Mere Humdum in Hindi Poems by Ambalika Sharma books and stories PDF | मेरे हमदम

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मेरे हमदम

1. कदम से कदम

मेरे कदम कुछ तेरे कदम,

यूँ ही कदमों से कदम मिला कर चलें अगर,

तो ही एक राह बनती है|

कुछ तेरी खुशियाँ कुछ मेरे गम,

कभी रोऊँ मैं कभी आँखें हो तेरी नम,

ऐसे ही रिश्ते की शुरूवात बनती है|

कभी तू रुके कभी मैं रुकु,

कुछ तू झुके कुछ मैं झूकू,

ऐसे ही रिश्तों की सौगात बनती है|

आँसू तेरे कुछ मेरे,

खुशियाँ हमारे गालों पर ठहरे,

ऐसे ही जज़्बातों की किताब बनती है|

इश्क ऐसा हो जो जुदाई ना सहे,

दर्द कितना भी हो उफ़ ना कहे,

मोहब्बत ऐसी ही इतिहास बनती है|

***

2. मांगती हूँ

सवाल जवाब ना मांगू तुझसे,

एक छोटा सा पैगाम मांगती हूँ|

नही चाहिए कोई बड़ी कविता मुझे,

तेरे कुछ प्यार भरे अल्फ़ाज़ मांगती हूँ|

मांगती हूँ खुदा उसके लिए चाँदनी रातें,

दिन उसके जगमगाए,खुशियाँ इतनी बेशुमार मांगती हूँ|

मांगती हूँ तुझसे ए साजन तोड़ा सा प्यार तेरा,

तू ना सही सपने तेरे दो चार मांगती हूँ|

ये दिल माँग कर माँग ली है जिस कदर तूने ये जिंदगी मेरी,

मैं भी थोड़ी सी मौत पहले तुझसे उधार मांगती हूँ|

दे सको तो कुछ पल दे देना,

नही जनम हज़ार मांगती हूँ|

***

3. दिल एक किताब

ये दिल एक किताब था,

जिसके पन्ने खाली थे कभी|

कभी खुद ही जवाब दे दिया करता थे,

और खुद ही सवाली था कभी|

कभी कितना जी चाहता था मोहब्बत से रंग दे इसको,

भर दे सिहाई से नाम किसी का,

या बातें किसी की जो नया ढंग दे इसको.|

हर पन्ना कुछ उम्मीद लिए रहता था,

हर पल नयी तकदीर लिए रहता था|

तुम आए और गये कब पता ही ना चला,

तकदीर के इस खेल ने मेरा हर सपना ऐसा छला|

किसी की यादों की खुश्बू दिल-ए-किताब पर आज भी छाई रहती है,

वो शक्स गुम है कही,पर जह्न मे आज भी उसकी परछाई रहती है|

वो सूखा गुलाब आज भी वैसे ही महकता है,

खुशबू महसूस कर वो पुरानी आज भी वैसे ही बहकता है|

सच कहते है, लोग जाते ज़रूर है मगर,

यादें कभी उनकी जाती नही|

इन्सान मिट जाते है अक्सर,

मोहब्बत मिट पाती नही|

***

4. डूबती सांझ

डूबती सांझ भरे मन मे सवाल कई,

वो आएगा के नही आएगा,

भरे मन मे ख़याल कई..

ये फैलता लालिमा रंग रवि का,

एहसास तेरा कराएगा,

भर देगा गगन को,

तेरे प्यार की गहराई का रंग दिखाएगा,

इस सांझ सी सिमट जाएगी मेरी ओढनी,

जिसमे फूल है लाल कई..

वो दूर बादल छिप रहा है,

रात को साथ लाएगा,

सितारों भरी चादर बिछ जाएगी इस अंबर पे,

चाँद कोमल तकिया बन जाएगा,

शरमाती अखियों से रास्ता देखूँगी उसका,

लगेगा बीते इंतज़ार मे साल कई.

