सागर जैसी आँखोंवाली
आशा सागर का इंतजार कर रही है तभी सागर पीछे से आशा की आँखों पर हाथ रखता और बिना कुछ बोले आशा की प्रतिक्रिया देखने के लिए खड़ा रहता था |
' सागर तुम्हारा बचपना अभी तक नहीं गया ! क्या मज़ा आता है मेरी जैसी अंधी की आँखे बंद करने में ? में आंखे खुली रखु या फ़िर बंद क्या फ़र्क पडता है ? ' - आशा उदास मन से कहा कहा |
' मैं तुम्हारा मज़ाक उड़ाऊंगा ? और ये लगा रखा है अंधी ? ' - सागर गुस्से बोला |
' तो क्या करु ? अंधापन मेरी कमजोरी है और कोई कमजोरी को ठेश पहोचाता है तो दिल में बहुत चुभता है ! भगवान ने मुझे अंधी रखा है तो अपने आप को अंधी ही कहुगी ना ? पर मुझे कोइ अफसोस नहीं सागर ! क्योकि मेरे पास तुम हो और तुम्हारा प्यार है | मुझे और क्या चाहिए ? तुम्हारे सहारे पूरा जीवन गुजार दूंगी '
' ये सब कहने की बातें है "मुझे कोइ अफसोस नहीं...... मेरे पास तुम हो और तुम्हारा प्यार है ...... मुझे और क्या चाहिए ? " ..... वगेरा.. वगेरा..सचमुच तुम्हें कुछ नहीं चाहिए ? अगर तुमे भगवान से अगर कुछ मांगना हो तो क्या मांगोगी ? '
' भगवान ने तुमको देकर मुजे पहले से हि उसका ऋणी बना दिया है अगर भगवान मुजे कुछ देना हि चाहे तो में भगवान से तुमको देखने के लिए आंखे मांगना चाहुगी, हाँ सागर में तुम्हे एकबार देखना चाहती हुं '
‘ एकबार क्यु ? तुम मुजे हमेंशा के लिए देख सकती हो ! मुजे क्या सारे जहाँ को देख सकती हो ! ' - सागर ने आशा को बाहो में भरते हुए कहा |
' सचमुच ऐसा हो सकता है ? ' - आशा ने उम्मीद भरे शब्द से कहा |
' हाँ बिलकुल ... पर तुम मेरी बात मानो तो ! ' – सागर इतना बोलके रुक सा गया |
' कौन सी बात ? '
' बात कहेने से पहले एक वादा करना होगा की तुम मना हि करोगी ! अगर मना किया तो तुमको मुजे भूल जाना होगा | मान लो तुम्हारी हाँ में मेरी ख़ुशी है ' - सागर ने आंखे चुराते हुआ कहा |
' तुम्हारी ख़ुशी के लिए में खुछ भी करा सकती हूँ, तुम मेरे होने का मतलब हो अगर तुम नहीं होते तो मालुम नहीं में कहा होती ? तुम्हारे बिना मेरा कोइ वजूद नहीं बोलो में तुम्हारी हर बात मानूगी ' - आशा ने वादा निभाने का वचन देकर कहा |
' में तुम्हे अपनी एक आँख डॉनेट करना चाहता हूँ ! तुम मेरी आँख से मुझे देख सकोगी ! पुरे जहाँ को देख सकोगी ! देखो मना मत करना | तुम्हारी आँखों की रोशनी आ जाए ये मेरा भी सपना है ' - सागर ने आशा को आँख की रोशनी की आशा देते कहा |
' नहीं सागर ! मुझे नहीं पता था के तुम मुजसे इस तरह वादा निभाना कहोगे '
' इसका मतलब तुम मुझे प्यार नहीं करती, ठीक है आज से हमदोनों ...'
आशा सागर ने होठो पर हाथ रख देती है |
' सागर तुम जो कहोगी में करुँगी पर मुजसे जुदा होने की बात मत करना ...जुदा होने की बात मत करना ...'
