Airbnb in Hindi Magazine by Bharti Bhayani books and stories PDF | Airbnb

Featured Books
Categories
Share

Airbnb

Airbnb
किसी भी सफल कहानी के पीछे बहोत सारी मेहनत छीपी हुइ होती है।आज हम एक ऐसी ही सच्ची कहानी के बारे मे बात करेंगे।एक ऐसी कहानी जीसकी छोटी सी शुरुआत आज 25 बीलीयन डोलर तक पहोच चूकी है।जी,हा, हम बात करने जा रहे है Airbnb की।तो आइये मेरे साथ आप भी इस रोमांचक सफर का मजा लीजीए।
जब किसी के पास अपना छोटा सा घर होता है और वह खाली होता है तो वह उसे किराये पर देने की बात सोचता है।यह सामान्य बात हुई।लेकिन अगर उसको पता चले कि वह अपना छोटा सा घर या फिर एक छोटा सा कमरा भी होटल की तरह किराये पर दे शकते है तो उसको आश्चर्य भी होगा और खुशी भी।और होना भी है क्यु कि Airbnb ने छोटे घर और बडी होटल के बीच के फांसले को मिटा दीया है।अब आप अपना घर या कमरा छोटे समय के लिये खाली हो और होटल की तरह किराये पे देना चाहते हो तो दे शकते हो।
कितनी अजीब बात है,घर या कमरा हमारा है तो हमे ये ख्याल क्यु नही आया? हमसे मिलो दूर किसी को ये बात दिमाग मे आई और लोगो की दुनिया बदल गइ।पहले तो हम ये जान ले कि Airbnb क्या है?जमाना डीजीटल है तो जायज है बाते भी डीजीटल ही होगी।Airbnb एक ऐसी वेबसाइट है जो किरायेदार और मकान मालिक को मिलाती है।इससे सबका काम आसान हो जाता है।जिसके पास घर,कमरा या बेड है जिसे वे किराये पर देना चाहते है और छोटे समय के लिये ही खाली है तो वे इस वेबसाइट का संपर्क करते है।अब जिन्हे घर या कमरा कुछ समर के लिये किराये पर चाहिए वे भी इस वेबसाइट का संपर्क करते है।फीर किराया तय करके दोनोका काम आसानी से हो जाता है।
वेबसाइट पर घर या कमरेकी फोटो भी लगाइ जाती है ता कि किराये पे लेनेवाले इसे देखकर पसंद कर शके।इससे पहले अगर किसीने इसे किराये पे लिया हो तो उसके अनुभव भी यहा मिलते है ,जिसे पढकर लेनेवाला अपना निर्णय आसानीसे ले शके।Airbnb की सुविधा से अब हर घर होटल मे बदलने लगा है।एक रीपोर्ट के अनुसार दुनिया के १९१ से भी ज्यादा देशो मे लोग इस सुविधा का लाभ उठा चूके है।तो अब जाते है वहाँ जहाँ से यह कहानी की शुरुआत हुइ थी।
कहानी की शुरुआत हुई थी सन२००७ मे,ब्रेईन चेस्की और जो गेबीया जो कि इस कहानी के हीरोझ है उस वक्त सान फ्रान्सीस्को मे अपने लिए किराये का मकान ढुंढ रहे थे।मतलब कि कोइ ऐसी जगह जहा वे रह शके।बहोत कोशीश के बाद भी मीला कुछ नही।जब वे दोनो कमरा ढुंढने मे नाकामीयाब हुए तब उन्होने कुछ करने की सोची।अपनी सोच को अमल मे रखते हुए उन्होने अपनी छोटी सी जगह मे हवा वाले गद्दे बीछा दीये और किराये के लिये तैयार कर दीया।उन्होने एक और वादा किया कि सुबह का नास्ता हमारी और से,और वह भी घर जैसा।उनकी सोच मे ही अलग अंदाज था,क्यो कि जब उनको रहने के लिए ठीकाना नही मिला तो अपनी छोटी सी जगह मे औरो के लिए किराये की सुवीधा शुरु की।जो गेबीया ने कहा कि ये बहोत सामान्य हो जायेगा।हमे कुछ अलग करना है तो हमे अपनी एक साइट बनानी चाहीए। अब एक नई शुरूआत तो हुई लेकिन उनके पास न तो जगह थी न तो पैसै,थी तो बस हिम्मत,और कुछ कर दिखाने का जज्बा।बस फीर क्या था, दोनो ने कुछ चित्रो के साथ अपनी वेबसाइट तैयार की और फीर उनकी छोटी सी जगह अपने हवा वाले गद्दो के साथ किराये के लिये तैयार।
