Bhoothni Ka badla
ये कहानी 2 दोस्तों की हे जो काफी अच्छे दोस्त है. एक का नाम राम हे और दूसरे का नाम श्याम है. श्याम अँधा हे जो की आखो से देख नहीं सकता. राम श्याम की काफी देख भाल करता है अपनी व्यकतिगत जिंदगी से टाइम निकल कर अपने अंधे दोस्त के साथ साथ टाइम बिताता है.
एक दिन की बात है शाम को राम, श्याम के घर गया और बोला भाई चल कहि घूमने चलते हे श्याम ने भी कहा ह क्यों नहीं चल पर आज शहर से कहि दूर चलते है
राम ने कहा ठीक है भाई चलो.
फिर दोनों दोस्त निकल परे घूमने के लिए जब वो शहर से थोड़ा दूर गए तो उन्हें एक जंगल दिखा तो राम ने श्याम को बताया की यहां एक जंगल ह! तो श्याम ने कहा यार बहुत साल हो गए कभी जंगल की तरफ नहीं गए ऐसा करते हे आज जंगल घूमते है पर राम ने कहा की साम काफी हो गई है और अब थोरी देर में रात भी हो जाये गी इस लिए आज नहीं फिर कभी घूम लगे जंगल पर श्याम नहीं माना उस ने कहा आज ही घूमेंगे चल ! राम को उस की बात माननी परी पर क्यों की श्याम अँधा था इस लिये राम को सारी बाते बोल बोल कर बतानी पर रही थी ! की यह पे पेड़ हे वहा पे जँगली जानवर ह इस तरह वो काफी आगे चले गए ! जब वो जंगल पे एक थीमुहे पर पहुंचे तो राम ने श्याम को बताया वह आगे रोड पे कुछ रखा तो श्याम ने पूछा क्या रखा ह बता राम यार बरी सी थाली में लाल कपरे में कुछ लपेट के रखा हे !
श्याम ने बोला फिर सोच क्या रहा हे जल्दी से देख उस में क्या ह शायद कोई खजाना छोर गया हो ! राम ने कहा यार छोर रहने दे पता नहीं उस में क्या हो इस जंगल में कोण खजाना छोर जाये गए पर श्याम ने राम को कहा पागल हे क्या चल देख में बोल रहा हु !राम ने कहा ठीक है उस ने वो थाली उठा के श्याम के हाथ दी
श्याम ने खा अब जल्दी से देख के बता इस में क्या हे ! राम ने कहा ह रुक देख रहा हु ! जब राम ने वो कपड़ा हटाया तो जोर से चिलाया फेक दे इसे, फेक दे जल्दी से पर श्याम के कुछ समज नहीं आया क्या ह इस में जो जोर जोर से चिल्ला रहा हे ! राम बोलै इस में एक औरत की कटी हुई मुड़ी ह जल्दी से इसे फेक और इतना बोल के राम वहां से भाग गया ! अब श्याम को लगा की शायद राम उसे बेवकूफ बना के सारा माल खुद ही लेना चाहता हे इस लिए ऐसा बोल रहा हे !
