The Boscomne Valley Mystery - 2 in Hindi Adventure Stories by Sir Arthur Conan Doyle books and stories PDF | बोसकोंब वैली का रहस्य - 2

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बोसकोंब वैली का रहस्य - 2

दी एडवेंचर्स ऑफ़ शेरलोक होम्स

बोसकोंब वैली का रहस्य

(2)

“मृत्यु समीक्षक: क्या तुम्हारे पिता ने मरने के पहले कोई बयान दिया?”

“साक्षी: वो कुछ शब्द बुदबुदाए मगर मैं उसमें इतना ही समझ पाया कि उनका इशारा किसी रैट की तरफ़ था।”

“मृत्यु समीक्षक: तुम उससे क्या समझे?”

“साक्षी: उनकी बातों से में कोई अर्थ नहीं निकाल पाया। मुझे लगा कि वो भ्रांतचित्त थे।”

“मृत्यु समीक्षक: तुम्हारे और तुम्हारे पिता के बीच में वो आख़री झगड़ा किस बात को लेकर हुआ था?“

“साक्षी: मैं इसका जवाब नहीं देना पसंद करूँगा।”

“मृत्यु समीक्षक: मुझे डर है कि मुझे इस बात पर ज़ोर देना होगा।”

“साक्षी: मेरे लिए आपको कुछ बताना सच में बहुत मुश्किल है। मैं आपको इतना आश्वस्त कर सकता हु कि उस के पीछे पीछे जो दुर्घटना हुई उसका इस बात से कोई सम्बन्ध नहीं है।”

“मृत्यु समीक्षक: वो तो न्यायालय तय करेगा। मुझे यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि तुम्हारा जवाब देने से इंकार तुम्हारे केस को भविष्य में होने वाली किसी भी कार्यवाही को काफ़ी हद तक तुम्हारे ख़िलाफ़ प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है।”

“साक्षी: मुझे फिर भी इंकार करना होगा।”

“मृत्यु समीक्षक: मैं समझता हु कि ‘कूँऊऊ!’ की पुकार तुम्हारे और तुम्हारे पिता के बीच सामान्य संकेत था?”

“साक्षी: जी था।”

“मृत्यु समीक्षक: फिर यह कैसे हो सकता है कि उन्होंने यह संकेत दिया जबकि उन्हें पता भी नहीं था कि तुम ब्रिस्टल से लौट चुके हो।”

“साक्षी: (अच्छी खासी व्याकुलता के साथ ) मैं नहीं जानता।”

“जुरी में से एक: चीख़ सुनकर जब तुम लौटे और अपने पिता को घायल पाया तब तुमने कुछ ऐसा देखा जो शक पैदा करें?”

“साक्षी: निश्चित कुछ नहीं ”

“मृत्यु समीक्षक: तुम कहना क्या चाहते हो?”

“साक्षी: जैसे मैं खुले में दौड़ के गया मैं विक्षुब्ध और उत्तेजित था और अपने पिता के अलावा कुछ और नहीं सोच पाया। फिर भी मुझे एक धुँधली सी याद है कि जैसे ही मैं आगे की तरफ़ दौड़ा, मैदान पर मेरी बायीं और कुछ पड़ा था। मुझे वो भूरे रंग का लगा, किसी तरह का कोट या तो चारखानेदार कपड़ा। जब मैं अपने पिता के पास से उठा तब वो ग़ायब हो चुका था।”

“तुम यह कहना चाहते हो कि वो तुम्हारे मदद माँगने के लिए जाने से पहले ग़ायब हो गया?”

“हाँ, वो ग़ायब हो गया था।”

“और तुम यह नहीं बता सकते कि वो क्या था?”

“नहीं, मुझे ऐसा अंदेशा था कि वहाँ कुछ था।”

“लाश से कितनी दूर?”

“कोई एक दर्जन गज की दूरी पर।”

“और जंगल के किनारे से कितनी दूर”

“लगभग उतना ही”

“सो अगर वो हटाया गया तो तो तभी जब तुम उससे दर्जन गज की दूरी पर थे?”

