Modiji Ke Bhashan - Patna ki Hunkar Raily in Hindi Motivational Stories by Virendra Baghel books and stories PDF | मोदीजी के भाषण - पटना की हुंकार रैली

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मोदीजी के भाषण - पटना की हुंकार रैली

पटना की हुंकार रैली

27 अक्टूबर, 2013

विरेन्द्र बघेल



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पटना की हुंकार रैली

27 अक्टूबर, 2013

बीजेपी के ‘पीएम इन वेटिंग' नरेंद्र मोदी ने पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में हुंकार रैली में लाखों लोगों को संबोधित किया। पढ़िए नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण :

बिहार हुंकार भरेगा, तभी देश दम भरेगा३

नरेंद्र मोदी जब हुंकार रैली के मंच पर पहुँचे, तो पहले एक मिनट तक शंख बजता रहा। भारत माता की जय के नारे के साथ मोदी का भाषण शुरू हुआ। आइए जानें क्या कहा पटना में नरेंद्र मोदी ने३

इस गाँधी मैदान में पधारे में लाखों—लाख भाइयो—बहनो! ये महारैली नहीं है, ये तो भारत की महाशक्ति का अनुष्ठान है मित्राो! ई बाबू कुँवर सिंह की धरती ने शत—शत प्रणाम करता ने। भारत के स्वर्णिम इतिहास में बिहार का इतिहास बा। चाहे ऊ नंद वंश के काल होखे या मौर्य वंश के काल होखे। चाहे गुप्त वंश के काल होखे। बिहार ई भूमि होई। जहाँ सूर्य देव के हर रूप में पूजा होई। सूर्योदय के पूजा होवी, और सूर्यास्त के पूजा होवी। बिहार के लोग अवसरवादी नव होएँ। कुछ अपवाद छोड़ के।

यह कहकर पॉज, मुस्कुराते हैं। भीड़ का शोर तेज हो जाता है।

मैं जानता हूँ कि आप क्या सुनना चाहते हैं। बिहार के समस्या के जड़ छई, सीमांचल के समस्या। पूरा मिथिलांचल बाढ़ से त्रास्त रही छी। भारत नेपाल समेत एकदा कोसी के रोग के व्यवस्था हो जाईं, ते बिहार खुशहाल हो जाई।

भाइयो—बहनो, अगर रामायण काल को याद करें, तो माता सीता की याद आती है। अगर महाभारत काल को याद करें, तो कर्ण की याद आती है। अगर गुप्त वंश की याद करें, तो चंद्रगुप्त की राजनीति प्रेरणा देती है। गणतंत्रा की बात करें, तो आज भी वैशाली का गणतंत्रा पूरे विश्व में सिरमौर है। अगर हम सम्राट की बात करें तो आज भी सम्राट अशोक के बाद कोई याद नहीं आता। आज पाटलिपुत्रा को याद करें तो पटना की हर गली याद आती है। अगर ज्ञान युग की बात करें तो नालंदा और तक्षशिला का स्मरण होता है। ये मेरा बिहार है भाइयो। और अगर आधुनिक युग में चले जाएँ। भारत की आजादी के दो महत्त्वपूर्ण पड़ाव। एक महात्मा गाँधी का चंपारण सत्याग्रह। दूसरा, गुजरात में गाँधी का दांडी यात्राा का कालखंड। हिंदुस्तान की आजादी के ये दो महत्त्वपूर्ण पड़ाव हैं।

भाइयो—बहनो, आज आप बिहार में हुंकार रैली कर रहे हैं। हुंकार रैली। ये हुंकार किसका है। रिपीट तीन बार। ये हुंकार हिंदुस्तान के करोड़ों—करोड़ गरीबों का हुंकार है, जो बिहार से उठा है। भाइयो—बहनो, ये सीता माता की धरती है। और जब मैं सीता माता का स्मरण करता हूँ। जब सीता माता का अपहरण हुआ, तो सारे वानर सीता माता को खोजने के लिए निकले। लेकिन उनको कोई रास्ता नहीं सूझता था। कैसे जाएँ, कहाँ पहुँचें। सीता माता को कैसे खोजें। तब सभी वानर उधेड़बुन में थे। तब उस समय जामवंत की नजर हनुमान जी पर पड़ी। और उस समय हनुमान जी ने जामवंत को जो कहा था, भाइयो—बहनो। जामवंत ने हनुमान को कहा था

