मेरी सहेली
लड़की की आवाज:
“ ये मेरी सहेली है | मेरी सहेली मेरी दोस्त भी है और मेरी हमराज भी ..
क्योंकि मैंने मेरी सहेली से हर बात शेर की है जो आज तक मैंने किसी को भी नहीं बताई “
एक खूबसूरत लड़की मोर्डन कपड़े पहने किसी का इन्तजार कर रही है |
लड़की की आवाज:
“ ये मेरी सहेली है..’सरस्वती’ है सोरी....सोरी ‘सीना’ है | सरस्वती खुद को सीना कहेलवाती है सरस्वती नाम उसकी परस्नालीटी को सूट नहीं करता | किसी को इन्जीनियर या डोकटर बनना है पर सीना को तो एकटर बनना था उसे ......हीरोइन बनना था | वो हीरोइन की तरह कपड़े पहेनती थी और हीरोइन की तरह नखरे भी करती है | सीना के नखरो को हमदोनों आज तक झेलते आ रहे है | एक मै उसकी सहेली ‘जयश्री’ और सीना का बोयफ्रेन्ड ‘जय’ “
सीना किसी का इन्तजार कर रही है | सीना चहेरे पर गुस्सा बनाये ईधर-उधर देख रही है |
सीना के पीछे से जयश्री आती है |
जयश्री : हाय सीना ?
सीना : हाय जेशमीन ...
जयश्री : मुझे मेरा नाम जयश्री हि पसंद है |
सीना : क्या तुम भी ..जयश्री तो किसी 1990 की हीरोइन जैसा
लगता है | भाग्यश्री, जयश्री यु. नो ...?
जयश्री : अच्छा ? जय नहीं आया अभी तक ? ये जय को भी ना
हिन्दी फिल्म की पुलिस की तरह देर से आने की आदत पड़
गई है क्यु ?
सीना : वही तो ..
जयश्री : ‘वही तो ..’ ऐसे बोला जैसे फ़िल्म ‘जुदाई’ में श्रीदेवी
बोलती थी |
सीना : सच्ची ...?
जयश्री सामने से जय को बाईक पे आता देखती है |
जयश्री : वो आ गया तुम्हारा हिरो
सीना जय को देखती है और दुपट्टे से मुँह ढाँक लेती है (जैसे लड़कीयाँ घुप से बचने के लिए दुपत्ता मुँह पे बाढती है) जय बाईक दोनों के सामने खडी रखता है |
जय : हाय सीना ! हाय जयश्री
सीना कोई जवाब नहीं देती |
जयश्री : हेल्लो जय
जय : हाय..... अभी सुबह हि हुई है और चाँद ढल भी गया ..
सीना : चलो अभी ... सुबह सुबह शायरी ?
सीना जय की बाईक पे बैठ जाती है |
सीना : चलो जय .... लोग देख रहे है |
जय : ठिक है बाबा ! हा मालूम है ये तुम्हारा एरिया है ..
सब तुम्हें जानते है और कोई बड़ी हीरोइन की तरह तुम
कोई कोन्ट्रोवर्सी में पड़ना नहीं चाहती .. राईट ?
सीना : पता है तो चलो ना अब ..
जय : ओ.के ओ.के चलते है | जयश्री ...तुम्हारी सहेली पहले से ऐसी है
या फिर ...
दोनों चले जाते है |
जयश्री : बाय जय ...मेरी सहेली ....? (हलकी सी मुस्कराहट बिखेरती हुई)
जय और सीना बाईक से जा रहे है |
जय : इतनी दूर क्यु बैठी हो मुझे कोई गुप्त रोग नहीं है ..
जरा करीब आओ !
सीना करीब आती है |
जय : अरे... और करीब यार .. करीब नहीं आ रही हो तो कम से कम बातें तो करो ?
सीना कुछ जवाब नहीं देती |
जय : अरे जवाब तो दो ! तुम्हारा एरिया भी गुजर गया अब तोकुछ बोलो ?
सीना : अरे तुम आगे देखकर गाडी चलाओ ना ?
