Cursed Treasure in Hindi Fiction Stories by Deepak Pawar books and stories PDF | शापित खज़ाना

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शापित खज़ाना

  शहर से दूर महाराष्ट्र के मिडिल मराठवाड़ा के पहाड़ों के बीच चट्टानों से घिरे इस जंगल के पहाड़ों की गुफाओं में हलचल होती है जिनमें से भूकंप की तरह जैसे ज्वालामुखी बाहर निकलता है उसी प्रकार जमीन के अंदर से दो व्यक्ति रॉकेट की तरह ऊपर उच्छल कर आते हैं और जैसे ही दोनों व्यक्ति उछलकर जमीन पर आकर गिरते हैं वह आस-पास देख कर   खाँसने लगते हैं उनके  के मुंह से धूल भरी मिट्टी के साथ हवा निकलती है तथा दोनों पलट कर सो जाते हैं और आसमान को एकटक देखते रहते हैं जैसी दोनों आसमान को देखने लगे अचानक उनकी नजरों के सामने आसमान में दूर एक एरोप्लेन नजर आया जिसे देख कर दोनों बड़े खुश होते हैं और चिल्लाते हुए  एक दूसरे को  कहते है हम अपनी दुनिया में वापस आ गए, हम लौट आए ,हम लौट आए हम अपनी दुनिया में लौट आये ।

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यह बात 2011 की है भारत देश का सबसे विकसित शहर मुंबई में सुबह 10:00 बजे   सड़कों पर ट्रैफिक हमेशा की तरह चल रहा है रास्ते पर भी कई लोग आते-जाते नजर आ रहे हैं मुंबई जैसे चल पड़ी है अपनी अपनी तेज गति में इसी मुंबई की एक  इसी मुंबई की एक बड़ी इमारत जिसमें से मुंबई के मरीन ड्राइव और समंदर का किनारा देखा जा  रहा है इस इमारत में एक बड़ा सा कमरा जिसमें एक बड़े से टेबल पर दो व्यक्ति आपस में बात करते हुए मुंबई के किनारों को देखते हुए आपस में कुछ गंभीर चर्चा कर रहे हैं जी एक व्यक्ति जिसके हाथ में बड़ा सा पेपर है बहुत बड़ा बॉक्स है जिसके अंदर इतिहास की जानकारी है जिसे वह सामने बैठे व्यक्ति को समझौता हुआ कहता है कि अगर हम इसकी खोज कर लेते हैं तो दुनिया में कोई भी हमारी कंपनी के टक्कर में खड़ा नहीं हो पाएगा 
 उसकी बात सुनकर सफेद बाल वाला व्यक्ति बहुत ही गौर से उस पेपर को देखता है और देखने के बाद उसे संबोधित कर  कहता है प्रोफेसर क्या आप वाकई सही कह रहे हैं क्या यह हो सकता है इस तरह से कुछ चीजें जो आज तक दुनिया से छिपी रह सकती है उसे जवाब देने के लिए  गर्दन हिलाने के बाद प्रोफेसर कहता है 
प्रोफेसर :- पर इसके लिए हमें कुछ लोगों की जरूरत होगी जिनकी जान की कीमत कुछ ना हो और उन्हें पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत हो .
 प्रोफेसर की बात न समझने के कारण वह व्यक्ति वापस से पूछता है 
::- ऐसा क्यों मैं समझ नहीं पा रहा हूं आप क्या कहना चाहते हो ।
प्रोफेसर उसकी बात सुनकर उसका नाम सम्बोधित करते हुए कहता है ।
प्रोफेसर:-  ऐसा इसलिए मिस्टर जगदीश क्योंकि जो कोई भी वहां जाएगा वह शायद  जिंदा वापस ना आ पाएगा उसके जिंदा वापस आने के नामुमकिन  है ।
जगदीश एक बिजनस टायकून है जो ऐसे उन सभी वस्तुओं को जो लुप्त हो गई है और जो भारत के इतिहास में बेजोड़ वैज्ञानिक आविष्कारों को ढूंढ कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेशकीमतीआविष्कारों तथा अन्य वस्तुओं को उचे दामो पर बेचकर मुनाफा कमाता है ।

उसे अब महाराष्ट्र के बीचोबीच स्थित पहाड़ो में बेशकीमती  लुप्त राजवंश के खोये महानगरों की जानकारी उसके प्रोफेसर प्राण से मिलती है । प्रोफेसर उसे स्कैन किये गए सारे चित्रो को दिखाते हुए यह भी बताता है कि यहां तकरीबन कई हजार टन सोना और बेशकीमती हीरा भी है जो पहाड़ो की इन गुफाओं के अंदर कही भूल भुलैया में खो गया है । प्रोफेसर प्राण यह भी बताता है कि जो कोई यहा जाएगा वहां किसी प्रकार की विधुत तरंग के चलते शायद वह खुद ही लुप्त हो जाएगा या किसी दूसरे समय काल के चक्र में भी फस कर रह जाएगा । 
100 में से सिर्फ 01 परसेंट ही ऐसा मुमकिन है कि वहां से कोई वापस आ जाये पर एक उमीद उसे यह है कि अगर आज के एडवांस सिस्टम के साथ किसी को भेजा जाए तो शायद वह वहां क्या हो रहा है और क्या क्या मिल सकता है उसकी लाइव तस्वीरों को दुनिया को दिखा सकेगा और एक नया इतिहास रच पायेगा ।
पर बिजनस टायकून जगदीश के दिमाग मे सब सुनने के बाद तो कुछ और ही प्लान अपना आकार ले रहा था ।
प्रोफेसर प्राण की बात सुनकर जगदीश अब टेबल से उठते हुए उस बिल्डिंग की खिड़की के पास जा कर खड़ा हो जाता है और एक सिगार सुलगते हुए मुम्बई के रास्तो तथा मरीन ड्राइव को अपनी आँखों से घूरते हुए सिगार का कश लेकर धुंआ बाहर निकलता है ।