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    "आपके अवचेतन मन की शक्ति" एक प्रसिद्ध पुस्तक है जिसे डॉ. जोसेफ मर्फी ने लिखा है।...

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    13 June 2024 Wednesday ‘साथी’ अस्वीकरण   यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और सिर...

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  • Online Pyaar .... - 1

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  • वंश - भाग 1

    प्रबोध कुमार गोविल     हर उस व्यक्ति के नाम  जिसे देखकर लगे ...

  • The Mystery of the Blue Eye's - 1

    आज मै फिर से पसीने से लथपत जाग गई । वही नीली आखें आज भी मुझे डराने ओर घबराने पर...

  • डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 1

    दिल्ली में, एमिटी यूनिवर्सिटी में, गर्ल्स हॉस्टल में, एक लड़की अपने बेड पर बड़ी...

आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) By ARUANDHATEE GARG मीठी

एक लड़की हाथों में हिस्ट्री की किताब लिए , एक आर्ट सब्जेक्ट की क्लास की ओर बढ़ गई । लड़की ने अपना आधा चेहरा ढाका हुआ था , जो कि बाएं तरफ का था । उसी बाएं तरफ के चेहरे पर जो थोड़ी ब...

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और उसने By Seema Saxena

जैसे जैसे सुबह होने लगी है, वैसे वैसे मानसी की आंखों में नींद भरने लगी है। वो रात भर तो जागती ही रही है, कभी मोबाइल पर मूवी देखती या फिर फेसबुक, टुइटर, इंस्ट्राग्राम यह सब चलाते हु...

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Shadow Of The Packs By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...

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आस्था का धाम काशी बाबा By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन की सार्थकता के लिये,संत-भगवन्त के श्री चरणोंका आश्रय,परम आवष्यक मान

कर, श्री सिद्ध-सिद्द्येश्वर महाराज की तपो भूमि के आँगन मे यशोगान,जीवन तरण-तारण हेतु

अति आवश्यक मानकर...

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नशे की बीमारी ज़िंदगी पे भारी By shama parveen

नशा एक तरह की लत होती है। जो कभी भी किसी को भी हो सकती है। नशा कई तरह का होता है। जैसे- प्यार का नशा, पेसो का नशा ।
ऐसे ही एक नशा है नशीली दवाओं का नशा ।जो की किसी भी इंसान की जिन...

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अद्भुत प्रेम By Saroj Verma

कहीं दूर एक गांव में, शाम का समय,सूरज डूबने जा रहा है,सूरज की हल्की रोशनी से आकाश का रंग गहरे नारंगी रंग का हो गया है, पंक्षियो के झुंड भी दिनभर टहलकर अपने अपन आशियाने की ओर लौट रह...

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मंगलसूत्र. By Stylish Aishwarya

बड़े बेटे संतकुमार को वकील बना कर, छोटे बेटे साधुकुमार को बी.ए. की डिग्री दिला कर और छोटी लड़की पंकजा के विवाह के लिए स्त्री के हाथों में पाँच हजार रुपए नकद रख कर देवकुमार ने समझ ल...

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विविधा By Yashvant Kothari

बात होली की हो और कविता, शेरो-शायरी की चर्चा न हो, यह कैसे संभव हैं ? होली का अपना अंदाज है, और कवियों ने उसे अपने रंग में ढाला है। जाने माने शायर नजीर अकबराबादी कहते हैं:

जब...

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हर्जाना By Ratna Pandey

आज की यह रात अमावस की काली अंधियारी रात थी। इस रात के बीच में बिजली की चमक अँधेरे का सीना चीरती हुई धरती पर आ गिरती कभी मद्धम कभी भीषण। बादल नाराज़ लग रहे थे, ऐसा लग रहा था इस भयानक...

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बसंती की बसंत पंचमी By Prabodh Kumar Govil

ये दुख बरसों पुराना था। ये न मेरा था और न तेरा। ये सबका था। हर दिन का था। हर गांव का था। हर शहर का था।
नहीं- नहीं, ग़लती हो गई। शायद गांव का नहीं था, केवल शहर का था। जितना बड़ा शह...