“हाँ, मगर उसकी तरफ़ मेरी पीठ थी।”

“साक्षी की जाँच-पड़ताल यहाँ ख़त्म होती है।”

“मैं देख रहा हु,” मैंने कॉलम पे नज़र करते हुए कहा, “कि मृत्यु समीक्षक अपने निष्कर्ष में युवा मेक्कार्थी के प्रति काफ़ी सख़्त था। वो ध्यान आकर्षित करता है, और उसकी वजह है, उस विसंगती की तरफ़ कि उसके पिता ने उसे संकेत दिया उसको देखने से पहले ही, इसी तरह अपने पिता के साथ हुए संवाद के बारे में बताने से इनकार, और अपने पिता के आख़री शब्दों के बारे में उसका अनूठा बयान। यह सब, जैसा कि वो बताता है, बेटे के बहुत ही ख़िलाफ़ है।”

“हॉम्ज़ धीरे से हंस दिए और उन्होंने अपने आप को गद्देदार सीट पर कुछ और पसारा। “मृत्यु समीक्षक और तुम दोनो ही ने काफ़ी कष्ट उठाके,” उसने कहा, “उस युवक के पक्ष में कुछ मज़बूत मुद्दे अलग किए है। क्या तुम ये नहीं देख पा रहे कि तुमने उसे बारी बारी से बहुत ज़्यादा कल्पनाशील होने का, और कल्पना विहीन होने का श्रेय दिया है? कल्पना विहीन, अगर वो लड़ाई का कारण गढ़ नहीं पाया जिससे कि उसे जुरी की सहानुभूति मील सकती थी, अति कल्पनाशील अगर उसने अपनी आंतरिक समझ से, मृतक के अंतिम संदर्भ के रूप में रैट का ज़िक्र करने जैसा एक अजीब सा तुक्का गढ़ा। नहीं, साहब, मैं इस केस पर इस नज़रिए से आगे बढ़ूँगा कि यह युवक जो बोल रहा है वो सच है, और हमें देखना है कि यह अनुमान हमें कहाँ ले जाता है। और यह है मेरी पेट्रार्क की कापी, अब मैं इस केस के बारे में एक शब्द भी नहीं बोलूँगा जब तक कि हम घटनास्थल पर पहुँच नहीं जाते। दोपहर का भोजन हम स्विनडॉन में लेंगे और क़रीब बीस मिनट में हम वहाँ पहुँच जाएँगे।”

शाम के चार बजने को थे जब हमने आख़िरकार, सुंदर स्ट्राउड घाटी से गुज़रते हुए, और चौड़े, चमकते सेवर्न से होते हुए, अपने आप को रॉस के सुंदर देहाती गाँव में पाया। एक पतला सा, गंध-बिलाऊ जैसा, रहस्यमय और शातिर दिखने वाला आदमी प्लैट्फ़ॉर्म पर हमारा इंतज़ार कर रहा था। बावजूद अपने हलके बादामी रंग के ओवरकोट और चमड़े की चुस्त पैंट, जो कि उसने अपने आसपास के देहाती माहौल के चलते पहना था, मुझे स्कॉटलेंड के लेस्ट्राड को पहचानने में कोई मुश्किल नहीं हुई। उसके साथ हम मोटरगाड़ी में हीयरफ़ोर्ड आर्म्ज़ चले जहाँ हमारे लिए पहले से ही एक कमरा आरक्षित था।

“मैंने एक बग्घी का प्रबंध किया है,” जैसे ही हम चाय पीने बैठे लेस्ट्राड ने कहा। “मैं आपके उत्साही स्वभाव को जानता हु और यह भी पता है कि जब तक आप घटनास्थल पर नहीं पहुँचोगे आप को चैन नहीं मिलेगा।”

“यह आपकी बहुत अच्छी और हमारे प्रति सम्मानसूचक बात है,” हॉम्ज़ ने जवाब दिया। “यह पूर्णतया बेरोमेट्रिक दबाव का सवाल है।”

लेस्ट्राड चौंका हुआ लगा। “मैं समझा नहीं,” उसने कहा।

“पारा क्या बता रहा है?” उंतिस। ना तो हवा चल रही है ना ही आसमान में बादल है। मेरे पास सिगरेट से भरा हुआ एक बक्सा है जिसे पिया जाना चाहिए, और सोफ़ा काफ़ी श्रेष्ठ है सामान्य देहाती होटेल से। मुझे नहीं लगता मुझे आज रात बग्घी इस्तेमाल करनी चाहिए।