जय : चाँद मेंरे पीछे है और तुम आगे देखने की बात कर रही हो ?
सीना : बड़े शायर बन रहे हो ?
जय : तुम्हें देख कर शायरी अपने आप आ जाती है | आज बहुत
सुंदर जो लग रही हो ... बोल्ड एन्ड ब्युटीफ़ुल हीरोइन की तरह ..
सीना खुश होती है |
सीना : सच में ? आज मुझे दो कोम्पलीमेंन्ट मिले .. हीरोइनवाले
जय : अच्छा ?
जय अचानक से बाईक रोकता है |
सीना : क्या हुआ ?
जय : सायद आँख में कचरा चला गया |
सीना : तुम भी ना ... गोगल्स पहेनोगे नहीं मैंने रेबेन के गोगल्स दिए तो थे ?
जय जेब में रुमाल ढुंढता है |
सीना : अब क्या हुआ ?
जय : अरे मेरा रुमाल नहीं मिल रहा है |
सीना : अरे तुम भी ना .. ये मेरा रुमाल ले लो और दूसरी बार गोगल्स पहन के आना ओ.के ?
जय : तुमने जो गोगल्स दिये है वो तो मै सँभालके रखुगा |
सीना : ये तुम्हारी सँभालके रखने का शोख गजब पाल रखा है | मुवी टीकीटस सँभाल के रखते हो कभी होटेल के बील्स सँभाल के रखते हो ...यहा तक के गेट पास भी सँभालके रखा है जब तुम मुझे बकवास से म्युजियम ले गये थे |
जय : तुम इसे म्युजियम कह सकती हो पर मेंरे लिए तो यादें है जो मैंने तुम्हारे साथ गुजारी थी | ये यादें मुझे तुम्हारी याद दिलाती है |
सीना : ओह फिर वही शायरोवाली बात ....!! चले अभी ?
दोनों जाते है |
अगले दिन
कॉलेज की लोबी से सीना और जयश्री गुजर रहे है | दोनों की स्टाईल एक दुसरे से मिलती-जुलती है जैसे दोनों के बाल, हाईट, कपड़े एक जैसे है |
एक कॉलेजीयन : हाय ! सीता और गीता ?
सीना : सीता होगी तुम ..... मै तो सीना हु !
कॉलेजीयन : सोरी बेबी !
सीना मुँह फुला कर चली जाती है |
कॉलेजीयन : खुद को बड़ी हीरोइन समजती है ....अकडु कही की ..
सीना और जयश्री कॉलेज केन्टीन में बैठे है | जय आता है |
जय : हाय सीना, हाय जयश्री
जयश्री : हाय जय
जय : हेप्पी बर्थ डे माय स्वीटहार्ट सीना
सीना : थेन्क यु (धीरे से)
जय : ईतना रुखा .. सुखा .. थेन्क यु ? लगता है मेंडम का मुड़ ओफ है !
जय : सीना क्या हुआ ? आज के दिन तो मूड ओफ मत रखो आज तुम्हारा बर्थ डे है !
सीना मुँह फुलाकर चहेरा घुमा लेती है |
जय : ठिक है सीना तुम बर्थ डे गीफ्ट देखकर चमक उठोगी
जय गुलाब का फूल और एक बोक्स निकाल के टेबल के उपर रख देता है |
जय : हेप्पी बर्थ डे सीना ! (गुलाब को हाथ में लेकर) सीना जय की तरफ देखती है | सीना हलकी सी मुस्कान देती फुल ले लेती है |
जय बोक्स में से सोने की चेन निकालता है | सोने की चेन को देखकर सीना का चहेरा सोने जैसा चमक उठता है जैसे नाराजगी का सिर्फ नाटक कर रही थी | सीना गुलाब को साईड पर रखकर सोने की चेन को अपने हाथों में लेकर देखने लगती है | चेन के पेन्डल पर नजर करती है तो अचानक से चिल्ला उठती है |
सीना : सरस्वती ???? मेरा नाम सीना है
जय : अरे सीना ! सीना तो तुमने रखा है पर तुम्हारा असली नाम तो सरस्वती हि है ना ?