कोशीश करनेवालो की कभी हार नही होती।सच कहा है,मेहनत और लगन से काम करने पर सफलता जरुर मिलती है।जो गेबीया और ब्रेईन चेस्की को अपने पहले ग्राहक मिल गये और वह भी तीन।हर एक ने ८० डोलर चूकाये।यह थी उनकी पहली सफलता।अगले हफते के आखीर मे उनको ई मेल आने शुरू हो गये।कुछ लोग ब्वेनोस,लंडन और जापान जैसे स्थल पर किराये की जगह मिल शकती है? ऐसा जानना चाहते थे।एक एक करके कदम आगे बढ रहे थे।सफलता की सीढी पर उन्होने अपना कदम रख लिया था। और ऐसे शुरु हुई Airbnb की दिल को छू लेनेवाली रसप्रद कहानी।
एक नये सफर मे एक से भले दो,और दो से भले तीन,मतलब उनको लगा कि अगर कोई और भी साथ हो तो काम बहेतर हो शकता है।और मित्र से बहेतर कौन होगा?उन्होने अपने भूतपूर्व रूममेट ईन्जीनीयर नाथन को भी अपने साथ ले लिया।काम तो उन्होने बाँट लिया पर कोई भी बीझनेस हो शुरू मे तकलीफ होती ही है और पैसो की जरूरत होती है।ईन लोगो को भी पैसो की जरूरत पडी लेकिन पैसे तो नही थे तो क्या करे?कुछ हल तो ढुंढना ही था,ईन्होने भी ढुंढ लीया।सबसे पहले वे टन भरकर अनाज लाये,फीर उस अनाज को अपनी डीझाईन के बोक्स मे पेक कर दीया।बोक्स को नाम दीया Obama O's and Cap'n Mc Cain's.एक एक बोक्स उन्होने ४० डोलर मे बेचा। इस तरह ५०० बोक्स बेचकर उन्होने Airbnb और सुबह के नास्ते के लिए पैसो का जुगाड कर लीया।कहते है ना कि तुम अगर दिल से कुछ चाहो तो सारी कायनात तुम्हे उससे मिलाने मे लग जाती है।
अभी तो ये पहला कदम था। अभी तो बहोत कुछ बाकी था।बहोत कसौटी का सामना होना बाकी था अभी।शुरु के दिन मे सब कुछ ठीकठाक करना होता है ,तो खर्च ज्यादा होता है और आय कम।ईसलिए मुश्कीले भी बढती है।उन्ही दिनो बसंत मे उन्होने पोल ग्रेहाम के साथ रात का खाना खाया।बात बात मे उन्होने बहोत कुछ शीखाया। उन्होने कहा कि आप दोनो का विचार तो अच्छा है लेकीन क्या लोग आपके साथ जा रहे है?क्या लोग आपसे प्रभावीत हो रहे है?चेस्की और गेबीया को ये महेसूस हो रहा था कि कंपनी बनाना आसान नही है।ये बहोत बडे क्षेत्र की बात है और उतनी ही मुश्कील।लेकीन मुश्कीलो से डरने वालो मे से ये दोनो नही थे।
बीचमे एक समय ऐसा भी आया जब प्रगती रुक गईथी।अगर कही भी कभी भी क्षेत्रमे विकास का बढना धीमा भी पडता है तो समजो आफते बीन बुलाये आने लगती है।लेकिन जो मेहनती होते है वे आफत से डरते नही है,वे सोचते है कि क्या वजह है जो प्रगती रुक गई है?छोटी सोच वाले आगे बढने के लिए किसीका पैर खींचते है और उसको पीछे रखकर आगे रहने का मजा़ ले लेते है,लेकिन उससे उनकी जगह वही की वही रह जाती है।बडी़ सोचवाले आगे बढने के लिए कुछ अलग सोचते है।ईसीलिए कहते है कि सफल लोगो को भी वही जीवन, वही चौबीस घंटो का समय और वही मुश्कीले मिलते है जो हम सबको मिलते है,लेकीन वे अपना लक्ष्य तय करते है,फीर उसको हर पल अपने मनमे रखते है ,कडी मेहनत के साथ उसको पाने मे जी जान से लग जाते है।