श्याम उस मुंडी को वैसे ही कपडे में लपेट के अपने घर जैसे तैसे ले आया पर वो क्या जनता था की वो अपने साथ खजाना नहीं बल्कि मुसीबत ले जा रहा हे ! उस ने उस मुण्डी को अपने घर में एक बक्से में रख दिया ! जब श्याम राम से अगले दिन मिला तो उस ने राम को बताया की उस ने वो जंगल वाला सारा खजाना अपने घर में रखा ह ये सुन कर राम बोलै तू पागल ह क्या वो कोई खजाना नहीं हे बल्कि एक औरत का कटा सर हे फेक दे उसे वरना पछतायेगा बोल रहा हु में ! इस में श्याम ने कहा मुझे सब पता हे तू मुज से वो खजाना लेना चाहता हे इस लिए ऐसा बोल रहा हे. जा में नहीं फेक रहा उसे इतना सुन के राम वहा से चला गया. पर अब अन्धे के दिमाग में ये बात आयी की एक बार देखु ये सच तो नहीं बोल रहा इस लिए उस ने उस मुण्डी को बॉक्स में निकला और छुकर देखा तो उसे एह्सास हुआ की शायद उस का दोस्त ठीक बोल रहा ह ! पाए अब श्याम के दिमाग में एक और आडिये ने जनम लिया की क्यों ध्यान से देखु अंधा होते हुए भी अपनी आखो से उसे देखने की कोसीसी करने लगा ! और एक टाइम ऐसा आया जब उस की आखे उस मुढ़ी की आखो के बिल्कुल सामने आ गयी और एक चम्तकार हुआ अंधे को दिखाई देने लगा और उस ने देखा तो उस के सामने एक औरत की कटी हुई मुड़ी थी जिसे उसने अपने हाथो में ले रखा हे ! अब अंधे की खुसी का ठिकाना ना था ! वो मुड़ी उस के लिए अब भगवान बन गयी उस ने उसे बड़े प्यार से दुबारा अपने बॉक्स में रख दिया।
क्यों की उस कटी मुंडी की वजह अंधे की आँखे आ जाती है ! इस लिए वह उसे अपने घर में उसी बॉक्स में फिर से रख देता है ! और अपने दोस्त राम के घर जाता है !
और अपने साथ हुए इस चम्तकार के बारे में बताता है ! राम ये सब जान के काफी हैरान हो जाता है और एक बार फिर से उसे उस मुड़ी को घर से भाहर फेकने को कहता जिस से श्याम काफी घुसे में वहा से चला जाता हे !श्याम को अब सिर्फ कटी हुई मुड़ी पेविश्वास है! और किसी पे नहीं !इस लिए अगले दिन श्याम नहा धोआ के पूजा करने बैठा ह तो उसे याद आता है की ये जो खुशी उसे मिली है वो तो उसे उस कटी हुई मुड़ी की वजह से मिली ह तो क्यों ना उस की भी पूजा की जाये !अब श्याम उस मुड़ी को बॉक्स से बाहर निकालता है और उस की भी पूजा सुरु कर देता है ! जब श्याम अगरबती को जला के मुड़ी के सामने रखे लाडू पे लगता ह तो अगरबत्ती अपने आप लडू पे ना लग के फर्श पे लग जाती है ! ये देख कर तो श्याम और भी जायदा खुस हो जाता है ! अब उसे लगने लगता हे की शायद अब उस की जिन्दगी गए अंधकार खत्म हो गया है !
कुछ दिन निकलने के बाद राम ने सोचा की क्यों ना अब श्याम से जा के मिले अब शायद उसे समझ आ गयी हो ! इस लिए वो श्याम से मिलने उस के घर गया श्याम ने भी उसे बरे आदर के साथ बैठाया और इस से पहले राम उस से उस मुंडी के बारे में पूछता श्याम ने बोला दोस्त तू बैठ में तेरे लिए चाय बना के लाता हु ! इतना बोल कर श्याम चाय बनाने चला गया कुछ देर बाद वो दोनों के लिए चाय बना के लाया और एक कप राम को दिया और दूसरा खुद ले लिया और बोला भाई चाय पि मेरे हाथ की और बता कैसी बनी हे ! और बातो बातो में वो चाय पि गया पर राम ने अभी चाय का कप उठाया ही था और उसे होठो से लगा कर पिने ही वाला था की जोर से चिलाय हे भगवान क्या पि गया तू ये तो खून है ! चाय नहीं लग रहा ह तूने अभी तक उस कटी हुई मुड़ी को अपने घर में ही रखा हे ! फेका नहीं में बोल रहा हु फेक दे उसे वरना वो तुजे बर्बाद कर देगी ! इतना बोल कर राम वहा से भाग गया !