पवनतनय बन पवन समाना, का चुप साधि रहे बलवाना।

भाइयोे—बहनो, ये हुंकार रैली पूरे देश को कह रही है का चुपि साध रहे बलवाना। मेरे देशवासियो, मेरे साथ बोलोगे। आपको कहना है। हुंकार भरो हुंकार भरो। बोलोगे। मैं बोल रहा हूँ का चुप साधि रहे बलवाना। जनता चीखती है। हुंकार भरो हुंकार भरो, देश हुंकार भरना चाहता है और इसे प्रेरणा देने का काम बिहार की धरती से हो रहा है। ये बिहार की विशेषता है। भारत को जब—जब जिन चीजों की जरूरत पड़ी, बिहार ने उसे पूरा किया। जब देश को भगवान बुद्ध की जरूरत थी, बिहार ने भगवान बुद्ध दिया। जब देश को भगवान महावीर की जरूरत थी, बिहार ने भगवान महावीर दिए। जब देश की जरूरत थी, तब यही पटना की धरती है, जिसने दसवें गुरु गोविंद सिंह को दिया। सवा लाख से एक लड़ाऊँ, तब गुरु गोबिंद नाम कहाऊँ।

और जब देश भ्रष्टाचार में डूब रहा था, लोकतंत्रा खत्म होने की कगार पर था। तब यही बिहार है, जिसने जयप्रकाश नारायण को देश को दिया था।

2006—07 की घटना है। आपके मुख्यमंत्राी, हमारे मित्रा गुजरात आए थे। कथा सुननी है। हाँएएए। तो एक शादी में आए थे। एक मेज पर खाना खा रहे थे। हमारे मेहमान थे। हमने उनको जमकर खाना खिलाया। ढोकले। खमन, गुजराती कढ़ी, हर प्रकार की मिठाई। इतना गौरव हुआ था कि उनका पेट भी भर गया और मन भी। यही इस देश की संस्कृति है। हमने मन से खिलाया था। मित्राो, सार्वजनिक जीवन के उसूल होते हैं। आपने देखा होगा कि हमारे लालू जी मुझे गाली देने में कभी मौका नहीं छोड़ते। वो हमेशा कहते थे कि मैं कभी मोदी को पीएम नहीं बनने दूँगा। लेकिन तीन महीने पहले लालू जी को अकस्मात हुआ है। एक्सिडेंट हुआ। हमारे मित्रा रूडी जी ने बताया। मैंने उसी वक्त लालूजी को फोन किया और उनकी खबर ली। हालचाल पूछा। मैंने मीडिया को नहीं बताया। लेकिन मैं हैरान था। लालू जी ने मीडिया को बुलाया और कहा कि देखिए गुजरात का मुख्यमंत्राी। मैं इतनी गाली देता हूँ। फिर भी एक्सिडेंट के बाद मेरी खबर पूछता है।

मैंने कहा लालू जी, यदुवंश के राजा श्रीकृष्ण भगवान हमारे गुजरात के द्वारका में बसे थे। यदुवंश से हमारा नाता है। गुजरात द्वारका आपकी धरती है। हममें प्रेम जगना स्वाभाविक है। भाइयो! मैं यदुवंश से जुड़े सभी भाइयों—बहनों को कहना चाहता हूँ, कृष्ण भगवान के वंशजों को कहना चाहता हूँ। मैं द्वारका नगरी से कृष्ण भगवान का आशीर्वाद लेकर आया हूँ। आपकी चिंता मैं करूँगा ये मेरा वादा है।

भाइयो—बहनो! कभी—कभी साल में दो बार, हमारे यहाँ मुख्यमंत्रिायों की मीटिंग होती है। पीएम उस मीटिंग को बुलाते हैं। उसमें दोपहर का लंच भी उन्हीं की तरफ से होता है। पीएम की टेबल पर पाँच—छह सीएम बैठते हैं साथ। एक साल पहले की बात है कि पीएम की टेबल पर हम और हमारे बिहार के मित्रा मुख्यमंत्राी एक ही टेबल पर आ गए। भोजन परोसा जा रहा था, मगर वह खाना नहीं खा रहे थे। इधर—उधर देख रहे थे। मैं पीएम को देखूँ। उनके सामने देखूँ। परेशान, कि बात क्या है!