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मज़बूर By Shrikar Dixit

ये कहानी एक ऐसे मजदूर की है,जो अपने परिवार के साथ घर से बहुत दूर काम की तलाश में जाता है,अचानक से लॉकडाउन होने की वजह से कमाई और आवागमन के सारे रास्ते बंद हो जाने के कारण कुछ दिनों...

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सचमुच तुम ईश्वर हो! By ramgopal bhavuk

व्यंग्य की तेजधर उच्छंखल समाज की शल्य-क्रिया करने में समर्थ होती है। आज के दूषित वातावरण में यहाँ संवेदना मृत प्रायः हो रही है। केवल व्यंग्य पर ही मेरा विश्वास टिक पा रहा है कि कही...

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एक थी...आरजू By Satyam Mishra

प्रिय पाठकों,यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है जिसका किसी भी व्यक्ति के जीवन अथवा किसी घटना विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है। कहानी का उद्देश्य मनोरंजन मात्र है,किसी की भावनाओं को ठेस पहुं...

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प्यार का खेल By निखिल ठाकुर

5 जनवरी 2020 की बात थी तो निखिल अपने दोस्त टाले को उसके नम्बर में मैसेज करता है...क्योंकि निखिल ने उसे कुछ पैसे दिये थे और अब उसे कुछ पैसों की जरूरत थी तो इसलिए वह अपने दोस्त टाले...

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किरदार By Priya Saini

माँ का सपना बस पूरा ही होने वाला था, दो दिन बाद अंजुम की शादी जो थी। माँ ने अंजुम की शादी के लिए न जाने कितने खुआब बुन रखे थे। सब शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे। माँ सब कुछ अंजु...

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पीताम्बरी By Meena Pathak

घर में उत्सव जैसा माहौल था सभी के चेहरों पर उत्साह झलक रहा था बड़की चाची. रामपुर वाली चाची, पचरूखिया वाली चाची, सभी दोगहा में जा कर द्वार पर बैठे युवक को झाँक-झाँक देख कर निहाल...

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Luck by chance again !! By zeba Praveen

कहते हैं किस्मत ऐसी चीज़ हैं जिसे हर रोज़ खुद ही लिखना पड़ता हैं, खुद की मेहनत से उसे अपने जीवन में लाना पड़ता हैं, यूँ कहे हमारा आज का किया हुआ कार्य कल किस्मत के रूप में हमारे सामने...

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मॉटरनी का बुद्धु By सीमा बी.

"मॉटर जी खाना लग गया है, आप जल्दी से आ जाओ हम दोनो को बहुत जोरों की भूख लगी है", आवाज सुनकर भूपेंद्र जी ने जल्दी से अपनी किताब बंद की और डायनिंग टेबल पर पहुँच गए, जहाँ उनका...

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तीन घोड़ों का रथ By Prabodh Kumar Govil

हिंदी सिनेमा का आगाज़ लगभग एक सदी पुराना है। एक सौ दस बरस के सेल्युलॉयड के इस सफ़र में देश के कौने कौने से अभिनय करके नाम कमाने के लिए हज़ारों लोग आए और चले भी गए। कुछ सफ़ल होकर सि...

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भक्तराज ध्रुव By Renu

स्वायम्भुव मनुके दो पुत्र थे— ‘प्रियव्रत और उत्तानपाद।’
उत्तानपाद की दो स्त्रियाँ थीं— ‘सुरुचि और सुनीति।’

सुरुचि का पुत्र था उत्तम और सुनीति का ध्रुव। राजा उत्तानपाद सुरुचि पर...

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स्वतन्त्र  सक्सेना के विचार By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बराबरी का सपना
स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना भारत के मध्‍य में बसा बुंदेलखण्‍ड, विध्‍याचल पर्वत व इसके बीच बहने वालीं नदियां इसकी शोभा हैं। कवि ने इसकी सीमा इन शब्‍दों में बांधी है-...

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धरना By Deepak Bundela AryMoulik

शाम हों चली थी, सूरज वसुंधरा को कल आने का वादा करके जा चूका था.. शहर की सड़कों पर दिन की अपेक्षा शाम कुछ ज्यादा ही रंगीन दिखाई देने लगी थी... कहते हैं किसी के जीवन में जिंदगी भी दिन...

