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  • जेहादन - भाग 1

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  • Shadow Of The Packs - 1

    इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल...

  • .... जाल - 1

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  • शून्य से शून्य तक - भाग 1

    माँ वीणापाणि को नमन जो साँसों की भाँति मन में विचारों की गंगा प्रवाहित करती हैं|...

  • एक तरफा प्यार... - 1

    एक तरफा प्यार..... एक सच्ची कहानी....!!!!भोपाल मध्यप्रदेश...भोपाल शहर में एक रोह...

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    १. स्त्रीत्वपूछता हूं मैं जग से आज ललकार कर क्या करते हो संदेह तुम उस अद्वितीय फ...

एबॉन्डेण्ड By Pradeep Shrivastava

एबॉन्डेण्ड - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 इसे आप कहानी के रूप में पढ़ रहे हैं, लेकिन यह एक ऐसी घटना है जिसका मैं स्वयं प्रत्यक्षदर्शी रहा हूं। चाहें तो आप इसे एक रोचक रिपोर्ट भी कह सकते...

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अम्मा मुझे मना मत करो By Ratna Pandey

रामदीन अपने गाँव की एक सुंदर-सी लड़की वैजंती से प्यार कर बैठा था। वह हर रोज़ वैजंती के घर के सामने से निकलता; एक बार नहीं, कभी-कभी तो दो तीन बार भी। जब तक वैजंती उसे दिखाई नहीं देत...

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इस दश्‍त में एक शहर था By Amitabh Mishra

इस दश्‍त में एक शहर था अमिताभ मिश्र स्‍वतंत्र भारत की सबसे बड़ी परिघटना संयुक्‍त परिवारों का टूटना और एकल परिवार का बनना है गजानन माधव मुक्तिबोध प्रस्तावना या भूमिका (इतिहास और भूगो...

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अमावस्या में खिला चाँद By Lajpat Rai Garg

एक पंक्ति में बनी कई सरकारी इमारतों में से एक में स्थित उच्च शिक्षा विभाग के मुख्यालय में पदस्थ उच्च पदाधिकारी प्रवीर कुमार ने अपने कक्ष में आकर अपनी मेज़ पर पहले से रखी फ़ाइलों मे...

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काश्मिरी पंडित By Nikita Patil

काश्मिरी पंडित धीरज और उनकी नववधू शालू ने अपनी शादी के बाद काश्मीर जाने का फैसला किया। धीरज ने शालू के साथ हनीमून मनाने की सोची थी, और इसलिए वे दोनों धीरज के गांव में जा रहे थे। धी...

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A Secret Letter By Hardik Chande

DISCLAIMERप्रस्तुत कथा संपूर्ण: काल्पनिक है। इसका किसी भी घटना, व्यक्ति, स्थान, समय, जाति, लिंग, धर्म से कोई संबंध नहीं है। ये कथा का उद्देश्य किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुँचाना नह...

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अदृश्य गाँव का रहस्य By Mukesh nagar

अदृश्य गाँव का रहस्य भाग 1 *********************** यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है, और सत्य कहकर मैं फँसना नहीं चाहता...किसी को वचन दिया है। अतः इसे आधा सच और आधा झूठ मान स...

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आख़िर वह कौन था - सीजन 3 By Ratna Pandey

इस कहानी के पहले सीजन में आपने पढ़ा कि सुशीला एक सोलह वर्ष की गरीब मजदूर की बेटी थी। उसकी माँ एक बिल्डिंग पर काम करते समय, गिर कर स्वर्ग सिधार गई थी। पिता तो पहले ही स्वर्ग सिधार चु...

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हाए मेरा वो पहला वाला प्यार By Mehul Pasaya

नमस्ते दोस्तो हम एक बार फिर लेकर आ गए हैl और कहानी है राहुल, शिवानी, और जीया की। तो चलिए शुरू करते है।

राहुल बोला - " मां मां कहा हो यार क्या कर रही हो। इतनी क्यू लग गई। नाश...

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अमलतास के फूल By Neerja Hemendra

वो एक वामा हैं मोबाइल फोन की घंटी बजी। मैं उठ कर नम्बर देखती हूँ। यह नम्बर चन्दा चाची का है। आज लम्बे अरसे बाद उनका फोन आया है। मैं उत्सुकतावश तीव्र गति से फोन रिसीव करती हूँ। मेरे...