सीना : अरे ये नाम मुझे नहीं पसंद ! सरस्वती नाम तो मेरी दादी ने उनकी माँ का नाम पे रख दीया था |
जय : अरे सीना तुम्हें कैसे समजाउ ? ठिक है में ‘सीना’ नामवाला नया पेन्डल बना दुंगा बस ?
सीना : क्या जय ? 80 के हिरो की तरह गुलाब का फूल लेके आ गये ? ये सब पुराना ट्रेन्ड हो चुका है आज कल तो फ्लावर और विसीस तो वोट्सएप और फेसबुक पे ऐसे हि भेज देते है और फ्लावर लाना हि था तो यलो फ्लावर (Gerbera daisy yellow flower) लाते जो सलमान खान ने एसवर्या को दीया था फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ में
जय : गलती हो गई मेरी माँ ! अब क्या करु ?
सीना : फिर मुड़ मेरा ओफ़ हो जाता है |
सीना का फोन बजता है | सीना फोन पर बातचीत करती वहा से उठकर चली जाती है |
जय : तुम्हारी सहेली बड़ा भाव खाती है |
जयश्री : मेरी सहेली ?
जय : हा तुम्हारी !
वेटर ओर्डर लेने आता है |
जय : जयश्री क्या ओर्डर करु ?
जयश्री : तुम्हें जो पसंद हो ...
जय : ठिक है तीन प्लेट समोसा और तीन कोल्डड्रीन्क लेकर आओ
थोडी देर के बाद ओर्डर भी आ जाता है और सीना भी आती है |
सीना : जय क्या समोसे मंगवाये ?
जय : तुम फोन पर बीजी थी और कॉलेज केन्टीन में होटल वाला खाना ओर्डर करता ?
सीना : तो वेट तो कर सकते थे ना ? मुझे नहीं खाने केलेस्ट्रोल बढानेवाले समोसे .....ना जाने कौन से तेल में बने होंगे ! में समजी थी ..मेरी बर्थ डे पे तुम मुझे कही घूमने ले जाओगे ... अच्छे से होटल में ले जाओगे पर ....
जय : अरे बर्ड डे खतम नहीं हुआ बोलो कहा जाना है ?
सीना : मुझे कही नहीं जाना ... में जा रही हुं |
सीना उठ के चलने लगती है |
जय : रुको सीना ! सीना .. आज तुम हीरोइन काजोल की तरह लग रही हो..
सीना : इतनी बड़ी नहीं हुं मै ...
जय : तो फिर केटरीना ?
सीना : इतनी लंबी भी नहीं हुं
जय : सोनाक्षी ?
सीना : इतनी मोटी भी नहीं हुं
जय : आलिया ?
सीना : हा ये हुई ना बात ‘हिरे की चमक के सामने सब फ़ीके दिखते है’
जय : रणबीर की नई फिल्म लगी है पी.वी.आर सीनेमा में, फिल्म के साथ खाना भी वही खा लेगे |
सीना जय को तिरछी आंखो से देखती है |
सीना : टीकीट मिल गई ?
जय : हा मैंने अडवान्स बुकिंग कर रखी थी तुम्हारे बर्थ डे ले लिए !
सीना : सो स्वीट .. जय
जय : जयश्री तुम्हें आना है ?
जयश्री : नहीं मेरी बर्थ डे आयेगी तब ले जाना |
जय : हेय ...
जयश्री : सीना ..वेट कर रही है |
जय : ओह .. अच्छा तुम्हारी सहेली पहले से ही ऐसी है या फिर ...
जय और सीना चले जाते है |
जयश्री : मेरी सहेली .. (हलका सा हसती है)
कुछ दिन बाद
जय और सीन बाईक से जा रहे है | सीना ने मुँह पर दुपट्टा बांध रखा है |
जय : बोलो कहा जाना है ? आज बंदा वही करेगा जो मेरी हीरोइन चाहेगी |
सीना कुछ नहीं बोलती |
जय : अरे बाबा अब क्या हुआ ? अब तो तुम्हारा एरीया भी चला गया ..!