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चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी By PANKAJ SUBEER

चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी (कहानी पंकज सुबीर) (1) इस कहानी में जो चिरइ चुरमुन हैं वो ही ‘हम’ हैं । ‘हम’ का मतलब वो जो कहानी सुना रहा है । यहाँ पर ‘मैं’ की जगह पर ‘हम’ इसलिये सुना रहा...

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अर्थ पथ By Rajesh Maheshwari

अर्थ पथ प्रस्तावना हमें परमात्मा ने एक निश्चित समय सीमा प्रदान कर अनंत शुभ कर्मो को करने के लिए धरती पर भेजा है। यह हम पर निर्भर करता है कि सीमित...

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सरल नहीं था यह काम By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

1 तनी बंदूकों के साए



तनी बंदूकों के साए हों, भय के अंधियारे छाए हों

घड़ी-घड़ी आशंक...

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पलायन By Kishanlal Sharma

उसका मन अजीब सा हो रहा था।दिल उदास था।मन मे एक के बाद एक उटपटांग ख्याल आ रहे थे।दिन भर निठल्ला इधर उधर घूमने के बाद वह घर लौटा था।कमरे में आते ही उसे सालू की याद आने लगी
सालू आज...

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समय की नब्ज पहिचानों By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समय की नब्ज पहिचानों 1 काव्य संकलन- समर्पण- समय के वे सभी हस्ताक्षर, जिन्होने समय की नब्ज को, भली भाँति परखा, उन्हीं- के कर कमलों में-सादर।...

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MY HERO By shama parveen

कहानी का नाम सुन कर सभी को लग रहा होगा की ये कोई लव स्टोरी है एक लड़का और लड़की की। जी मगर ऐसा नहीं है। ये प्यारी सी कहानी एक पापा और उसकी प्यारी सी बेटी की है। वैसे हर पापा अपने ब...

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संयोग - अनोखी प्रेम कथा By Kishanlal Sharma

"धीरे धीरे अंधेरे को खदेड़कर उजाला धरती पर अपने पैर पसार रहा था।भोर का आगमन होते ही पेड़ो पर बैठे पक्षियों का कलरव स्वर गूंजने लगा।शीतल मन्द मन्द हवा बह रही थी।चारो तरफ हरियाली।...

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डोर टू डोर कैंपेन By Prabodh Kumar Govil

दुनिया भर में लोग कुत्ते पालने का शौक़ सबसे ज़्यादा रखते हैं। हज़ारों नस्लों के छोटे - बड़े डॉगी इंसानों के पसंदीदा मित्र बन कर उनके पालतू के रूप में उनके साथ रहते थे। इन कुत्तों म...

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अल्हड़ लड़की गीता By Shiv Shanker Gahlot

आप अकेले नहीं जो किसी खूबसूरत लड़की से प्यार करना चाहते हैं । कोई बिरला ही होगा जिसे ये चाहत न हो । पर ये वास्तव मे आधा सच है । आप किसी भी खूबसूरत लड़की से प्यार करने को तैयार हो ज...

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आई-सी-यू By Ratna Pandey

अस्पताल के आई-सी-यू में जीवन और मौत के बीच संघर्ष करती नीलिमा इस वक़्त होश में नहीं थीं किंतु उनकी आँखों में जीवन का एक-एक पल सपना बन कर दृष्टिगोचर हो रहा था। आई-सी-यू के बाहर इस स...

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THEY SAID IT By CHHATRA PAL VERMA

रीतिकालीन दरबारी कवि “बिहारी” ने शृंगार रस से ओत-प्रोत सात सौ दोहों की रचना की थी, जिसे “बिहारी सतसई” नाम से जाना जाता है, जिसके बारे में लोकगाथा है-

‘सतसैया के दोहरे, ज्यों नाव...

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अनोखी दुनिया By Ziya Bagde

प्रात: काल सभी यमन बाशियो के कानों मे एक मधुर भजन सुनाई देता है जिससे सभी लोग मंदिर में आकर उपस्थित हो जाते हैं ( जी हाँ ये ही है हमारी कहानी की मुख्य नायिका महारानी यकछीका ) एक लड...

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काश आप कमीने होते ! By uma (umanath lal das)

पाठकों की आश्वस्ति के लिए मैं यह हलफनामा नहीं दे सकता कि कहानी के पात्र, घटनाक्रम, स्थान आदि काल्पनिक हैं। किसी भी तरह के मेल को मैं स्थितियों का संयोग नहीं ठहरा रहा। इसके बाद आपकी...