और अब श्याम इस घटना से काफी गुस्से में था ! इस लिए उस ने बिना सोचे समझे अंदर गया और बॉक्स से उस मुंण्ड़ी को बाहर निकला और जोर की जमीन पर पटक दिया और बोला मेरी बेज्जती करवा दी तूने आज मेरे दोस्त के सामने में तुजे नहीं छोड़ूगा इतने में अचानक से मुण्डी हवा में उड़ने लगी और एक आवाज आयी पता हे ! तुझे मेने आखे क्यों दी ह ताकि तू अपने मौत को एक बार देख ले देख तेरी मौत तेरे सामने खरी हे ! और तुज से अपना 5 साल पुरांना बदला लेने आयी हु ! ध्यान से देख ले ! ये बाते सुन कर श्याम काफी डर गया और बोला तुम कोण हो और किस बदले की बात कर रही हो ! इतना बोलने के बाद एक दम से श्याम को दिखाई देना बंद हो गया और श्याम फिर से अँधा हो गया ! और अब उसे ऐसा लग रहा था ! जैसे की उसे कई सारे बिच्छु उसे काट रहे हो और वो जोर जोर से जिला रहा हे ! इतने में किसी ने उस की गर्दन जोर से पकड़ी और उसे जमीन पर जोर से पटक दिया इस से पहले अँधा कुछ कर पता उसे लगा किसी ने उस के गर्दन पे बालो की बनाई हुई चोटि लपेट दी हे और उस का गला दबा रहा है ! थोड़ी देर बाद अँधा की सास रुक जाती हे ! और वो मर जाता है !
अगले दिन जब राम श्याम के घर के आगे से गुजर रहा होता हे हो देखता ही उस के घर के आगे काफी भीड़ लगी हे! ये देख कर वो देखने जता है, की क्या बात हे की इतनी भीड़ लगी है ! और जब वह जा कर देखता है तो पैरो तले जमीन खिसक जाती है ! वो देखता हे की पुलिस श्याम की लास को पोस्टमार्टम के लिए ले जा रही हे ! देख कर वो जोर जोर से रोने लगता हे!
अब राम दिन रात सोते जागते सिर्फ उस कटी हुई मुड़ी के बारे में सोचता हे ! उसे हर तरफ सिर्फ वो ही दिखाई देती है ! इस लिए वो परेशान हो कर कुछ दिन के लिए अपने परीवार के पास जाने की सोचता हे और अपने घर यानि अपने गांव तितरपुर पहुँच जाता हे ! जो शहर से !10 K.M. की दुरी पे हे ! जहा राम और श्याम का बचपन बिता है !
आज से 5 साल पहले दोनों गांव छोरा था जब श्याम अँधा नहीं हुआ करता था ! पर किसी एक घटना में उसे अपनी दोनों आखे खोनी परी थी ! वो घटना क्या थी ये कहानी का रहस्ये हे इस लिए ये आप लोगो को कहानी के अंत लगे गा !
अब राम अपने गांव आ कर यह सोच रहा था की अब शायद उस का पीछा मुसीबत से छूट गया है ! पर उसे क्या पता था की उस के लिए असली मुसीबत तो उस का उस के गांव में इंतजार कर रही है ! अब राम पहले से अच्छा महसूस कर रहा था ! इस लिए अब वो अपनी परिवार के साथ थोड़ा टाइम बिताना चाहता था ! पर जब रात को सोया हुआ था तो उसे एक सपना आया और सपनें में उस ने में उस ने देखा की वो कटी हुई मुड़ी उसे बुला रही है ! और उसे बोल रही हे कहा तक भागे गा तेरा भी वही हाल होगा जो तेरे दोस्त का हुआ है ! आज से 5 साल पहले किये गए जुर्म का हिसाब लेने आयी हु ! आ जा उसी जंगल पे जहा साल पहले मिले थे ! आ जा आ जा नहीं बचे गा तू भी एक को तो उसके किये की सजा दे दी अब तेरी बरी है ! इस के बाद उन की बरी हे !