सीना फिर भी खामोश रहती है |
जय और सीना एक केफे में बैठे है |
जय : सीना हम जब भी मिलती है तब हमेशा रुठी रहती हो ! बाईक पर भी नहीं बात की ...मुझे बताओ क्या प्रोब्लेम है ?
सीना : क्या बताउ ? कितने ओडीशन दिये पर बात आगे बढ़ती हि नहीं ! कितने डायरेटर्स से मिली पर कोई चान्स देने को तैयार हि नहीं |
जय : ये हीरोइन बनने का भूत अभी तक नहीं उतरा ..
सीना : ये भूत नहीं मेरा भविष्य है ! हीरोइन बनना मेरा पेसन है |
जय : पहले पढ़ाई को अपना पेसन बनाओ इससे तुम्हारा भविष्य
बनेगा ! और कोई भी हीरोइन डायरेक्ट नहीं बनी है उन सभी ने एकटींग की शरुयात छोटे मोटे रोल से हि की है पर तुम तो छोटे मोटे रोल करना हि नहीं चाहती ! तुम्हें भी एक एड़ फिल्म करने की ओफर मिली थी पर तुमने उसको भी ठुकरा दीया था |
सीना : वो दाद खाज खुजली वाली एड़ ? वो एड़ करके में अपना करियर खराब नहीं करना चाहती | तुम चाहो तो मेरा करीयर बना सकते हो पर ..
जय : मै ?
सीना : हा तुम ...तुम्हारे अंकल तो फिल्म डायरेकटर है ना ? उनसे एक बार भी मेरी बात नहीं की !
जय : सीना मै ये बात पहले से बता चुका हुं की मेंरे अंकल डी ग्रेड की फिल्में बनाते है |
सीना : तो क्या हुआ ? कई बोलीबुड स्टारो ने डी फिल्म से अपना करीयर स्टार्ट किया था |
जय : सीना ..तुम ग्लेमर के पीछे अंधी हो चुकी हो | अपना भला बुरा कुछ भी सोच नहीं सकती ?
सीना जय की बात सुनकर नाराज हो जाती है और मुँह फेर लेती है |
सीना की नाराजगी देख कर जय शांत होता है |
जय : ठिक है नंबर देता हुं पर तुम फोन नहीं करोगी ओ.के ?
सीना : थेन्क यु जय ..माय स्वीट हार्ट
जय : थेन्क यु से काम नहीं चलेगा ! ये बताओ दो दिन के बाद मेरा बर्थ डे है तो तुम क्या गीफ्ट दोगी ?
सीना : गीफ्ट भी क्या बताकर दी जाता है ?
जय : पर मुझे बताना होगा !
सीना : बताओ ? क्या गीफ्ट चाहिए ?
जय : मुझे ? उस दिन जब तुम आओ तो ऐसे तैयार होके आना जब तुम मुझे पहेली बार मिली थी नीले सलवार, खुले बाल, आंखो में हलका सा काजल .…
सीना : प्रोमीस
वेटर आता है |
वेटर : सर, ये फीडबेक फोर्म है | हमारी होटल की सर्वीस के बारे में | क्या अपनी फीडबेक दे देगे ?
जय : हा जरूर
जय अपनी पेन जेब में ढुंढता है | पर पेन नहीं मिलती |
सीना : क्या ढुंढ रही हो ?
जय : पेन .. सायद कही गीर गई है ?
सीना : क्या मामूली पेन के बारे इतनी मायूस हो रहे हो ?
जय : ये मामूली पेन नहीं थी | मेंरे दोस्त ने गीफ्ट दि थी और किसी की दी हुइ चीजे मामूली नहीं होती |
सीना : चीजे सँभालना तो कोई तुमसे सीखे |
वेटर : ये लिजिए पेन
जय : थेन्क यु
वेटर : वेलकम
जयश्री अपने कमरे में बैठी है | सीना खुश होते हुए आती है |
जयश्री : बड़ी खुश लग रही हो ?
