रार्थना होने के बाद सभी लोग अपने क्लास में चले गए और सभी बच्चों को एक एक बच्चे को मुर्गा बनाया और और कहां आ गए थे नशा तो नहीं करोगे सभी बच्चों ने कहा नहीं दूसरे दिन की आदत वह उसी प्रकार फिर से नशा करने लगे और फिर से किसी बच्चे ने मास्टर जी से शिकायत करती हो मास्टर जी ने उन्हें वार्निंग दी और उनके घर पर भी सूचना भेज दी इसके बाद सभी के पिता अपने सभी बच्चों को काफी पीटा और और मुर्गा बनाया और कहा की कसम खाओ याद बात दारू नहीं पीते किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे दूसरे दिन फिर से उन्होंने नशा करना शुरू कर दिया मास्टर जी को पूछना फिर से मिली और माताजी ने सभी को स्कूल से निकाल दिया जब अगले दे वह बच्चे स्कूल नहीं गए तो पिताजी ने स्कूल में सब पर किया तो पता चला पता नहीं छूटा फिर लौट कर घर पर आए और अपने बच्चे गांव से निकाल दिया और सभी गांव वालों को बोल दिया की कोई भी किसी भी प्रकार की मदद नहीं करता और इसके बाद सभी बच्चे काफी प्रकार ओके और प्यार से इधर उधर भटकने लगे भटकते भटकते कुछ दिन बाद सभी बच्चों को अपने ऊपर यह महसूस हुआ की अगर आज नशा नहीं करते तो हमारी यह हालत नहीं होती एक बच्चे ने कहा कि हम हमेशा साथ पढ़ने जाते थे साथ ही खेलते थे साथ ही नशा करते थे और साथ ही गांव से बाहर निकाले गए आज क्यों ना हम साथ ही यह कसम खाते हैं कि आज के बाद हम किसी प्रकार का नशा नहीं करेंगे उन्होंने कसम खाई और घर वापस आए और पिताजी को पैरों पर गिर गए और कहा कि हम नशा नहीं करेंगे और अपने स्कूल पढ़ने जाएंगे@ तो नशा करना एक गलत आदत है जय हिंद