Drecula 10 - 7 in Hindi Moral Stories by Mohd Siknandar books and stories PDF | ड्रेक्युला 10 - 7

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ड्रेक्युला 10 - 7

ड्रैकुला 10

Part - 7

यही बात ड्रैकुला ने भी कहा । लियाना मुस्कुराकर वहाँ से चली गयी । ड्रैकुला अपनी मेहनत की एक-एक कमाई गुल्लक मे जमा करने लगा । धीरे-धीरे उसके पास दो हजार रुपये जमा हो गये । जब ड्रैकुला शराबी जॉन के साथ मिलकर उस गुल्लक को तोड़ा तब उसमे से ढाई हजार रुपये निकले । यह देखकर ड्रैकुला और शराबी जॉन खुशी से उछल पड़े । उस पैसे को एक थैली मे भरकर दोनों घर के बाहर आये और बस मे बैठकर निकल पड़े बाबा इलायची के दुकान की तरफ। बस ने उन दोनों को बाबा इलायची की दुकान से काफी पहले उतरा दिया । शराबी जॉन और ड्रैकुला सड़क के किनारे गिटार बाज रहे एक अंधे आदमी से पूछते है कि “ क्या आप मुझे बता सकते है कि बाबा इलायची की दुकान कहाँ पर होगी ।” गिटार वाला आदमी उन दोनों से कहता है कि “ आसमान है नीला-नीला और पानी है साला गीला थैंक यू वेर्री मच । बाबा इलायची की दुकान उस गली के पीछे है बच्चो।” उसकी बात सुनकर दोनों उस गली मे अंदर चले गये। अभी उस गली के बीच मे पहुंचे ही थे कि वो गिटार वाला अंधा आदमी अपने चार-पाँच दोस्तो को लेकर उनका रास्ता रोक लिया । तभी ड्रैकुला उसके दोस्तो से कहता है कि “अरे भाइयो इस अंधे बाबा को इनके घर पहुंचा दो । कही गटर मे ना गिर जाये ।” गिटार वाला अंधा आदमी उस से कहता है कि “ दुनियाँ और पुलिस वालों की नजर मे मै हूँ अंधा, और पूरे इलाके का हूँ अकेला गुंडा । क्योकि तू मेरा तू मेरा तू मेरा भाई नहीं है ।” शराबी जॉन उस अंधे आदमी से कहता है कि “ तीन चार गुंडे क्या रखा लिया अपने आपको शक्ति कपूर तो नहीं समझ रहा क्या ।” गिटार वाला अंधा आदमी शराबी जॉन से कहता है कि “ मै नन्हा सा मुन्ना सा प्यार बच्चा हूँ । अरे देख क्या रहे हो मार-पीटा करके इनके सारे पैसे छिन लो ।” ड्रैकुला और शराबी जॉन उस गिड़-गिड़ाते रहे मगर किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी । मार-पीटा करके उनका सारा पैसा छिन लिया । सब लोग रावण की तरह हँसते हुए एक दूसरे कहते है कि “ चलो आज ब्रहमा जी के यहाँ चलकर चाट-सकौड़ा खाते है ।” इतना कहकर सब वहाँ से चले गये । ड्रैकुला और शराबी जॉन एक दूसरे को सहारा देते हुए किसी तरह से बाबा इलायची की दुकान पहुंचे । जहां उनकी मुलाक़ात बाबा इलयाची से हुई । बाबा इलायची उन दोनों की हालत देखकर पहले उन्हे भिखारी समझा और अपने दुकान से भाग जाने को कहा । शराबी जॉन बाबा इलायची से कहता है कि “ हम भिखारी नहीं है बल्कि एक शरीफ इज्जतदार शराबी है । जो आपके यहाँ से सुनहरा ताबूत खरीदने आये है ।” बाबा इलायची अपने नौकरो से उस ताबूत को बाहर लाने के लिए कहा । अपने मालिक के कहने पर उसके नौकरो ने उस सुनहर ताबूत को उसके सामने