January National Story Competitions 2018 in Hindi Short Stories by Sonia Gupta books and stories PDF | जनवरी नेशनल स्टोरी प्रतियोगिता २०१८

Featured Books
Categories
Share

जनवरी नेशनल स्टोरी प्रतियोगिता २०१८

“विवाह की बेदी”

सोनिया गुप्ता

सीमा के मा बाप ने बड़े लाड प्यार से उसकी शादी सब रीति रिवाजों के साथ सम्पन्न की ! सीमा अपनी नईं दुनिया को लेकर आँखों में कितने ही स्वप्न सजाती रहती थी, मैं यह करुँगी, वह करुँगी, और भी न जाने क्या क्या ! अपनी शादी की रात खुद को दुल्हन के लिबास में देख बड़ी खुश थी सीमा ! जब विवाह की सब रस्में पूरी हुई, तो सीमा की डोली विदा की गयी! ससुराल में जाते ही, गृहप्रवेश के साथ साथ सभी रीतियाँ पूरी की गयी! सीमा बेसबरी से अपनी पहली सुहाग रात का इंतजार कर रही थी!

जैसे जैसे दिन बीता, वह सुहानी रात आई, जिसका उसे कबसे इंतजार था! परन्तु, यहाँ तो कुछ और ही नज़ारा देखने में आया! १२ बज गये, सीमा का पति रमेश, अभी तक कमरे में नहीं आया! सीमा यूँ ही, बैठी राह तकती रही, फिर हारकर बाहर जाकर देखा, इधर उधर अपने पति को ढूँढा, पर कहीं नज़र न आया वो! अचानक सीमा ने देखा सीढ़ियों की तरफ से धीमी धीमी सी आवाज़ आ रही थी, जब सीमा वहाँ गयी, तो उसने देखा कि उसका पति वहाँ छत पर किसी से फोन पर बात कर रहा था! सीमा कुछ देर खामोश इंतजार करती रही! जैसे ही उसके पति ने अपनी गर्दन घुमाई, तो नीचे सीमा को खड़े देखा, और उसने फोन काट दिया! रमेश सीमा को अनदेखा करके, कमरे में चला गया! सीमा पीछे पीछे चल दी! जाकर देखा कि रमेश, चुपचाप सो गया था! सीमा ने पहले सोचा, कि पूछे तो सही कि क्या हुआ, फिर उसने सोचा शायद थक गये होंगे, चलो सोने देती हूँ, सुबह बात करुँगी!

सुबह होते ही, सीमा उठी, पर उसने पाया कि रमेश कमरे में नहीं था, फिर बाहर जाकर देखा तो वो फोन पर बात कर रहा था! सीमा को कुछ समझ नहीं आ रहा था, आखिर दिक्कत क्या है ! सीमा नहा धोकर तैयार हुई और नाश्ता लेकर रमेश के पास आई, पर वो बिन कुछ बोले ही चला गया ! सीमा कुछ न कह सकी! अचानक से उसके माँ बाबूजी का फोन आता है, कुशलता पूछने हेतु ! सीमा मुस्कुराकर बोलती है “ यहाँ सब बहुत अच्छा है, बड़ा प्यार मिला मुझे, रात भर ये मुझसे बात करते रहे, सुबह भी अच्छी शुरू हुई आज मेरी, आप सब मेरी चिंता न करिए, मम्मी पापा” ! कहकर सीमा ने फोन रख दिया, और बहुत रोई !

खायर इसके बाद भी सीमा हंसी ख़ुशी नीचे गयी, और सास ससुर को नमन किया, सब बड़ों से आशीष लिया! सीमा के ससुराल में बड़े नौकर चाकर थे, बहुत बड़ा घर था! सास ने पुछा “ फिर कैसी रही रात बहू” सीमा अपना दर्द छिपाते हल्का सा शरमाकर मुस्कुरा उठी!

उस रात को भी जब रमेश कमरे में आया, तो इससे पहले सीमा कुछ पूछने लगती, रमेश कहने लगा “ देखो, मैनें ये शादी सिर्फ घर वालों के कहने पर की है, मुझे तुम में कोई दिलचस्पी नहीं, मेरा अफेयर किसी और के साथ है, थोड़े दिन ये सब नाटक कर लो, फिर मैं घर में सबको सच बता दूंगा और तुम्हें वापिस तुम्हारे घर छोड़ आऊंगा” ! सुनकर सीमा के पैरों तले जमीन खिसक गयी ! क्या करे, किसको कहे, कुछ समझ नहीं पा रही थी सीमा, पर उसने फिर भी धैर्य रखा! कितने ही दिन ये सब चलता रहा, पर सीमा ने किसी को कुछ न बताया !