लेस्ट्राड खुल के हंस पड़ा। “आपने, बेशक, अखबारो से ही अपने निष्कर्ष निकाल लिए है,” उसने कहा। केस है भी छड़ी जितना सीधा, और जितना ही कोई इसकी गहराई में जाता है उतना ही यह और सीधा होते जाता है। फिर भी, निसंदेह, आप एक महिला को इनकार नहीं कर सकते, जो ख़ास करके इतनी आशावादी भी हो। उसने आपके बारे में सुना है, और वो आपका अभिप्राय लेना चाहेगी, हालाँकि मैंने उसे बार-बार यह कहा है कि आप ऐसा कुछ नहीं कर सकते जो मैंने ना किया हो। अरे, मेरा भला हो, यह आ पहुँची बग्घी हमारे दरवाज़े पर।”

उसने मुश्किल से कुछ बोला होगा कि एक बेहद प्यारी औरत, मैंने ज़िन्दगी में देखी हुई औरतों में सबसे प्यारी, बेहद तेज़ी से कमरे में आ गई। उसकी बैंगनी आँखे चमक रही थी, होंठ अधखुले थे, गालों पर गुलाबी लाली थी, उसकी सहज लज्जा उसके अत्यधिक तीव्र उत्साह और चिंता में खो गई थी।

“ओह मिस्टर शेरलोक हॉम्ज़,” वह चिल्ला उठी, उसकी नज़र हम दोनो को बारी बारी देखते हुए, और आख़िरकार औरत के अंतरज्ञान से, मेरे साथी पर जा टिकी, “मैंने बेहद ख़ुश हु कि आप आए। मैं यहाँ तक आपको यही बताने के लिए आइ हु। मैं जानती हु कि जेम्स ने यह नहीं किया है। मैं जानती हु, और चाहती हु की आप भी अपनी तहक़ीक़ात यहीं जानते हुए करे। ऐसा कभी मत होने देना कि आपको इस बात में शक हो। हम एक दूसरे को बचपन से जानते है, और उसकी कमियाँ मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता, पर वो इतने नाज़ुक दिल का इंसान है कि वो किसी मक्खि तक को चोट नहीं पहुँचा सकता। उसे जानने वाले किसी को भी उसपे लगाया गया यह इल्ज़ाम बेतुका लगेगा।”

“मैं उम्मीद करता हु मिस टर्नर कि हम उसे बरी करा पाए,” शेरलोक हॉम्ज़ ने कहा। “आप भरोसा कर सकती है कि मुझसे बन पड़ेगा वो सब मैं करूँगा।”

“पर आपने सारे सबूत पढ़े है। आपने कुछ निष्कर्ष भी निकाले होंगे।क्या आपको कोई छेद, कोई कमज़ोरी नज़र नहीं आती? क्या आप ख़ुद नहीं सोचते कि वो बेक़सूर है?”

“मैं मानता हु कि यह काफ़ी हद तक सम्भव है।”

“ये बात!” अपना सर झटक के लेस्ट्राड की और उद्धत भाव से देखते हुए वह चिल्लाई। “आप सुन रहे हो! ये मुझे उम्मीद बँधा रहे है।”

लेस्ट्राड ने अपने कंधे उचकाये। “मुझे डर है मेरे साथी निष्कर्ष तक पहुँचने में थोड़ी जल्दबाज़ी कर रहे है,” उसने कहा।

“पर वे सही है। ओह! मैं जानती हु कि वे सही है। जेम्स ने कभी यह क़त्ल नहीं किया। रही बात उसकी अपने पिता साथ लड़ाई की तो मुझे पक्का यक़ीन है कि मृत्यु समीक्षक से इस बारे में बात ना करने की वजह यह थी कि उससे मैं सम्बंधित थी।”

“वो कैसे?” हॉम्ज़ ने पूछा।

“यह कुछ भी छुपाने का वक़्त नहीं है। जेम्स और उसके पिता के बीच मुझे लेकर कई मतभेद थे। मिस्टर मेक्कार्थी काफ़ी उत्सुक थे कि हमारा ब्याह हो। जेम्स ने और मैंने हमेशा एक दूसरे को भाई-बहन की तरह चाहा है, पर निसंदेह वह अभी छोटा है और उसने अभी ज़िंदगी बहोत कम देख रखी है, और—और—स्वाभाविक रूप से अभी ऐसा कुछ नहीं चाहता था। सो हमेशा झगड़े होते रहते थे और मुझे पक्का यक़ीन है कि यह भी उन्ही झगड़ो में से एक था।”

“और तुम्हारे पिता?” हॉम्ज़ ने पूछा। “क्या वो ऐसे किसी गठबंधन के पक्ष में थे?”