आशा आँसू बहाते सागर के पैरो में गिर जाती है |
' आशा मुझे माफ़ करना में तुम्हे रुलाना या दुःख देना नहीं चाहता था | मगर तुम देख सकोगी तो सबसे ज्यादा मुजको होगी | ' - आशा को संभालते हुए कहा |
' देखो मैंने सब इंतजाम करा दिया है, दो दिन बाद तुम्हारा ऑपरेशन होगा और तुम चिंता मत करना में वहाँ ही रहुँगा, ठीक है ? - सागर ने आशा को तसल्ली देते कहा |
फलस्वरूप आशा मान जाती है दो दिन बाद ऑपरेशन होता है |
' आशा मुबारक़ हो ! तुम्हारा आँखों का ऑपरेशन कामयाब हुआ अब तुम एक आँख से ये रंगीन दुनिया को देख सकती हो ' | - डॉक्टर ने कहा |
आशा ने ऐसी मुस्कान बिखेरी जैसे नयी आँख की चमक होठों पर आ गई हो |
' तुम नई आँख से पहले किसको देखना चाहोगी ?' - डॉक्टर ने पूछा |
' मेरे सागर को ' - आशा ने प्यार से कहा |
' मतलब तुम्हें मालुम है की सागर ने ही तुम्हें एक आँख डोनेट की है ? '
' हां डॉकटर सागर का जितना शुक्रिया अदा करू वो कम है उसने मुझे एक आँख ही नहीं नया जीवन भी दिया है | मैं तो समदर की रेत की तरह बिखरी हुई थी सागर ने ही तो सहारा देकर मूरत बनाई | आज के जमाने कौन भला जनम जात से अंधी को रोशनी देता है ? प्यार देता है ? मेरे लाख मना करने के बाद भी उसने मुझे एक आंख डोनेट की है, मेरी जैसी अनाथ को सहारा दिया, ईतना प्यार दीया | वो कहता था की हम दोनो एक आंख से दुनिया को देखेगे,.… एक आंख से एक दूसरे को देखेगे ' |
' तुम दोनों का प्यार देखकर सच्चा प्यार पर यकीन होता है | सचमुच तुम दोनों का प्यार सब से हटके है |' - डॉक्टर ने बधाई देकर कहा |
' शुक्रिया डॉक्टर ! पर सागर अभी तक आया क्यों नहीं ? वो ठीक तो है ना ?' - आशा ने बातों में चिंता जताई|
' हां वो ठीक है बस वो अभी आता ही होग़ा ' - डॉक्टर ने तसल्ली देकर कहा |
गाना बजता है:
'चेहरा है या चाँद खिला है, ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या ?
सागर जैसी आँखों वाली, ये तो बता तेरा नाम है क्या ?'
' ये गाना सागर को बहुत पसंद है | वो मुझे 'सागर जैसी आँखों वाली' कहता था | वो कहता था की वो सागर और मैं उसकी आँखे इसलिए हुआ ना 'सागर जैसी आँखों वाली' ? - आशा ने बच्चों जैसी हसी हसकर कहा |
' अरे वाह ! इससे पता चलता है की तुम दोनों एकदूसरे से कितना प्यार करते हो ! तुम दोनों का प्यार हटके तो है पर पूरी दुनिया से हटके है ' - डॉक्टर ने कहा |
' पूरी दुनिया से हटके ?? ' - आशा ने उत्सुकता से पूछा |
' हां तो पूरी दुनिया से हटके हुआ ना प्यार !' - डॉक्टर ने कहा |
' वो कैसे डॉक्टर ? ' - आशा ने इस बार ज्यादा उत्सुकता जताकर पूछा |
' सागर जो पहले ही एक आँख से देखता था उसने अपने प्यार को रोशनी देने लिए अपनी एक आँख अपने प्यार को दे दी इसलिए वो तुम्हे 'सागर जैसी आँखों वाली' कहता था ! ' - डॉक्टर इतना कहकर चली गई |
डॉक्टर की बाते सुनकर आशा का कलेजा सून हो गया | दिलो दिमाग पर डॉक्टर की कही बातें का तूफ़ान जोरो से उठाने लगा | उसके मुँह से एक शब्द भी नहीं निकला | उसकी आँखे ही उसका दर्द बयाँ कर रही थी | आशा ने नई आँख से दुनिया को देखने से पहले रोना शीख लिया था |
समाप्त
Writer:
Sanjay Nayka
sanjay.naika@gmail.com