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त्रिधा By आयुषी सिंह

मेरी प्यारी त्रिधा,कैसी हो ? उम्मीद है पहले से बेहतर होगी। समझ नहीं आ रहा इतने सालों बाद क्या बोलूं, क्या लिखूं, क्या पूछूं...... तुम्हारा फोन नंबर, ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट सब बन्...

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प्रेरणा पथ By Rajesh Maheshwari

जीवन में जन्म की पहली श्वांस से मृत्यु की अंतिम श्वांस तक मानव संघर्षरत रहता है। हम कल्पनाओं को हकीकत में बदलने हेतु प्रयासरत रहते हैं। कभी खुशी कभी ग़म के बीच जीवन के 62 बसंत बीत ग...

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बिकोज़.. ईट्ज़ कॉम्प्लिकेटेड By Keyur Patel

शाम के करीब 8 बजे हैं..
बारिश का सुहाना मौसम है.. हवा चल रही है.. हमेशा की तरह भारी बारिश हो रही है..भूमि की सुगंध इसे और अधिक सुंदर बना रही है..रेलगाड़ी को केरल के पास स्टेशन पर...

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वो डरावनी चुड़ैल By Tarkeshwer Kumar

अचानक उस शहर से बच्चों की अर्थियां उठने लगी थी।सब हक्के बक्के थे। चारों और मातम पसरा हुआ था। किसी को कुछ खबर ना था की आखिर कार ऐसा क्या हुआ हैं जो इस शहर से बच्चें मारे जा रहे हैं।...

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बहुत करीब मंजिल By Sunita Bishnolia

‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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ज्याँकों राँखें साईंयाँ.. By योगेश जोजारे

युवी केलेंडर की तारीख देखते हुवे."उस रात जो हुवा वह मरते दम तक याद रहेगा. पर उस रात न अमावस्या थी और नाही पूर्णिमा फिर भी यह घटना कैसे घटी. बस आसमान में दिनभर से बदली छाई थी,उस रोज...

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बस नमक ज़्यादा हो गया By Pradeep Shrivastava

बस नमक ज़्यादा हो गया प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 उसके पेरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि वह स्कूल-कॉलेज या कहीं भी खेल में हिस्सा ले। लेकिन वह हिस्सा लेती, अच्छा परफॉर्म करके ट्रॉफी भी जीत...

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मित्रलाभ By MB (Official)

एक समय दक्षिण दिशा में एक वृद्ध बाघ स्नान करके कुशों को हाथ में लिए हुए कह रहा था-- हे हो मार्ग के चलने वाले पथिकों ! मेरे हाथ में रखे हुए इस सुवर्ण के कड्कण (कड़ा) को ले लो, इसे सु...

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परिवर्तन - उसके प्यार में By Kishanlal Sharma

"आप क्या लेंगे?"
"तुम कौन हो?"उसके सामने खड़ी मंझले कद की युवती से उसके प्रश्न के उत्तर में उसने उसकी तरफ प्रश्न उछाल दिया था।
"मैं बार बाला हूँ।इस बार मे काम...

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन By RACHNA ROY

इस तरह एक सदियां बीत गए।।

लेकिन नैना वनवास खत्म नहीं हुआ था शायद वो अब जिंदगी को एक नया मोड़ पर समझना चाहती थी।

और फिर नैना को अब सब कुछ अच्छा लगने लगा था क्या चल रहा था नैन...

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भक्ति माधुर्य By Brijmohan sharma

मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस के सुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं |

मै...

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पहला प्यार - नही भुला पाती By Kishanlal Sharma

"आप कामिनी है?"दरवाजा खुलते ही आशा ने दरवाजा खोलने वाली युवती से पूछा था।"हां।मैं कामिनी हूँ,"कामिनी उस युवती से बोली,"लेकिन आप कौन है?आप मेरा नाम कैसे जानती है...

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गुनहगार By Kishanlal Sharma

अंततः माया मर गयी।उसकी लाश दो दिन तक अस्पताल में लावारिस पड़ी रही। लेकिन उसे लेने के लिए कोई नही आया।आखिर अस्पताल वालों को ही उसके क्रियाकर्म की व्यस्था करनी पड़ी।
माया अनाथ नही थी।...