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पार - महेश कटारे By राज बोहरे

जान–पहचानी गैल पर पैर अपने–आप इच्छित दिशा को मुड़ जाते थे। हरिविलास आगे था–पीछे कमला, उसके पीछे अपहरण किया गया लड़का तथा गैंग के तीन सदस्य और थे, यानी कुल छह जने। जिस समय वे ठिकाने स...

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स्‍वतंत्र सक्‍सेना की कविताएं By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

स्‍वतंत्र सक्‍सेना की कविता काव्‍य संग्रह सरल नहीं था यह काम स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना सवित्री सेवा आश्...

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अपनी अपनी मरीचिका By Bhagwan Atlani

शायद ही कोई ऐसा धंधा करने वाला दुकानदार होगा जिसे लोग कई नामों से पुकारते हों। उसे हेय दृष्टि से देखते हों। नाम सुनकर मुँह बिचका देते हों। लेकिन मेरे धंधे पर ये सब बातें लागू होती...

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जय हिन्द की सेना By Mahendra Bhishma

जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म एक सुबह मुँह अंधेरे अटल दा ने मुझे झकझोर कर जगा दिया। घर के सभी लोग अस्त—व्यस्त से कहीं जाने की तैयारी में लगे थे। कल देर रात तक हम सभी रहमान चाचा क...

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फिर से By Ambalika Sharma

यह कहानी एक लड़की रिया के बारे मे है जिसकी जिंदगी मे नवीन प्यार की बहार ले आता है उसे यकीन नही होता के कोई उसे इतना प्यार भी कर सकता है जब रिया नवीन से जीवन भर का साथ मांगती है त...

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एक देशभक्त सन्यासी By संदीप सिंह (ईशू)

एक विदेश यात्रा और विश्व के मानसपटल पर भारत और सनातन, अध्यात्म को कीर्तिमान कर दिया।
आज ऐसे ही देशभक्त सन्यासी को याद करना चाहूँगा।

एक बालक "सत्य" की तलाश में जगह-जगह ज...

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अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य By Rajnish

अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य (भाग - 1) चारों तरफ दर्शक दीर्घा को देखते हुए.... विवेक बंसल: यश! कुछ भी हो, आज भी लड़कियों के बीच में तुम्हारा जादू बरकरार है (चुटकी लेते हुए) तभी उद्घो...

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सुख की खोज By Ratna Pandey

वर्णा एक बहुत धनाढ्य परिवार में जन्मी बेहद खूबसूरत काया की धनी थी। भगवान भी किसी-किसी पर अपने आशीर्वाद की बारिश कुछ ज़्यादा ही कर देते हैं। सुंदरता ऐसी कि किसी की भी नज़र पड़ जाए तो...

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जीवन के सप्त सोपान By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन के सप्त सोपान(सतशयी)काव्य संकलन के सुमन भावों को,आपके चिंतन आँगन में बिखेरने के लिए,मेरा मन अधिकाधिक लालायत हो रहा है।आशा और विश्वास है कि आप इन भावों के संवेगों को अवश्य ही आ...

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प्यार किया नही जाता By Manish Sidana

"हे भगवान!इस कोच में और भी कोई यात्री आएगा,या मुंबई से अमृतसर का लंबा सफर मुझे अकेले ही तय करना होगा।"....खुशी मन ही मन बुदबुदा रही थी।

गाड़ी के चलने का समय हो गया था।खु...

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किंबहुना By अशोक असफल

जीएम मीटिंग लेने वाले थे। आरती के हाथ पाँव फूल रहे थे।

फाउन्डेशन की एक और प्रोजेक्ट अफसर नीलिमा सिंह उसे नष्ट कराना चाहती है। जीएम से व्यक्तिगत सम्बंध हैं उसके। स्ट्रेंथ मुताबिक...

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सर्कस By Madhavi Marathe

हम लोग हमेशा सर्कस से जुडे हुए लोगों के जीवन के बारे में, जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते है। उनका खानाबदोशजीवन, मंच पर अभिनय, साहसिक खेल, जानवरों की दुनिया, रोज की तालियाँ, लेकिन जि...

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दोस्ती से परिवार तक By Akash Saxena "Ansh"

Brief intro-राहुलविकास-राहुल के पिता।सुुशीला-राहुल की माँ।रियाअविनााश-रिया के पिता।राधा-रिया की माँ ।रीमा-रिया की बहन।मनीषदीपक-मनीष के पिता।सिया-मनीष की माँ।_______________________...