सीना : हा खुशी की ही बात है |
जयश्री : अच्छा ?? कोई फिल्म साईन कर ली ?
सीना : की नहीं पर हो जायेगी ..
जयश्री : ये तो सच-मुच खुशी की बात है ! जय को बताया ?
सीना : नहीं और तुम भी मत बताना !
जयश्री : क्युं ?
सीना : क्युकी मैं उसे उसकी बर्थ डे पर सरप्राईझ देना चाहती हुं
जयश्री : ओह ..एसी बात है ? कब है जय की बर्थ डे ?
सीना : दो दिन के बाद पर …
जयश्री : पर ...?
सीना : जय ने मुझे बर्थ डे पर नीले सलवार कमीज पहन कर,
आंखो मे काजल वो भी हलका सा और खुले बाल रख कर बुलाया है |
जयश्री : हाव ...स्वीट, तो उसमे प्रोब्लेम क्या है ?
सीना : प्रोब्लेम ये है की मैं कहा ये सलवार-बलवार पहनती हुं मेरे पास तो जीन्स, टी-सर्ट, फेसनेबल ड्रेसीस हैं
जयश्री : मेरे पास है वो पहन लेना ! एक दिन की तो बात है सीना : वो भी सही है
सीना का फोन बजता है | सीना फोन पर बात करती है | थोडी बातचीत के बाद सीना फोन कट करती है |
जय की बर्थ डे की सुबह
सीना नीले सलवार में मुँह पर दुपट्टा बांधे खड़ी है | जय बाईक से आता है | जय बाईक सीना के सामने खड़ी रखता है | सीना इधर-उधर नजर करके बाईक पर बैठ जाती है | दोनों जाते है |
जय : सीना बर्थ डे वीश नहीं किया ?
सीना की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता |
जय : अरे अब तो बोलो ? ये कौन-सा तुम्हारा एरीया है ?
सीना अभी भी खामोश रहती है |
जय : अच्छा बताओ क्या गिफ्ट लाई मेंरे लिए ?
जय चालू बाईक से पीछे देख कर सीना से बातें करता है |
सामने से एक कार जोर से आती है और जय की बाईक के करीब से निकल जाती है |
जय : साला सुबह-सुबह पी रखी है क्या ?
जय : अरे सीना ? मैं तुमसे बात कर रहा हुं .. मुड़ ओफ है क्या ?
सीना कुछ जवाब नहीं देती |
सीना : सीना आज बदली-बदली सी क्यु लग रही हो ? करीब आओ ना ?
जय फिर से सीना की तरफ देख कर बात करता है |
सीना : जय प्लीज ! तुम आगे देख कर बाईक चालओ ..
जय सीना की आवाज सुनकर थोडा सा सोच में पड़ जाता है | उसी वक्त सामने से अचानक से एक तेज कार आ जाती है और जय की बाईक से टकरा जाती है |
जय और सीना घायल होकर गीर जाते है |
एम्बुलेन्स की आवाज
जय हस्पताल के बेड उपर सोया है और धीरे-धीरे आंखें खोलता है |
जय : सीना... सीना....? (बेहोश मे आते ही सीना का नाम ले रहा है )
कम्पाउन्डर जय को होश में आता देखता है |
जय : मैं कहा हुं ? और सीना कहा है ? (कम्पाउन्डर से)
कम्पाउन्डर : कौन सीना ? जो तुम्हारे साथ थी वो ?
जय : हा हा वही ...
कम्पाउन्डर : तुम दोनो का एक्सीडन्ट हो गया था | तुम्हे तो कुछ नहीं
हुआ पर तुम्हारे साथ जो थी वो आई सी यु में है | उसे बहुत
चौट आई है... और सीरीयस भी है |
जय : हेय भगवान .. ये सब मेरे ही गलती थी | मुजे ध्यान से
गाडी चलानी थी | क्या में उसे देख सकता हुं |
कम्पाउन्डर : हा पर ज्यादा देर तक वहाँ नहीं रुकता ... नहीं तो
सीस्टर फुकट का चिल्लाईगी |
कम्पाउन्डर चला जाता है | जय घीरे-धीरे उठता है और आई.सी.यु की तरफ बढता है |
आई.सी.यु रूम में जाकर वहाँ डियुटी कर रही नर्स को पुछता है |
जय : सीस्टर.. में जय हुं | कल हमारा ही एक्सीडन्ट हुआ था |
मेरी फ्रेन्ड सीना को मिलना चाहता हु |
नर्स : वो जो तुम्हारे साथ थी वो ?