इन्होने भी वही किया।वे वजह ढुंढने मे लग गये जो उनकी प्रगतीमे रुकावट बन रही थी।उन्होने अपने ग्राहकोसे प्रतिक्रीया ली कि उनको क्या पसंद नही आ रहा है?उनकी मांग क्या है?वे जरुर उनको पूरा करनेकी कोशीश करेंगे।फीर उनको पता चला कि उनकी वेबसाइट पे जो फोटो लगाइ जाती थी उसकी गुणवता को लेकर परेशानी थी।फोटो मे साफ नही दीख रहा था।उन्होने जट से अपनी गलती सुधारनेकी सोची।सबसे पहले एक अच्छी गुणवता का केमरा भाडे पे लिया और अच्छी फोटो खींचकर अपनी वेबसाइट पर डाली।मेहनत रंग लाइ और धीरे धीरे ग्राहक फीरसे जुडने लगे।और उनकी प्रगति भी होने लगी। फीर २०११मे चेस्कीने कहा कि १६,५१६,९६७ कनेकशन हो चूके है और गरमीमे और भी बढनेवाले है।और सच ,कुछ ही महीनो मे मिलीयन से ज्यादा थे।आगे जाकर उन्होने कुछ फंड भी पाये और सलाह के लिये एक मंडल भी बनाया।बादमे युरोप मे अपना पहला ओफीस हेमबर्ग मे खोला।जैसे कि सब के साथ होता है इनको भी क्रेसपेडर के रुपमे अपना स्पर्धक मिला उसके बाद Airbnb ने अपनी सेवा चौबीस घंटो की कर दी।आगे जाकर पूरे युरोपमे अपने ओफीस खोले।
Airbnb को संघर्ष यह था कि उनको दो तरह की पसंद का खयाल रखना पडता था।एक तो ग्राहकोका और दूसरा यजमानका। ये थोडा मुश्कील होता है।दोनोकी पसंद को ध्यानमे रखना कठीन होता है।यजमान के लिये ये मुश्कील होता था कि अनजान लोगो के लिये अपना घर खोलना और ग्राहक भी तो यही मुश्कील मे होते है।लेकिन Airbnb ने यह बीडा भी उठाया और दोनो के बीच कडी बनने का काम किया।
Airbnb को पता चला कि फ्रान्स मे छुट्टीयो मे लोग Airbnb का उपयोग नही कर रहे है तब उनको समज आ गया कि कुछ तो करना ही होगा।आगे बढना है तो फ्रान्स मे अपना विकास करना ही होगा।उन्होने छोटी छोटी छुट्टीयो के लिये योजना बनाइ और लोगो को अपनी और खीचने का प्रयास किया।इसके लिये इन्होने कुछ जगह को पसंद भी किया।फीर बाजार मे क्या चल रहा है यह देखने के लिये कुछ टीम बनाइ और एक टीममे दो या तीन लोग रखे।जब पता चलता कि किसी के पास जगह है जो वे किराये पे देना चाहते है तो मिलते और काम शुरु करते।धीरे धीरे देश विदेश मे उनकी प्रगति होने लगी।२०११ मे आधे से ज्यादा लोग अमरीका से थे।२०१४ मे ये कम हो गये ,उससे पहले युरोप से थे।२०१४ मे युरोप के ग्राहक दुगने हो गये।इस तरह कंपनी आगे बढती ही गई।Airbnb ने अपनी नज़र सिर्फ ज्यादा शहरो मे अपना बाज़ार बनाने तक नही रखी।चेस्की ने ये कहा कि हमे सिर्फ किराये से मतलब नही है लोगो कि समग्र प्रवास कैसा रहता है यह भी मायने रखता है।
अगर हम कही भी जाये और दरवाज़ा खुलते ही हमको हर चीज़ अच्छे से अच्छी दीखे तो स्वाभाविक है हम खूश हो जायेंगे।फीर नास्ता करने से पहले डीश कितनी स्वच्छ है ये भी हर कोइ देखता है।Airbnb ने हर एक चीज़का ख्याल रखा।यहा तक कि अगर कोइ उनके जरिये कही पे ठहरता है तो वो किसके साथ है और क्या कर रहा है यह भी जानना जरूरी