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राधारमण वैद्य-आधुनिक भारतीय शिक्षा की चुनौतियाँ By राजनारायण बोहरे

जहाँ तक शिक्षा में आमूल परिवर्तन की बात है, वह बहुत कठिन कार्य है, क्योंकि इसमें पर्याप्त श्रम, समय, धन और अन्वेषणों की आवश्यकता है। पहले शिक्षक बदले, तब शिक्षा बदले। एकाएक आमूल पर...

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मैं सौतन नहीं हूँ By S Sinha

“ शेखर , हमारी पढ़ाई खत्म हुई और आज हमदोनों को डिग्री भी मिल गयी . इसके बाद न जाने तुम कहाँ होगे और मैं कहाँ रहूंगी . तुम जानते हो हमारा रिश्ता मुमकिन नहीं है . इसलिए अब हमें...

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जी हाँ, मैं लेखिका हूँ By Neerja Hemendra

सायमा का घर जैसे-जैसे समीप आता जा रहा था, उसके मन-मस्तिष्क में विचारों का प्रवाह गतिमान होता जा रहा था। रेलवे स्टेशन के बाहर आ कर उसने चारों ओर दृष्टि घुमाई। बसें, टैम्पों, आॅटो रि...

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मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

(काव्य संकलन) वेदराम प्रजापति‘ मनमस्त’ 1. सरस्वती बंदना (मॉं शारदे) मॉं शारदे! मृदु सार दे!!, सबके मनोरथ सार दै!!! झंकृत हो, मृदु वीणा मधुर, मॉं शारदे, वह प्यार दे।। अज्ञान त...

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चोलबे ना By Rajeev Upadhyay

चच्चा खीस से एकमुस्त लाल-पीला हो भुनभुनाए जा रहे थे मगर बोल कुछ भी नहीं रहे थे। मतलब एकदम चुप्प! बहुत देर तक उनका भ्रमर गान सुनने के बाद जब मेरे अन्दर का कीड़ा कुलबुलाने लगा। अन्त म...

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महादेव... मेरी नजर से By Jaimini Brahmbhatt

"आदि है वो अंत है,आकार नहीं साक्षात्कार है वो, निराकार निर्विकार ओमकार है,वो अंत है अनादि है, जगतपिता जगत व्यापी है, जो हर कन मे बसे है हर मन मे बसें है बस हम उनसे अलग हो जाते...

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गूगल बॉय By Madhukant

गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत समर्पण : श्री बाँके बिहारी जी के उपासक श्री रामजी व बुआ माया देवी (बेरी वालों) को सादर समर्पित भूमिका सुबह-सुबह सब्ज़ी ख़रीदने जा...

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बात बिगड़ी है कुछ इस तरह By vishvnath yadav

हैलो मेरा नाम विकेश है मैं एक इंजीनियर हू और एक कंपनी में जॉब करता हु,
मैं कोई राइटर नही हू इसीलिए अगर मुझ से कोई गलती होजाए तो कृपीय माफ कर दीजिएगा ??
मैं अपने जीवन का एक छोटा स...

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इंडियन कपल By PARIKH MAULIK

ये कहानी एक इंसान सूरज से शुरू होती है वह अमेरीका मे स्थित शहर में रहता है वहा एक बेकरी की शॉप चाला रहा है और अकेला ही एक बड़े से घर में रहता है। मगर खुश नहीं है पता नहीं किसीके इं...

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उत्सु्क सतसई By ramgopal bhavuk

सरस्‍वती मॉं बन्‍दना, ज्ञान ज्‍योति उर बार।

स्‍वीकारो मम प्रार्थना, करदो मॉं उद्धार ।।1।।

गौरी सुत, गणपति करूं, बिनती बारम्‍बार।

विधा, बुद्धि, उर में भरो, सुनलो शीघ्र पुका...

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दिवानगी की हद By Bhut

भरी दोपहर में क्रीशा ने अपनी गाड़ी मैन रोड पर दौड़ाई, सीधा रुकी एक बड़े से बंगले में, वॉचमैन ने क्रीशा को देखकर तुरंत दरवाजा खोला, क्रीशा ने अपनी गाड़ी पार्किंग एरिया की और घुमा दी...

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खत वाला PYAAR By Ek_Gunjati_AAWAZ

मे आज आपके सामने एक कहानी लेकर आई हुँ । आशा करती हुँ की, आपको मेरी यह कहानी पसंद आयेगी । तो शुरु करती हुँ । में कभी भी इतनी सुबह उठती नही हुँ पर पता नही क्यो आज इतनी सुबह नीन्द उ...