“नहीं, वो भी इसके ख़िलाफ़ थे। मिस्टर मेक्कार्थी के अलावा कोई भी नहीं था जो इसके पक्ष में हो।” जैसे ही हॉम्ज़ ने अपनी पैनी सवालिया निगाह डाली एक तेज़ लाली उसके ताज़े जवान चेहरे पे छा गई।

“जानकारी के लिए शुक्रिया,” उन्होंने कहा। “क्या हम तुम्हारे पिताजी से मिल सकते है अगर हम कल आए?”

“मुझे डर है डॉक्टर इस बात की अनुमति नहीं देंगे।”

“डॉक्टर?”

“हाँ, क्या आपने नहीं सुना? बेचारे पिताजी कभी भी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं थे पर इस हादसे ने उन्हें पूरी तरह से तोड़ दिया है। उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया है, और डॉक्टर विलोज़ कहते है कि वो अब अत्यंत कमज़ोर है और उनका तंत्रिका तंत्र ध्वस्त है। मिस्टर मेक्कार्थी एक मात्र व्यक्ति थे जो उनको विक्टोरिया के दिनों से जानते थे।”

“हाँ! विक्टोरिया में। यह महत्वपूर्ण है।”

“हाँ, खदान पे।”

“निसंदेह, सोने की खदान पे, जहाँ, जितना मैं समजता हु, मिस्टर टर्नर ने पैसे बनाए।”

“हाँ, यक़ीनन।”

“धन्यवाद, मिस टर्नर। तुम मेरे लिए तात्विक सहायक रही हो।”

“आप मुझे बताओगे अगर आप के पास कल कोई समाचार हुए। निसंदेह आप कल जेम्स से मिलने जेल में जाओगे। ओह, अगर आप जाते हो, मिस्टर हॉम्ज़, तो उसे ज़रूर बताना कि मैं उसे निर्दोष मानती हु।”

“मैं बताऊँगा मिस टर्नर।”

“मुझे अब घर जाना चाहिए, क्यूँकि पिताजी बहुत बीमार है, और वो तुरंत मेरी कमी महसूस करते है अगर मैं उनको छोड़ के कहीं जाती हु। अलविदा, और प्रभु आपके कार्य में आपको मदद करे।” वो कमरे से उसी तेज़ी से चली गई जितने आवेग से उसने प्रवेश किया था, और हमने गली में जाते हुए बग्घी के पहियों की आवाज़ सुनी।

“मैं तुमसे शर्मिंदा हु, हॉम्ज़,” कुछ पल के सन्नाटे के बाद बड़प्पन से लेस्ट्राड बोले। “तुम्हें ऐसी उम्मीदें क्यूँ जगानी चाहिए जिस पे तुम पानी फेरने वाले हो? मैं नाज़ुक दिल वाला नहीं हु फिर भी मैं इसे क्रूरता कहता हु।”

“मुझे लगता है मेरे पास जेम्स मेक्कार्थी को बरी कराने के मेरे अपने रास्ते दिख रहे है,” हॉम्ज़ ने कहा। “क्या तुम्हारे पास उसे जेल में मिलने का आदेश है?”

“हाँ, मगर सिर्फ़ मेरे और तुम्हारे लिए।”

“फिर मुझे बाहर जाने को लेकर किए गए संकल्प पे पुनर्विचार करना पड़ेगा। क्या हमारे पास अब भी समय है कि हम हीयरफ़ोर्ड के लिए ट्रेन ले और आज रात तक उसे मिल पाए?”

“बहुत समय है।”

“फिर चलो ऐसा करते है। वॉटसन तुम्हें यह काफ़ी धीमा लगे, परंतु मैं बस कुछ ही घंटो की दूरी पे रहूँगा।”