एक साया सा नज़र आ रहा है,

रौशन चाँद तेरा चेहरा दिखाएगा,

खिल जाऊंगी रात की रानी के जैसी,

तेरा बढ़ता हर कदम धड़कन बढ़ाएगा,

होगा हाथों मे हाथ तेरा,

खुल जाएँगे मन मे बसे उलझनो के जाल कई……

***

5. ओ सनम

यूँ बेचैनी बढ़ती जा रही ओ सनम,

दिल मे धड़कन चड़ती जा रही ओ सनम|

इस बेताबी का मुझको जवाब दे,

मेरी मोहब्बत का मुझको हिसाब दे|

इस दिल का क्या कसूर,

जो अब तक तुझे है चाहता|

हर उस एहसास को मिटा जा,

जो हर पल मुझे रुलाता|

यूँ हर खुशी गम से लड़ती जा रही ओ सनम,

बेकरारी किस कदर बढ़ती जा रही ओ सनम|

इस बेकरारी का मुझको जवाब दे,

मेरी मोहब्बत का मुझको हिसाब दे|

हंस कर दर्द अपना छुपाऊँ,

वजह बेवजह मैं मुस्कुराऊं|

लबों को खामोश रख कर,

आँखों से सब कह जाऊं|

पर इन नज़रो से दूरी तेरी बढ़ती जा रही ओ सनम,

जीते जी कब्र मे जिंदगी गढ़ती जा रही ओ सनम|

इस अधूरी जिंदगी का मुझको जवाब दे,

मेरी मोहब्बत का मुझको हिसाब दे|

***

6. तेरी मुहोब्बत में

तेरि मुहोब्बत में जमाना छूट गया,

हँसना मुस्कुराना छूट गया|

इस कदर रुसवा हुई तेरी आशिकी में,

महफ़िलों मे जाना छूट गया|

खता कर के खता कर दी है मैंने,

अब चाहतों का जमाना छूट गया|

वीरान है नज़रें मेरी,

ख्वाबों का आना छूट गया|

छूट गया सब तेरी चाहत में ओ सनम,

फिर एक प्यार भरा घराना छूट गया|

***

7. हालात

अजीब-ओ-ग़रीब हालात है ये,

कैसे अनकहे जज़्बात है ये,

किस से बयान करू दिल-ए-किताब,

हर पन्ने का सावालात है ये|

कोरे काग़ज़ों पर सिहाई फैलाऊँ तो,

अपने आँसुओं को लफ़्ज़ों मे सजाऊँ तो,

जान ना जाए कही मुस्कुराहट के फीचे छिपे दर्द को दुनिया,

हर मुस्कान मे दबी टीस कह जाऊँ तो|

अभी तो बस दर्द की शुरूवात हुई है,

मौसम की पहली बरसात हुई है,

बादलों से कह दूँ कुछ पल थम जा,

बरसों बाद तड़प के मुलाकात हुई है|

ये आँसुओं को पलकों पे सजाऊँ तो,

दर्द जुदाई का लबों से सुनाऊं तो,

पर बेवफ़ाई का खिताब भी दे ना सके तुझे,

इंतज़ार मे चूर तेरे खुद बेवफा हो जाऊँ तो|

अभी तो बस दिल की बात हुई है,

मेरे मन सी प्यासी रात हुई है,

सब्र का सवेरा ना उगने पाएगा अब कभी,

मेरी मोहब्बत मेरे रिश्ते की मात हुई है|

***

8. तेरी आशिक़ी मे हम

तेरी आशिक़ी मे दीवाने हम हुए है,

इस कदर दुनिया से बेगाने हम हुए है,

भूल गये है इस दुनिया के रंज-ओ- गम,

शमा मे जलते परवाने हम हुए है|

हर वक़्त हसीन हो जाता है मोहब्बत के बाद,

हर मंज़र रंगीन हो जाता है चाहत के बाद,

मेरे हर गीत अब अफ़साने हुए है|

समझ नही पाती के क्या वजह है,

कहाँ जाऊँ? वो कौन जगह है,

जाने क्यू अब सभी अपने बेगाने हुए है?

तू ही तू अब मौजूद लगता है,

सदियों से मेरा महबूब लगता है,

इस दुनिया से बेख़बर अंजाने हुए है|

एक खुशी सी छाई रहती पास मेरे,

बनने लगे है ये सितारे खास मेरे,

सब कुछ नया लगने लगा है अब, हर आँसू पुराने हुए है|

हर जगह एक सुरूर रहता है,

अकेलापन कोसों दूर रहता है,

कल तक जो सूने रास्ते पड़े थे अब सारे मैखाने हुए है|

***

9. बेकरार

मेरी साँसों मे एक तेरी खुश्बू है,

धड़कन मे एक तू ही तू है,

ये क्या हो रहा है मुझे,

जानू के ना जानू तुझे,

हवाें भी कुछ महकी है,

फ़िज़ाएन भी कुछ कुछ बहकी है|

ये जो भी हो रहा है इस बार,

कर रहा मुझे बेकरार|

पागल ये समा हो रहा,

कुछ तो कही खो रहा,

दीवानी हुई जा रही,

रुत मस्तानी हुई जा रही,

कोई तो आने को है,

नया गीत गुनगुनाने को है|

ये जो भी हो रा इस बार,

कर र्हहा है मुझे बेकरार|

फूल खिल रहे है,

दिल मिल रहे हैं,

ये शाम भी बोझल हो रही,

मीठी नींद मे सो रही,

मिल र्हे है रात से चाँद सितारे,

लग रहे मेरे प्यार से प्यारे|

ये जो भी हो रा इस बार,

कर रहा मुझे बेकरार|

***

10. बात

एक दिन वो पूछ बैठे मुझसे,

के कितनी मोहब्बत करती हो?

निभा सकती हो रिश्ता,

या दुनिया से डरती हो?

दुनिया से तो नही डरती,

किसी और बात से ही डर लगता है,

कही ये साथ टूट ना जाए,

हर लम्हा यही सोच कर जागता है|.

क्या मुझपे भरोसा नही? कहने लगे वो,

फिर साँसे थम गयी, और कहा ऐसा ना कहो,

खुद से ज़्यादा तुम पर ऐतबार है,

पर इस जिंदगी का इकरार नही|

हाथ थम कर कहने लगे,

तुम्हे छोड़ कर कभी ना जाऊँगा,

जैसे चाहा है आज हमेशा वैसे ही चाहूँगा|

आँखें भर गयी, आँसू बह निकला,

कभी छोड़ के तो ना जाओगे फिर वही सवाल था,

खामोश नज़रो से शायद उनका भी यही ख़याल था|

सीने से लगा लिया जब उन्होने,

तो हर गम भूल गये हम ,

होठों पे थी मुस्कान , आँखें थीं नम,

बस इतना ही कह पाई बहुत प्यार है तुमसे,

उन्होने भी इतना ही कहा,

मेरा भी यही इकररा है तुमसे|

***