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आदमी का शिकार By Abha Yadav

भारत से लंदन जाने वाले विमान पर ,चालक का नियंत्रण समाप्त हो गया था. सभी यात्रियों के चेहरे पर परेशानी की रेखाएं खिंच आई थीं. यात्रियों की आशा भरी निगाहें चालक पर टिकी थीं....

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प्रतिशोध. By Ashish Dalal

ढ़लती दोपहर को अपने कमरे की खिड़की के पास बैठे हुए श्रेया बाहर बरसती बारिश की बूंदो को अपलक निहार रही थी । पास रखे उसके मोबाइल पर जगजीत और चित्रा सिंह की आवाजें गूंज रही थी ।

‘ये...

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तुम मुझे इत्ता भी नहीं कह पाये? By harshad solanki

सिमला के बाहर बेहद खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बनी पगडण्डी पर चलते हुए राहुल की अचानक किसी से टक्कर हो गई. इस टक्कर से राहुल स्वयं दो कदम पीछे लड़खड़ा गया. जल्दी से वह खुद संभला, फिर उसन...

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गवाक्ष By Pranava Bharti

गवाक्ष बसंत पंचमी दिनांक-12 2 2016 (नमस्कार मित्रो ! यह उपन्यास ‘गवाक्ष’ एक फ़िक्शन है जिसे फ़िल्म के लिए तैयार किया जा रहा था किन्तु इसके प्रेरणास्त्रोत 'स्व. इंद्र स्वरूप माथुर...

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पहली झलक:- आर्यन से मुलाकात By Silent Writer AK

होम थिएटर में ये वाला गाना चल रहा है, और साथ में एक लड़का ये गाना गाते हुए तैयार हो रहा है। तैयार होकर वो नीचे आता है वह पर उसे उसके पापा (राजवीर जी) की आवाज सुनाई देती है।

राजव...

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अपने साथ मेरा सफ़र By Prabodh Kumar Govil

मुझे अपने आरंभिक दिनों से ही ऐसा लगता था कि समाज के कुछ लोग मेरे मन पर बहुत असर डालते हैं। मैं ये कभी समझ नहीं पाता था कि किसी - किसी व्यक्ति से मैं इतना क्यों प्रभावित हो रहा हूं?...

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सीता: एक नारी By Pratap Narayan Singh

गाथा पुरानी है बहुत, सब लोग इसको जानते

वाल्मीकि ऋषि की लेखनी के तेज को सब मानते

है विदित सबको राम सिय का चरित-रामायण कथा

वर्णित हुआ मद, मोह, ईर्ष्या, त्याग, तप, दारुण व्यथ...

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खाली कमरा By Ratna Pandey

मुरली संघर्ष की उस राह पर चल रहा था, जिस राह पर हर रोज़ उसके सामने यह चुनौती होती कि आज कितना सामान वह बेच पाया। इस राह पर मेहनत के साथ ही बहुत धैर्य की भी ज़रूरत थी क्योंकि यहाँ क...

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अबकी बार... लल्लन प्रधान By Bhupendra Singh chauhan

जगतपुरा....ऐसा गांव जो अब भी गांव है ।शहरों की चकाचौंध और आधुनिकता से दूर एकांत में बसे इस गांव की खूबी है कि यह अपने मे ही खुश हैं।इसकी अपनी दुनिया है।करीब...

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अनूठी पहल By Lajpat Rai Garg

शनिवार का दिन था। कॉलेज की छुट्टी थी। सुबह के दस ही बजे थे, लेकिन सूर्य-नारायण अपने पूर्ण यौवन की ऊर्जा उत्सर्जित कर रहे थे। पृथ्वी-लोक के प्राणियों का गर्मी ने हाल बेहाल कर रखा था...

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पर-कटी पाखी By Anand Vishvas

बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों की ऊँचे से ऊँची उड़ान भर पाता है। एक बुलन्द हौसला होतें हैं, अदम्य-शक्ति होते हैं और होते हैं...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए By Neerja Hemendra

मुझे अपना यह नया उपन्यास " उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए " पाठकों को समर्पित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। मेरे इस उपन्यास का कथ्य यद्यपि समकालीन न होते हुए अब से लग...