मैं उनके साथ स्टेशन चल पड़ा, और फिर उस छोटे क़सबे की गलियों में भटका, आख़िरकार होटेल आ के सोफ़ा पे लेटा और पिले जिल्द वाली नवलकथा में रुचि लेने की कोशिश करने लगा। कमज़ोर सा कथावस्तु काफ़ी छितरा हुआ था, जब उसकी तुलना की जाए इस गहरे रहस्य से जिससे हम जुज़ रहे थे, और मैंने अपना ध्यान घटना से तथ्य की तरफ़ सतत इस क़दर भटकता हुआ पाया, कि अंत में मैंने नवलकथा कमरे के दूसरे छोर की तरफ़ उछाल फेंकी, अपने आप को आज दिन भर की हुई घटना के चिंतन में झोंक दिया। मान लेते है कि इस दुखी युवान की कहानी बिलकुल सच है, तो उसके अपने पिता से अलग होने, और वो पल जब वो उनकी चीख़ से खिंच के दरख़्तों के बीच की उस खाली जगह में वापिस आया, इस बीच क्या नारकिय बात, क्या बिलकुल अप्रत्याशित और असाधारण आफ़त घटित हुई होगी? यह कुछ दिल दहलाने वाला और प्राणघाती था। क्या हो सकता है यह? घाव का लक्षण को मेरी चिकित्सा सम्बंधी सूझ बुझ को कुछ प्रकट नहीं करना चाहिए? मैंने घंटी बजा के प्रांत का साप्ताहिक अख़बार मँगवाया जिसमें तहक़ीक़ात की शब्दश: जानकारी थी। सर्जन के बयान में यह बात निर्दिष्ट थी कि बायीं पारश्विक हड्डी का पिछला हिस्सा, और अनुकपाल हड्डी का आधा बायाँ हिस्सा किसी भोथर हथियार के वार से चकनाचूर हो गया था। मैंने अपने सर पे उस हिस्से को चिन्हित किया। स्पष्ट रूप से ऐसा वार पीछे से ही किया गया होगा। यह बात कुछ हद तक अभियुक्त के पक्ष में थी क्यूँकि झगड़े के समय वो अपने पिता से आमने सामने था। फिर भी इसका कुछ ज़्यादा मूल्य नहीं था, क्यूँकि हो सकता था कि वार होने से पहले उस बूढ़े आदमी ने जाने के लिए अपनी पीठ फेरी हो। फिर भी यह उचित होगा कि यह बात हॉम्ज़ के ध्यान में लाई जाय। फिर मरते समय रैट का विचित्र ज़िक्र था। उसका क्या अर्थ हो सकता है? यह चित्तभ्रम नहीं हो सकता। एक अचानक किए हुए वार से मरता हुआ आदमी सामन्यतया भ्रांतचित्त नहीं हो जाता। नहीं, ज़्यादा सम्भव तो यह था कि वो अपने इस दुर्भाग्य को समजाने की कोशिश कर हो। पर यह क्या सूचित करता है? सम्भावित समाधान के लिए मैंने अपने दिमाग़ को थोड़ा और ठोका पिटा। और फिर युवा मेक्कार्थी के द्वारा भूरे कपड़े के देखे जाने का प्रसंग। अगर यह सच था तो हत्यारे ने भागते हुए ज़रूर अपने कपड़े का कोई हिस्सा गिरा दिया होगा, संभवत: उसका ओवरकोट, और वापिस आके उसे ले जाने में पूरी मुश्किल उठाई होगी जब बेटा दर्जन क़दम से भी कम दूरी पे घटनो के बल बैठा हुआ था। रहस्य और असंभवता का कैसा अजीब टुकड़ा था यह पूरा प्रसंग। मुझे लेस्ट्राड के मत से आश्चर्य नहीं हुआ था, और फिर भी मुझे शेरलोक हॉम्ज़ की परख पर इतना भरोसा था कि मैं उम्मीद खो नहीं सकता था जब तक कि हर नया तथ्य युवा मेक्कार्थी के निर्दोष होने के उसके दृढ़ विश्वास को मज़बूत बनाता दिख रहा हो।

शेरलोक हॉम्ज़ के आते काफ़ी देर हो गई थी। वो अकेले ही लौटे थे, क्यूँकि लेस्ट्राड क़सबे की किसी लोज में रह रहे थे।

“पारा अब भी काफ़ी ऊँचा है,” उन्होंने बैठते हुए कहा। “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जब तक हम उस मैदान में जा नहीं पाते बारिश ना हो। दूसरी तरफ़ हमें इतने अच्छे काम के लिए बेहतर से बेहतरीन और पैने से पैना होना चाहिए, और मैं नहीं चाहता था कि हम इसे तब करे जब हम इतनी लम्बी यात्रा से थके हुए हो। मैं युवा मेक्कार्थी को मिला।”

***