इतना सुनते ही राम जोर से चिल्लाया और उठ के बैठ गया इससे पास में सोई उसकी 7 साल की बैटी उठ गयी और रोते हुए बोली पापा क्या हुआ ! राम ने जवाब दिया कुछ नहीं बैठा एक डरावना सपना था आप सो जाओ में देख लगा ! इतना बोल कर राम ने अपनी बेटी को सुलाया और धीरे से चला गया और तूतिया गांव के जंगल की और चल परा पर उसे क्या पता की वो इतनी रात को जंगल की और नहीं बल्कि अपनी मौत की और जा रहा है !
जब जो जंगल गया तो वह काफी अँधेरा होने के कारण कुछ साफ साफ नहीं दिख रहा था बस अजीबो गरीबो आवाजे आ रही थी जिस से राम को काफी डर भी लग रहा था पर राज़ जानने के लिए आगे गया
उसे जंगल में कुछ नहीं दिखा पर एक बड़े से पीपल के पेड़ के पास एक बरा सा ड्रम रखा हुआ दिखा तो वो उसे नजदीक से देखने गया और जैसे ही ड्रम में सिर छुका के देखा की पीछे से किसी ने उस के दोनों पैर पकर उसे उस ड्रम में उल्टा लटका किता वो जोर जोर से चिल्या मुझे छोड़ दो कोई बचाओ पर ये आवाज वहा सूसने वाला कोई नहीं था ! करीब 40 सेकंड ये आवाज आयी और फिर खामोसी छा गयी और एक दम से राम ड्रम से भाहर आया पर वो राम नहीं था दोस्तों बचा था सिर्फ राम का कंगाल और देखते ही देखते वो कंगाल हवा में उड़ा और उस पीपल के पेड़ पे जा कर लटक गया ! इस तरह राम भी अब इस दुनिया में नहीं रहा !
राम और श्याम के इस तरीके से गायब हो जाने की वजह से वहां न्यूजीलैंड मैं बैठा उनका दोस्त रमेश जिसने अपना नाम बदलकर रॉक रख लिया है को जब यह बात पता चलती है कि उसका बचपन के दोस्त राम गायब हो गया है और श्याम की रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो चुकी है तो यह जानकर वह आज इंडिया वापस आ रहा है!
आज रॉक न्यूजीलैंड से इंडिया वापस आने वाला है ! पर उसके अपने दोनों दोस्तों के रहस्यमय तरीके से मृत्यु और गायब हो जाने के पीछे वजह समझ में नहीं आ रही है !वह अपने बीते लम्हों को याद कर रहा है जिसमें से उसे एक घटना याद आती है जो आज से 5 साल पहले उन तीनों दोस्तों ने की थी ! आज से 5 साल पहले राम,श्याम और रमेश उर्फ रॉक बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे ! इतने अच्छे दोस्त जो एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते थे ! यह बात उस समय की है जब वह कॉलेज में अपना लास्ट ईयर की स्टडी कर रहे थे और इस साल जो भी स्टूडेंट यूनिवर्सिटी से टॉप करेगा वह न्यूजीलैंड में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर की पोस्ट के लिए हायर किया जाएगा जोकि उस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी ! इस कम्पटीसन में दो नाम सबसे ऊपर है पहला नाम आता है ! वर्षा का जो की लास्ट 2 ईयर से उस यूनिवर्सिटी की टॉपर रही है और इस साल भी उसके टॉप करने के पूरे चांस है और दूसरा नाम आता है रमेश का ! यह बात रमेश अच्छी तरीके से जानता है कि वह वर्षा को पीछे नहीं छोड़ सकता और कहीं ना कहीं यह कंपटीशन वर्षा जीत जाएगी और उसका कैर्रीयर शुरु होने से पहले खत्म हो जाएगा इसलिए वह बहुत परेशान रहता है और अपने दोस्तों राम और श्याम को इसके बारे में बताता है राम और श्याम भी परेशान होते हैं और कहते हैं दोस्त हम देखते हैं यह कैसे तेरा मुकाबला करती है यह यूनिवर्सिटी में टॉप तो तब करेगी जब हम इसे एग्जाम में बैठने देंगे और यही से इनके दिमाग में एक शैतानी Idea जन्म लेता है!