फिर समझ आया। मैंने मेरे मित्रा को कहा। चिंता मत करो। कोई कैमरे वाला नहीं है। खा लो। हिप्पोक्रेसी की भी सीमा होती है। हाहाहाहा३

उसके बाद, जब मैं कहता हूँ कि किसी भी हालत में बिहार को जंगलराज से बचाना था। उसके बाद गठबंधन की सरकार बनी। आज मैं देश के अर्थशास्त्रिायों, पॉलिटिकल पंडितों का आह्‌वान करता हूँ। जितनी देर जेडीयू भाजपा सरकार चली, अगर किसी ने अच्छे—से—अच्छे काम किए, विकास—यात्राा आगे बढ़ाई, तो भाजपा के मंत्रिायों ने। बिहार के सुधार की जो खबरें आने लगी थीं, वे भी बीजेपी के मंत्रिायों और विधायकों का संकल्प था, उसी के कारण हुआ था। उसके बावजूद एक बार सवाल आया। दो—दो चुनाव हुए। पार्टी के सामने विषय था। गुजरात से नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार में लाया जाए। मीडिया ने भी बड़ा विषय उछाल दिया था। हमारे बिहार के नेता, उनका मुझ पर इतना प्यार था। वे मुझे बुलाने के लिए इतने आतुर थे। तब मैंने सुशील जी को, नंदकिशोर जी को कहा था। मुझे बुलाने का आग्रह मत करिए। हमारा मकसद बस एक है कि बिहार में जंगलराज न होने दो। मोदी अपमानित होता है तो होने दो। नरेंद्र मोदी बिहार के बाहर रहता है तो रहने दो। बिहार में जंगलराज नहीं आना चाहिए। हमारे लिए दल से बढ़कर देश होता है।

इसीलिए मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की इच्छा के बावजूद मैंने जंगलराज न आए। इसलिए अपमान सहन किया। लेकिन भाइयो—बहनो! उनका इरादा नेक नहीं था। ये हमारे मित्रा को चेले—चपाटों ने कह दिया। काँग्रेस के साथ जुड़ जाओ। प्रधानमंत्राी बनने का अवसर है। ख्वाब देखने लगे। और उन्होंने विश्वासघात भाजपा से नहीं किया है। विश्वासघात बिहार के कोटि—कोटि जनों से किया है। ये विश्वासघात आपके साथ है।

भाइयो—बहनो, मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या ये विश्वासघात है? (भीड़ चीखती हैहाँ)। विश्वासघात करने वालों को आप सजा दोगे। साफ कर दोगे (भीड़ फिर हामी भरती है)। चंपारण में गाँधी जी ने अँग्रेज मुक्त हिंदुस्तान की बात की थी। आज गांधी मैदान से बिगुल बजना चाहिए कि काँग्रेस मुक्त भारत का हिंदुस्तान का सपना साकार हो।

कल रात मैं टीवी देख रहा था। काँग्रेस के मित्रा परेशान हैं। मोदी को शहजादा क्यों कह रहे हैं। ये नौबत क्यों आई है। अगर मैं शहजादे कहता हूँ तो आपको बुरा लगता है, तो इस देश को भी इस वंशवाद से बुरा लगता है। काँग्रेस वादा करे, वह वंशवाद छोड़ देगी। मैं शहजादा कहना छोड़ दूँगा।

जेपी लोकतंत्रा के लिए जिए, जूझते रहे, उसके लिए जेल में जिंदगी गुजारने को तैयार रहे। लोकतंत्रा के चार दुश्मन होते हैं। एक दुश्मन है। परिवारवाद। वंशवाद। जातिवाद का जहर, सत्ता का भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता।

देश का दुर्भाग्य है मित्राो कि आज बिहार की राजनीति में ये सभी दुश्मन उभर कर सामने आ रहे हैं।

भारत सरकार, यूपीए सरकार के दस साल पूरे होने जा रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूँ। जब पिछली बार चुनाव में कांग्रेस के नेता आए थे। उन्होंने कहा था कि 100 दिन में महँगाई हटाएँगे। काँग्रेस ने वादा किया था। जरा जोर से जवाब दो। महँगाई हटी। महँगाई घटी। महँगाई बढ़ी३

भाइयो, जिस काँग्रेस ने आपके साथ वादाखिलाफी की, आज दस साल हो गए, वे दिल्ली के तख्त पर बैठे हैं। क्या उन्हें घर भेजने की नौबत आई है? क्या आप उनको विदा करोगे? आज मैं सार्वजनिक रूप से आह्‌वान करता हूँ। आपने 2004 में, 2009 में सरकार बनाई। कॉमन एजेंडा के तहत आपने देश की भलाई के लिए बात कही थी। पहले सौ दिन में जो काम करने को कहे थे, उसके भी अस्सी फीसदी नहीं किए। ऐसे लोगों को माफ करना चाहिए क्या?