जय : हा ...वही |
नर्स : वो बेड नंबर 4 ...
जय : क्या में मिल सकता सकता हुं ?
नर्स : हा पर ज्यादा देर तक मत रुकना डोकटर विज़ित के लिए
आते ही होंगे|
जय नम आंखों से धीरे-धीरे बेड नंबर 4 के तरफ जाता है | वो देखता है की बेड नंबर 4 पर सोयी लडकी के चहेरे पर दुपट्टा है जिस से चहेरा ठीक से दिखाई नही दे रहा | जय उस लडकी ने पहेनी नीली सलवार को देखता है वो नीली सलवार वही है जो सीना ने सुबह पहेनी थी और जिस दुपट्टे से चहेरा सही दिख नही रहा वो दुपट्टा भी वही है जो उसने सुबह मुँह पर बांधा था | वो बेड के करीब जाता है और धीरे चहेरे पर से दुपटटा हतता है | जैसे ही चहरे से दुपटटा हतता है तो जय एकदम से चिल्ला उठता है |
जय : जयश्री .....???
जय फिर से उसके पहेनावे को देखता है | वही सलवार थी जो सुबह पहेनी थी |
वही दुपट्टा था जो उसमें मुँह के उपर बांधा था | वही हेर स्टाईल थी जो सुबह थी |
वहाँ नर्स आती है |
नर्स : ये पेसन्ट तुम्हारे साथ है ? (जय को पूछती है )
जय बस जयश्री को देखता रहता है | वो अभी भी सोच रहा है की जयश्री यहाँ कैसे आई ?
नर्स : ये लिजिए पर्स ..ये पर्स इस लडकी के साथ था |
जय पर्स ले लेता है और वही खामोश खडा रहता है |
डोकटर आता है |
डोकटर : आप जरा बाहर बैठये | जब आपकी जरुरत होगी तब आप को बुलाया जायेगा |
जय पर्स लेकर बहार आ जाता है और एक बेंच पर बैठ जाता है | जय अभी भी ख्यालो में गुम है और जय से वो पर्स गीर जाता है | पर्स में से कुछ सामान गीर जाता है | जय सामान को एक-एक करके उठाकर पर्स में रखने लगता है | सामान को रखते हुए एक पेन हाथ में आ जाता है |
जय : ये तो मेरा पेन है ! यही पेन कही गुम हो गया था |
जय वो लम्हा याद करता है जिस वक्त ये पेन उसे नही मिल रहा था |
पेन का लम्हा:
(जय और सीना एक केफे में )
सीना : क्या ढुंढ रही हो ?
जय : पेन .. सायद कही गीर गई है ?
सीना : क्या मामूली पेन के बारे इतनी मायूस हो रहे हो ?
जय : ये मामूली पेन नहीं थी | मेंरे दोस्त ने गीफ्ट दि थी और
किसी की दी गइ चीजे मामूली नहीं होती |
जय को रुमाल मिलता है |
जय: ये रुमाल भी मेरा है |
रुमाल का लम्हा:
(जय और सीना बाईक पे )
सीना : अब क्या हुआ ?