श्याम जो की वर्षा को अच्छी तरीके से जानता है और कहीं ना कहीं वह वर्षा का अच्छा दोस्त है इसलिए यह तीनों मिलकर एक योजना बनाते हैं ! जिसके तहत श्याम वर्षा को तीतरपुर के जंगल में बुलाएगा और वहां उसे मार देंगे ! योजना के तहत श्याम वर्षा को फोन करता है और बोलता है कि वर्षा आज मेरा जन्मदिन है और मैं अपने दोस्तों को पार्टी दे रहा हूं जिसमें तुम्हें भी आना है और यह पार्टी हम गांव से बाहर तितरपुर के जंगलों में करेंगे जहां हमारे सारे दोस्त होंगे बहुत मजा आएगा तुम हमें शाम को 6:00 बजे जंगल वाले रोड पर मिलना वहां पर राम और रॉक तुम्हारा इंतजार कर रहे होंगे और मैं तीतरपुर के जंगल में अपने बाकी दोस्तों के साथ पार्टी की तैयारियां करूंगा ओके ! वर्षा मान जाती है और अपने भतीजे के साथ शाम को 6:00 बजे वहां पहुंच जाती है ! जहां श्याम ने बुलाया था ! वहां उसे राम और रॉक रिसीव करते हैं और बच्चे के साथ उसे जंगल की तरफ ले जाते हैं ! थोड़ी दूर जाने पर वर्षा को ऐसा महसूस होता है की कुछ गलत है इसलिए वह रॉक से पूछती है कि कहां ले जा रहे हो किस तरह के पार्टी है जंगल में ! किसी होटल में की जा सकती थी पार्टी इस पर राम बोलता है होटल में तो हर साल करते हैं एक बार जंगल में करके देख लेते हैं यहां का मजा कुछ और है !
वर्षा को वह जंगल के बीचोबीच ले जाते हैं जहां श्याम पहले से उनका इंतजार कर रहा होता है ! जब वर्षा उसे वहां देखती है तो पूछती है बाकी दोस्त कहां है और यहां तो कोई इंतजाम नहीं है ऐसा तो लग ही नहीं रहा कि यहां कोई पार्टी है सच बताओ क्या बात है ! इस पर श्याम बोलता है कौन सी पार्टी किसका जन्मदिन हमने तो तुम्हें यहां इसलिए बुलाया है ताकि तुम्हारा काम तमाम कर सके और हमारा दोस्त न्यूजीलैंड जा सके ! अब वर्षा को सारी बात समझ आती है और उसे अब लगने लगता है कि वह उनकी जाल में फंस गई है इसलिए वह बोलती है देखो मुझे छोड़ दो मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है रही बात न्यूजीलैंड मैं प्लेसमेंट की तो वह मुझे नहीं चाहिए ! प्लीज मुझे छोड़ दो इतने में छोटा बच्चा घबरा जाता है और वहां पर पड़े एक पत्थर उठाकर श्याम के सर पर मारता है यह देखकर रॉकी को गुस्सा आता है ! और वह उस बच्चे को अपनी कार से कुचल देता है यह देखकर वर्षा जोर जोर से चिल्लाने लगती है !और रोने लगती है इतने में राम अपने चाकू से वर्षा का गला काटने के लिए आगे बढ़ता है!