ये काँग्रेस ने सत्ता पाते ही कहा था कि गंगा की सफाई करेंगे। आज पूरा गंगा का पट देख लीजिए। एक प्रकार से बीमारियों का गढ़ बनाकर रख दिया है। क्या हमारी प्राणप्रिय गंगा साफ होनी चाहिए कि नहीं। काँग्रेस को ये वादा पूरा करना चाहिए था कि नहीं। मेरे नौजवान दोस्तो, ये काँग्रेस ने कहा था कि वे सत्ता में आएँगे और नौजवानों को रोजगार देंगे। वो तो दिया नहीं, महँगाई बढ़ा दी।

आज गरीब के घर चूल्हा नहीं जलता। बच्चे रात—रात रोते हैं। माँ आँसू पीकर सुलाती है। ये पाप किसका है। क्या गरीब की थाली में रोटी नहीं होनी चाहिए? भाइयो—बहनो! मेरा किसान आज महँगाई की मार से वो भी मर रहा है। जिस तरह से खाद की कीमतें बढ़ रही हैं। और ये सरकार देखिए। किसान को खाद मिल नहीं रहा है। लेकिन आपके बरौनी में खाद का जो कारखाना लगा है, उस पर ताले लगे हुए हैं। देश को नुकसान हो रहा है। लेकिन ये दिल्ली की सरकार! इसे न किसान की परवाह है, न गरीब की परवाह है। भाइयो—बहनो! हिंदुस्तान में गरीबों की भलाई के लिए एक बीससूत्राी प्रोग्राम चलता है। हर सरकार उसे लागू करती है। और भारत सरकार हर छह महीने में उसका लेखा जोखा लेती है। और उसका रिपोर्ट प्रकट करती है। उसको लागू करने वाले पहले पाँच स्थान पर राज्य भाजपा शासित राज्य हैं। लेकिन बिहार का नंबर। ये हमारे मित्रा गरीबों की बातें करते हैं। बीसवें नंबर पर खड़ा है। ये गरीबों के नाम पर रोटी सेंकने वाले लोग। मजाक बना रखा है। जिस प्लानिंग कमीशन के अध्यक्ष पीएम हैं वह कहता है कि अगर आपके घर की आय दिन—भर की 26 रुपये है वह गरीब नहीं है। क्या आप सहमत हैं? अरे 26 रुपये में परिवार को चाय नहीं मिलती। उनका एक नेता कहता है कि पाँच रुपये में खाना मिल जाता है। इन्हें गरीबी और भूख का पता नहीं है। इन्होंने गरीबी नहीं देखी। हमने गरीबी देखी है। उसमें पैदा हुए हैं। जिया है।

मित्राो, बिहार ने ढेर सारे रेलमंत्राी दिए। भाइयो—बहनो, मैं रेलमंत्राी सोच भी नहीं सकता हूँ। मैं तो रेलवे के डब्बे में चाय बेचते यहाँ आया। और चाय बेचनेवाले को रेल की मुसीबतों का जितना पता होता है, उतना रेलमंत्राी को भी नहीं पता होता। टीटी को सँभालना पड़ता, गार्ड को सँभालना पड़ता। ट्रेन में कैसे भी करके चढ़ना पड़ता। मैंने सब सँभाला है। ये लोग गरीबी की बात कर रहा हूँ।

‘दीने इलाही का बेदाग बेड़ा,

वो डूबा दहाड़े में आकर गंगा में आकर'

ये ताकत है इस जमीन की। सिकंदर को यहाँ लाकर पटका। जिस भूमि ने सिकंदर के इतिहास को थाम लिया, उसी भूमि पर हिंदुस्तान की सीमा पर मेरे बिहार के जवान वतन की रक्षा कर रहे थे। पाकिस्तानियों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। वे शहीद हुए। हिंदुस्तान का हर बच्चा, शहीदों के लिए गौरवगान करता है। प्रेरणा लेता है। लेकिन यहाँ एक ऐसी सरकार बैठी है जिसका मंत्राी कहता है कि सेना में तो मरने के लिए ही जाया जाता है। डूब मरो मेरी सेना का अपमान करने वाले।

अरे दुश्मन जो सेना के जवानों को मारते हैं, उनके खिलाफ आवाज उठनी चाहिए और आप कह रहे हो कि वो सेना में मरने के लिए जाते हैं। बिहार के मेरे भाइयो! अपमान सहन करोगे। ‘नहीं' का शोर।

