Gloving Butterfly in Hindi Children Stories by Manjari Shukla books and stories PDF | ग्लोइंग बटरफ्लाई

Featured Books
  • ભીતરમન - 58

    અમારો આખો પરિવાર પોતપોતાના રૂમમાં ઊંઘવા માટે જતો રહ્યો હતો....

  • ખજાનો - 86

    " હા, તેને જોઈ શકાય છે. સામાન્ય રીતે રેડ કોલંબસ મંકી માનવ જા...

  • ફરે તે ફરફરે - 41

      "આજ ફિર જીનેકી તમન્ના હૈ ,આજ ફિર મરનેકા ઇરાદા હૈ "ખબર...

  • ભાગવત રહસ્ય - 119

    ભાગવત રહસ્ય-૧૧૯   વીરભદ્ર દક્ષના યજ્ઞ સ્થાને આવ્યો છે. મોટો...

  • પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 21

    સગાઈ"મમ્મી હું મારા મિત્રો સાથે મોલમાં જાવ છું. તારે કંઈ લાવ...

Categories
Share

ग्लोइंग बटरफ्लाई

शाम गहराने होने लगी थी और नीलू तितली का कहीँ भी अता पता नहीँ था

उसकी दोस्त पीलू तितली अपने खूबसूरत पीले पंखोँ को फैलाएँ उसे बगीचे के एक कोने से दूसरे कोने पर ढूंढ रही थी

"नीलू..नीलू" कहाँ हो तुम कहते हुए पीलू तेजी से उड़ते हुए हर फूल को बहुत ध्यान से देख रही थी I

तभी अचानक उसकी नजर बाग़ के कोने में एक खूबसूरत नीले फूल पर पड़ी,जिस पर नीलू तितली बैठी हुई थी I वह उसकी ओर उड़ चली और नीलू के पास पहुँचकर नाराज़ होते हुए बोली-" हमारी सब सहेलियाँ वापस जा चुकी है और मैं तुम्हें कितनी देर से ढूंढ रही हूँ I "

नीलू पीलू की बातों से बेखबर उस बेहद खूबसूरत फूल में ही खोई हुई थी, जिसकी नीली मुलायम पंखुड़ियों में सुनहरी महीन धारियाँ बनी हुई थी I

नीलू..अबकी बार पीलू तेज़ स्वर में बोली

अरे पीलू, देखो तो जरा,ये गहरे नीले रंग का फूल कितना खूबसूरत है मैंने इसे आज ही देखा I" नीलू ख़ुशी होते हुए बोली

"हाँ, है तो बेहद सुन्दर,तुम्हारे नीले पंख इस नीले फूल की पंखुड़ी मेँ बिलकुल छुप गए थे,

इसलिए मैँ तुम्हें देख ही नहीँ पा रही थी I अब जल्दी चलो वरना अँधेरा हो जाएगा और

हम लोग रास्ता भूल जाएंगे I " पीलू ने जल्दी से कहा

तभी वहाँ से कुछ जुगनू निकले जो अपनी रोशनी बिखेरते हुए बाग़ मेँ खेलने के लिए जा रहे थे I

नीलू ने जुगनुओं के तरफ़ ललचाई नज़रों से ताकते हुए धीरे से बोला-" अगर हम जुगनुओं की तरह चमकते रहते तो हमें भी अँधेरे की कोई चिंता नहीँ रहती

हाँ यह तो तुम सही कह रही हो पीलू अपने पंख ख़ुशी से फड़फड़ाते हुए बोली

"चलो हम चलकर उनके थोड़ी सी रोशनी माँग लेते हैँ I" नीलू ने ख़ुशी से चीखते हुए कहा

दोनों इतनी तेज आवाज़ में बात कर रही थी कि जुगनुओं तक उनकी आवाज़ आसानी से पहुंच रही थी

एक जुगुनू बोला "अरे, हम सब जैसे बने हैँ वैसे ही अच्छे हैँ I तुम सब भी तो कितनी खूबसूरत दिखती हो I "

दूसरा जुगनू यह सुनकर हँसा और बोला "और क्या,तुम सब भी तो कितनी रंग बिरंगी हो और कितने सारे है रंग है तुम्हारे पंखों में ....नीले, हरे, पीले I हम भी तुम्हारी तरह रंगीन होना चाहते हैँ पर हमने तो कभी ये कोशिश नहीँ करी I"

नीलू को तो जुगनू की बातेँ बे सर पैर की लग रही थी

उसने मुँह बनाते हुए पूछा "तो इसका मतलब तुम मुझे अपनी रोशनी नहीँ देना चाहते हो ?"