पर श्याम उसे रोक लेता है और बोलता है यार इतनी खूबसूरत लड़की को ऐसे क्यों मार रहा है रुक जा थोड़ा मनोरंजन कर ले यह बोलकर वह वर्षा को पीपल के पेड़ के पीछे ले जाता है और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है जिससे वर्षा अपने आप को बचाने की कोशिश करती है कोशिश करते करते उसके हाथ में लकड़ी का एक टुकड़ा आ जाता है और जिसे वह श्याम के आंखों में घुसा देती है जिससे श्याम जोर जोर से चिल्लाने लगता है ! मेरी आंख मेरी आंख यह आवाज सुनकर रॉक और राम वहा जाते हैं यह देखकर की वर्षा ने श्याम के दोनों आंखों में लकड़ी घुसा दि है ! तो राम को काफी गुस्सा आता है और वह अपनी चाकू की धार से वर्षा का गला एक बार मे ही काट देता है ! वर्षा तड़प तड़प कर अपना दम तोड़ देती है उसके बाद रॉक गाड़ी की डिक्की में से तेजाब की 50 लीटर का एक डब्बा निकालता है ! और उसे वही पड़ी एक ड्रम में डाल देता है ! राम वर्षा के बॉडी को ड्रम के डाल देता है जिससे वर्षा का पूरा शरीर जल जाता है और सिर्फ हड़ियाँ बच जाती है ! जिसे निकाल कर वह पीपल के पेड़ पर टांग देता है ! और उसकी मुंडी को उस पेड़ के नीचे खड्डा खोदकर दफना देते हैं उसके भतीजे के लाश के साथ ! और वहां से श्याम को हस्पताल लेकर जाते हैं जहां उन्हें पता चलता है कि श्याम अब कभी देख नहीं पायेगा ! और वह समय आ जाता है जप यूनिवर्सिटी से रॉक टॉप करता है और न्यूजीलैंड चला जाता है और उसके दोनों दोस्त यहां इंडिया में रह जाते हैं ! और अब 5 साल बाद रॉक दोबारा इंडिया आ रहा है !
रॉक अब एयरपोट से अपने गांव जाने के लिए अपनी कार अपने रिसीवर से लेता है ! और अपने गांव तितरपुर की तरफ चल देता है ! 6 बजे के आस पास वो अपने गांव के जंगल से गुजर रहा होता है की रास्ते में उसे एक खूबसूरत लड़की दिखती है जिसे देख कर वो मोहित हो जाता हे और सोचने लगता है की काश ये लड़की मुझ से लिफ्ट मांग ले और जैसे ही वो कार उस लड़की के पास से निकालता है लड़की हाथ दिखा कर आगे तक छोड़ने का इशारा करती हे और रॉक गाड़ी रोक देता है ! वो उस लड़की से पूछता है क्या बात है ! इस पै लड़की बोलती है में यही तीतरपुर गांव की रहने वाली हू ! शहर गयी थी और अब घर जाना है पर बस मुझे मझोली तक ही मिल पायी और अब शाम हो गयी हे और इस रूट पर इस टाइम कोई बस भी नहीं हे क्या आप मुझे आगे तक छौर देंगे !
रॉक बोलता है ! हा क्यों नहीं में भी वही जा रहा हू ! और वो लड़की कार में बैठ जाती है ! अब रॉक के मन में लडू फुट रहे थे तभी लड़की बोली आप को कभी देखा नहीं यहां नए है क्या ? रॉक बोलता है नहीं में भी यही का हू बस कई सालो बाद वापस आया हू ! उस ने पूछा कहा से आए है आप और क्या काम है आप को! रॉक बोलता है! में न्यूजीलैण्ड से आया हू यहां मेरे 2 दोस्त रहते थे पर उन में से एक मर गया है और दूसरे का कुछ पता नहीं है !
इस पै लड़की बोलती है कही आप राम और श्याम की बात तो नहीं कर रहे इस पे रॉक आस्चर्य से पीछे देखता है !