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गुड़िया... By Lotus

टेलिफोन की घंटी बजती है एक आदमी इन्फेक्टर की वर्दी पहने हुए पुलिस थाने मे बैठा होता है टेलिफोन की घंटी सुनकर वो फोन उठाता है फोन पर बात करने के बाद वह पुलिस थाने से दो हेंड कांस्टे...

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मम्मी पढ़ रही हैं By Pradeep Shrivastava

कैसी हो हिमानी, क्या कर रही हो?
- ठीक हूं शिवा, दिव्यांश का होमवर्क पूरा करा रही हूं, तुम बताओ तुम क्या कर रही हो?
- मैं बहुत टेंशन में हूं यार। आज सुबह ही तुम्हें फ़ोन करने वाली...

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आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) By ARUANDHATEE GARG मीठी

एक लड़की हाथों में हिस्ट्री की किताब लिए , एक आर्ट सब्जेक्ट की क्लास की ओर बढ़ गई । लड़की ने अपना आधा चेहरा ढाका हुआ था , जो कि बाएं तरफ का था । उसी बाएं तरफ के चेहरे पर जो थोड़ी ब...

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और उसने By Seema Saxena

जैसे जैसे सुबह होने लगी है, वैसे वैसे मानसी की आंखों में नींद भरने लगी है। वो रात भर तो जागती ही रही है, कभी मोबाइल पर मूवी देखती या फिर फेसबुक, टुइटर, इंस्ट्राग्राम यह सब चलाते हु...

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Shadow Of The Packs By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...

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आस्था का धाम काशी बाबा By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन की सार्थकता के लिये,संत-भगवन्त के श्री चरणोंका आश्रय,परम आवष्यक मान

कर, श्री सिद्ध-सिद्द्येश्वर महाराज की तपो भूमि के आँगन मे यशोगान,जीवन तरण-तारण हेतु

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नशे की बीमारी ज़िंदगी पे भारी By shama parveen

नशा एक तरह की लत होती है। जो कभी भी किसी को भी हो सकती है। नशा कई तरह का होता है। जैसे- प्यार का नशा, पेसो का नशा ।
ऐसे ही एक नशा है नशीली दवाओं का नशा ।जो की किसी भी इंसान की जिन...

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अद्भुत प्रेम By Saroj Verma

कहीं दूर एक गांव में, शाम का समय,सूरज डूबने जा रहा है,सूरज की हल्की रोशनी से आकाश का रंग गहरे नारंगी रंग का हो गया है, पंक्षियो के झुंड भी दिनभर टहलकर अपने अपन आशियाने की ओर लौट रह...

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मंगलसूत्र. By Stylish Aishwarya

बड़े बेटे संतकुमार को वकील बना कर, छोटे बेटे साधुकुमार को बी.ए. की डिग्री दिला कर और छोटी लड़की पंकजा के विवाह के लिए स्त्री के हाथों में पाँच हजार रुपए नकद रख कर देवकुमार ने समझ ल...

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विविधा By Yashvant Kothari

बात होली की हो और कविता, शेरो-शायरी की चर्चा न हो, यह कैसे संभव हैं ? होली का अपना अंदाज है, और कवियों ने उसे अपने रंग में ढाला है। जाने माने शायर नजीर अकबराबादी कहते हैं:

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हर्जाना By Ratna Pandey

आज की यह रात अमावस की काली अंधियारी रात थी। इस रात के बीच में बिजली की चमक अँधेरे का सीना चीरती हुई धरती पर आ गिरती कभी मद्धम कभी भीषण। बादल नाराज़ लग रहे थे, ऐसा लग रहा था इस भयानक...

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बसंती की बसंत पंचमी By Prabodh Kumar Govil

ये दुख बरसों पुराना था। ये न मेरा था और न तेरा। ये सबका था। हर दिन का था। हर गांव का था। हर शहर का था।
नहीं- नहीं, ग़लती हो गई। शायद गांव का नहीं था, केवल शहर का था। जितना बड़ा शह...