"नहीँ,नहीँ मेरा यह मतलब नहीँ था I मैं तुम्हारी मदद ज़रूर करुंगा I तुम्हें जो सामने बड़ा सा पेड़ दिख रहा है ना, उसके कोटर के अंदर शाम के समय ढेर सारा उजाला होता है I वहाँ जाकर अगर तुम बिना डरे उस उजाले के अंदर चली जाओगी तो हमारी तरह जगमगाने लगोगी I"

पीलू खुश होते हुए बोली-" मैं अभी जाकर अपनी सारी सहेलियों को बुलाकर लाती हूँ I

नीलू कोटर की ओर ही ताकती हुई बोली-" हाँ, पर ज़रा जल्दी आना I"

पीलू तेजी से उड़ चली और कुछ ही पलों में आँखों से ओझल हो गई I

पर कुछ ही देर बाद नीलू को यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि पीलू अकेली ही चली आ रही थी "उसने पूछा, अरे क्या हुआ, क्या कोई नहीँ आया ?"

"नहीँ,उन लोगोँ ने कहा कि हमारे रंगबिरंगे पंख जैसे हैँ वैसे ही अच्छे हैँ I"

नीलू को मन ही मन उन तितलियों की नादानी पर हँसी आ गई और वह बोली-"ठीक है, चलो, लगता हैं सिर्फ हम दोनों को ही सुन्दर दिखना है , चलो ,हम दोनोँ ही चलते हैँ I"

"हाँ हाँ चलो पीलू नीलू की हाँ में हाँ मिलाते हुए बोली

और दोनोँ हँसते हुए उस कोटर के अंदर चली गई I

बाहर से दिखने वाले काले अँधेरे कोटर के अंदर चारों ओर जगमगाती हुई सतरंगी रौशनी बिखरी हुई थी ,जिसे देखकर वे मुस्कुरा उठी I

दोनों धीरे से आगे बढ़ी और उजाले के अंदर चली गईं I

चमचमाते उजाले मेँ नहाने के बाद वे दोनों जैसे ही बाहर निकली तो उनके साथ साथ सभी उनके पंखों को देखकर ख़ुशी से झूम उठे I

उनके पंख सफ़ेद बर्फ़ की तरह चमक रहे थे I

जुगनू बोला-" अरे वाह, तुम दोनोँ तो बहुत खूबसूरत लग रही हो I"

नीलू और पीलू ये सुनकर ख़ुशी से इतरा उठी और उन्हें धन्यवाद देकर अपने पंखों को निहारते हुए उड़ चली I

दूसरे दिन वे जल्दी ही बाग़ में पहुँच गई थी ताकि वे अपनी सभी सहेलियों को दिखा सके कि उन के पंख कितने खूबसूरत हो गए है I

जल्दी ही वहाँ सभी तितलियाँ आ गई और उनके चमचमाते पंख देखकर बहुत खुश हुई I

नीलू ने अपने पंखों की तरफ गर्व से देखते हुए कहा-" अगर तुम सब भी हमारे साथ उजाले में नहा लेती तो तुम सब भी हमारी तरह जगमग जगमग करती I "

पीलू ने तुरंत कहा-" हाँ, तुम सब ने बहुत बड़ी गलती कर दी I "

"नहीं,हम सबने कोई गलती नहीं करी I हमें जैसा प्रकृति ने बनाया है, हम सब वैसे ही खुश है I" लिली तितली अपने सुर्ख लाल पंखों को देखते हुए बोली

तभी वहाँ कुछ बच्चे अपने गेंद खेलते हुए आये और नीलू और पीलू को देखकर ख़ुशी से चीख पड़े I

एक बच्चा ख़ुशी से चीखा -" अरे वाह, शीशे जैसी पंखों वाली तितलियाँ

दूसरा बच्चा उनकी तरफ़ आश्चर्य से देखते हुए बोला "इतनी खूबसूरत तितलियाँ तो हमने पहले कभी नहीँ देखी I"

नीलू पीलू अपनी तारीफ सुन कर बहुत खुश हो गई और एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी

तभी गेंद पकडे हुए एक छोटा बच्चे ने कहा " अब तो हम इन को घर ले चलेंगे और शीशे के जार में रखेंगे I अन्धेरें में जब ये चम चम चमकेंगी तो पूरा कमरा रौशनी से भर जाएगा

"हाँ..ये तो ग्लोइंग बटरफ्लाई है I अंधेरे मेँ तो ये और खूबसूरत लगेंगी I"

यह सुनकर पीलू और नीलू बहुत डर गई और तेजी से उड़ कर जाने लगी

पर बच्चे पकड़ों - पकड़ो करते हुए उनके पीछे दौड़ पड़े I

नीलू और पीलू उसी कोटर की ओर उड़ चली जहाँ पर जुगनू खेलते रहते थे I

वे उनके पीछे बच्चों को भागते देख सारी बात समझ गए और बोले-" तुम दोनों उसी कोटर में दुबारा जाओगी तो पहले जैसी हो जाओगी I आँखों में आँसूं भरे दोनों तुरंत उस कोटर के अंदर गई, जहाँ पर इस समय पूरा अँधेरा था I

वहाँ से बाहर निकलने पर नीलू और पीलू पहले जैसे हो चुकी थी I बच्चें इधर उधर ढूंढ रहे थे और कह रहे थे " अरे, वो ग्लोइंग बटरफ्लाई कहाँ चली गई ? "

और नीलू पीलू हँसते हुए जुगनुओं के पास उड़ रही थी..अब वे खुश थी..बहुत खुश