तो उसके होश उड़ जाते है वो देखता है की वहा पीछे कोई लड़की नहीं है बल्कि एक 5 साल का लड़का है ! वो ये देख कर काफी घबरा जाता है ! फिर वो आगे देखता है शीशे में जिस में अभी भी वही लड़की दीख रही है ! वो पीछे मूर कर बोलता है कौन है तू और क्या चाहता है ! इस पै लड़का बोलता है भूल गया आज से 5 साल पहले तूने ही मुझे अपनी गाड़ी के नीचे कुचल डाला था ! अब तेरी बरी है !इस पे रॉक बोलता हे नहीं ऐसा नहीं हो सकता तुम तो मर गए थे मेने खुद तुम्हे अपने हाथो से दफनाया था ! इस पै लड़का बोलता है ! हा तुम ठीक बोल रहे हो में तो आज से 5 साल पहले ही मर चुका हु और मेरी बुआ भी ! उन से नहीं मिलो गे ! इतना बोल कर लड़का बोलता है ! अपने सामने वाली सीट पे देख जब वो सामने वाली सीट पे देखता है तो मनो उसे 1500 वाल्ट का झटका लगा हो !
वो देखता है की उस के साथ वाली सीट पे वर्षा का कटा हुआ सिर रखा है और वो बोल रही है की जो हाल तेरे दोस्तों का हुआ है वही तेरा होगा तुझे इसी लिए इंडिया लायी हु !
इतनी देर में रॉक कुछ सोच पाता सामने से एक ट्रक आता है और उस की कार को ठोक देता है ! जिस की वजह से रॉक बुरी तरह से जख्मी हो जाता है ! हादसे के बारे में जब गांव के लोगो को पता चलता है तो वे लोग वहा पहुंच कर देखते है ! की रॉक की हालत काफी खराब है और साथ उस ट्रक ड्राइवर की भी वो लोग उन दोनों को हस्पताल में भर्ती करवाते है !
जहा डॉक्टर उन का इलाज करते है पर पूरी कोसिस के बावजूद भी वो सिर्फ रॉक की जान ही बचा पाते है ! और रॉक कोमा में चला जाता है ! ये सुचना रॉक के परिवार वालो को न्यूजीलैंड तक पहुंचा दी जाती है ! डॉक्टर के हिसाब से रॉक एक ऐसी अवस्था है जहा उस का दिमाग अभी भी पूरी तरह से काम कर रहा है पर वो होस में कब आये गा कुछ कहा नहीं जा सकता…
6 महीने बाद अब रॉक की हालत में सुधार आ रहा है ! और 6 अप्रैल 2017 आज रॉक को होश आया है ! होश में आने के बाद रॉक के दिमाग में सिर्फ वही घटना बार-बार याद आ रही है जो उसके साथ तीतरपुर के जंगल में हुई थी ! इसलिए अब वह इंडिया में बिल्कुल भी नहीं रहना चाहता वह आज शाम की फ्लाइट से ही वापस न्यूजीलैंड जाना चाहता है इसलिए वह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो कर सीधा दिल्ली के लिए निकल पड़ता है !
रॉक जैसे ही तीतरपुर की सीमा को पार करने वाला होता है ! अचानक उसकी गाड़ी रुक जाती है और वह अपने ड्राइवर से बोलता है देखो क्या हो गया गाड़ी क्यों बंद हो गई उसका ड्राइवर गाड़ी से बाहर आता है और गाड़ी का बोनट खोलता है ! काफी देर हो जाती है अब ना तो ड्राइवर की कोई आवाज आती है और ना ड्राइवर आता है इसलिए रॉक गाड़ी से बाहर आता है ! और अपने ड्राइवर को खोजता है पर उसका ड्राइवर वहां दिखाई नहीं देता
वह काफी परेशान होता है इतने में कार के नीचे से एक आवाज आती है सर मुझे बचा लो यह आवाज सुनकर रॉक नीचे देखता है तो कार के नीचे उसका ड्राइवर खून से लतपत खून की उल्टियां कर रहा होता है यह देख कर रॉक बहुत डर जाता है और जोर-जोर से चिल्लाने लगता है कोई मदद करो कोई मदद करो और अपने आप को बचाने के लिए वापस तीतरपूर की तरफ भागता है ! और भागते-भागते वह वही उसी तीतरपुर के जंगलों में पहुंच जाता है ! जहां आज से 5 साल पहले उसने और उसके दोस्तों ने वर्षा और उसके भतीजे को मारा था रॉक ठीक उसी पेड़ के नीचे रुकता है जहां उन्होंने वर्षा और उसके भतीजे की लाश को दफनाया था !