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मज़बूर By Shrikar Dixit

ये कहानी एक ऐसे मजदूर की है,जो अपने परिवार के साथ घर से बहुत दूर काम की तलाश में जाता है,अचानक से लॉकडाउन होने की वजह से कमाई और आवागमन के सारे रास्ते बंद हो जाने के कारण कुछ दिनों...

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सचमुच तुम ईश्वर हो! By ramgopal bhavuk

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एक थी...आरजू By Satyam Mishra

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प्यार का खेल By निखिल ठाकुर

5 जनवरी 2020 की बात थी तो निखिल अपने दोस्त टाले को उसके नम्बर में मैसेज करता है...क्योंकि निखिल ने उसे कुछ पैसे दिये थे और अब उसे कुछ पैसों की जरूरत थी तो इसलिए वह अपने दोस्त टाले...

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किरदार By Priya Saini

माँ का सपना बस पूरा ही होने वाला था, दो दिन बाद अंजुम की शादी जो थी। माँ ने अंजुम की शादी के लिए न जाने कितने खुआब बुन रखे थे। सब शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे। माँ सब कुछ अंजु...

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पीताम्बरी By Meena Pathak

घर में उत्सव जैसा माहौल था सभी के चेहरों पर उत्साह झलक रहा था बड़की चाची. रामपुर वाली चाची, पचरूखिया वाली चाची, सभी दोगहा में जा कर द्वार पर बैठे युवक को झाँक-झाँक देख कर निहाल...

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Luck by chance again !! By zeba Praveen

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मॉटरनी का बुद्धु By सीमा बी.

"मॉटर जी खाना लग गया है, आप जल्दी से आ जाओ हम दोनो को बहुत जोरों की भूख लगी है", आवाज सुनकर भूपेंद्र जी ने जल्दी से अपनी किताब बंद की और डायनिंग टेबल पर पहुँच गए, जहाँ उनका...

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तीन घोड़ों का रथ By Prabodh Kumar Govil

हिंदी सिनेमा का आगाज़ लगभग एक सदी पुराना है। एक सौ दस बरस के सेल्युलॉयड के इस सफ़र में देश के कौने कौने से अभिनय करके नाम कमाने के लिए हज़ारों लोग आए और चले भी गए। कुछ सफ़ल होकर सि...

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भक्तराज ध्रुव By Renu

स्वायम्भुव मनुके दो पुत्र थे— ‘प्रियव्रत और उत्तानपाद।’
उत्तानपाद की दो स्त्रियाँ थीं— ‘सुरुचि और सुनीति।’

सुरुचि का पुत्र था उत्तम और सुनीति का ध्रुव। राजा उत्तानपाद सुरुचि पर...

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स्वतन्त्र  सक्सेना के विचार By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बराबरी का सपना
स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना भारत के मध्‍य में बसा बुंदेलखण्‍ड, विध्‍याचल पर्वत व इसके बीच बहने वालीं नदियां इसकी शोभा हैं। कवि ने इसकी सीमा इन शब्‍दों में बांधी है-...

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धरना By Deepak Bundela AryMoulik

शाम हों चली थी, सूरज वसुंधरा को कल आने का वादा करके जा चूका था.. शहर की सड़कों पर दिन की अपेक्षा शाम कुछ ज्यादा ही रंगीन दिखाई देने लगी थी... कहते हैं किसी के जीवन में जिंदगी भी दिन...

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चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी By PANKAJ SUBEER

चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी (कहानी पंकज सुबीर) (1) इस कहानी में जो चिरइ चुरमुन हैं वो ही ‘हम’ हैं । ‘हम’ का मतलब वो जो कहानी सुना रहा है । यहाँ पर ‘मैं’ की जगह पर ‘हम’ इसलिये सुना रहा...

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अर्थ पथ By Rajesh Maheshwari

अर्थ पथ प्रस्तावना हमें परमात्मा ने एक निश्चित समय सीमा प्रदान कर अनंत शुभ कर्मो को करने के लिए धरती पर भेजा है। यह हम पर निर्भर करता है कि सीमित...

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सरल नहीं था यह काम By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

1 तनी बंदूकों के साए



तनी बंदूकों के साए हों, भय के अंधियारे छाए हों

घड़ी-घड़ी आशंक...