अचानक से उसके ससुराल के बाकी सदस्यों का बर्ताव भी बदलने लगा ! पैसे को लेकर सुनाया जाता, दहेज़ की धमकी दी जाती ! और तो और, घर के सभी नौकर चाकर हटा दिए गये तथा, सीमा को सब काम करने को बोला गया! पर सीमा ने सब कुछ सहा और अपने घर या किसी को भी कुछ न बताया, सीमा को नौकरी पर भी जाने न दिया किसी ने ! एक दिन सुबह सीमा को बुखार होने के कारण उठने में थोड़ा देरी हो गयी ! और नीचे सभी नाश्ते का इंतजार कर रहे थे ! बड़ी हडबडाहट में सीमा नीचे गयी, और बोली “ सॉरी मम्मी जी, वो.....” अभी कुछ और कह पाती, उसकी सास ने गैस ओन करके, चिमटा गर्म किया और सीमा की बाजू पर लगा दिया, सीमा की बाजू आग में जलकर जख्मी हो गयी, जोर से चिल्लाई, पर किसी ने न सुना....घर के बाहर भी न जा सकती थी, फिर ऊपर कमरे में गयी, और मरहम लगाया, परन्तु जख्म गहरा था ! अचानक से सीमा को अपनी डॉक्टर सहेली, शिखा का ख्याल आया, उसने शिखा को फोन करके घर बुला लिया, शिखा ने सीमा का ईलाज किया ! और सीमा से पूछा कि कैसे हुआ ये सब, पर सीमा ने कुछ न बताया, और बोला, “वो रोटी बनाते बनाते, ध्यान कहीं और चला गया था, इसलिए”...... पर शिखा को कुछ संदेह अवश्य हुआ !

शिखा चली तो गयी, पर एक बोझ के साथ ! सीमा उसके जाने के बाद बहुत रोई ! सीमा के ससुराल में उसपर अत्याचार बढ़ने लगा ! उसने अपने पति रमेश को बताया, पर उसने भी कोई साथ न दिया ! एक दिन शिखा ने सीमा को अपनी बचपन की दोस्ती की कसम देकर पूछा “ सीमा मुझे सब सच बता, तेरी वैवाहिक जिंदगी ठीक तो है न, तू खुश तो है न?” सीमा रो पड़ी, इस बार छुपा न सकी, और सब कुछ बता दिया ! शिखा सुनकर बहुत परेशान हुई ! सीमा ने उसको कसम दी की उसके मम्मी पापा को कुछ पता न चले !

परन्तु शिखा से रहा न गया, उसने सीमा के मम्मी पापा को सब बताया, और वो उसी क्षण सीमा के ससुराल आकर उसको ले गये ! सीमा के ससुराल वालों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज़ करवाई, और कानूनन सहारा लेने की बात सोची गयी ! पर आजकल क़ानून भी शायद अँधा हो चुका है ! सीमा के ससुराल वालों की बड़ी जानकारी थी, रिश्वत देकर पुलिस को भी खरीद लिया, उल्टा सीमा पर ही बड़े घटिया किस्म के इलज़ाम लगाकर उसको और उसके परिवार को इतना जलील कर दिया कि, उन्होंने शिकायत वापिस ले ली ! आज सीमा डिप्रेशन का शिकार है, उसके पिता को दिल का दौरा पड़ गया और माँ बेबस !

ये कैसा अद्भुत विवाह था, ये कैसा समाज है? कैसा क़ानून? विवाह क्या इसलिए किये जाते हैं? एक लड़की को इतने लाड प्यार से माता पिता पालते पोसते हैं, फिर उसको डोली में विदा कर किसी और को जीवन भर समर्पित कर देते हैं, परन्तु क्या यह सब देखने को ? जो सीमा के माँ बाप ने देखा ....

सीमा जैसी कितनी ही लड़कियां आज ऐसे हादसों का शिकार हैं, जिनका शायद कोई हल नहीं ...क्या विडम्बना है, इस उन्नत समाज की ?

***