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मोदी: संघर्ष से सफलता की ओर By बैरागी दिलीप दास

गुजरात के वडनगर के शांत शहर में, महानता के लिए तैयार एक बच्चे ने 17 सितंबर 1950 को अपनी पहली सांस ली। नरेंद्र मोदी ने मामूली साधनों वाले परिवार में प्रवेश किया, जहां सादगी की खुशबू...

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चाँद के पार एक चाबी By Avadhesh Preet

चांद के पार एक कहानी अवधेश प्रीत 1 जब वह मुझे पहली बार मिला था, तब हमारी दुनिया में मोबाइल का आगमन नहीं हुआ था। जब वह दूसरी बार मिला, तब हमारी जिन्दगियों में मोबाइल हवा, धूप,, पानी...

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Shadow Of The Packs By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...

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एबॉन्डेण्ड By Pradeep Shrivastava

एबॉन्डेण्ड - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 1 इसे आप कहानी के रूप में पढ़ रहे हैं, लेकिन यह एक ऐसी घटना है जिसका मैं स्वयं प्रत्यक्षदर्शी रहा हूं। चाहें तो आप इसे एक रोचक रिपोर्ट भी कह सकते...

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अम्मा मुझे मना मत करो By Ratna Pandey

रामदीन अपने गाँव की एक सुंदर-सी लड़की वैजंती से प्यार कर बैठा था। वह हर रोज़ वैजंती के घर के सामने से निकलता; एक बार नहीं, कभी-कभी तो दो तीन बार भी। जब तक वैजंती उसे दिखाई नहीं देत...

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इस दश्‍त में एक शहर था By Amitabh Mishra

इस दश्‍त में एक शहर था अमिताभ मिश्र स्‍वतंत्र भारत की सबसे बड़ी परिघटना संयुक्‍त परिवारों का टूटना और एकल परिवार का बनना है गजानन माधव मुक्तिबोध प्रस्तावना या भूमिका (इतिहास और भूगो...

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अमावस्या में खिला चाँद By Lajpat Rai Garg

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काश्मिरी पंडित By Nikita Patil

काश्मिरी पंडित धीरज और उनकी नववधू शालू ने अपनी शादी के बाद काश्मीर जाने का फैसला किया। धीरज ने शालू के साथ हनीमून मनाने की सोची थी, और इसलिए वे दोनों धीरज के गांव में जा रहे थे। धी...

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A Secret Letter By Hardik Chande

DISCLAIMERप्रस्तुत कथा संपूर्ण: काल्पनिक है। इसका किसी भी घटना, व्यक्ति, स्थान, समय, जाति, लिंग, धर्म से कोई संबंध नहीं है। ये कथा का उद्देश्य किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुँचाना नह...

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अदृश्य गाँव का रहस्य By Mukesh nagar

अदृश्य गाँव का रहस्य भाग 1 *********************** यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है, और सत्य कहकर मैं फँसना नहीं चाहता...किसी को वचन दिया है। अतः इसे आधा सच और आधा झूठ मान स...

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आख़िर वह कौन था - सीजन 3 By Ratna Pandey

इस कहानी के पहले सीजन में आपने पढ़ा कि सुशीला एक सोलह वर्ष की गरीब मजदूर की बेटी थी। उसकी माँ एक बिल्डिंग पर काम करते समय, गिर कर स्वर्ग सिधार गई थी। पिता तो पहले ही स्वर्ग सिधार चु...

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हाए मेरा वो पहला वाला प्यार By Mehul Pasaya

नमस्ते दोस्तो हम एक बार फिर लेकर आ गए हैl और कहानी है राहुल, शिवानी, और जीया की। तो चलिए शुरू करते है।

राहुल बोला - " मां मां कहा हो यार क्या कर रही हो। इतनी क्यू लग गई। नाश...

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अमलतास के फूल By Neerja Hemendra

वो एक वामा हैं मोबाइल फोन की घंटी बजी। मैं उठ कर नम्बर देखती हूँ। यह नम्बर चन्दा चाची का है। आज लम्बे अरसे बाद उनका फोन आया है। मैं उत्सुकतावश तीव्र गति से फोन रिसीव करती हूँ। मेरे...

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पार - महेश कटारे By राज बोहरे

जान–पहचानी गैल पर पैर अपने–आप इच्छित दिशा को मुड़ जाते थे। हरिविलास आगे था–पीछे कमला, उसके पीछे अपहरण किया गया लड़का तथा गैंग के तीन सदस्य और थे, यानी कुल छह जने। जिस समय वे ठिकाने स...