कुछ ही मिनटों में उसका ड्राइवर खून की उल्टी करते हुए वहां पहुंच जाता है और बोलता है साहब मुझे बचा लो वह लड़की मुझे नहीं छोड़ेगी और वह बच्चा भी वह दोनों यही आ रहे हैं साहब बचा लो साहब बचा लो यह बोलते हुए ड्राइवर अचानक जोर की चिल्लाता है और बोलता है ध्यान से देख इस जगह को यही वह जगह है जहां तूने मुझे 5 साल पहले मारा था और आज इसी जगह मैं अपना बदला लूंगी और तुझे भी इसी पेड़ के नीचे दफना दूंगी भाग ले जितना भाग सकता है अपनी मौत से !
यह बात सुनकर रॉक रोने गिड़गिड़ाने लगता है कहता है मुझे माफ कर दो मैं अंधा हो गया था इतना अंधा हो गया था कि क्या सही है क्या गलत है समझ नहीं पाया बस मुझे कामयाबी का जुनून छाया है प्लीज मुझे छोड़ दो !इस पर वर्षा बोलती है मैं भी इसी तरीके से तुम्हारे सामने रोई गिर गिराई थी लेकिन तुम लोगों ने मेरी एक भी नहीं सुनी और मेरे साथ साथ उस 5 साल के बच्चे पर भी तुमने कोई रहन नहीं किया तो मैं कैसे कर दूं !
रॉक धीरे धीरे पीछे की तरफ बढ़ रहा होता है इतने में एक कंकाल उसके ऊपर गिरता है जिसे देख कर वह जोर की चिल्लाता है यह क्या है ! वर्षा बोलती है राम का कंकाल है तेरे दोस्त की हड्डियां है जिसे मैंने इसी जंगल में तेजाब से भरे ड्रम में डूबा के मार डाला था और अब तेरा भी यही हश्र होगा !
रॉक बोलता है मुझे छोड़ दो बदले में जो चाहो ले लो वर्षा बोलती है अब क्या क्या तुम मुझे जिंदा कर सकता है क्या तुम उस 5 साल के बच्चे को जिंदा कर सकते हो नहीं तो अब कुछ लेने देने को रहा ही नहीं इतना बोलते ही वर्षा अपने शक्तियों के इस्तेमाल से एक तेज धार वाले चाकू से रोक का गला काट देती है और रॉक का सर धर से अलग हो जाता है और वह तड़प तड़प कर मर जाता है ! वर्षा उसके धर को उसी तेजाब के ड्रम में डाल देती है जिसमें उसने राम को जलाया था और उसके कटी मुंडी को उसी पेड़ के नीचे दफना देती है ! इस तरीके से वर्षा और उसके भतीजे का बदला पूरा होता है और दोनों रूह जन्नत की तरफ चली जाती है !
दोस्तों भूतनी का बदला कहानी का यही अंत होता है !
फिर भी मैं आप लोगों से यह बोलना चाहता हूं कि बड़े बनने की चाहत मैं कभी कोई ऐसा काम ना करें कि उसके लिए हमें जिंदगी भर पछताना पड़े धन्यवाद !
A story by Pawan Kishor
THE END