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पलायन By Kishanlal Sharma

उसका मन अजीब सा हो रहा था।दिल उदास था।मन मे एक के बाद एक उटपटांग ख्याल आ रहे थे।दिन भर निठल्ला इधर उधर घूमने के बाद वह घर लौटा था।कमरे में आते ही उसे सालू की याद आने लगी
सालू आज...

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समय की नब्ज पहिचानों By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समय की नब्ज पहिचानों 1 काव्य संकलन- समर्पण- समय के वे सभी हस्ताक्षर, जिन्होने समय की नब्ज को, भली भाँति परखा, उन्हीं- के कर कमलों में-सादर।...

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MY HERO By shama parveen

कहानी का नाम सुन कर सभी को लग रहा होगा की ये कोई लव स्टोरी है एक लड़का और लड़की की। जी मगर ऐसा नहीं है। ये प्यारी सी कहानी एक पापा और उसकी प्यारी सी बेटी की है। वैसे हर पापा अपने ब...

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संयोग - अनोखी प्रेम कथा By Kishanlal Sharma

"धीरे धीरे अंधेरे को खदेड़कर उजाला धरती पर अपने पैर पसार रहा था।भोर का आगमन होते ही पेड़ो पर बैठे पक्षियों का कलरव स्वर गूंजने लगा।शीतल मन्द मन्द हवा बह रही थी।चारो तरफ हरियाली।...

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डोर टू डोर कैंपेन By Prabodh Kumar Govil

दुनिया भर में लोग कुत्ते पालने का शौक़ सबसे ज़्यादा रखते हैं। हज़ारों नस्लों के छोटे - बड़े डॉगी इंसानों के पसंदीदा मित्र बन कर उनके पालतू के रूप में उनके साथ रहते थे। इन कुत्तों म...

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अल्हड़ लड़की गीता By Shiv Shanker Gahlot

आप अकेले नहीं जो किसी खूबसूरत लड़की से प्यार करना चाहते हैं । कोई बिरला ही होगा जिसे ये चाहत न हो । पर ये वास्तव मे आधा सच है । आप किसी भी खूबसूरत लड़की से प्यार करने को तैयार हो ज...

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आई-सी-यू By Ratna Pandey

अस्पताल के आई-सी-यू में जीवन और मौत के बीच संघर्ष करती नीलिमा इस वक़्त होश में नहीं थीं किंतु उनकी आँखों में जीवन का एक-एक पल सपना बन कर दृष्टिगोचर हो रहा था। आई-सी-यू के बाहर इस स...

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THEY SAID IT By CHHATRA PAL VERMA

रीतिकालीन दरबारी कवि “बिहारी” ने शृंगार रस से ओत-प्रोत सात सौ दोहों की रचना की थी, जिसे “बिहारी सतसई” नाम से जाना जाता है, जिसके बारे में लोकगाथा है-

‘सतसैया के दोहरे, ज्यों नाव...

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अनोखी दुनिया By Ziya Bagde

प्रात: काल सभी यमन बाशियो के कानों मे एक मधुर भजन सुनाई देता है जिससे सभी लोग मंदिर में आकर उपस्थित हो जाते हैं ( जी हाँ ये ही है हमारी कहानी की मुख्य नायिका महारानी यकछीका ) एक लड...

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काश आप कमीने होते ! By uma (umanath lal das)

पाठकों की आश्वस्ति के लिए मैं यह हलफनामा नहीं दे सकता कि कहानी के पात्र, घटनाक्रम, स्थान आदि काल्पनिक हैं। किसी भी तरह के मेल को मैं स्थितियों का संयोग नहीं ठहरा रहा। इसके बाद आपकी...

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त्रिधा By आयुषी सिंह

मेरी प्यारी त्रिधा,कैसी हो ? उम्मीद है पहले से बेहतर होगी। समझ नहीं आ रहा इतने सालों बाद क्या बोलूं, क्या लिखूं, क्या पूछूं...... तुम्हारा फोन नंबर, ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट सब बन्...

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प्रेरणा पथ By Rajesh Maheshwari

जीवन में जन्म की पहली श्वांस से मृत्यु की अंतिम श्वांस तक मानव संघर्षरत रहता है। हम कल्पनाओं को हकीकत में बदलने हेतु प्रयासरत रहते हैं। कभी खुशी कभी ग़म के बीच जीवन के 62 बसंत बीत ग...