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स्‍वतंत्र सक्‍सेना की कविताएं By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

स्‍वतंत्र सक्‍सेना की कविता काव्‍य संग्रह सरल नहीं था यह काम स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना सवित्री सेवा आश्...

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अपनी अपनी मरीचिका By Bhagwan Atlani

शायद ही कोई ऐसा धंधा करने वाला दुकानदार होगा जिसे लोग कई नामों से पुकारते हों। उसे हेय दृष्टि से देखते हों। नाम सुनकर मुँह बिचका देते हों। लेकिन मेरे धंधे पर ये सब बातें लागू होती...

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जय हिन्द की सेना By Mahendra Bhishma

जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म एक सुबह मुँह अंधेरे अटल दा ने मुझे झकझोर कर जगा दिया। घर के सभी लोग अस्त—व्यस्त से कहीं जाने की तैयारी में लगे थे। कल देर रात तक हम सभी रहमान चाचा क...

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फिर से By Ambalika Sharma

यह कहानी एक लड़की रिया के बारे मे है जिसकी जिंदगी मे नवीन प्यार की बहार ले आता है उसे यकीन नही होता के कोई उसे इतना प्यार भी कर सकता है जब रिया नवीन से जीवन भर का साथ मांगती है त...

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एक देशभक्त सन्यासी By संदीप सिंह (ईशू)

एक विदेश यात्रा और विश्व के मानसपटल पर भारत और सनातन, अध्यात्म को कीर्तिमान कर दिया।
आज ऐसे ही देशभक्त सन्यासी को याद करना चाहूँगा।

एक बालक "सत्य" की तलाश में जगह-जगह ज...

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अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य By Rajnish

अक्षयपात्र : अनसुलझा रहस्य (भाग - 1) चारों तरफ दर्शक दीर्घा को देखते हुए.... विवेक बंसल: यश! कुछ भी हो, आज भी लड़कियों के बीच में तुम्हारा जादू बरकरार है (चुटकी लेते हुए) तभी उद्घो...

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सुख की खोज By Ratna Pandey

वर्णा एक बहुत धनाढ्य परिवार में जन्मी बेहद खूबसूरत काया की धनी थी। भगवान भी किसी-किसी पर अपने आशीर्वाद की बारिश कुछ ज़्यादा ही कर देते हैं। सुंदरता ऐसी कि किसी की भी नज़र पड़ जाए तो...

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जीवन के सप्त सोपान By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन के सप्त सोपान(सतशयी)काव्य संकलन के सुमन भावों को,आपके चिंतन आँगन में बिखेरने के लिए,मेरा मन अधिकाधिक लालायत हो रहा है।आशा और विश्वास है कि आप इन भावों के संवेगों को अवश्य ही आ...

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प्यार किया नही जाता By Manish Sidana

"हे भगवान!इस कोच में और भी कोई यात्री आएगा,या मुंबई से अमृतसर का लंबा सफर मुझे अकेले ही तय करना होगा।"....खुशी मन ही मन बुदबुदा रही थी।

गाड़ी के चलने का समय हो गया था।खु...

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किंबहुना By अशोक असफल

जीएम मीटिंग लेने वाले थे। आरती के हाथ पाँव फूल रहे थे।

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सर्कस By Madhavi Marathe

हम लोग हमेशा सर्कस से जुडे हुए लोगों के जीवन के बारे में, जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते है। उनका खानाबदोशजीवन, मंच पर अभिनय, साहसिक खेल, जानवरों की दुनिया, रोज की तालियाँ, लेकिन जि...

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दोस्ती से परिवार तक By Akash Saxena "Ansh"

Brief intro-राहुलविकास-राहुल के पिता।सुुशीला-राहुल की माँ।रियाअविनााश-रिया के पिता।राधा-रिया की माँ ।रीमा-रिया की बहन।मनीषदीपक-मनीष के पिता।सिया-मनीष की माँ।_______________________...

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राधारमण वैद्य-आधुनिक भारतीय शिक्षा की चुनौतियाँ By राजनारायण बोहरे

जहाँ तक शिक्षा में आमूल परिवर्तन की बात है, वह बहुत कठिन कार्य है, क्योंकि इसमें पर्याप्त श्रम, समय, धन और अन्वेषणों की आवश्यकता है। पहले शिक्षक बदले, तब शिक्षा बदले। एकाएक आमूल पर...