भाइयो—बहनो, इनको हमेशा के लिए ऐसा सबक सिखाओ कि कभी आने वाले समय में अपमान करने की हिम्मत न जुटा सकें। देश आज परिवर्तन चाहता है। चारों तरफ से हम पर कीचड़ उछाला जा रहा है। कोई बाकी नहीं रहा। पूरे देश में ऐसा माहौल बनाया गया है। लेकिन इनको मैं कह रहा हूँ कि जितना ज्यादा कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करने आ रहा हूँ कि आज एक नए संकल्प के साथ लोग कहते हैं कि आज यहाँ पर ऐतिहासिक रैली हुई है। मैं कहता हूँ कि ये सिर्फ ऐतिहासिक रैली नहीं है, ये नए इतिहास की नींव रखने वाली घटना है। और उसी घटना को लेकर हम सब आगे बढ़ रहे हैंनई उमंग और उत्साह के साथ। भारत के भाग्य को बदलने के लिए हम आगे बढ़ें। आप सबका मैं बहुत बहुत आभारी हूँ।

बिहार की बीजेपी ने दिल्ली सरकार से पचास हजार करोड़ का पैकेज माँगा है। ये माँग पूरी होनी चाहिए। आप लिखकर रखिए, अगर दिल्ली जीत ली हमने, तो 200 दिन का सवाल है। जो प्यार बिहार ने हमें दिया है, जो पलक—पाँवड़े बिछाकर स्वागत किया है। मित्राो, मेरे जीवन में कभी ऐसा सौभाग्य नहीं मिला।

मैं आपके प्यार को ब्याज समेत चुकाऊँगा। हमारा मंत्रा है विकास। सारी समस्याओं का समाधान है। जो लोग मुसलमानों की बात करते हैं, उनको भी कहना चाहता हूँ। मेरे मुसलमान भाई हज यात्राा के लिए जाते हैं। हर एक राज्य का कोटा तय हुआ। गुजरात के मुसलमानों के लिए कोटा है चार हजार आठ सौ का। बिहार के लिए सात हजार से कुछ ज्यादा। बिहार में ये जो सांप्रदायिक सद्‌भाव की बातें कर रहे हैं। बिहार का कोटा है सात हजार का, जाने वालों की एप्लिकेशन आती हैं सिर्फ छह हजार। क्यों? क्योंकि बिहार के गरीब मुसलमान के पास पैसे नहीं हैं। जाएगा कैसे। और गुजरात में हज का कोटा साढ़े चार हजार है। लेकिन अर्जी आती हैं चालीस हजार की। ये क्यों आती हैं? क्योंकि वहाँ का मुसलमान सुखी है।

गुजरात में कच्छ औऱ भरूच का जिला, जहाँ सबसे ज्यादा मुसलमानों की आबादी है। अगर पूरे गुजरात में किसी जिले की सबसे ज्यादा प्रगति हो रही है, तो वह इन्हीं दोनों जिलों की हो रही है। ये लोगों की आँखों में हमारे विरोधी धूल झोंक रहे हैं। मैं गरीब मुसलमानों से, गरीब हिंदू भाइयों से पूछ रहा हूँ। मेरा गरीब हिंदू भाई बताए कि आपको मुसलमानों के खिलाफ लड़ना है या गरीबी के खिलाफ? (भीड़गरीबी के खिलाफ) मैं गरीब मुसलमान से पूछना चाहता हूँ कि आपको हिंदू के खिलाफ लड़ना है या गरीबी के खिलाफ (भीड़—गरीबी के खिलाफ)।

आओ हम दोनों मिलकर गरीबी के खिलाफ लड़ें।

आज ये देश को उल्टी सलाह दे रहे हैं। मैं आपको वादा करने आया हूँ। मैं कहने आया हूँ, हमारी सरकार का एक ही मजहब है और ये मजहब है इंडिया फर्स्ट। नेशन फर्स्ट। भारत सबसे आगे। सरकार की एक ही भक्ति है, भारत भक्ति। एक ही शक्ति है, सवा अरब लोगों की शक्ति। इसी मंत्रा के साथ आगे बढ़ना है।

मेरे साथ दोनों मुट्‌ठी बंद कर पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय३पूरा हिंदुस्तान आपको देख रहा है। बोलिएवंदे मातरम।

मेरी एक छोटी सी प्रार्थना है। आप यहाँ से जाएँगे। कोई जल्दबाजी नहीं करेगा। गाँव तक सलामत जाएँगे। किसी कार्यकर्ता को नुकसान नहीं पहुँचना चाहिए। शांति से जाओगे। जल्दबाजी नहीं करोगे। और दूसरी बात हमें शांति और एकता को बनाए रखना है। किसी भी हाल में शांति पर चोट नहीं आनी चाहिए। हिंदुस्तान में कहीं भी शांति पर चोट नहीं आनी चाहिए। ये संकल्प लेकर जाइए।

पूरी ताकत से बोलिए३वंदे मातरम

(‘मोदी' ‘मोदी' का शोर...)