Somewhat love part 2 in Hindi Love Stories by Yayawargi (Divangi Joshi) books and stories PDF | somewhat लव part 2

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somewhat लव part 2

PART 2
“dear स्तुति,तुम जानती हो किसी कारणवश मेरी पढ़ाई थोड़ी देर से सुरू हुई थी॥ काश, तुम थोड़ी बड़ी होती तो सीधा तुम्हारे पापा के पास सीधा रिस्ता लेके आता हमारी शादी के लिए but, I know its impossible… मे तुजसे 9 साल बड़ा हु॥ मेरे लिए तू छोटी बहन की तरह होनी चाहिए थी लेकिन we are best buddy लेकिन अब तेरा सिर्फ दोस्त बन के मे नहीं रेह सकता! I SOMEWHAT love you… पता है सिद्दत वाली मोहोब्बत नहीं है हमारी लेकिन अब कुछ प्यार या प्यार जेसा ही कुछ करने लगा हु तुजसे, जानता हु हमारे रिस्ते का कोई भविस्य नहीं हो सकता पर अब दोस्ती नहीं निभाए जाएगी मुजसे तेरा मनपसंद डायलोग था ना ; प्यार कर न हमारे बस मे नहीं पर उसस प्यार से दूर चले जाना तो हमारे बस मे है ना, तुजे मे ब्लॉक नहीं कर पाऊँगा तू ही मूजे ब्लॉक कर देना ! मे तुजे ओर हर्ट करना नहीं चाहता तुजसे ओर तेरी ज़िंदगी से दूर जाना चाहता हु but I really SOMEWHAT, SOMEWHAT love you, dear “