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मैं सौतन नहीं हूँ By S Sinha

“ शेखर , हमारी पढ़ाई खत्म हुई और आज हमदोनों को डिग्री भी मिल गयी . इसके बाद न जाने तुम कहाँ होगे और मैं कहाँ रहूंगी . तुम जानते हो हमारा रिश्ता मुमकिन नहीं है . इसलिए अब हमें...

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जी हाँ, मैं लेखिका हूँ By Neerja Hemendra

सायमा का घर जैसे-जैसे समीप आता जा रहा था, उसके मन-मस्तिष्क में विचारों का प्रवाह गतिमान होता जा रहा था। रेलवे स्टेशन के बाहर आ कर उसने चारों ओर दृष्टि घुमाई। बसें, टैम्पों, आॅटो रि...

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मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

(काव्य संकलन) वेदराम प्रजापति‘ मनमस्त’ 1. सरस्वती बंदना (मॉं शारदे) मॉं शारदे! मृदु सार दे!!, सबके मनोरथ सार दै!!! झंकृत हो, मृदु वीणा मधुर, मॉं शारदे, वह प्यार दे।। अज्ञान त...

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चोलबे ना By Rajeev Upadhyay

चच्चा खीस से एकमुस्त लाल-पीला हो भुनभुनाए जा रहे थे मगर बोल कुछ भी नहीं रहे थे। मतलब एकदम चुप्प! बहुत देर तक उनका भ्रमर गान सुनने के बाद जब मेरे अन्दर का कीड़ा कुलबुलाने लगा। अन्त म...

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महादेव... मेरी नजर से By Jaimini Brahmbhatt

"आदि है वो अंत है,आकार नहीं साक्षात्कार है वो, निराकार निर्विकार ओमकार है,वो अंत है अनादि है, जगतपिता जगत व्यापी है, जो हर कन मे बसे है हर मन मे बसें है बस हम उनसे अलग हो जाते...

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गूगल बॉय By Madhukant

गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत समर्पण : श्री बाँके बिहारी जी के उपासक श्री रामजी व बुआ माया देवी (बेरी वालों) को सादर समर्पित भूमिका सुबह-सुबह सब्ज़ी ख़रीदने जा...

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बात बिगड़ी है कुछ इस तरह By vishvnath yadav

हैलो मेरा नाम विकेश है मैं एक इंजीनियर हू और एक कंपनी में जॉब करता हु,
मैं कोई राइटर नही हू इसीलिए अगर मुझ से कोई गलती होजाए तो कृपीय माफ कर दीजिएगा ??
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इंडियन कपल By PARIKH MAULIK

ये कहानी एक इंसान सूरज से शुरू होती है वह अमेरीका मे स्थित शहर में रहता है वहा एक बेकरी की शॉप चाला रहा है और अकेला ही एक बड़े से घर में रहता है। मगर खुश नहीं है पता नहीं किसीके इं...

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उत्सु्क सतसई By ramgopal bhavuk

सरस्‍वती मॉं बन्‍दना, ज्ञान ज्‍योति उर बार।

स्‍वीकारो मम प्रार्थना, करदो मॉं उद्धार ।।1।।

गौरी सुत, गणपति करूं, बिनती बारम्‍बार।

विधा, बुद्धि, उर में भरो, सुनलो शीघ्र पुका...

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दिवानगी की हद By Bhut

भरी दोपहर में क्रीशा ने अपनी गाड़ी मैन रोड पर दौड़ाई, सीधा रुकी एक बड़े से बंगले में, वॉचमैन ने क्रीशा को देखकर तुरंत दरवाजा खोला, क्रीशा ने अपनी गाड़ी पार्किंग एरिया की और घुमा दी...

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खत वाला PYAAR By Ek_Gunjati_AAWAZ

मे आज आपके सामने एक कहानी लेकर आई हुँ । आशा करती हुँ की, आपको मेरी यह कहानी पसंद आयेगी । तो शुरु करती हुँ । में कभी भी इतनी सुबह उठती नही हुँ पर पता नही क्यो आज इतनी सुबह नीन्द उ...

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आदमी का शिकार By Abha Yadav

भारत से लंदन जाने वाले विमान पर ,चालक का नियंत्रण समाप्त हो गया था. सभी यात्रियों के चेहरे पर परेशानी की रेखाएं खिंच आई थीं. यात्रियों की आशा भरी निगाहें चालक पर टिकी थीं....

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प्रतिशोध. By Ashish Dalal

ढ़लती दोपहर को अपने कमरे की खिड़की के पास बैठे हुए श्रेया बाहर बरसती बारिश की बूंदो को अपलक निहार रही थी । पास रखे उसके मोबाइल पर जगजीत और चित्रा सिंह की आवाजें गूंज रही थी ।

‘ये...