जय : अरे मेरा रुमाल नहीं मिल रहा है |
जय को सुखा हुआ गुलाब मिलता मिलता है |
सुखे हुए गुलाब का लम्हा:
(जय याद करता है की सीना की बर्थ डे पे सीना को
दिया था पर वो गुलाब को साईड रखके सीना के पेंडल ले लिया था )
जय पर्स में से एक तस्वीर निकालता है | वो तस्वीर में जय, सीना और जयश्री एक साथ होते है | उस तस्वीर में जय और जयश्री के उपर लाल पेन से दिल बनाया है और सीना के उपर ब्लेक पेन से क्रोस मार्क किया है |
जय अब पर्स को हाथ में लेकर अंदर की चीजे देखने लगता है | फ्रेन्डशीप कार्ड और वेलेनटाईन कार्ड मिलता है जिस में ‘माय लव जय’ लिखा होता है और निचे लिखा है – ‘जयश्री’ जिस में ‘जय’ अलग कलर से और ‘श्री’ अलग कलर से लिखा है |
फ्रेन्डशीप बेल्ट मिलता है जो जय ने जयश्री दीया था | कोलेज की तस्वीर निकलती है जिस में जय और जयश्री साथ होते है और लास्ट मे एक डायरी मिलती है |
उस डायरी का टाईटल है – मेरी सहेली ...
जय डायरी को पढने लगता है |
लड़की की आवाज:
“ ये मेरी सहेली है | मेरी सहेली मेरी दोस्त भी है और मेरी हमराज भी .. क्योंकि मैंने मेरी सहेली से हर बात शेर की है जो आज तक मैंने किसी को भी नहीं बताई “
डियर जय,
में तुम्हें चाहती हु और हंमेंशा चाहती रहुगी बीना कोई आश बीना कोई मकदस का ! मेरी
चाहता तुम्हें पाना नहीं है मेरा चाहत तो तुम्हें खुश देखना है |
सीना के वजह से तुम्हारे साथ दोस्ती हुई और सीना की वजह से ही तुमसे साथ प्यार हुआ |
मुजे पता है की तुम सीना को कितना प्यार करते हो ! और मुजे ये भी पता है की सीना तुमसे कितना प्यार करती है |
हकीकत ये है की सीना का मतलब का प्यार था | उसने कभी तुमसे प्यार किया हि नहीं था | तुम तो उसके लिए सिर्फ आगे बढने एक सीडी थे ! उसे हिरोईन बनना था और तुम्हारे अंकल एक डायरेकटर है | सीना का प्यार बस एक दीखावा था वो तुमसे अपना काम निकलवाना चाहती थी | उसका मक्सद पुरा हो गया तो वो अपने सगे को भी पहेचानती नहीं | सायद ये बात तुमसे में कह नहीं सकती इसलिए मैने सारी बाते ‘मेंरे सहेली’ मेरी डायरी को बता देती हु |
जय याद है ? दो साल पहले हम तीनो खंडाला घुमने गये थे | हम सब कितने खूश थे पर सीना उदास थी वो उस दिन गुस्सा होकर चली गई थी | हकीकत तो रात को पता चली जब सीना देर से मेरे रूम में आई | दरअसल वो किसी डी ग्रेड वाली फिल्म के लिए ओडीसन देने चली गई और तुम उसे पागलो की तरह यहा-वहा उसे ढुढते रहे थे | तब से मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार जन्मा था | सीना तुम्हे जितना धोका देती उतना मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार बढता रहा | सीना ने तुम्हारे साथ कितनी बार धोका किया है | जब तुम्हारी बर्थ डे थी तब वो तुमसे मिलने के बजाय तुम्हारे अंकल को मिलने चली गई थी और सीना की जगह पर में आ गई | तुम्हारी बर्थ डे के एक दिन पहेले की बात है | आज रात को सीना फोन आया था वो बड़ी खुश होकर बात कर रही थी मानो उसे कोई खजाना मिल गया हो !
लम्हा:
जयश्री और सीना की बातेँ:
जयश्री : सीना ! बड़ी खुश लग रही हो ! जय ने सोने का नेकलेश दीया क्या ?
सीना : नेकलेश से भी ज्यादा मिल गया है !
जयश्री : अच्छा !
सीना : मुझे डायरेकटर मिल गया है मै हीरोइन बन गई हुं !
जयश्री : ओह ग्रेट ! कौन है डायरेकटर ?
सीना : महेश कोठारी !!
जयश्री का चेहरा फिका हो जाता है |
जयश्री : कौन महेश कोठारी वो जो डी ग्रेड की फिल्मे बनाता है वो ?