            समवॉट लव पहले कोई यह तो बताओ इस्स somewhat का अर्थ होता क्या है भई। “somewhat लव” प्यार या प्यार जेसा कुछ...
        अरे! यह तो उस मशहूर फिल्म का डायलोग दोस्त से जादा बॉयफ्रेंड से कम...
       1 महिना तो जेसे-तैसे बिना बात करे निकाल गया॥ पर क्या करे इतनी आसानी से कहा छूट जाती है कोई आदत, स्टेटस मे रोज़ आता वोह नाम आखे बेमतलब तलाश ही लेती थी॥ कीबोर्ड पे बिना थके कीलोमेटर काटती उंगलिया पता नहीं क्यू दिल की बाते बता ने को हाफ जाती थी॥ पुरानी चैटिंग पढ़ के जाने क्यू होठो पे अनचाही मुस्कुराहट आ जाती थी॥
      जनवरी के महीनो मे तो अक्सर कड़ाके की ठंड होती है ना, तो पता नहीं कहा से यह बिन मोसम की बारिश आ गई थी
     तभी स्तुति के स्मार्ट फोन मे नोटिफ़िकेशन आया समज मैं नहीं आ रहा यार रैनकोट पहना जाए या स्वेटर... ओर इसी बात पह स्तुति भी हस दी॥
तभी हवामान डिपार्टमेंट ने आगाही की रात को ज़ोरों की तूफान ओर आँधी आने की संभावना है...
     कुछ लोग कलयुग मे पाप बढ्ने के कारण भगवान का प्रकोप मान रहे थे ; तो कुछ ग्लोबल वार्मिंग को दोष दिये जा रहे थे॥
    स्तुति तो थी ही उसके नाम के जेसे युनीक उससे तो यह मोसम रोमेंटीक लग रहा था भाई ओर बैक्ग्राउण्ड मे
यह मोसम का जादू है मितवा.... बजे जा रहा था ओर रेह रेह के राहुल याद आ रहा था रहे ना जाने पर इंस्टा मे एसएमएस कर ही दिया।।
स्तुति: वेदर
राहुल: फंटास्टिक
ओर हार्ट के बदले हार्ट की एमोजी
पापा सभी कौसिन्स को रिसतेदारों को घर से बाहर न जाने की सूचना दे रहे जब की स्तुति का मन तो इस कड़ाके की ठंड मे,ज़ोरों से बहती हवाओ मे, टिप टिप बरसती बुंदों मे नाचने का यै यू कहिए बाइक राइड पे जाने का मन कर रहा था । पर पापा के दर से बस खिड़की से हाथ बाहर निकलते ही इस बिन मोशम बारिश की मज़ा ले रही थी
सुभे जब ऑनलाइन राहुल के पिक्स देखे स्तुति हककिबक्की रेह गई ओर मुह से निकल गया एक प्यारा शब्द ‘नंग’। क्योकि जो वो पूरी रात सोच रही थी कोई वो कर रहा था... जी हाँ राहुल ने तूफान मे बाइक राइड करते फोटो शेर कर रखे थे॥ बस ओर क्या चाहिए था बातो का सिलसिला फिर से सुरू हो गया... बाते अब जादा बेपरदा सी होने लगी थी फोन कॉल भी हद जादा लंबे चल ने लगे थे ओर खयाली पुलाव तो उपवास मे भी खाये-खिलाये जा रहे थे॥
राहुल : देख! तूने फिर से मेरा एक घंटा बर्बाद कर दिया
स्तुति : हमारी बातों को अभी सिर्फ 28 मिनट ही हुये है
राहुल : पर तेरे ख़यालो मे से बाहर निकल ने मे ही 1 घंटा लग जाता है उसका क्या!
स्तुति :अच्छा ! एसा....
राहुल : नहीं ना सिर्फ मज़ाक कर रहा था॥
स्तुति : ..........
राहुल : हैलो... हैलो...
स्तुति : सुन रही हु मैं (चिड़ती हुई बोली)
राहुल : तू बोहोत जल्दी चिड़ जाती है॥ (बेबाक हस्ते हुये) सच्ची! हंगोवर सा हो जाता है...
स्तुति :एसे भी कोनसे ख्याल आते है?
राहुल : अब! पब्लिक प्लेस पे केसे बताऊ? वोह सारे ख्याल।
अब बेमतलब सी बातों का कुछ ओर ही मतलब निकल ने लगा था। कुछ यू के दोनों के यह जानने के बावजूद इस्स रिश्ते का कोई भविस्य नहीं है फिर भी बंधे जा रहे थे ॥ एक दूसरे मे घूलते जा रहे थे।
स्तुति :कहा है ओर क्या कर रहा है ?
राहुल : देख! अभी मे घर पे पोहचा हु ओर अपने बडरूम मे जा रहा हु! यह मेने अपने शर्ट के बटन खोले ओर शर्ट निकाला ओर अब मे......
स्तुति : ठीक है! बाद मे कॉल करना बाइ !
विचित्र इंसान....! मन मे बोल उठी स्तुति, जो बाते किसी को ना कह नि चाहिए वो बाते पहले काही जा रही थी बिना किसी से मिले एक दूसरे के पूरे परिवार की आदते,तोर तरीके  जानते थे। हा मिलना तो कम ही होता था बोहोत टाइम बाद पता चला के दोनों के घर सिर्फ 20 मिनिट की दूरी पे ही है । ओर जब घर पह कोई ना हो तो मे आ जाऊ ? साथ मे कुछ करेंगे! कहके चिढ़ाते भी थे।
राहुल: तेरे मम्मा पापा के बीच बोहोत प्यार है नहीं !
स्तुति : हाँ बोहोत!
राहुल :तो तुजे लाने मे इतनी देर क्यू लगादि
स्तुति : वेसे तो तेरे मम्मी पापा भी तुजे लाने मे थोड़ा लेट कर सकते थे ना!
राहुल : नहीं ना पापा की एसे ही बोहोत एज हो चुकी थी
ओर दोनों ठहाके मार के हस्स देते थे॥
एसे ही बातों मे, यादों मैं, रातो मे, जगड़ों मे, ब्लॉक-उन्ब्लोक मे, शरारतों मे, वादो मे, इरादो मे, बरसातों मे साल कब गुज़र गया पता ही ना चला....
स्तुति : गुड मॉर्निंग
राहुल : गुड मॉर्निंग डियर
स्तुति : केसी लग रही हु? भाई की शादी है
राहुल : मनोहरी !
स्तुति : एक बात बटाऊ? आज न मेने नहाया नहीं है॥ टाइम ही नहीं मिला॥
राहुल : याक्क…..
स्तुति : क्यू? खाना है तूने मुजे यक वाला
राहुल :तू बोल तो हम  वोह भी कर ले
स्तूरी : छि..... नॉन वेजीटरियन आदमी चल बाद मे बात करती हु
राहुल : कहा थी पूरे दिन ?
स्तुति : भाई की शादी थी! यार थक गई हु
राहुल :कॉल कर मूजे अभी बात करनी है
स्तुति :अभी रात के दो बजे है
राहुल :हा अभी! एअर फोन कान मे डाल के बात कर!
स्तुति : सब ठीक हे ना?
राहुल : तू फोन करेगी या नहीं ? वरना मे कभी नहीं बताऊगा!
स्तुति : बोल (धीरे से फूसफुसाते हुये )
राहुल : मे ना आज मेरेज बियूरो गया था लड़की देखने के लिए...
स्तुति : हे भगवान!
राहुल ओर स्तुति की कहानी अब कोनसा नया मोड लेगी? क्या राहुल किसी ओर से शादी करेगा? क्या उनकी यह दोस्ती शादी के बाद भी अटूट रहेगी? क्या स्तुति राहुल की शादी मे जाएगी ? क्या स्तुति को राहुल से सिद्दतवाला प्यार हो गया है... सभी सवालो के जवाब मिलेंगे... पढ़ते रहिये कहानी somewhat लव 2।

ओर हाँ कहानी केसी है? प्यारी है या बुरी है ?डटिए,फटकारिए  या तारीफ कीजिये पर बताइये ज़रूर के केसी लग रही आप को कहानी ? आप के हिसाब से कहानी का अंत केसा होना चाहिए ? प्लीज रिवियू देना न भूले ॥







दिवांगी जोषी की बाते.....