लाकर रखा दिया । ताबूत को सामने पड़ा देखकर ड्रैकुला अपने आप को रोक नहीं पाया और उस पर धीरे से हांथ फेरने लगा । बाबा इलायची ड्रैकुला का हाथ ताबूत से हटकर कहता है कि “ इसको छूने के भी पैसे लगते है । दो हजार रुपये दो और इस मनहूस ताबूत को यहाँ से ले जाओ ।” ड्रैकुला और शराबी जॉन बाबा इलायची से कहते है कि “ हमारे पास तो बिल्कुल पैसे नहीं है ।” उनकी बात सुनकर बाबा इलायची उन दोनों से कहता है कि “ क्या मै पागल हूँ । क्या मै शक्ल से इतना गधा दिखायी देता हूँ कि तुम जैसे भिखारियों को ये ताबूत फ्री मे दे दूंगा । भाग जाओ मेरी दुकान से वरना इतनी गोली मारूँगा कि उसका खाली खोखा बेचकर अमीर हो जाओगे ।” ड्रैकुला बाबा इलायची से कहता है कि “हमारे पास दो हजार रुपये थे मगर कुछ बदमाशो ने हमारा पैसा छिन लिया ।” शराबी जॉन और ड्रैकुला ने बाबा इलायची को बहुत समझने की कोशिश की । लेकिन उनकी बात समझने के बजाये बाबा इलायची का गुस्सा भड़का उठा और उसने गोली चल दी । गोली के आवाज सुनते ही ड्रैकुला और शराबी जॉन वहाँ से भाग खड़े हुए । बाबा इलायची अपनी दुकान से बाहर आकर कहता है कि “अगर मेरी दुकान के आस-पास नजर भी आये तो तुम्हें गोली मारकर मै फांसी जरूर चढ़ जाऊँगा।” इतना कहकर उसने हवा मे तीन चार गोली चला दी । ड्रैकुला और शराबी जॉन वहाँ से भागकर शराब की दुकान पर पहुंचे । जहां पर उन्होने उधार की शराब पीकर अपना गम भुलाने की कोशिश की । ड्रैकुला शरबी जॉन से कहता है कि “ कौन कमबख्त जीने के लिये पीता है । मै तो सिर्फ इसलिये पीता हूँ कि अपना गम भुला सकू ।” शराबी जॉन ड्रैकुला से कहता है कि “ तुम चिंता मत करो ड्रैकुला भाई । मै तुम्हारे लिये ताजमहल बनवा दूंगा । बस तुम उस ताबूत के बारे मे सोचा छोड़ दो ।” ड्रैकुला शराबी जॉन से कहता है कि “ ताज महल तो बाद मे बनवाना। पहले शराब के पैसे तो भर दे ।” अचानक शराबी जॉन शराब पीते-पीते टेबल पर ही सो गया, जहां पर बैठकर पी रहा था । ड्रैकुला उसको वही पर सोता छोडकर शराब के बोतल के साथ बाहर आया और तीन चार घूंट पीकर मन मे सोचने लगा कि “ ये दुनियाँ बड़ी बेरहम भाई है । इन लोगो ने मेरा घर मेरा नाम और मेरा ताबूत सब कुछ छिन लिया । यहाँ मुझे से कोई नहीं डरता बल्कि मै खुद इनसे डरता हूँ । इनकी हरकतों को देखकर परमेश्वर को रोज दुख पहुंचता होगा । मुझे तो इस बात से हैरानी हो रही है कि उन्होने धरती को अब तक तबाह क्यो नहीं किया । जबकि यहा तो नरक से भी ज्यादा शैतान भरे पड़े हुए है ।” वह अपने दोनों हाथ ऊपर करके कहता है कि “ हे परमेश्वर या तो मुझे उठा ले या फिर इन बदमाश इन्सानो को ।” उसी समय एक महिला ड्रैकुला को थप्पड़ मारकर कहती है कि “तुम्हारे इस हरकत से मेरा बच्चा डर गया । अगर दुबारा ऐसा किया तो पुलिस के हवाले कर दूँगी ।” पुलिस का नाम सुनते ही ड्रैकुला शराब के तीन-चार घूंट पीकर आगे बढ़ गया । इतने शराब खत्म हो गयी ।