समजा।काम को सिर्फ काम न मानकर आतिथ्य भावना का भी आदर किया।और यही वजह है कि आज हम आदर के साथ उनकी बात कर रहे है।नवम्बर २०१२ मे Airbnb ने एक नई पहल की। Air bnb neighborhood. और उनका यह पहलु भी सफल रहा,हंमेश की तरह।Airbnb ने ग्राहको की छोटे से छोटी सुविधा का अचच्छे से ख्याल रखा।जैसे कि टावेल से लेकर बेडसीट तक,पानी से लेकर बीजली तक,यहा तक कि फ्रीज़ भी।इन सब सुविधा का ख्याल रखने के लिये मेहनत भी खूब करनी पड़ी।धीरे धीरे Airbnb ने फोन मे भी अपना एप डाला।और यजमान को भी फोटो और माहिती देने की अनुमती दी।किसी को आश्चर्य होग लेकिन लोगो से तीन गुना प्रतिभाव मीला।हर सवारी वाले को एक सवारी के बाद देखना पडता कि और तुरंत दुसरी सवारी है? जो भी हो Airbnb से जुडनेवाले को एक अद्भूत अनुभव मिलता,चाहे वह लोकल हो या देश विदेश से आया हो।
जब उन्होने अपना लोगो तैयार किया,चेस्कीने आशा की थी कि ये दुनिय भर मे अपनी पहेचान बनाये।एक वक्त ऐसा भी आया जब Air bnb ने दुनियामे पाँचवे स्थान पर अपना हक जमा लिया।चेस्कीने कभी अपने आप को बीसनेसमेन की जगह पे सोचा भी नही था।उन्होने कल्पना भी नही की थी कि वे इतना बड़ा प्लेटफोर्म बनायेंगे।Airbnb सिर्फ उनकी एक कोशीश थी,लेकिन उनके सपने को सच करने मे उन्होने जी जान लगा दिये और आज यहाँ तक पहोच गये।जो गेबीया के साथ जो खुद घर ढुंढ रहे थे आज उनका नाम ३४००० शहरो मे १.७ मिलीयन घर तक पहोच चूका है।चेस्की की और एक खास बात है कि वे कभी बीसनेस शीखने नही गये पहली ही बार C.E.O का पद संभाला और वह भी इस तरह कि लोग देखते ही रह गये।
आइए अब ये जान लेते है कि Airbnb से किसे फायदा होता है और कैसे?सबसे पहले उनको जिनका घर या कमरा होता है।अगर वे महिने के किराये पे दे तो जितने पैसे मिलते है उससे ज्यादा पैसे होटल की तरह देने से मिलते है।अब ग्राहक को, ग्राहक को यह फायदा होता है कि उसे देश विदेश कही भी जाना हो रहने की दुविधा नही होती।वेबसाइट पर जगह की फोटो देखकर पसंद करने के बाद सब तय होता है तो अनजान शहर मे मुश्कील नही होती।अगर किसीका बजट कम है तो भी उसे अपनी पसंद की जगह मिल जाती है क्युं कि घर का कमरा होगा तो होटल से कम दाम मे मिल जायेगा।इस तरह.उनकी यात्रा मे कोइ दिक्कत नही आयेगी।
अब बारी Airbnb की,जाहीर सी बात है फायदा तो उनका भी होगा,वे दोनो से थोड़ा थोड़ा कमा लेते है।दोनो को मिलवाने का काम ये करते है।अगर दोनो मे से किसी को भी कोइ भी परेशानी हो सुलजाने का काम भी ये ही करते है।किराये पर देनेवाला या लेनेवाला एकदूजे को जानता भी नही होता है और फीर भी दोनो के काम हो जाते है तो यही काम के लिए वेतन लेने का हक तो है ना ?
आखिर मे इस कहानी के हीरो के कुछ विचार जो शायद आपको आगे बढने मे सहायक बने।वे कहते है कि मुश्कील को हल करो।अपने आदर्श व्यक्ति को अपने आसपास रखो।अपने विचारो पर भरोसा रखो,मंझील मिल ही जायेगी।काम कोइ भी हो दो समुह के बीच कड़ी बनना ज़रुरी है।खुद अपने ग्राहक बनकर देखो।हर काम को वफादारी से निभाओ।अपने काम को करने से पहले उसके कायदे और कानुन के बारे मे अच्छे से जान लो।
तो कैसा लगा Airbnb का यह मज़ेदार सफर?