यार तुजे पता भी है महेश कोठारी की हिस्टरी ?
सीना : हिस्टरी ! बायोग्राफी के लिए नहीं सोचना और तु भी ना
जय जैसा लेक्चर मत दो ! तुम्हें तो खुश होना चाहिए
जयश्री : हा मै खुश हि हु ! वो तो बस ..
सीना : बस ! ट्रेन कुछ नहीं
जयश्री : अच्छा बाबा कब से जा रही हो ?
सीना : कल कोन्ट्राकट पे साईन करने जाना है और एक हप्ते के बाद शुटींग स्टार्ट हो जायेगी
जयश्री : पर कल तो जय की बर्थ डे है ! तुमने उसे बताया ये सब ?
सीना : नहीं बताउगी भी नहीं ! और तुम भी मत बताना ! बताउगी तो जय मुझे जाने नहीं देगा और मै ये गोल्डन चान्स खोने नहीं देना चाहती ! बर्थ डे तो आती रहेगी पर ये चान्स नहीं आयेगा | और वैसे भी जय ने मुजे कल नीले सलवार, खुले बाल, आंखो में हलका सा काजल ....करके बुलाया है ये सब करके मै नही जाउगी |
जय आंखो में आसुंओ का समुदर लिए डायरी बंध करता है |
जयश्री के साथ बिताये हसीन लम्हे याद करके आंसु की नदिया बहाता है | वो सोचता है की जिसे प्यार करता था उसे प्यार की कदर नहीं और जीससे कोई प्यार करता है उसे खबर हि नहीं |
कम्पाउन्डर आता है |
कम्पाउन्डर : आप हि उस लड़की साथ हो ना जिसको सुबह लाया गया था ?
जय सहमा सा खडा होता है
जय : हा में ही हु ! क्यु क्या हुआ ? जयश्री ठिक तो है ना ?
कम्पाउन्डर : हा ठिक है उसे होश आ गया है
जय आंखो में चमक लेकर जयश्री के पास जाता है | जयश्री भी जय को देखती है | जयश्री जय के हाथ में पर्स और डायरी को देखती है | जयश्री समज जाती है की जय ने ये डायरी पढ ली है | जय जयश्री के करीब जाता है |
जयश्री : ‘मेरे सहेली’ पढ ली ?
जय : हा जयश्री ! तुमने मुझे बनाया क्यु नहीं ?
जयश्री : तुमने ही तो कहा था ‘हिरे की चमक के सामने सब फ़ीके दिखते है’
जय : जयश्री मुजे माफ़ करना मै तुम्हे समज नही पाया |
जय का फोन आता है | स्क्रीन के देखता है तो सीना माय लव लिखा होता है |
जय फोन रिसिव करता है
जय : हा सीना
सीना : सोरी डार्लीग ! में सुबह नहीं आ पाई वो मुझे जरुरी काम था |
जय : ओडीशन पे गई होगी ना ?
सीना : जयश्री की बच्ची ने बात कही होगी ना ?
जय : नहीं जयश्री की सहेली ने कही !
सीना : जयश्री की सहेली ? ओह्ह फोरगोट ओल थींक एक खूश-खबरी सुनो में हीरोइन बन गई हु ! अगले हप्ते से शुटींग स्टार्ट हो जायेगी | तुम खुश हो ना डार्लींग ?
जय : तुमने मुझे कहा खुश होने का मौका दीया है ?
सीना : यार तुं इमोशनल डायलोग मत मारो ! और हा में शुटींग के लिए आउट ओप स्टेशन जा रही हुं ! तुम्हारी हीरोइन को मिस तो नहीं करोगे ना ?
जय : नहीं
सीना : हेय ....?
जय : क्यु की मुझे मेरी हीरोइन मिल गई है |
सीना : हीरोइन ....? हेल्लो जय ?
जय फोन रखके जयश्री के पास जाता है और फोन वही रख देता है | सीना का फोन आता है पर जय फोन रिसीव नहीं करता है |
समाप्त
Short Story Writer
Sanjay Nayka
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