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तुम मुझे इत्ता भी नहीं कह पाये? By harshad solanki

सिमला के बाहर बेहद खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बनी पगडण्डी पर चलते हुए राहुल की अचानक किसी से टक्कर हो गई. इस टक्कर से राहुल स्वयं दो कदम पीछे लड़खड़ा गया. जल्दी से वह खुद संभला, फिर उसन...

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गवाक्ष By Pranava Bharti

गवाक्ष बसंत पंचमी दिनांक-12 2 2016 (नमस्कार मित्रो ! यह उपन्यास ‘गवाक्ष’ एक फ़िक्शन है जिसे फ़िल्म के लिए तैयार किया जा रहा था किन्तु इसके प्रेरणास्त्रोत 'स्व. इंद्र स्वरूप माथुर...

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पहली झलक:- आर्यन से मुलाकात By Silent Writer AK

होम थिएटर में ये वाला गाना चल रहा है, और साथ में एक लड़का ये गाना गाते हुए तैयार हो रहा है। तैयार होकर वो नीचे आता है वह पर उसे उसके पापा (राजवीर जी) की आवाज सुनाई देती है।

राजव...

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अपने साथ मेरा सफ़र By Prabodh Kumar Govil

मुझे अपने आरंभिक दिनों से ही ऐसा लगता था कि समाज के कुछ लोग मेरे मन पर बहुत असर डालते हैं। मैं ये कभी समझ नहीं पाता था कि किसी - किसी व्यक्ति से मैं इतना क्यों प्रभावित हो रहा हूं?...

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सीता: एक नारी By Pratap Narayan Singh

गाथा पुरानी है बहुत, सब लोग इसको जानते

वाल्मीकि ऋषि की लेखनी के तेज को सब मानते

है विदित सबको राम सिय का चरित-रामायण कथा

वर्णित हुआ मद, मोह, ईर्ष्या, त्याग, तप, दारुण व्यथ...

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खाली कमरा By Ratna Pandey

मुरली संघर्ष की उस राह पर चल रहा था, जिस राह पर हर रोज़ उसके सामने यह चुनौती होती कि आज कितना सामान वह बेच पाया। इस राह पर मेहनत के साथ ही बहुत धैर्य की भी ज़रूरत थी क्योंकि यहाँ क...

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अबकी बार... लल्लन प्रधान By Bhupendra Singh chauhan

जगतपुरा....ऐसा गांव जो अब भी गांव है ।शहरों की चकाचौंध और आधुनिकता से दूर एकांत में बसे इस गांव की खूबी है कि यह अपने मे ही खुश हैं।इसकी अपनी दुनिया है।करीब...

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अनूठी पहल By Lajpat Rai Garg

शनिवार का दिन था। कॉलेज की छुट्टी थी। सुबह के दस ही बजे थे, लेकिन सूर्य-नारायण अपने पूर्ण यौवन की ऊर्जा उत्सर्जित कर रहे थे। पृथ्वी-लोक के प्राणियों का गर्मी ने हाल बेहाल कर रखा था...

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पर-कटी पाखी By Anand Vishvas

बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों की ऊँचे से ऊँची उड़ान भर पाता है। एक बुलन्द हौसला होतें हैं, अदम्य-शक्ति होते हैं और होते हैं...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए By Neerja Hemendra

मुझे अपना यह नया उपन्यास " उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए " पाठकों को समर्पित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। मेरे इस उपन्यास का कथ्य यद्यपि समकालीन न होते हुए अब से लग...

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मोदी: संघर्ष से सफलता की ओर By बैरागी दिलीप दास

गुजरात के वडनगर के शांत शहर में, महानता के लिए तैयार एक बच्चे ने 17 सितंबर 1950 को अपनी पहली सांस ली। नरेंद्र मोदी ने मामूली साधनों वाले परिवार में प्रवेश किया, जहां सादगी की खुशबू...

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चाँद के पार एक चाबी By Avadhesh Preet

चांद के पार एक कहानी अवधेश प्रीत 1 जब वह मुझे पहली बार मिला था, तब हमारी दुनिया में मोबाइल का आगमन नहीं हुआ था। जब वह दूसरी बार मिला, तब हमारी जिन्दगियों में मोबाइल हवा, धूप,, पानी...

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Shadow Of The Packs By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...

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