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बिकोज़.. ईट्ज़ कॉम्प्लिकेटेड By Keyur Patel

शाम के करीब 8 बजे हैं..
बारिश का सुहाना मौसम है.. हवा चल रही है.. हमेशा की तरह भारी बारिश हो रही है..भूमि की सुगंध इसे और अधिक सुंदर बना रही है..रेलगाड़ी को केरल के पास स्टेशन पर...

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वो डरावनी चुड़ैल By Tarkeshwer Kumar

अचानक उस शहर से बच्चों की अर्थियां उठने लगी थी।सब हक्के बक्के थे। चारों और मातम पसरा हुआ था। किसी को कुछ खबर ना था की आखिर कार ऐसा क्या हुआ हैं जो इस शहर से बच्चें मारे जा रहे हैं।...

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बहुत करीब मंजिल By Sunita Bishnolia

‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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ज्याँकों राँखें साईंयाँ.. By योगेश जोजारे

युवी केलेंडर की तारीख देखते हुवे."उस रात जो हुवा वह मरते दम तक याद रहेगा. पर उस रात न अमावस्या थी और नाही पूर्णिमा फिर भी यह घटना कैसे घटी. बस आसमान में दिनभर से बदली छाई थी,उस रोज...

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बस नमक ज़्यादा हो गया By Pradeep Shrivastava

बस नमक ज़्यादा हो गया प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 उसके पेरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि वह स्कूल-कॉलेज या कहीं भी खेल में हिस्सा ले। लेकिन वह हिस्सा लेती, अच्छा परफॉर्म करके ट्रॉफी भी जीत...

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मित्रलाभ By MB (Official)

एक समय दक्षिण दिशा में एक वृद्ध बाघ स्नान करके कुशों को हाथ में लिए हुए कह रहा था-- हे हो मार्ग के चलने वाले पथिकों ! मेरे हाथ में रखे हुए इस सुवर्ण के कड्कण (कड़ा) को ले लो, इसे सु...

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परिवर्तन - उसके प्यार में By Kishanlal Sharma

"आप क्या लेंगे?"
"तुम कौन हो?"उसके सामने खड़ी मंझले कद की युवती से उसके प्रश्न के उत्तर में उसने उसकी तरफ प्रश्न उछाल दिया था।
"मैं बार बाला हूँ।इस बार मे काम...

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन By RACHNA ROY

इस तरह एक सदियां बीत गए।।

लेकिन नैना वनवास खत्म नहीं हुआ था शायद वो अब जिंदगी को एक नया मोड़ पर समझना चाहती थी।

और फिर नैना को अब सब कुछ अच्छा लगने लगा था क्या चल रहा था नैन...

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भक्ति माधुर्य By Brijmohan sharma

मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस के सुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं |

मै...

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पहला प्यार - नही भुला पाती By Kishanlal Sharma

"आप कामिनी है?"दरवाजा खुलते ही आशा ने दरवाजा खोलने वाली युवती से पूछा था।"हां।मैं कामिनी हूँ,"कामिनी उस युवती से बोली,"लेकिन आप कौन है?आप मेरा नाम कैसे जानती है...

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गुनहगार By Kishanlal Sharma

अंततः माया मर गयी।उसकी लाश दो दिन तक अस्पताल में लावारिस पड़ी रही। लेकिन उसे लेने के लिए कोई नही आया।आखिर अस्पताल वालों को ही उसके क्रियाकर्म की व्यस्था करनी पड़ी।
माया अनाथ नही थी।...

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गुड़िया... By Lotus

टेलिफोन की घंटी बजती है एक आदमी इन्फेक्टर की वर्दी पहने हुए पुलिस थाने मे बैठा होता है टेलिफोन की घंटी सुनकर वो फोन उठाता है फोन पर बात करने के बाद वह पुलिस थाने से दो हेंड कांस्टे...

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मम्मी पढ़ रही हैं By Pradeep Shrivastava

कैसी हो हिमानी, क्या कर रही हो?
- ठीक हूं शिवा, दिव्यांश का होमवर्क पूरा करा रही हूं, तुम बताओ तुम क्या कर रही हो?
- मैं बहुत टेंशन में हूं यार। आज सुबह ही तुम्हें फ़ोन करने वाली...

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